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सत्यमेव जयते! Join Us on YouTube

लखनऊ विकास प्राधिकरण से मकान बनवाने से पहले नक्शा कैसे पास करवाएं? जानिए पूरी प्रक्रिया

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क्या लखनऊ में मकान बनवाने से पहले मकान का नक्शा पास करवाना आवश्यक? नगर विकास विभाग और लखनऊ विकास प्राधिकरण के नियमानुसार मकान बनवाने से पहले मकान का नक्शा  पास करवाना होता है‌‍ ।  यदि आपका मकान लखनऊ विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आता हैं तो आवासीय योजनाओं के अंतर्गत आपको अपने क्षेत्रफल के अनुसार ही आवासीय भवनों का मानचित्र स्वीकृत कराना होता है ।  ऐसा न करवाने से आपको क़ानूनी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है । नक्शा स्वीकृत कराने की प्रक्रिया क्या है? इसमें कितनी फीस लगती है? कितना समय लगता है? क्या क्या प्रमाण पत्र लगेंगे?  इसमें  किस प्रकार से शपथ पत्र देना है? यदि आप अपना घर बनवाने की सोंच रहे हैं तो ऐसी सभी प्रकार के प्रश्नों की जानकारी होना आवश्यक है ।  यदि आप लखनऊ विकास प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं में 300 वर्ग मीटर तक के क्षेत्रफल का कोई भी आवासीय भवन का मानचित्र पास करवाते हैं,  तो लगभग 1 दिन में हो जाता है लेकिन स्वीकृत मानचित्र योजना के आवेदन जमा करने की राशि स्वीकृत मानचित्र के प्रमाण होगी ।  इसके लिए मानचित्र के साथ वास्तविक प्रमाण पत...

करियर विकल्प: एलएलबी (LLB) यानि लॉ (Law) करने के बाद वकील (Advocate) बनने के अलावा भी कई आप्शन हैं!

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लॉ करने वाल छात्र कानून कि  पढाई को लेकर अक्सर सोंचते हैं कि  आगे क्या क्या करियर आप्शन हो सकते हैं  आज इसी का जवाब देने के लिए  हाई कोर्ट, खंडपीठ  लखनऊ  के अधिवक्ता एवं ज्युडिशियल गुरु लॉ फर्म के संस्थापक आशुतोष कुमार विस्तार से बताएँगे कि LLB के बाद क्या विकल्प चुन सकते हैं। एलएलबी (LLB) एक उच्चतम कानूनी शिक्षा है, जो छात्रों को कानूनी ज्ञान, समझ और कौशल प्रदान करता है। यह एक प्रमाणित और प्रतिष्ठित पाठ्यक्रम है जो किसी भी व्यक्ति को कानूनी पेशे के क्षेत्र में करियर बनाने का मौका देता है। एक बार एलएलबी करने के बाद, कई विभिन्न करियर विकल्प होते हैं जो छात्र अपनी पसंद और रुचि के अनुसार चुन सकते हैं। 1. वकील (अधिवक्ता): यह एक प्रसिद्ध और आकर्षक करियर विकल्प है, जिसमें लोगों को न्याय दिलाने का मौका मिलता है। एक वकील या अधिवक्ता कानूनी सलाह देता है और अपने क्लाइंट की कोर्ट के सामने प्रतिरक्षा करता है।  2. न्यायाधीश (Judge): न्यायिक सेवा में काम करना एक और बड़ा करियर विकल्प है जिसमें एलएलबी (LLB) के बाद व्यक्ति न्यायिक परीक्षा पास करके न्यायाधीश बन सकता ...

क्या बेटी की मृत्यु हो जाए तो उसके बच्चे नाना की संपत्ति में हिस्सा मांग सकते हैं?

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एक मामले की सुनवाई पर पैतृक संपत्ति (माता-पिता या पूर्वजों से मिली प्रॉपर्टी) को लेकर कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि पैतृक संपत्ति पर बेटों का अधिकार होता है।  बेटियों का इस पर कोई अधिकार नहीं होता है। कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने पैतृक संपत्ति में बेटियों के हक है या नहीं इस पर बड़ा फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह लैंगिक समानता (जेंडर इकुएलिटी) हासिल करने की दिशा में बड़ा कदम है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनते हुए कहा कि इसे समझने में देरी हो गई। 'लैंगिक समानता का संवैधानिक लक्ष्य देर से ही सही, लेकिन पा लिया गया है और विभेदों (अंतर) को 2005 के संशोधन कानून की धारा 6 के जरिए खत्म कर दिया गया है।  सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा कि, पारंपरिक शास्त्रीय हिंदू कानून बेटियों को हमवारिस होने से रोकता था जिसे संविधान की भावना के अनुरूप प्रावधानों में संशोधनों के जरिए खत्म कर दिया गया है।' 1. पैतृक संपत्ति क्या है? पैतृक संपत्ति में ऊपर की तीन पीढ़ियों की संपत्ति शामिल होती है। यानी, पिता को उनके पिता यानी दादा और दादा को मिले उनके पि...

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