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Showing posts from August, 2021
सत्यमेव जयते!

अपना केस कोर्ट में ख़ुद कैसे लड़ें? क्या करना होगा इसके लिए ?

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Consumer Protection Act 1986 यदि आपने कोई इलेक्ट्रॉनिक/नान-इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदा है या किसी कंपनी से थोक में माल लिया है या डीलर से कोई कॉरपोरेट डील की है या फिर किसी सर्विस प्रोवाइडर से कोई सेवा ली है और आप उससे संतुष्ट नहीं हैं लेकिन आपकी शिकायत पर कंपनी, डीलर, सर्विस प्रोवाइडर ध्यान नहीं दे रहे हैं और अब आप उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करना चाहते हैं तो आपको कंज्यूमर कोर्ट के बारे में जरूर पता होना चाहिए तो आइए इसे विस्तार से समझते हैं। कंजूमर कौन है? जब आप कोई भी वस्तु खरीदते हैं या कोई सेवा जैसे रेल, इंटरनेट आदि लेते हैं तो प्रोडक्ट खरीदते ही आप कंज्यूमर बन जाते हैं। कंज्यूमर को उपभोक्ता, ग्राहक, उपयोगकर्ता, कस्टमर आदि नामों से भी जाना जाता है। अब यदि किसी दुकान, शोरूम, कंपनी से कोई सामान ख़रीदें और वह खराब निकल जाए तो आपको ऐसे कम्पनी, दुकान, या शोरूम के खिलाफ मुकद्दमा करना है तो आप फोरम में कर सकते हैं। यदि आपने किसी कंपनी से कोई वस्तु खरीदी है या डीलर से कोई डील की है और उसकी सर्विस से नाख़ुश हैं या फिर उसमें कोई ऐसी खामी है जो आप के अनुरूप नहीं है या उसकी शर्तों के अनुसार न

अब से कोई भी पुलिसकर्मी मोबाइल से सिर्फ फोटो खींचकर चालान नहीं कर पाएगा

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केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने ट्रैफिक नियमों में बदलाव कर दिया है। इसके बजाये चालान करने के लिए अब उन्हें इलेक्‍ट्रॉनिक रिकॉर्ड की जरूरत पड़ेगी इसके साथ ही इस चालान को, 15 दिनों के भीतर भेजना होगा। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने ट्रैफिक के नए नियम (New Notification) जारी कर दिया है। इस नए नियम के मुताबिक राज्‍यों की एजेंसियों को ट्रैफिक रूल्स के उल्लंघन से जुड़े अपराध होने के 15 दिनों के अंदर दोषी को नोटिस भेजना होगा, और इसके अलावा चालान के निपटान तक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को रखना होगा। मतलब साफ है ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर अब पुलिसकर्मी सिर्फ फोटो खींचकर आपके पास चालान नहीं भेज पाएंगे। अब चालान करने के लिए उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या ठोस कारण व सबूत की जरूरत पड़ेगी। MoRTH ने नोटिस जारी कर यह जानकारी दी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग और सड़क सुरक्षा के प्रवर्तन के लिए संशोधित मोटर वाहन अधिनियम 1989 (Amended Motor Vehicles Act 1989) के तहत एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें चालान जारी करने के लिए प्रयोग किये जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का यूज किए जाने की ब

क्या सरकार लोगों की जासूसी कर रही है या कुछ वास्तव में छिपा रही है?

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सुप्रीम कोर्ट में पेगासस जासूसी मामले की सुनवाई हुई और मामले ने एक अलग मोड़ ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या वह इस मामले में विस्तार से हलफनामा दायर करना चाहती है। इस पर केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा कि मामले में छिपाने के लिए कुछ नहीं है सब कुछ स्पष्ट है। केंद्र ने अपने हलफनामे में याचिकाकर्ताओं (अपीलकर्ताओं) की ओर से जासूसी के आरोपों को नकार दिया है और कहा है कि याचिका विचार योग्य है ही नहीं। वहीँ आईटी(IT) मंत्री के रुख को भी बताया कि सदन में सभी आरोपों को नकारा गया था और जवाब दयार किया गया था। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कि इस मामले में जो भी सवाल उठाए गए हैं केंद्र सरकार उसके जवाब से बच रही है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता राम और शशि कुमार के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार हलफनामा दायर कर यह बताएं कि क्या जासूसी के लिए पेगासस का इस्तेमाल नहीं किया तो हमारी दलील अलग होगी। केंद्र सरकार ने जो हलफनामा दायर किया है उसमें यह नहीं कहा कि सरकार या उसकी एजेंसी ने एक स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है या नहीं। तब केंद्र सरकार की ओर से सॉलिस

क्यों लोग लड़की को बदनाम करने लगते है जब वो "न" कहती है? क्या करे एक लड़की अगर उसके साथ कुछ ऐसा हो की!

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आज के दौर में एक पुरुष का कई महिला से सम्बन्ध होगा या किसी महिला का कई पुरुष से सम्बन्ध होना आम होता जा रहा है। पति-पत्नी, दोस्त, गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड या डेट कर रहे कपल्स आजकल फोन पर बात करते समय एक दूसरे से कब अतरंग बातें करने लगते हैं इसका पता उन्हें भी नहीं चलता। बातचीत के दौरान वीडियो, फोटो शेयर करना एक सामान्य बात है। इसमें कोई नई बात नहीं है और न ही कुछ गलत। लेकिन कई बार लड़की या लड़का अपने अंतरंग संबंधों (सेक्स) के दौरान अपने शारीरिक संबंध बनाने के दौरान खींचे गए फोटोस या वीडियोस या एक दूसरे को शेयर करते हैं। जिसमें न्यूड फोटो, सेक्स वीडियो टेप, कॉल रिकॉर्डिंग जैसे तमाम चीज़े शेयर होती हैं। यह फोटो रिवेंज पोर्न के रूप में आजकल एक दूसरे से प्रतिशोध (बदला) लेने का कारण भी बनते जा रहे हैं। अक्सर करके प्रेमी युगल एक दूसरे को अपनी प्राइवेट फोटो शेयर करते हैं लेकिन जब रिश्ता टूटता है तो यही फोटो जो पक्ष रिवेंज (बदला) लेना चाहता है उसके द्वारा दुरपयोग किआ जाता है। वह पक्ष इन फोटो का उपयोग करके दूसरे पार्टनर को बदनाम करने का प्रयास करता है। क्या है रिवेंज पोर्न ? जब कोई प्रेमी (लड़क

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