Posts

Showing posts from January, 2022
सत्यमेव जयते!

देसी पीओ या अंग्रेजीं अब दाम में इतने का होगा इज़ाफा!

Image
देशी ठेकों सहित दुकानों के लाइसेंस होंगे रिन्यू राज्य सरकार 2022-23 की नई आबकारी नीति में शराब और बीयर की फुटकर दुकानों को राहत देने जा रही है। आबकारी विभाग ने अगले साल के लिए नई नीति का जो प्लान (क़ानून) तैयार किया है, उसमें अंग्रेजी और देसी शराब के साथ बीयर की दुकानों के लाइसेंस फिर से रिनुअल करने का प्रस्ताव है। कारोबारियों को मिलेगी थोड़ी राहत विभाग नें कारोबारियों का कुछ लाभांश बढ़ाएं जाने पर विचार किया गया है। देसी और अंग्रेजी शराब का कोटा बढ़ाने के साथ ही सरकार ने लाइसेंस रिन्यूअल फीस में वृद्धि कर आबकारी राजस्व बढ़ाने का भी रास्ता निकाला है। जल्दी मसौदे को अंतिम रूप देकर उसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में पेश किया जाएगा। बढ़ सकते हैं मार्जिन मनी   पिछले 2 सालों में प्रदेश का आबकारी राजस्व भले ही बढ़ा हो, लेकिन यह 2 साल शराब के कारोबारियों पर भारी पड़े हैं। घाटे से उबरने के लिए शराब कारोबारी लगातार मार्जिन मनी बढ़ाए जाने की मांग करते आ रहे हैं। यूपी लिकर सेलर वेलफेयर एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष जायसवाल के मुताबिक अभी यूपी में फुटकर दुकानदारों के लिए देसी शराब पर 15 से 16 फ़ीसदी अंग्रेजी शराब

ट्रिपल तलाक़ अभी ख़तम नहीं हुआ, असली मुसीबत तो अब शुरू हुई!

Image
हर महीने तीन तलाक के 116 मामले दर्ज हो रहे हैं उत्तर प्रदेश में हर महीने तीन तलाक के करीब 116 मामले दर्ज हो रहे हैं। ज्ञात हो कि 19 सितंबर 2018 को मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अध्यादेश आने के बाद यूपी में इसके तहत सबसे पहला मुकदमा बिजनौर के कोतवाली देहात में दर्ज हुआ था। डीजीपी मुख्यालय के आंकड़ों के अनुसार 38 महीनों में यूपी में 4433 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। सबसे अधिक मामले मेरठ और बरेली के 78% मामले मेरठ और बरेली जोन में है चौकाने वाली बात यह है कि इन मुकदमों के करीब 78% मामले अकेले वेस्ट यूपी के मेरठ और बरेली जोन में दर्ज करवाए गए हैं। 19 सितंबर 2018 को मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अध्यादेश लागू होने के बाद दूसरा अध्यादेश 21 फरवरी 2019 को आया। 31 अगस्त 2019 को यह अधिनियम पारित हुआ। ट्रिपल तलाक को लेकर यूपी में सबसे ज्यादा 1566 मुकदमे मेरठ जोन में दर्ज हुए हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर बरेली जोन में 1356 मामले दर्ज हुए। जोन वार दर्ज मामलों की संख्या- लखनऊ जोन में 339, आगरा जोन में 407, कानपुर जोन में 84, प्रयागराज में 132, गोरखपुर में 210 और वाराणसी में 132 मामले दर्ज करवाए

अब सात साल का अनुभव रखने वाले वकील सीधे जज नहीं बन सकेंगे?

Image
न्यायिक अधिकारी को एचजेएस (HJS) की सीधी भर्ती में शामिल होने का अधिकार नहीं हाईकोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि उच्च न्यायिक सेवा सीधी भर्ती एचजेएस (HJS) में 7 साल के वकालत के अनुभव के आधार पर न्यायिक अधिकारियों को आवेदन का अधिकार नहीं है। वे केवल पदोन्नति से एचजेएस (HJS) में भर्ती हो सकते हैं। मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा के शशांक सिंह ने दाखिल की थी याचिका कोर्ट में अधिवक्ता व जज के रूप में 7 साल के अनुभव के आधार पर सीधी भर्ती में शामिल करने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा के शशांक सिंह व चार अन्य की याचिका पर दिया है। वकालत के अनुभव पर सीधी भर्ती में चयनित नहीं किया जा सकता कोर्ट ने कहा कि सिविल जज सीनियर डिवीजन को प्रोन्नति से एचजेएस पद मिलता है, जबकि 7 साल की वकालत व 35 से 45 वर्ष की आयु के वकीलों की सीधी भर्ती की जाती है। नियमावली संविधान के अनुच्छेद 233 सहित अनुच्छेद 309 से प्रदत्त अधिकारियों का प्रयोग करते हुए बनाई गई है। नियम 5 में स्पष्ट है क

अब 60% नंबर लाने पर ही मिलेगी स्कॉलरशिप आवेदन करने से पहले जान लें नया आदेश!

Image
अब 60% से कम अंक वालों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं  छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ पाने के लिए अब सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को कम से कम 60% अंक लाने होंगे। तमाम स्थितियों को देखते हुए समाज कल्याण विभाग छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना की नियमावली में बदलाव करने जा रहा है। निदेशालय ने अहर्ता का प्रतिशत बढ़ाने समेत अन्य सिफारिशों संबंधी प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। जहां से अंतिम फैसला लिया जाएगा। सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए कम मिले बजट की वजह से पात्रता कम से कम हो इसलिए यह प्रतिशत बढ़ाया जा रहा है। बीते साल सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए करीब 850 करोड़ रुपए इस पर भी विभाग सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को पात्रता के बावजूद स्कॉलरशिप नहीं दे पाया था। इस बार यह बजट घटकर केवल ₹500 ही रह गया है। ऐसे में जाहिर है कि बीते साल से भी कम संख्या में विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति दी जा सकेगी। ऐसे में बदलाव लाजमि माना जा रहा है। इससे होगा यह की स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए अहर्ता का प्

क्या संपत्ति का पावर ऑफ अटॉर्नी सम्पति को मालिक की बिना जानकारी के बेच सकता है?

Image
संपत्ति के लिए अटॉर्नी की शक्ति क्या है? संपत्ति का पावर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) एक कानूनी दस्तावेज है जो वकील या एजेंट या किसी अन्य को कानूनी अधिकार देता है या यूँ कहें कि किसी और व्यक्ति को क़ानूनी अधिकार देने तरीका है जो मुख्य संपत्ति के लिए सौदा करने अवसर साझा करता है जब सम्पत्ति का मालिक स्वयं ऐसा नहीं कर सकता है। संपत्ति कानून अन्य कानूनों के सामान्य समूह में आता है और सामूहिक संपत्ति और व्यक्तिगत संपत्ति के लिए जिम्मेदारी के सभी भागों से संबंधित है। यह आवासीय और वाणिज्यिक संपत्ति से जुड़े लेनदेन से भी संबंधित हो सकता है। संपत्ति का मुख्तारनामा ( अटॉर्नी की शक्ति)  कैसे काम करता है? संपत्ति के अटॉर्नी की शक्ति, एक नियम के रूप में, प्रमुख के पास सभी संसाधन शामिल हैं, उदाहरण के लिए, अचल संपत्ति, वित्तीय खाते और स्टॉक सभी प्रकार की सम्पत्ति। शर्तें जिसमें क्या बनाया जा सकता है और क्या नहीं, का चुनने का अधिकार मालिक के पास होता है जो अनुबंध के समय पर किया जाता है। किसके लिए है लाभदयक? अचल संपत्ति में, संपत्ति के POA का उपयोग उन लोगों द्वारा किया जा सकता है जो घर,ज़मीन या अन्य किसी प्रकार की

वन नेशन वन अकाउंट की शुरुआत, अब देश भर में होगा एक बैंक अकाउंट!

Image
वन नेशन वन राशन के बाद अब वन अकाउंट की डिमांड देश भर में एक जैसी सेवा प्रदान करने के लिए राजधानी समेत आसपास के जिलों में वन नेशन वन राशन की व्यवस्था के बाद अब वन अकाउंट की बात होना शुरू हो गई है। अनाज बेचने के बाद किसान अपने मनमाफिक अकाउंट में रकम ट्रांसफर करवाना चाहते हैं। इसके लिए किसानों ने धान खरीद से जुड़े अधिकारियों को अपनी समस्याएं बताई और एक अकाउंट रजिस्टर करने की मांग भी उठाई है। राशन क्रय केंद्रों पर धान बिकने के बाद उसकी रकम सीधे किसान के खाते में ट्रांसफर हो रही है। रकम उन्हीं खातों में ट्रांसफर हो रहा है जो हाल ही में आधार कार्ड से लिंक हुआ है। अगर पुराने अकाउंट है पहले से आधार नंबर से लिंक है तो उन्हें ट्रांसफर नहीं हो रही है। लिहाजा किसान जिस अकाउंट में ट्रांसफर करवाना चाह रहें, उनमें ट्रांसफर नहीं हो पा रही है। बाराबंकी के राजकिशोर ने उच्च अधिकारियों को बताया कि हिमाचल में नौकरी करते थे। सेवानिवृत्त होने के बाद वापस आकर खेती कर रहे हैं। इस बार  उन्होंने क्रय केंद्र पर धान बेचा तो उसकी रकम उनके हिमाचल स्थित बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो गई। इसकी वजह से उन्हें पैसे निकालने

कोरोना काल में वित्तीय संकट झेल रहे वकीलों के लिए जगी उम्मींद की किरण!

Image
वकीलों के सुरक्षा एवं सहायता के लिए गठित उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने कोरना काल से हुए नुक्सान और वर्तमान में विषम स्थिति में गुजर-बसर वकीलों की सहायता के लिए खुला ऐलान किया है कि जो राजनीतिक पार्टियाँ उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने जा रही हैं यदि वे उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की इन 8 मांगों पर विचार करेंगे व सहयोग के आश्वासन के साथ इसे अपने घोषणा पत्र में स्थान देंगें तो उत्तर प्रदेश के सभी अधिवक्ता उस पार्टी को साथ देंगें और चुनाव के उसके पक्ष में वोट दे सकते हैं। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने इस आशय से यह बात प्रस्तुत की है कि कोरोना के दौरान वित्तीय समस्यायों का सामना कर रहे वकीलों की सहायता हो सके। कोरोना काल में यदि किसी वर्ग का सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ तो वह अधिवक्ता ही हैं। नोबल प्रोफेशन की संज्ञा वाले इस पेशे में कोरोना के दौरान कोई कमाई नहीं हुई जिससे देश भर में अलग-अलग कोर्ट, तहसील और अन्य न्यायिक क्षेत्र में सेवा देने वाले वकील देखते देखते बेरोजगार हो गये। ऐसे में नये वकीलों को तो किसी प्रकार का कोइ काम ना मिला। वकीलों की सुध लेने वाला भी कोई नहीं था। इसी मुसीबत से वकीलों को उबारन

प्रॉपर्टी लेने के लिए किसी से सलाह लेने की क्या ज़रुरत है?

Image
एक संपत्ति सलाहकार से सुझाव लेने का क्या फायदा है? संपत्ति खरीदने या बेचने के लिए आमतौर पर बहुत अधिक कागजी कार्रवाई की आवश्यकता होती है और संपत्ति से जुड़ी कानून की वैधता और संपत्ति की हिस्ट्री के बारे में पता लगाना होता है। जो संपत्ति में निवेश करने से पहले बहुत ही आवश्यक है। यह प्रबंधन करने के लिए एक ज़रूरी कदम है, विशेष रूप से जब आपको एक उचित दर पर घर खरीदने या एक बड़ी रक़म के निवेश से शुरू होकर काम करना हो। विशेष रूप से यदि आप किसी अन्य शहर या राज्य में निवेश करने जा रहे हैं, तो नए सौदे के लिए बातचीत परेशान करने वाली या भ्रमित करने वाली हो सकती है इसलिए आजकल व्यक्ति घर खरीदने या बेचने की कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से उनकी मदद लेते हैं  वहीँ दूसरी ओर लोग नियमित रूप से एक विशेषज्ञ संपत्ति सॉलिसिटर कॉर्क (an expert Property Solicitor Cork) को नियुक्त करते हैं। यह जानने के लिए यहां पढ़ें कि कैसे एक सम्पत्ति एवं निवेश सलाहकार को काम पर रखने से आपकी संपत्ति को खरीदने या बेचने में मदद मिल सकती है। कानूनी विशेषज्ञता और अनुभव एक सम्पत्ति एवं निवेश सलाहकार ऐसे व्यक्ति होता है जो वैध संपत्ति मा

प्राइवेट नौकरी में पूरा वेतन देना 'कानून' से नहीं 'मालिक मर्ज़ी' से तय होता है?

Image
सरकार की बंधक नहीं है कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों के मसले पर सुनवाई करते हुए कहा है कि अदालत (कोर्ट संस्था) सरकार का बंधक नहीं है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या प्रवासी मजदूरों को घर भेजने का कोई प्रस्ताव लाइन में है। कोर्ट ने सरकार को 1 हफ्ते का समय दिया है इस वक्त में सरकार को कोर्ट में जवाब दाखिल करना होगा। एक याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट में गुहार लगाई गई है कि अगर प्रवासी मजदूरों का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आता है तो उनके घर भेजने का इंतजाम किया जाए। यह व्यवस्था सरकार की ओर से होना चाहिए ताकि प्रवासी मजदूरों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार का जो विचार है उस पर आंख मूंद कर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए। इससे मजदूरों का मौलिक अधिकार प्रभावित हो रहा है। इस पर जस्टिस कौल ने कहा, अगर आपको हमारे ऊपर भी भरोसा नहीं है तो फिर हम आपकी बात पर क्यों सुनवाई करें। आप कहते हैं कि आप 30 साल से ज्यादा समय से सुप्रीम कोर्ट से जुड़े हैं तो क्या आपको यह लगता है कि कोर्ट सरकार के यहां बंधक है। इस पर प्रशांत भूषण ने कहा कि हमें कोर्ट पर पूरा भ

शादी में दुल्हन को मिली सम्पति का सात साल के लिए होगा क़ानूनी करार?

Image
शादी में मिली ज्वेलरी व संपत्ति 7 साल के लिए महिला के नाम हो सुप्रीम कोर्ट ने दहेज मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इसे रोकने वाले कानून को मजबूत करने की जरूरत है। मौजूदा कानूनों पर फिर से विचार की जरूरत है। अदालत से दहेज निरोधक कानून को सख्त करने के साथ शादी के समय दी जाने वाली ज्वेलरी और दूसरी संपत्ति 7 साल तक लड़की के नाम किए जाने की अर्ज़ी लगाई गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला बेहद अहम है, लेकिन याचिकाकर्ता के लिए सही होगा कि वह लॉ कमीशन के सामने यह सुझाव दें। लॉ कमीशन चाहे तो कानून को सख्त करने पर विचार कर सकता है और इस पर कानून बनाने पर विचार कर सकता है अर्जी में कहा गया शादी से पहले एक प्री मैरिज काउंसलिंग की व्यवस्था हो। इसके लिए करिकुलम कमीशन बनना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें संदेह नहीं है कि दहेज समाज के लिए हानिकारक है। याचिकाकर्ता ने मामले में जो गुहार लगाई है उसमें कहा गया है कि दहेज निरोधक ऑफिसर होना चाहिए, जैसे आरटीआई (RTI) ऑफिसर होता है। आर्थिक सुरक्षा के लिहाज़ से वरदान होगा यह प्रावधान अधिवक्ता आशुतोष कुमार ने बताया कि वर्तमान में शादी के

घरों में बंद लोगों ने लडकियों को तंग करना नहीं छोड़ा? शिकायत हुई तो पता चला!

Image
मोबाइल व साइबर स्पेस में महिला अपराध बढ़े देश भर में लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ सार्वजनिक जगहों पर होने वाले अपराध तो घटे हैं पर मोबाइल फोन व साइबर स्पेस में अश्लीलता और छेड़खानी की वारदात बढ़ गई है। विमिन पावर लाइन पर दर्ज़ आंकडे इसका सबूत है की लगभग 2,59,800 महिलाओं ने शिकायत दर्ज़ करवाई। शिकायतों की यह संख्या लॉकडाउन के पहले इसी अवधि के दौरान हुई शिकायतों से 41000 अधिक है। लॉकडाउन से पहले वीमिन पावर लाइन पर शिकायतों की संख्या 2.18 लाख थी। जो की गत वर्ष लॉकडाउन के दौरान शिकायतों की संख्या 41800 बढ़ गई है। एडीजी (कानून) ने बताया कि इनमें से कुछ केस पुराने हैं, जिनमें शिकायतकर्ताओं ने बताया कि उनके साथ फिर से मोबाइल पर अश्लीलता की गई। 1200 कॉल लॉकडाउन की वजह से हुए दिक्कत से संबंधित एडीजी विमिन पावर लाइन ने बताया कि वीमिन पावर लाइन पर कुल 2.61 लाख कॉले आई थी, जिनमें 1200 लॉकडाउन की दिक्कतों से संबंधित थी। कुछ कॉले यूपी के बाहर फंसे लोगों ने की थी और मदद मांगी थी। इन्हें संबंधित राज्यों की हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी गई। कई कॉलें राशन और दवा की उपलब्धता से संबंधित थी। इन्हें संब

अब ऑनलाइन कर सकेंगे रेलवे वैगेन की बुकिंग और छूट का भी फायदा मिलेगा!

Image
रेल क़ानून अब ऑनलाइन बुक होगा माल और साथ ही कई चार्ज माफ किए गए रेल मंत्रालय ने माल ढुलाई को प्रोत्साहन देने के लिए कई रियायतें देने की घोषणा की है। इससे निर्यात में मदद के साथ अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। वहीं रेलवे ने व्यापारियों को मालगोदाम या पार्सल घर जाने की जगह ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा दे दी है व माल भाड़ा ऑनलाइन जमा करने के बाद डिलीवरी लेने के लिए रेलवे रसीद की अनिवार्यता अभी फिलहाल खत्म हो गई है। अभी क्या नियम है? रेलवे में माल गाड़ियों से भेजे जाने वाले माल को उतारने में देरी होने पर और वैगनो के खड़े रहने पर व्यापारियों से कई तरह का जुर्माना लेने का नियम है। हालांकि लॉकडाउन की वजह से मई तक व्यापारियों को इनमें से कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा। माल भाड़ा, लौह अयस्क, इस्पात, नमक के वैगन बुक करवाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक आरआर को मान्यता दे दी गई है। जिसमें अभी तक उसकी मैनुअल कॉपी जरूरी थी। इससे माल भेजने की व्यवस्था सरल, तेज और पारदर्शी हो गई है। कंटेनर यातायात की मियाद बढ़ी रेलवे ने कंटेनर यातायात प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत उपाय लागू करने का निर्णय लिया है। गैर पारंपरि

लीगल खबरें आपके लिए!