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Showing posts from August, 2022
सत्यमेव जयते!

जानिए आईपीसी की धारा 496, 493, 495 क्या है? बगैर तलाक के किसी स्त्री की शादी करने पर क्या कहता है क़ानून? दो शादी करने पर कौन सी धारा लगती है?

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दम्पति के मध्य विवाद सम्बन्ध के लिए मुसीबत का कारण बन सकता है तो वहीँ विवाहित महिला के साथ ऐसे अपराध तलाक का कारण हो सकते हैं? इसके अतिरिक्त अक्सर ऐसे प्रश्न लोगों के मन में आते हैं कि-  विवाहित दम्पति के बीच कौन-कौन से ऐसे अपराध हैं जो तलाक़ का कारण बन सकता है?  विवाह संबंधी अपराध क्या है? बगैर तलाक के किसी स्त्री की शादी का अधिकार क्या कहता है? आईपीसी की धारा 496 क्या है? धारा 493 में क्या होता है? धारा 495 क्या है? शादी ना करने पर कौन सी धारा लगती है? दो शादी करने पर कौन सी धारा लगती है? बिना तलाक दूसरी शादी करने पर क्या होगा? हिन्दू कितनी शादी कर सकते है? विवाह संबंधी अपराध क्या है? विवाह के विरुद्ध (Offences against Marriage) अपराध क्या होता है? विवाह से सम्बन्धित दो मुख्य अपराध है - द्विविवाह (बिना तलाक़ लिए दूसरी शादी करना या एक साथ दो लोगों के साथ विवाह करना) जारकर्म (अवैध संबध) 1. द्विविवाह (Bigamy) -भारतीय दंड सहिंता की धारा 494 के अनुसार- जो व्यक्ति, पति या पत्नी के जीवित रहते हुये किसी अन्य से विवाह करेगा। किसी ऐसी दशा में विवाह करना जिसमें ऐसा विवाह शून्य हो तो वह ऐसे पति या

जानिये 2022 में कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज कितने दिन में हो जाती है? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह चाहिए?

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कोर्ट मैरिज करने के लिए तैयार लड़का लड़की को किस प्रकार के नियम का पालन करनी चाहिए कोर्ट मैरिज के लिए क्या प्रक्रिया होती है और इससे जुड़े प्रश्न के उत्तर आपका काम आसान कर सकते हैं  आज इस लेख में जानते हैं निम्न सवालों के जवाब- 2022 में कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज कितने दिन में हो जाती है? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह चाहिए? कोर्ट मैरिज में क्या क्या मिलता है? कोर्ट मैरिज करने के लिए संपूर्ण क्या प्रक्रिया होती है? 2022 में कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज करने से पहले कुछ ज़रूरी जानकारी होनी चाहिए। कोर्ट के समक्ष जाने से पूर्व आपको कुछ दस्तावेज़ तैयार रखने चाहिए। यदि कोई लड़का और लड़की आपस में रजामंदी के साथ कोर्ट में जाकर विवाह करना चाहते हैं तो क़ानून ने इसके आधार कुछ तय किए हैं। पहला आधार यह है कि आपके माता-पिता का की सहमति है अथवा नहीं इसका प्रमाण! दूसरा आधार लड़का और लड़की की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। प्रत्येक प्रदेश में इसका अलग विकल्प हो सकता है एक एप्लीकेशन फॉर्म जिसे लड़का और लड़की दोनों ने साइन किया हो दोनों के बर्थ सर्टिफिकेट्स दोनों के रेजिडेंशियल प्रूफ दोनों की दो पासप

जानिए इन सवालों के जवाब- चेक बाउंस होने के बाद मुझे क्या करना चाहिए? चेक बाउंस केस कितने दिन चलता है? धारा 138 में जमानत कैसे मिलती है?

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एक रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे अधिक मामले संपत्ति यानी प्रॉपर्टी की खरीद और बिक्री से जुड़े होते हैं या फिर चेक बाउंस से। कोर्ट में ऐसे मुकदमों की संख्या ज्यादा है जो संपत्ति से जुड़े हैं या फिर पैसे के लेनदेन से जुड़े हुए होते हैं। ठीक इसी तरह चेक बाउंस के केस में कई बार पार्टियां कुछ गलतियां करती हैं जिनके कारण उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। आपके मन में भी कई सवाल होंगे मसलन- चेक बाउंस होने के बाद मुझे क्या करना चाहिए? चेक बाउंस होने पर कौन सी धारा लगती है? चेक बाउंस केस कितने दिन चलता है? अधिकतम कितनी राशि का चेक होता है? धारा 138 में जमानत कैसे मिलती है? आइये आज इस लेख में जानतें हैं कि कौन-कौन सी गलतियां होती हैं जिसके कारण चेक बाउंस मुसीबत बन जाता है और इससे कैसे बचा जाना चाहिए। चेक बाउंस कब होता है? जब किसी पैसे का भुगतान चेक द्वारा किया जाये और चेक को बैंक में लगाने पर बैंक किसी कारण के चलते भुगतान करने से मना करता है तो इसे चेक बाउंस का मामला कहा जाता है। यह कारण निम्न हो सकते है- हस्ताक्षार का सामान न होना  बैंक खाते का बंद हो जाना खाते में पर्याप्त पैसा न होना चे

एक नामचीन वकील बनने के लिए ये गुण होना चाहिए, ख़ाली वकालत का भौकाल झाड़ने से कुछ नहीं होता!

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भारत मे लंबे समय से Law लोकप्रिय करियर का चॉइस रहा है। अगर आप भी Law में interest रखते हैं तो इसमें करियर बनाने के तमाम ऑप्शन मौजूद है। लॉ प्रोफेशनल का भविष्य सिर्फ हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट तक सीमित नहीं रहा। अब आप कॉरपोरेट लॉ में स्पेशलाइजेशन कर शानदार करियर बना सकते हैं। Law करने के बाद क्या क्या करियर चुन सकते हैं आएये इसे विस्तार से समझते हैं। LAW क्षेत्र में भविष्य की तलाश कर रहे स्टूडेंट्स के लिए अब सुनहरा मौका! समाज में वकील की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वकीलों को न्याय के रक्षक के तौर पर जाना जाता है। जब किसी भी व्यक्ति के साथ कोई अन्याय होता है तो वकील ही एक ऐसा व्यक्ति है जो उसे न्याय दिलवाने के लिए जीतोड़ मेहनत करता है। LLB करने के के बाद आप वकालत को एक करियर के रूप में अपना सकते हैं। आप अपने क्षेत्र के सिविल कोर्ट हाई कोर्ट सेशन कोर्ट आदि में प्रैक्टिस कर सकते हैं। LLB कैसे करें? LLB में एडमिशन के लिए आपको CLAT जैसी प्रवेश परीक्षा को पास करना होगा। इसके बाद आप मेरिट के आधार पर देश के किसी भी प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में दाखिला लेकर LLB कर सकते हैं। आमतौर पर LLB

प्रेम विवाह करने वाले बालिग जोड़ों की शादीशुदा जिंदगी की स्वतंत्रता व निजता में किसी व्यक्ति को दखल देने का कोई अधिकार नहीं: हाई कोर्ट

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विवाह और धर्म परिवर्तन दो ऐसे मुद्दे हैं जो व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला हो सकता है इसलिए इन दोनों मुद्दों पर अर्थात धर्म परिवर्तन और विवाह के लिए सरकारी अनुमति लेने को मजबूर नहीं कर सकते: हाई कोर्ट  कोर्ट मैरिज के लिए किससे अनुमति लें? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आज देश आर्थिक व सामाजिक बदलाव के दौर से गुजर रहा। ऐसे में सभी को स्वतंत्रता पूर्वक जीने का अधिकार भी है इसलिए किसी को धर्म परिवर्तन के लिए सरकारी अनुमति लेने को बाध्य नहीं किया जा सकता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले 17 जोड़ों मायरा और वैष्णवी, विलास-सिरसीकर, जीनत अमान और स्नेहा आदि की याचिकाओं दी। कोर्ट ने कहा कि हमारा समाज आर्थिक और सामाजिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है। कानून की सख्त व्याख्या संविधान की भावना को निरर्थक बना सकती है। भारतीय सविंधान के अनुच्छेद 21 में जीवन व निजता की स्वतंत्रता की गारंटी दी गई है। अनुच्छेद 21 नागरिकों को यह अधिकार देता है कि वह अपनी और परिवार की निजता की सुरक्षा करें। ऐसे में दो बालिग व्यक्तियों को अंतर धार्मिक विवाह करने के लिए परिवार समाज या सरकार किसी की

14 से 20 वर्ष की लड़कियां हैं इनके निशाने पर!

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कंपनियां जब अपने प्रोडक्ट मार्केट में लांच करती हैं प्रोडक्ट की लाइफ भी तय होती है। इसके अतिरिक्त सुरक्षा कवच अर्थात एंटीवायरस सॉफ्टवेयर बनाया जाता है जो इसे अवांछित खतरों से बचाता है। कितुं अब जो एंटीवायरस बन रहे हैं वो आज के जमाने के हैं। इस वजह से पुराने खतरों के बारे में इनमें पूर्ण जानकारी नहीं होती है। जिसकी वजह से कई सेंधमार इसकी सुरक्षा को चुनौती दे रहे हैं। लेकिन अगर माइक्रोसॉफ्ट कोई ओएस (आपरेटिंग सिस्टम) प्लेटफार्म बनाता है तो हैकर इसमें आसानी से सेंध नहीं लगा पाते हैं। क्योंकि इसमें एंटीवायरस भी कुछ नहीं कर सकते हैं। सुरक्षा के इस प्रश्न पर कई कंपनियां सभी डिवाइस के अलग-अलग प्लेटफार्म पर काम कर रही हैं? कंपनियों ने अपनी जरूरत के हिसाब से प्लेटफार्म बनाए हैं। इसलिए इतने सारे प्लेटफार्म के लिए एंट्री एंटीवायरस बनाना मुश्किल है। स्मार्ट होम अप्लायंसेज के लिए इंटरनेशनल एक्सपो का आयोजन करने वाली चीन की कंपनियों के जनरल मैनेजर ने कहा कि यह बिल्कुल भी सच नहीं है कि इलेक्ट्रोनिक उत्पादों की सुरक्षा को लेकर कुछ नहीं हो रहा है। स्मार्ट प्रोडक्ट बनाने वाली लगभग सभी कंपनियां पहले उत्पाद

Indian Evidence Act | APO | AIBE | PCSJ | Model Question Paper with Answer in Hindi | भारतीय साक्ष्य अधिनियम हल प्रश्न पत्र

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प्रश्न1- प्रलोभन, धमकी या वचन से पैदा हुए मन पर प्रभाव के दूर हो जाने के पश्चात की गई संस्वीकृति – धारा 28 में सुसंगत है धारा 24 में सुसंगत है धारा 29 में सुसंगत है धारा 30 में सुसंगत है उत्तर- धारा 28 में सुसंगत है प्रश्न2- गुप्त रखने के वचन के अधीन या उसे प्राप्त करने के लिए की गई प्रवचना के परिणाम स्वरूप इस बात की जानकारी दिए बिना की संस्कृति का साक्ष्य के रूप में उपयोग किया जाएगा सुसंगत है- धारा 24 में धारा 25 में धारा 27, 28 में धारा 29 में उत्तर- धारा 29 में प्रश्न3- जब किसी अभियुक्त की संस्वीकृति IPC की धारा 164 में मौजूद रीति से रिकॉर्ड नहीं की गई है तथा वहाँ मजिस्ट्रेट का मौखिक साक्ष्य यह सिद्ध करने के लिए कि इस प्रकार से स्वीकृति की गई है की ग्राह्य नहीं है यह किस वाद में अभिनिर्धारित किया गया है- उत्तर प्रदेश राज्य बनाम सिंघाड़ा सिंह में राजस्थान राज्य बनाम रहमान में अमिनी बनाम केरल राज्य में धनंजय रेड्डी बनाम कर्नाटक राज्य में उत्तर- उत्तर प्रदेश राज्य बनाम सिंघाड़ा सिंह में प्रश्न4- सह-अभियुक्ति की संस्कृति सुसंगत है- धारा 30 में धारा 24 में धारा 133 में उपयुक्त में से कोई

Indian Evidence Act | APO | AIBE | HJS | PCSJ Model Question paper with Answer in Hindi | भारतीय साक्ष्य अधिनियम

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प्रश्न1-भारतीय साक्ष्य अधिनियम का प्रवर्तन हुआ- 1 सितंबर 1872 1 अक्टूबर 1872 1 जुलाई 1872 उपरोक्त में से कोई नहीं उत्तर- 1 सितंबर 1872 प्रश्न2- साक्ष्य अधिनियम किस प्रकार की विधि है? सारवान विधि केवल प्राकृतिक विधि केवल परिक्रियात्मक विधि 1 और 3 दोनों प्रकार की उत्तर- केवल परिक्रियात्मक विधि प्रश्न3- निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नही है? यह कि किसी मनुष्य ने कुछ सुना या देखा, एक तथ्य है यह कि किसी मनुष्य ने अमुक शब्द कहे, एक तथ्य है यह कि किसी मनुष्य ने अमुक ख्याति है, एक तथ्य नहीं है यह कि कोई मनुष्य अमुक राय रखता है, एक तथ्य है उत्तर- यह कि किसी मनुष्य ने अमुक ख्याति है, एक तथ्य नहीं है प्रश्न4- भारतीय साक्ष्य अधिनियम में ‘न्यायालय’ शब्द के अंतर्गत निम्नलिखित में कौन सा नहीं आता है? सभी न्यायाधीश साक्ष्य लेने के लिए वैध रूप से अधिकृत सिटी मजिस्ट्रेट मध्यस्थ उत्तर- मध्यस्थ प्रश्न5- भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कितने अध्याय एवं धाराएं हैं? 164 धाराएं एवं 10 अध्याय 167 धाराएं एवं 10 अध्याय 167 धाराएं एवं 11 अध्याय 167 धाराएं एवं 9 अध्याय उत्तर- 167 धाराएं एवं 11 अध्याय- प्रश्न6- साक्ष्

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