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सत्यमेव जयते!

कब एक निःसंतान सौतेली माँ दत्तक बच्चों से भरण-पोषण पाने का हकदार रखती है?- पढ़िए अधिवक्ता आशुतोष कुमार का लेख

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हिंदू दत्तक ग्रहण एवं पोषण अधिनियम के अंतर्गत एक बच्चे तथा वृद्ध माता-पिता की पोषण पाने का अधिकार प्राप्त है और विशुद्ध हिंदू विधि के अंतर्गत क्या अधिकार प्राप्त है। वृद्ध माता-पिता तथा संतान के भरण पोषण का अधिकार- हिंदू दत्तक ग्रहण एवं भरण पोषण अधिनियम की धारा 20 के अंतर्गत वृद्ध माता-पिता तथा संतानों को भरण पोषण का अधिकार प्रदान किया गया है। यह धारा उप बंधित करती है कि- इस धारा के उपबन्धों के अधीन रहते हुए यह है कि कोई हिंदू अपने जीवनकाल के दौरान धर्मज या अधर्मज अवयस्कों और वृद्धों तथा शिथिलांग माता-पिता का भरण पोषण करने के लिए बाध्य है। जबकि कोई धर्मज अथवा अधर्मज अवयस्क रहे वह अपने पिता या माता से भरण-पोषण पाने के लिए दावा कर सकेगा। किसी व्यक्ति को अपने वृद्ध शिथिलांग माता-पिता का या किसी पुत्री का, जो अविवाहिता हो भरण-पोषण करने की बाध्यता का विस्तार वहां तक होगा जहां तक कि माता-पिता या अविवाहित पुत्री, यथा स्थिति स्वयं अपने उपार्जनों या अन्य संपत्ति से अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ हो। स्पष्टीकरण- इस धारा में "माता" के अंतर्गत नि: संतान सौतेली मां भी ती है। इस प्रकार

कोर्ट किस अधिकार से एक IAS को कोर्ट में हाज़िर होने को आदेश दे सकता है?

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 न्यायालय में उपस्थित बाध्य करने हेतु प्रावधान  दंड प्रक्रिया संहिता (IPC) की धारा 61 से धारा 90 के अंतर्गत किसी व्यक्ति को न्यायालय में उपस्थित होने के लिए मजबूर करने के लिए कई तरीके बताये गये हैं- समन वारंट समन के बदले में वारंट भागे हुए व्यक्ति की उद्घोषणा (अख़बार या अन्य किसी प्रचलित सूचना के साधन से) संपत्ति की कुर्की बंधक-प्रतिभूतियों सहित अथवा रहित (सिक्योरिटी जब्त करके) समन:- धारा 61 के अनुसार न्यायालय द्वारा इस संहिता के अधीन जारी किया गया  प्रत्येक समन लिखित रूप से हो और दो प्रतियों में, उच्च न्यायालय (हाई कोर्ट) के पीठासीन अधिकारी द्वारा या अन्य अधिकारी द्वारा जिसे न्यायालय नियम के द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट करें, हस्ताक्षरित होगा और उस पर न्यायालय की मुहर लगी हो। समन की तामील के लिए धारा 62 में कहा गया है कि प्रत्येक समन की तामील (रिसीविंग) पुलिस अधिकारी द्वारा ऐसे नियमों के अधीन जो राज्य सरकार के किसी अधिकारी द्वारा या अन्य लोक सेवक द्वारा दी जाएगी। यदि सम्भव हो तो, समन जिसके लिए जारी हुआ है उसे ही दो प्रतियों में से किसी एक को रिसीव कराके व्यक्तिगत रूप से दी जाए। प्रत्य

क्या किसी को गिरफ्तार करते समय डंडा चला सकती है पुलिस?

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दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 46 के अनुसार, किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी उसको बिना छुए नहीं की जा सकती अथवा शरीर को किसी स्थान विशेष पर रोक कर की जाती है। यदि अपराधी अपने आप आत्मसमर्पण कर दे तो उसे पकड़ने ले लिए बल प्रयोग करना आवश्यक नहीं है। Read More:  लड़कियों के लिए पुनर्वास या नारी निकेतन के लिए क्या है प्रावधान गिरफ्तारी के लिए बल प्रयोग करना कब आवश्यक है? केवल उतना बल प्रयोग किया जा सकता जितने से गिरफ्तारी हो सके। यदि कोई व्यक्ति गिरफ्तारी का विरोध करता है या बचने का प्रयास करता है अथवा भागता है तो उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस समस्त साधनों का प्रयोग कर सकती है जिसके अंतर्गत व्यापक अर्थों में सभी साधनों के अलावा अन्य लोगों की सहायता भी लेनी पड़ सकती है। गिरफ्तारी करने में मृत्यु सिर्फ उन व्यक्तियों को दी जाती है जिन्होंने मृत्युदंड या आजीवन कारावास से बचकर भाग निकलने की कोशिश की हो या फिर किसी को किसी प्रकार की भयंकर हानि पहुंचाना चाहते हों। पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के कई तरीके हैं पुलिस अधिकारी द्वारा बिना वारंट के गिरफ्तार करने की समर्थता पुलिस द्वारा या मजिस्ट्रेट द्वारा वारंट प्र

लड़कियों के लिए पुनर्वास या नारी निकेतन के लिए क्या है प्रावधान

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यदि आप नशा मुक्ति केंद्र खोलने का विचार कर रहे हैं या नारी निकेतन या ऐसा कोई संस्थान जो मनोविकृति को सुधारने का कार्य करता है तो उस राज्य के मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। कैसे होता है? यह पंजीकरण क्या है? क्या होता है मानसिक विकार? जब कोई व्यक्ति ऐसा व्यवहार करने लगे जो सामान्य व्यवहार से अलग हो या मंदबुद्धि जिसे हम लोग आम भाषा में पागल कहते हैं, मानसिक पीड़ित है जिसे मानसिक विकार भी कहा जाता है । ऐसे व्यक्ति सामान्यता अजीब व्यवहार करते हैं या किसी आदत के शिकार होते हैं। उदाहरण के तौर पर कोई व्यक्ति किसी आदत का सनकी हो सकता है, कोई हद से ज्यादा गुस्सैल हो सकता है, कोई नशे का आदी हो सकता है, या कोई ऐसा जिसे हम पागल कहते हैं। यह सभी मानसिक रोगी होते हैं। मानसिक रोगी दो प्रकार के होते हैं। कोई भी व्यक्ति किन्ही दो प्रकार के कारण से मानसिक रोगी हो सकता है। पहला जन्मजात अर्थात जन्म से ही बुद्धि क्षमता का कम होना मतलब कम बुद्धि क्षमता के साथ जन्म लेने वाले बच्चे। दूसरा किसी घटना से ग्रसित जैसे उनके जीवन में ऐसी कोई घटना घटी हो या एक्सीडेंट हुआ हो जिससे उसके मन प

अब गर्ल्स PG में कौन हो सकेगा किरायेदार, तय करेगी सरकार

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अभी तक आप गुप चुप तरीके से अपने निजी मकान या फ्लैट में किसी भी किराये दार रख लेते थे और मोटी रकम वसूल कर मुनाफ़ा कमाते थे। मगर अब ऐसा नहीं हो सकेगा अब किरायेदार रखने से पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी और बताना होगा की कब तक के लिए किरायेदार रख रहें हैं। अब उत्तर प्रदेश के किसी भी शहर में बिना लिखित एग्रीमेंट के किराएदार नहीं रखे जा सकेंगे। अब किराएदार रखने के लिए रेंट अथॉरिटी से अनुमति लेनी होगी। रेंट अथॉरिटी हर किराएदार को एक यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर जारी करेगा। इस नए प्रावधान से रेंट एग्रीमेंट में फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। इस आदेश को लागू करने के लिए एक ट्रिब्यूनल की व्यवस्था की जाएगी। यह ट्रिब्यूनल लागू करने के लिए रेंट अथॉरिटी डीएम जिले का नियुक्त करेंगे। इस ट्रिब्यूनल में डिप्टी कलेक्टर के स्तर का ऑफिसर होगा। रेंट अथॉरिटी के फैसले से असहमत होने पर कोर्ट में अपील की जा सकेगी। सरकार की अनुमति से डीएम स्तर के अधिकारी को इसकी रिपोर्ट करेंगे। सरकार हाईकोर्ट की सहमति से हर जिले में कम से कम एडीजे(ADJ) स्तर के कोर्ट अधिसूचित कर सकेगी। अध्यादेश लागू होने के 3 माह के भीतर को किराएदार की सूचन

कैमरा करेगा लड़कियों की सुरक्षा, फोटो बताएगा परेशानी

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प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को लगाम लगाने के लिए सरकार ने आधुनिक तकनीक को प्रयोग करने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में महिलाओं की सुरक्षा के लिए 200 चौराहों पर कैमरे लगवाए जाएंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कैमरा सड़क पर जब किसी महिला को कोई परेशानी दिक्कत होगी तो फोटो खींचकर तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम 112 को भेज देगा। फोटो मिलते ही पास में मौजूद पुलिस की गाड़ी मदद के लिए महिला के पास पहुंच जाएगी। और क्या सुरक्षा करेगा कैमरा?  महिलाओं और लड़किओं की सुरक्षा के अलावा शहर में मूवमेंट्स के लिए 15 सहायक कैमरे लगवाए जाएंगे। चेहरे पर तनाव और को भाग लेगा कैमरा  स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत यानि शहर को स्मार्ट बनाने के लिए 200 चौराहों को चुना गया है। जहां पर महिलाओं को दिक्कत होती है इन कैमरों की खासियत होगी कि महिलाओं के चेहरे पर तनाव आते ही फोटो खींच कर पुलिस कंट्रोल रूम भेज देगा और पास ही मौजूद  पुलिस फ़ौरन उस महिला की सुरक्षा के लिए आ जाएगी। यह पता लग जाएगा किसी महिला को किसी प्रकार की कोई परेशानी है और वह है ऑटोमेटेकली 112 पुलिस कंट्रोल रूम को उसकी शिकायत भेज

पहली माहवारी से पहले लड़कियों की शादी कितना उचित है?

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जब एक लड़का और एक लड़की बिना विवाह के बंधन में बंधे साथ रहते हैं और पति-पत्नी की तरह अपना जीवन व्यतीत करते हैं। जिसमें लड़की और लड़का दोनों अपनी मर्जी से बिना शादी किये साथ में रहना तय करते हैं तो लिव इन रिलेशनशिप कहा जाता है। भारत में यह अभी चलन में नहीं है शायद यही वजह है की एक दो मामलों में देखने में आता है कि जिसमें समाज स्वीकार कर लेता है लेकिन अधिकतर मामलों में समाज इन्हें स्वीकार नहीं कर पाता है और ऐसे मामले कोर्ट तक पहुंच रहे हैं। हाल ही में कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह एक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है जो उसे संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के रूप में प्राप्त है। यह अपराध नहीं है और उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। मगर सवाल यह है की जब समाज में इन सब चीजों को स्वीकार्यता नहीं है तो ऐसे में ऐसे कपल को क्या अधिकार प्राप्त होंगे।  भारत में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कोई विशेष कानून नहीं है लेकिन यदि लड़का और लड़की बालिग हों और वो आपसी सहमति से साथ रहना चाहते हैं तो उन्हें कोई रोक नहीं सकता है। अगर लड़का और लड़की के बीच सेक्स संबंध ब

अब सोना खरीदने पर देना होगा पैन नंबर!

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अब सोना खरीदने पर देना होगा पैन नंबर! वित्त मंत्रालय ने सोना, चांदी और कीमती रत्न की नकद खरीद के लिए प्रावधान में परिवर्तन कर दिया है। अब विक्रेता अपने ग्राहकों की केवाईसी (KYC) संबंधी जानकारी लेने के बाद ही सोना बेच सकेंगे। लेकिन यहाँ यह जानना आवश्यक है की यह कोई नया नियम नहीं है बल्कि यह नियम देश में पहले से लागू है। देश में पहले से ही ऊंचे स्तर की कीमत वाले रत्नों की खरीद ₹2 lakh से अधिक करने पर केवाईसी (KYC) का नियम लागू है। क्या है नियम? नियम के अनुसार यदि कोई ग्राहक ₹200000 से अधिक के आभूषण खरीदता है तो उस पर केवाईसी (KYC) का नियम लागू होता है, अर्थात उसे केवाईसी (KYC) फॉर्म को भरना होगा और पैन नंबर की जानकारी देनी होगी। क्यों है इस कानून की जरूरत? वर्तमान में मनी-लांड्रिंग रोधी कानून देश में लागू है और यह पिछले दो वर्षों से देश में जारी है। इस नियम के तहत यदि कोई व्यक्ति 10 लाख रुपए से अधिक के सोना या चांदी के आभूषण खरीदता है, तो केवाईसी (KYC) फॉर्म भरना जरूरी होता है। लेकिन अब इस प्रावधान की जरूरत तब पड़ी जब विश्व स्तर पर आतंकवादियों को फंडिंग के खिलाफ मोर्चा खोला गया है।

बैंक डूबा तो 2 करोड़ रुपये के बदले अब केवल 5 लाख मिलेंगे!

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डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन के नए नियमों के मुताबिक बैंक में हुए कोई दुर्घटना अथवा बैंक के दिवालिया होने पर जमा सुरक्षित रकम जो पहले ₹1,00,000 तक की थी अब उसे बढ़ा दिया गया है। सरकार ने घोषणा की है कि अगर किसी कारणवश कोई बैंक डूब जाता है तो सरकार ग्राहक की कुल जमा रकम में से ₹5,00,000 तक वापस करने की गारंटी देगी यानी बैंक में आपकी कितनी भी रकम जमा हो आपको ₹5,00,000 से ज्यादा वापस नहीं मिल सकते। पहले यह गारंटी मात्र ₹1,00,000 की थी। दरअसल पिछले साल पंजाब एंड महाराष्ट्र बैंक का मामला सामने आने के बाद लोगों में इस बात को लेकर चिंता हो गई थी कि अगर उनकी उनका बैंक डूब जाता है तो बैंक में जमा उनकी रकम का क्या होगा। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन के नियमों के मुताबिक अब बैंक के ग्राहकों के ₹500000 की सुरक्षा की गारंटी मिलेगी। यह नियम सभी बैंकों पर लागू होगा। मिलने वाली रकम में मूलधन और ब्याज दोनों को शामिल किया जाता है। अलग-अलग ब्रांच का इस्तेमाल अपनी पूरी बचत कभी भी एक ही बैंक या उसके अलग-अलग ब्रांच में ना रखें। बैंक डूबने की स्थिति में एक बैंक के सभी अ

भारत में बने प्रोडक्ट सरकार के लिए नहीं है सरकार केवल अमेरिकन प्रोडक्ट ही खरीदेगी

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लॉकडाउन के बाद देश की आर्थिक हालात देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर का स्लोगल दिया और साथ ही देश के लोगो से अपील की, कि वे मेक इन इंडिया प्रोडक्ट को खरीदें, लेकिन यह सुझाव राज्य की सरकारों को रास नहीं आया। ऐसे राज्य जहां खुद BJP की ही सरकार है वहां भी अधिकारी अपनी चहेती कंपनियों को मलाई खिलाने के चक्कर में है। मेक इन इंडिया का दावा करने में सरकारें पीछे नहीं रही मगर  मेक इंडिया का दम भरते ही इसकी हवा निकाल दी गई। बात कुछ इस तरह है कि उत्तर प्रदेश में मेक इंडिया के तहत सस्ते टिकाऊ और उपयोगी मेडिकल उपकरण भारतीय कंपनियां बना तो सकती हैं लेकिन उन्हें भारत में बेच नहीं सकती हैं। जिलों के सीएमओ (CMO) देसी कंपनियों से सामान खरीदने को तैयार नहीं है। कारण यह है कि उनका मानना है कि जब तक कोई भी कंपनी यूएसएफडीए (US FDA) से रजिस्ट्रेशन नहीं करवाती तब तक (CMO) इन कंपनियों के बने उत्पाद को नहीं खरीदेंगे।इसका अर्थ यह हुआ कि कंपनियों को पहले अमेरिका जाकर यूएसएफडीए (US FDA) से रजिस्ट्रेशन की औपचारिकताएं करनी होंगी उसके बाद ही CMO इन देसी कम्पनियों के उत्पाद खरीदेंगे। उत्तर प्रदेश के म

हिन्दू धर्म में न दूसरी शादी की जा सकती है ना पहली से तलाक़ होगा

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हिन्दू विधि (Hindu Marriage) :  जानिए हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के अधीन विवाह कब शून्य ( Void marriage) होता है हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के अंतर्गत विवाह को संस्कार तथा संविदा दोनों का मिश्रित रूप दिया गया है। प्राचीन शास्त्रीय विधि के अधीन हिंदू विवाह संस्कार है और उसमे तलाक जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी। इस हेतु कुछ प्रावधान आधुनिक हिंदू विवाह अधिनियम 1955 में भी सम्मिलित किए गए हैं।  यदि हिंदू विवाह को एक संविदा के स्वरूप में देखा जाए तो एक संविदा के भांति ही इस विवाह में शून्य विवाह ( Void marriage) और शून्यकरणीय विवाह ( Void marriage) का समावेश किया गया है। हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 11 शून्य विवाह से संबंधित है। धारा 11 उन विवाहों का उल्लेख कर रही है जो विवाह इस अधिनियम के अंतर्गत शून्य होते हैं , अर्थात वह विवाह प्रारंभ से ही कोई वजूद नहीं रखते हैं तथा उस विवाह के अधीन विवाह के पक्षकार पति-पत्नी नहीं होते। शून्य विवाह वह विवाह है जिसे मौजूद ही नहीं माना जाता है। शून्य विवाह का अर्थ है कि वह विवाह जिसका कोई अस्तित्व ही न हो अर्थात अस्तित्वहीन विवाह है। किसी भी वैध विव

अब हाई सिक्योरिटी से लैस होगा आपका आधार कार्ड, जाने क्या बदलाव होंगे

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प्लास्टिक के कार्ड पर प्रिन्ट आधार कार्ड बनवाने के लिए अब ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण विभाग ने इसके लिए जरूरी गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके लिए प्राधिकरण ने खुद इसकी प्रिंटिंग शुरू कर दी है। कैसे बनवा सकेंगे प्लास्टिक से बने कार्ड पर प्रिंटिंग के लिए ऑनलाइन ऑर्डर करना होगा। प्राधिकरण के आधिकारिक वेबसाइट पर जा कर इसे भर सकेंगे। हालांकि इसके लिए ₹50 का शुल्क रखा गया है। इसके साथ ही आधार से मोबाइल नंबर लिंक करवाने के लिए अब आधार सेवा केंद्र जाने की जरूरत नहीं होगी। यह काम अब आपके दरवाजे पर हो सकेगा। इसके लिए कॉमन सर्विस सेंटर के कर्मचारी आपके घर आएंगे और आधार से मोबाइल नंबर लिंक करने के साथ पता भी अपडेट करेंगे। कागज वाला आधार कार्ड पहले की तरह निशुल्क मिलता रहेगा। जबकि प्लास्टिमक आधार कार्ड के लिए लोगों को अलग से ऑर्डर करना होगा और इसके लिए भुगतान भी करना होगा। इस कार्ड को इससे आसानी से पर्स में रखा जा सकेगा। हाई सिक्योरिटी फीचर से लैस होगा यह कार्ड प्लास्टिक कार्ड के साथ कई सिक्योरिटी फीचर जोड़े गए हैं ताकि जालसाजी को रोक जा सके। कार्ड में क्यूआर कोड होगा जिसे

80 किलो से ज्यादा वजनी पुलिसकर्मीयों की सेवा समाप्त की जाएगी?

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अब जल्द ही उत्तर प्रदेश पुलिस फ़िल्मों के तर्ज पर स्मार्ट और फिट नज़र आएगी। इसके लिए पुलिसिया कार्यप्रणाली व व्यवहार पर विशेष नज़र रखी जा रही है। एक ओर जहां प्रदेश में भ्रस्ट कर्मचारियों को ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत जबरन रिटायरमेन्ट दिया जा रहा है तो वहीं पुलिस प्रशासन में भी सुधार की कवायद तेज कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार पुलिस विभाग में तैनात ऐसे कर्मचारी जो 80 किलो अथवा इससे ज्यादा वजनी हैं ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची तैयार की जा रही है। बहराइच जिले के पुलिस कार्यालय व थानों में तैनात पुलिस कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है। इससे अधिक वजन वाले कर्मियों को प्रतिसार निरीक्षक द्वारा विवरण मांगा गया है। आई आर आई रेंजर ने इसे रूटीन प्रक्रिया में बताया है लेकिन गर्मियों में दहशत यह है कुछ कहानी बयां कर रही है। प्रदेश सरकार के सभी विभागों में 50 वर्ष पूर्ण होने के बाद कार्य क्षमता के आधार पर कर्मियों की सेवा समाप्त कर रही है। इस दायरे में पुलिस महकमा भी है विभाग में इसको लेकर पहले से ही इस तरह की चर्चाएं हैं। इसी बीच पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक संतोष कुमार ने पुलिस कार्यालय में थानों में तैना

अक्टूबर 2020 से देशभर में कई नियम बदल गये हैं, कानूनों में हो रहा है बदलाव

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1 अक्टूबर 2020 से देशभर में कई नियम बदल गये हैं वाहन से चलाने वालों और विदेश में पैसा भेजने वालों से लेकर गूगल पर मीटिंग करने वालों तक के लिए इन बदलावों को जानना जरूरी है। बहुत ऐसे बदलाव हुए हैं जो आपको सीधा प्रभावित करेंगे। इस सभी से जुड़े कानून में बदलाव के लिए केंद्र सरकार ने अनुमति दे दी है। क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेगा अब आइये विस्तार से जानते हैं। 1) डिजिटल दस्तावेज अगर आप कार या बाइक चलाते हैं तो अब आपको डीएल, आरसी, फिटनेस सर्टिफिकेट, आदि की हार्ड कॉपी लेकर चलने की अब कोई जरूरत नहीं है। वाहन की चैकिंग के दौरान इसकी सॉफ्ट कॉपी दिखाएँ। अब ओरिजनल पेपर को आप अपने पास डिजिटल मोड में रख सकेंगे। अब हार्ड कॉपी को घर पर रखें और इसकी सॉफ्ट कॉपी को मोबाइल में। इसके रखरखाव के लिए एक सरकारी वेब पोर्टल का उपयोग किया जा सकेगा। 2) टीवी महंगा हो जाएगा टीवी बनाने में काम आने वाले ओपन सेल प्रोडक्ट के इंपोर्ट पर 5% सीमा शुल्क लगेगा जिसकी वजह से टीवी बनाने की लागत बढ़ेगी और इसका सीधा असर ग्राहक की जेब पर होगा।तो अब से प्लाज्म, LED सभी प्रकार की TV के दाम में 1500 से 3000 तक की बढ़ोतरी संभव है। 3) पै

अब रोमिंग के पैसे अपने आप नहीं कटेंगे

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अब आप कहीं विदेश यात्रा पर जाते है तो आपके फोन में इंटरनेशनल रोमिंग खुद ब खुद नहीं चालू होगी। इंटरनेशनल रोमिंग के लिए ट्राई ने टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने मोबाइल कंपनियों से कहा है कि वे सभी यूजर्स के लिए इंटरनेशनल मोबाइल रोमिंग (IMR) को पहले से निष्क्रिय रखें। इसे तभी चालू किया जाए जब ग्राहक इसकी मांग करे। अनजाने में सर्विस के ऑन हो जाने से यूजर को भारी बिल चुकाना पड़ता है। यह उपभोक्ता अधिकार सरंक्षण अधिनयम के विरुद्ध है। इसलिए इसमें बदलाव किया जाये। सरकार ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि ट्राई ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। पोस्ट आफिस की योजनाओं पर ब्याज दरों में बदलाव नहीं सरकार ने अक्टूबर-दिसंबर 2020 तिमाही के लिए PPF, NSC, SCSS, SSY जैसी पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं पर दिए जाने वाले ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। ज्ञात हो यह सभी योजनायें भारतीय डाक विभाग द्वारा संचालित की जाती हैं। इन सभी योजनाओं में आखिरी बदलाव अप्रैल-जून 2020 में किया गया था।

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