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Showing posts from September, 2021
सत्यमेव जयते!

वकील के साथ बदसलूकी करने व बिना वजह लॉकअप में रखने पर एक दरोगा व चार सिपाही निलंबित!

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अधिवक्ता को अवैध रूप से बंदी गृह में रखने और बदसलूकी करने पर जार्जटाउन थाने के एक दारोगा और चार सिपाहियों सहित पांच पुलिससवालों को निलंबित कर दिया सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने जार्जटाउन थाने के एक दारोगा और चार सिपाहियों सहित पांच पुलिससवालों को निलंबित कर दिया है। मामला राज्य विधि अधिकारी और इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता पंकज सिंह को अवैध रूप से जार्जटाउन थाने में बंदी गृह में बैठाने और उनके साथ बदसलूकी करने से जुड़ा हुआ है। v   पिता के द्वारा लिया गया कर्ज़ा बेटा चुकाएगा! जान लो यह क़ानून v   Google पर अमेरिका में केस होने की आखिर क्या वजह है ? v   शादी होने के कुछ ही सालों में तलाक होने पर पत्नी को किस सम्पति पर अधिकार मिल सकता है ? v   प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारियों को ये जानकारी पता चल गई तो कभी घाटे में नहीं रहेंगे और अपना हक लेकर रहेंगे v   फिल्म अभिनेता सोनू सूद के घर क्या हुआ ? इनकम टैक्स रेड ( Income tax Raid) या इनकम टैक्स सर्वे ( Income Tax Survey)? अधिवक्ता पंकज सिंह टैगौर टाउन के शिवम विहार अपार्टमेंट में रहते हैं। वो बिल्डिंग सोसायटी के सचिव भी हैं। संजय सिंह बतात

आँखों देखी घटना झूठी बता देने पर क्या मेडिकल सबूत कोर्ट मान्य करेगी?

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साक्ष्यों में विरोधाभास होने पर मेडिकल रिपोर्ट ही मान्य होगी हाईकोर्ट- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी क्रिमिनल केस में प्रत्यक्षदर्शी गवाह के बयान मेडिकल रिपोर्ट के विपरीत हैं, और रिपोर्ट से आंखों देखी घटना सही नहीं लग रही है। ऐसी स्थिति में मेडिकल रिपोर्ट को ही महत्वपूर्ण साक्ष्य मानकर उसे वरीयता दी जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि प्रत्यक्षदर्शी साक्षी द्वारा दी गयी स्थितियां होती हैं। पहली पूर्ण विश्वसनीय दूसरी पूर्ण अविश्वसनीय और तीसरी न तो पूर्ण विश्वास है और न ही पूर्ण अविश्वसनीय। इस तीसरी स्थिति से अदालत को साक्ष्यों का साथियों का मूल्यांकन के बयान के साथ ही अन्य साथियों के साथ करना चाहिए।  अधीनस्थ न्यायालय में इसी के साथ हत्या के मामले में चारों अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है हत्या के एक मामले में आपराधिक अपील का निस्तारण करते हुए न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की पीठ ने कहा कि स्थापित कानून है कि जब मौखिक साक्ष्य और मेडिकल रिपोर्ट असंगत हो तो एक साक्ष्य को वरीयता दी जाएगी मगर जहां चश्मदीद

ज़मीन-जायदाद के बटवारे में ये क़ानून शायद आप नहीं जानते होंगे?

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मिताक्षरा विधि के अनुसार सम्पत्ति (property) का बटवारा कैसे होता हैं? विभाजन का अर्थ मिताक्षरा विधि के अनुसार विभाजन के दो विशिष्ट अर्थ होते हैं- 1-" पारिवारिक संपत्ति के विभिन्न सदस्यों के अनिश्चित हितों को निर्दिष्ट अंशो में समायोजन करना"। 2- " संयुक्त प्रास्थिति का पृथक्करण तथा उसके विधिक परिणाम।" जतरु प्रधान बनाम अंबिका जो. के वाद में विभाजन की परिभाषा इस प्रकार दी गई है-" संयुक्त परिवार की संपत्ति में सहदायिकी के चल हितों का निर्दिष्ट भागों में प्रस्फुटन।" मयूख के अनुसार " विभाजन केवल एक प्रकार की मन: स्थिति है जिसमें विभाजन होने का आशय ही विभाजन है। यह एक विधि है जिसके द्वारा संयुक्त अथवा पुनः संयुक्त परिवार का कोई सदस्य पृथक हो जाता है तथा सह भागीदार नहीं रह जाता है। विभाजन के लिए किसी अन्य सदस्य की अनुमति अथवा किसी न्यायालय की डिक्री अथवा कोई अन्य लेखा आवश्यक नहीं है।" दाय भाग से पिता संपत्ति का स्वामी होता है अतः जब तक वह जीवित है उसके पुत्र गण संपत्ति का विभाजन नहीं करा सकते। पिता की मृत्यु के बाद ही पुत्र गण विभाजन कर सकते हैं

पिता के द्वारा लिया गया कर्ज़ा बेटा चुकाएगा! जान लो यह क़ानून

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हिंदू विधि के अनुसार लोन (ऋण) का भुगतान करने के लिए जो दायित्व है वह पुत्र को क्यों वहन करना होगा - पढ़िए यह रिपोर्ट- सामान्यता लोन (ऋण ) से तात्पर्य उस निर्धारित अथवा निश्चित धनराशि से होता है जिसकी अदायगी के लिए कोई व्यक्ति उत्तरदाई होता है। इसके अंतर्गत किसी से उधार लिया गया धन, कोई धनराशि अदा करने की डिक्री अथवा विधि द्वारा मान्य अन्य किसी प्रकार की डिक्री आती है। दीवानी प्रक्रिया संहिता 1908 की धारा 52 और 53 के अंतर्गत पता अथवा पितामह के ऋणों के हेतु पत्र उत्तराधिकारी के रूप में मृत द्वारा छोड़ी गई परिसंपत्ति तक उत्तरदाई होता है। परंतु हिंदू विधि के अंतर्गत पुत्रों तथा पौत्रों पर पिता अथवा पितामह द्वारा लिए गए ऋणों को अदा करने का धार्मिक तथा नैतिक दायित्व भी होता है। चूँकि पिता या कर्ता ऋण परिवार की आवश्यकता तथा संपत्ति के प्रलाभ के लिए लेता है। अतः परिवार का प्रत्येक सदस्य इस ऋण को चुकाने के लिए बाध्य है क्योंकि वह दाय में संपत्ति प्राप्त करता है। संयुक्त परिवार में यदि पिता ने ऋण अपने स्वयं के लाभ के लिए लिया है तो पुत्रों का दायित्व है कि वह ऋण का भुगतान करें। परंतु ऐसा ऋण अवै

Google पर अमेरिका में केस होने की आखिर क्या वजह है?

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प्ले स्टोर से खेल यूएस के 36 राज्यों ने गूगल पर किया केस अमेरिका के 36 राज्य और वाशिंगटन डीसी ने गूगल के खिलाफ मुकदमा कर आरोप लगाया है कि कंपनी अपने एंड्राइड ऐप (Android App) स्टोर पर कड़ा नियंत्रण असल में एकाधिकार के खिलाफ बने कानूनों का उल्लंघन है। मुकदमे में आरोप लगाया है कि गूगल प्ले स्टोर में कॉन्ट्रैक्ट के बाहर की कई चीजें हैं जो खुली प्रतिस्पर्धा के माहौल के खिलाफ काम करती हैं। इससे एंड्रॉयड डिवाइस के यूजर का ही नुकसान होता है क्योंकि खुला कंपटीशन होने पर उसे एप स्टोर पर ज्यादा चॉइस मिलती है। नतीजतन सस्ती कीमत पर अच्छे एप्प मिल सकते थे। o     PCSJ के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें | कौन सी किताबों से करें PCSJ की तैयारी न्यूयॉर्क के अटार्नी जनरल जेम्स और उनके साथियों ने गूगल पर यह आरोप भी लगाया है कि एप डेवलपर को मजबूर किया जाता है कि वे अपनी डिजिटल सामग्री गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) से खरीदे ऐप के माध्यम से बेचे और इसके लिए गूगल बिलिंग का इस्तेमाल करें। इस शर्त की वजह से आम उपभोक्ता को गूगल को अनिश्चितकाल के लिए 30 फ़ीसदी तक कमीशन देना पड़ता है। जेम्स ने आरोप लगाया कि गूगल

शादी होने के कुछ ही सालों में तलाक होने पर पत्नी को किस सम्पति पर अधिकार मिल सकता है?

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स्त्रीधन का क्या अर्थ है स्त्रीधन कितने प्रकार का होता है ? हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के पारित होने के पूर्व किसी स्त्री के पास दो प्रकार की संपत्ति हो सकती थी- वह संपत्ति जिस पर उसका पूर्ण स्वामित्व होता था तथा ऐसी संपत्ति जिस पर सीमित स्वामित्व होता था। प्रथम कोई स्त्रीधन तथा दूसरे को नारी संपदा कहा जाता था। स्त्री धन का अर्थ स्त्री धन शब्द से तात्पर्य नारी की उस संपत्ति से है जिस पर उसका पूर्ण स्वामित्व होता था। स्त्रीधन की परिभाषा बहुत से स्मृतिकारों ने दी है जिसमें कुछ निम्नलिखित परिभाषाएं निम्न है। मनु के अनुसार "अध्याग्नी वैवाहिक आदमी के समक्ष दिया गया। अव्यावहारिक है (वधू के जाने के समय दिया गया) स्तम प्रीति कर्मणी (प्रेम में दिया गया) तथा पिता, माता हर्ष भाई के द्वारा दिया गया 6 प्रकार के उपहार को स्त्रीधन की कोटि में रखा गया है। विष्णु के अनुसार "किसी स्त्री को उसके पिता, माता, पुत्रों अथवा भ्राता द्वारा जो प्राप्त हुआ, जो उसे अध्याग्नी में प्राप्त हुआ है, जो वह अपने पति द्वारा पुनर्विवाह करने पर उससे प्राप्त करती है जो उसको उसके संबंधियों द्वार

प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारियों को ये जानकारी पता चल गई तो कभी घाटे में नहीं रहेंगे और अपना हक लेकर रहेंगे

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एक कर्मचारी को कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के अंतर्गत क्या-क्या लाभ प्राप्त होते हैं यह कर्मचारी को पता होना चाहिए । कर्मचारियों को प्राप्त हित लाभ JUDICIAL GURU on  TELEGRAM JUDICIAL GURU on  FACEBOOK JUDICIAL GURU on  INSTAGRAM JUDICIAL GURU on  TWITTER JUDICIAL GURU on  LINKEDIN JUDICIAL GURU on  QUORA कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम की धारा 46 से 73 तक कर्मचारियों को उपलब्ध हित लाभों से संबंधित उपबंध है। इस अधिनियम के अनुसार कर्मचारियों को निम्नलिखित प्रकार के लाभ हित प्राप्त होते हैं- बीमारी लाभ धारा 46 के अनुसार कोई व्यक्ति किसी लाभ की अवधि में बीमारी घटित होने तथा उसके संबंध में ऐसा अंशदान कम से कम संबंधित अंशदान अवधि के आधे दिनों के लिए दिया गया हो तो व्यक्ति बीमारी लाभ का हकदार माना जा सकता है। जो व्यक्ति धारा 47 के अनुसार बीमारी लाभ के दावे का अधिकार रखता है वह इस अधिनियम तथा विनियम के उपबंधओं के अनुसार अपनी बीमारी की अवधि के लिए उक्त लाभ प्राप्त करने का अधिकार रखता है। यह बीमारी के प्रथम 2 दिनों के लाभ के लिए अधिकारी न होगा, उस स्थिति में छोड़कर जबकि आने वाली बीमारी

फिल्म अभिनेता सोनू सूद के घर क्या हुआ? इनकम टैक्स रेड (Income tax Raid) या इनकम टैक्स सर्वे (Income Tax Survey)?

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आयकर विभाग (Income Tax Department) के छापे और सर्वे का नाम सुनते ही लोग यही मान लेते हैं कि सब ज़ब्त होगा या फिर मन में बुरे ख्याल आने लगते हैं। लेकिन क्या इसके विषय में सबको सही जानकारी है? यदि नहीं तो यह जान लेना जरूरी है कि यह आयकर विभाग की कार्रवाई कब और किन परिस्थितियों में की जाती है। सबसे पहले समझें कि इनकम टैक्स रेड (Income tax Raid) और इनकम टैक्स सर्वे (Income Tax Survey) में क्या अंतर है? आमतौर पर आयकर विभाग (Income Tax Department) के छापे से डरते हैं जिनके बारे में किसी को कोई स्पष्ट जानकारी नहीं होती है 'इनकम टैक्स सर्वे और रेड' उन्हीं चीजों में से एक है। यहां तक ​​कि कई वास्तविक/निर्दोष करदाता सटीक ज्ञान और जटिल कानूनों की जानकारी की कमी के कारण 'आयकर सर्वेक्षण (Income Tax Survey) और छापे (Income Tax Raid)' से डरते हैं। इसलिए, आयकर विभाग द्वारा किए जाने वाले दौरे और इसके प्रावधानों के बारे में कुछ सामान्य बातें जान लेना जरूरी है। इनकम टैक्स विज़िट कितने प्रकार की होती हैं? आम तौर पर आयकर विभाग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए आपके व्यावसायिक स्थान का दौरा कर सक

सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और आदेशों की कोई परवाह नहीं ?

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ट्राइब्यूनल पर टकराव बढता जा रहा है! ट्राइब्यूल में खाली पड़े पदों को भरने में हो रही देरी को लेकर असाधारण सख्ती दिखाई है। उसने कहा है कि लगता है जैसे सरकार के मन में इस कोर्ट के लिए कोई सम्मान नहीं है। वह हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही है। केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 1 सप्ताह के अंदर नियुक्तियां करने को कहा है। अदालत को हैरानी इस बात पर कि बार-बार कहने पर और मौजूदा कानूनों के तमाम प्रावधानों का पालन करते हुए नाम भेजे जाने के बाद ही नियुक्तियां नहीं की जा रही हैं। सरकार की ओर से इसका कोई ढंग का स्पष्टीकरण भी पेश नहीं किया जा सका कि आखिर नियुक्तिया न किए जाने की क्या वजह रही लेकिन मामला सिर्फ नियुक्तियों तक सीमित नहीं। अदालत की नाराजगी सरकार की ओर से पिछले महीने लाए गए ट्राइब्यूनल रिफॉर्मस एक्ट को लेकर भी है। इससे मिलते-जुलते प्रावधानों वाले पिछले कानून को सुप्रीम कोर्ट रद्द कर चुका है। इसके बावजूद वैसे ही प्रावधान नए कानून की शक्ल में लाए गए। शीर्ष अदालत ने इस पर तीखी आपत्ति करते हुए कहा कि हम किसी कानून के खिलाफ फैसला देते हैं, आप कुछ दिनों बाद वैसा ही नया कानू

शादी के पहले केवल मनोरंजन के लिए शारीरिक सम्बन्ध बनाने को आतुर ना रहें लड़कियां!

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जब तक कि उन्हें शादी का आश्वासन न दिया जाए, तब तक सिर्फ मनोरंजन के लिए भारत में अविवाहित लड़कियां कामुक गतिविधियों में लिप्त नहीं होतीं : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (इंदौर खंडपीठ) ने हाल ही में कहा, "भारत एक रूढ़िवादी समाज है, यह अभी तक सभ्यता के उस स्तर (उन्नत या निम्न) तक नहीं पहुंचा है, जहां अविवाहित लड़कियां... लड़कों के साथ केवल मनोरंजन के लिए कामुक गतिविधियों (इंटरकोर्स) में शामिल हों, जब तक कि यह भविष्य में विवाह के किसी वादे/आश्वासन के साथ समर्थित न हो।" जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की खंडपीठ ने कहा कि एक लड़का, जो एक लड़की के साथ शारीरिक संबंध में प्रवेश करता है, उसे यह समझ होनी चाहिए कि उसके कार्यों के परिणाम हैं और वह इसका सामना करने के लिए तैयार रहे। क्या है पूरा मामला? आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 376(2) (एन), 366 और बच्चों के यौन शोषण से रोकथाम अधिनियम की धारा 3, 4,5-1, 6 के तहत मामला दर्ज किया गया था। उस पर आरोप था कि उसने शादी के बहाने एक लड़की के साथ बलात्कार किया। कोर्ट के सामने, उसके वकील ने दलील दी गई कि लड़की कथित अपराध के समय बालिग

पॉप सिंगर यो यो हनी सिंह की पत्नी ने ये मांग लिया तलाक के बदले में!

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पॉपुलर सिंगर-रैपर यो यो हनी सिंह की पत्नी शालिनी तलवार ने उनके खिलाफ चौंकाने वाले दावे किए हैं. घरेलू शोषण से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम के तहत, उन्होंने पंजाबी कलाकार के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कर मुआवजे के रूप में 10 करोड़ रुपये की मांग की है। शालिनी का दावा है कि उसके साथ 'खेत के जानवर' की तरह व्यवहार किया गया, 'महिलाओं के साथ अनौपचारिक यौन संबंध' से लेकर 'शारीरिक शोषण' तक। उदंड वकीलों को हड़ताल करने से रोकें, कानून से खिलवाड़ बर्दास्त करने लायक नही है खबरों के मुताबिक, गायिक की पत्नी ने अदालत से उसे दिल्ली में पूरी तरह से सुसज्जित अपार्टमेंट के लिए 5 लाख रुपये मासिक किराया देने का आदेश देने का आदेश दिया है ताकि वह अपनी विधवा मां के साथ स्वतंत्र रूप से रह सके। उसने गायिक को अपने साझा (दोनों का) घर में किसी भी हिस्सेदारी को तीसरे पक्ष को बेचने या स्थानांतरित करने के साथ-साथ दहेज की वस्तुओं को बेचने से रोकने की भी कोशिश की। यो यो हनी सिंह के खिलाफ शालिनी का आरोप इस प्रकार है: 1. हनी सिंह पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया गया है। तलवार ने अपनी याचिका में कहा ह

उदंड वकीलों को हड़ताल करने से रोकें, कानून से खिलवाड़ बर्दास्त करने लायक नही है

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वकीलों द्वारा हड़तालों और अदालत के बहिष्कार को रोकने के लिए नियम बनाने का प्रस्ताव, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट को बताया बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह वकीलों द्वारा हड़तालों और अदालत के बहिष्कार को रोकने के लिए नियम बनाने के प्रस्ताव की इच्छुक है और उल्लंघन करने वाली बार एसोसिएशनों और सोशल मीडिया के माध्यम से इस तरह की हड़ताल को बढ़ावा देने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव कर रहा है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ को बीसीआई (BCI) के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि उसने इस संबंध में सभी बार काउंसिल के साथ बैठक बुलाई है। बीसीआई (BCI) के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने पीठ से कहा, "हमने बीसीआई के साथ सभी बार काउंसिल की बैठक बुलाई है। हम हड़ताल और बहिष्कार को रोकने के लिए नियम बनाने का प्रस्ताव करते हैं और बार एसोसिएशन के सदस्यों को उचित औचित्य के बिना हड़ताल पर जाने के लिए दंडित करने के लिए नियम बन रहे हैं।" पिछली बार पीठ ने वकीलों की हड़ताल के मुद्दे से निपटने

प्राइवेट नौकरी करने वाली गर्भवती महिला Maternity Benefit ऐसे पा सकती हैं!

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मातृत्व लाभ का दावा तथा अदायगी की अधिसूचना (Claim of maternity benefit and notification of payment) मातृत्व हित लाभ अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत मातृत्व हित (Maternity Benefit) लाभ के दावे (claim) तथा उसकी अदायगी (payment) की अधिसूचना के संबंध में उपबंध है। कोई स्त्री जो एक संस्थापन में नियोजित (काम करती हो) है तथा इस अधिनियम के अंतर्गत मातृत्व हित लाभ प्राप्त करने का अधिकार रखती है, और इसके लिए वह अपने नियोजक को निर्धारित प्रारूप में सूचना लिखित रूप से दे सकती है। इस सूचना द्वारा वह यह विहित कर सकती है कि नियोजक मातृत्व लाभ की या अन्य कोई धनराशि उसे या उस नोटिस में नामांकित किसी व्यक्ति को करें तथा नोटिस में यह उपबंधित भी कर सकती है कि मातृत्व हित लाभ प्राप्त करने की अवधि के दौरान वह किसी अन्य संस्थापन में कार्य नहीं करेगी। किसी गर्भवती स्त्री के मामले में नोटिस में उस अतिथि का उल्लेख किया जाएगा जिस तिथि से मातृत्व लाभ के लिए वह स्त्री कर्मकार अपने कार्य से अनुपस्थित रहेगी, किंतु यह तिथि उसके प्रसव के प्रत्याशित दिन के 6 सप्ताह से पूर्व तिथि नहीं होगी। कोई ऐसी स्त्री, जिसने कि उस स

यात्रीगण कृपया ध्यान दे! अब से आप किसी के भी टिकट पर यात्रा कर सकेंगे!

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किसी दूसरे के टिकट पर यात्रा करना दंडनीय अपराध है और यदि आप किसी दूसरे व्यक्ति का टिकट लेकर यात्रा करने की सोंच रहे हैं तो आपको सतर्क होना चाहिए। किंतु अब आप अगर चाहते हैं कि आप किसी और व्यक्ति के टिकट पर यात्रा कर लें तो रेलवे ने इसके लिए मंज़ूरी दे दी है। लेकिन इसके साथ कई नियम भी जारी किए हैं और आपको किसी और के ट्रेन टिकट पर यात्रा करने के लिए उन नियमों का पालन करना पड़ेगा। क्या नियम है? इसे विस्तार से समझते हैं-जब भी आपको ट्रेन में यात्रा करनी होती है तो टिकट लेकर यात्रा कर लेते हैं लेकिन अभी तक टिकट लेकर आप अपनी यात्रा कर सकते थे। वह टिकट किसी और को नहीं दे सकते थे और अगर आप किसी और को देते थे तो वह दंडनीय अपराध होता है। लेकिन अब रेलवे ने इस नियम को बदल दिया है। अब आप किसी और के टिकट पर यात्रा कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए कई ऐसे नियम भी हैं जिनकी जानकारी आपको ट्रेन में यात्रा करने के दौरान होनी चाहिए। ऐसा ना होने पर आपके उपर न सिर्फ जुर्माना लगता है बल्कि आप को जेल भी जाना पड़ सकता है। इसलिए ट्रेन में बैठने से पहले ट्रेन से जुड़े नियमों का जरूर ध्यान रखें। रेल मंत्रालय ने हाल ही में

महिला सम्मान की पैरवी करने वाले देश में मैरिटल रेप अपराध नहीं!

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एक लड़की (उम्र लगभग 23 वर्ष) की 2017 में शादी हुई। शादी के बाद कुछ दिन तक सब ठीक चलता रहा, लेकिन इसके बाद पति-पत्नी के बीच अनबन शुरू हो गई। पत्नी का आरोप है कि पति दहेज की मांग करते हुए उसके साथ मारपीट और गाली-गलौज करने लगा जो देखते-देखते आम होता गया। यहां तक की पति ने कई बार पत्नी की मर्जी के विरुद्ध जबरन शारीरिक संबंध (सेक्स) भी बनाता था। यही नहीं पति ने उस लड़की के साथ अप्राकृतिक सम्बन्ध भी बनाये। इन सब प्रताड़ना से तंग आकर एक ऱोज पत्नी ससुराल छोड़ अपने मायके चली गई। इसके बाद पत्नी ने अपने पति के खिलाफ रेप, अप्राकृतिक संबंध और दहेज प्रताड़ना का केस कर दिया। मामला कोर्ट पहुंचा तो निचली अदालत ने पति को तीनों मामलों में दोषी पाया, लेकिन जब मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो हाईकोर्ट ने पति को रेप के आरोप से बरी कर दिया। यह कोई पहला वाक्या नहीं है और ना ही ऐसा पहली बार हुआ है कि जब पति को पत्नी के साथ रेप के आरोप से बरी किया गया हो। बता दें कि भारतीय कानून में पति-पत्नी के बीच इस तरह के मैरिटल रेप (बिना मर्ज़ी सम्बन्ध या जबरन सेक्स) की धारा 375 से अलग रखा गया है आखिर ये मैरिटल रेप होता क्या है? मै

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