अंतर धार्मिक विवाह करने के लिए किसकी अनुमति ज़रूरी है? क्या कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रार विवाह पंजीकरण करने से इनकार कर सकता है? जानिए प्राविधान

आप अगर सेकेंड हैंड कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए काम की हो सकती है। सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदने में की गई जल्दबाज़ी आपको ज़िन्दगी भर के लिए मुसीबत में डाल सकती है। इसलिए सेकंड हैंड गाड़ी खरीदने से पहले बहुत बारीकी से जाँच परख कर लेना चाहिए।
पुरानी कार खरीदते से पहले इन बातों का रखें ध्यान
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सबसे पहले यह तय करें की कार किस कंपनी की लेनी है। फिर अपनी ज़रूरत के हिसाब से तय करें कि कार नई खरीदनी है या पुरानी। आपको कार बड़ी फैमिली के लिए चाहिए या फिर न्यूक्लियर या छोटी फैमिली के लिए।
गाड़ी खरीदते समय इंश्योरेंस करवाना सबसे जरूरी होता है। बिना इंश्योरेंस के गाड़ी चलाने पर भारी जुर्माना हो सकता है।
कार जीतनी पुरानी होगी गाड़ी पर मेंटेनेंस उतना अधिक होगा। इसलिए गाड़ी का इंस्पेक्शन इस बात को ध्यान में रखते हुए करें।
अगर आप अपनी पुरानी गाड़ी को ऑनलाइन माध्यम से खरीदना चाहते हैं तो आप इसके लिए देश में कई प्रचलित कुछ वेबसाइट्स या ऐप्स का सहारा ले सकते हैं। इन ऐप्स में Car 24, Spinny और OLX सहित तमाम तरह के प्लेटफॉर्म शामिल हैं। इन सभी प्लेटफॉर्म सेकंड हैंड कारों पर एक से बढ़कर शानदार डील मिल जाएगी
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कोई गाड़ी यदि "जैसी नई" दिख रही है और इंजन भी नये जैसा है तो ऐसी गाड़ी खरीदना समझदारी होती है। आमतौर पर 2 से 8 साल पुरानी उपयोग की गई कार खरीदना सबसे अच्छा होता है। लेकिन इतना अवश्य ध्यान दे की पुरानी गाड़ी नई कीमत में न खरीदें।
कार मालिक से जरूर डॉक्यूमेंट्स मांगे। सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदने जाएं तो वाहन मालिक से उसके कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स की डिमांड अवश्य करें। डॉक्यूमेंट्स की ज़रूरत गाड़ी ट्रांसफर करवाने के लिए ज़रूरी होती है, जैसे-
पेमेंट करने के बाद आपको सभी डॉक्यूमेंट RTO ऑफिस भेजने होंगे। सभी डॉक्यूमेंट की वैरिफिकेशन होने के बाद आपकी गाड़ी आसानी से ट्रांसफर हो जाएगी। एक बार गाड़ी ट्रांसफर होने के बाद आरसी मात्र 7 दिनों में आपके घर आ जाएगी।
गाड़ी के आरसी यानी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट आप parivahan.gov.in ऑफिसियल वेबसाईट पर जा कर चेक कर सकते हैं। इसके लिए वेबसाइट पर जाने के बाद Know Your Vehicle Details पर क्लिक करना होगा फिर Vehicle Number को भरने के बाद गाड़ी के कागज चेक कर सकते है।
सरकार की नए निर्देश के अनुसार अब 15 साल पुरानी कार को स्क्रैपिंग में डाल दिया जायेगा मतलब ये है कि अगर किसी के पास 15 साल से ज्यादा पुरानी कार है तो उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। उस गाड़ी को रोड पर नहीं चला सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता पकड़ा गया तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल वाहनों को 15 साल और डीजल वाहनों को 10 साल तक की चला सकते हैं इसके बाद इन्हें अमान्य घोषित कर दिया जायेगा। अन्य राज्यों के लिए यह नियम इस प्रकार है कि 15 साल से पुराने हर निजी वाहन को हर पांच साल में नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होगा।
अभी यह नियम केवल राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली में लागू है कि पेट्रोल वाहन 15 साल और डीजल वाहनों को 10 साल तक ही चला सकते हैं इसके बाद यह कबाड़ हो जायेगा। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि देश की राजधानी दिल्ली को प्रदूषण मुक्त रखा जा सके। अभी फ़िलहाल सरकार का ऐसा कोई मंतव्य नहीं है। वर्तमान में भारत में कम से कम 1.2 करोड़ वाहन स्क्रैपिंग के पात्र हैं।
मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार, आरसी अपने मूल जारी होने के 15 साल बाद समाप्त हो जाती है, जिसके बाद इसे नवीनीकरण की आवश्यकता होती है। दूसरी ओर, मूल आरसी खो जाने या जल जाने पर डुप्लीकेट आरसी जारी की जाती है।
आरसी यानि रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का ट्रांसफर RTO ऑफिस जाकर या फिर ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है। गाड़ी खरीदने के बाद आरसी ट्रांसफर बहुत ज़रूरी होता है इसके बिना आप गाड़ी के असली मालिक नहीं कहे जायेंगे। आरसी ट्रांसफर करने के लिए जरूरी दस्तावेज। आरसी ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए बस सरकारी वेबसाइट parivahan.gov.in पर जाएं और एक अकाउंट बनाएं और जरूरी डिटेल्स भरें। आरसी ऑनलाइन ट्रांसफर करने पर राज्य द्वारा तय रुपये का शुल्क देना होगा। फॉर्म भरने के बाद इसे डाउनलोड करें और उस आरटीओ में जमा करें जिसे आपने उक्त फॉर्म को भरते समय चुना था।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 180 के तहत यदि कोई व्यक्ति बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाता है तो उस पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके साथ 3 महीने तक जेल भी हो सकती है। ट्रैफिक चेकिंग के दौरान सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स की हार्ड कॉपी का होना जरूरी है। इसे चाहे तो आप डिजिटल रूप में डीजी लाकर में भी रख सकते हैं।
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