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Showing posts from May, 2021
सत्यमेव जयते!
Today's News
कानून से जुड़ी ख़बर!
- क्या संपत्ति का पावर ऑफ अटॉर्नी सम्पति को मालिक की बिना जानकारी के बेच सकता है?
- बिना विवाह किये भी साथ रह सकते हैं। जानिए क्या है इस संबंध में कानून। क्या होते हैं एक कपल के अधिकार।
- महिला सम्मान की पैरवी करने वाले देश में मैरिटल रेप अपराध नहीं!
- तो अब किससे पास कितनी ज़मीन है पता चल सकेगा यूनीक लैंड कोड से, जानिए कैसे?
- जमानत क्या है और किसी व्यक्ति की जमानत कैसे ले सकते हैं?
- पोर्न देखकर किशोर ने किया 3 साल की बच्ची से रेप!
- शादी के बाद शादी का प्रमाण पत्र कैसे बनेगा? यहाँ पूरी जानकारी दी गई है!
- वसीयत करने से पहले संपत्ति धारक की मृत्यु हो जाने पर संपत्ति पर किसका अधिकार होगा है?
- हिन्दू धर्म में न दूसरी शादी की जा सकती है ना पहली से तलाक़ होगा
- क्या एक विवाहित बेटी अपने पिता की संपत्ति में हिस्से का दावा कर सकती है? सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पैतृक संपत्ति में बेटियों का होगा इतना अधिकार?
- Cyber Crime की शिकायत दर्ज कराने के लिए क्या जानकारी देनी होगी? साइबर अपराध (Cyber Crime) पोर्टल पर शिकायत कैसे करें?
- जानिए, अगर पति तलाक चाहता है और पत्नी नहीं चाहती तो क्या करें? क्या तलाक के बाद पति पत्नी साथ रह सकते हैं? पत्नी मायके से नहीं आए तो क्या करें?
- जानिए, कोर्ट मैरिज की फीस कितनी है? कोर्ट मैरिज में के लिए आवेदन कहाँ करना होता है? कोर्ट मैरिज में कितने दिन लगते हैं?
- क्या आपके मन में भी हैं ये सवाल कि गाड़ी कौन सी खरीदें? पुरानी गाड़ी खरीदने से पहले क्या देखना चाहिए? कार खरीदना है तो कैसे खरीदें?
कब एक निःसंतान सौतेली माँ दत्तक बच्चों से भरण-पोषण पाने का हकदार रखती है?- पढ़िए अधिवक्ता आशुतोष कुमार का लेख
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हिंदू दत्तक ग्रहण एवं पोषण अधिनियम के अंतर्गत एक बच्चे तथा वृद्ध माता-पिता की पोषण पाने का अधिकार प्राप्त है और विशुद्ध हिंदू विधि के अंतर्गत क्या अधिकार प्राप्त है। वृद्ध माता-पिता तथा संतान के भरण पोषण का अधिकार- हिंदू दत्तक ग्रहण एवं भरण पोषण अधिनियम की धारा 20 के अंतर्गत वृद्ध माता-पिता तथा संतानों को भरण पोषण का अधिकार प्रदान किया गया है। यह धारा उप बंधित करती है कि- इस धारा के उपबन्धों के अधीन रहते हुए यह है कि कोई हिंदू अपने जीवनकाल के दौरान धर्मज या अधर्मज अवयस्कों और वृद्धों तथा शिथिलांग माता-पिता का भरण पोषण करने के लिए बाध्य है। जबकि कोई धर्मज अथवा अधर्मज अवयस्क रहे वह अपने पिता या माता से भरण-पोषण पाने के लिए दावा कर सकेगा। किसी व्यक्ति को अपने वृद्ध शिथिलांग माता-पिता का या किसी पुत्री का, जो अविवाहिता हो भरण-पोषण करने की बाध्यता का विस्तार वहां तक होगा जहां तक कि माता-पिता या अविवाहित पुत्री, यथा स्थिति स्वयं अपने उपार्जनों या अन्य संपत्ति से अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ हो। स्पष्टीकरण- इस धारा में "माता" के अंतर्गत नि: संतान सौतेली मां भी ती है। इस प्रकार
कोर्ट किस अधिकार से एक IAS को कोर्ट में हाज़िर होने को आदेश दे सकता है?
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न्यायालय में उपस्थित बाध्य करने हेतु प्रावधान दंड प्रक्रिया संहिता (IPC) की धारा 61 से धारा 90 के अंतर्गत किसी व्यक्ति को न्यायालय में उपस्थित होने के लिए मजबूर करने के लिए कई तरीके बताये गये हैं- समन वारंट समन के बदले में वारंट भागे हुए व्यक्ति की उद्घोषणा (अख़बार या अन्य किसी प्रचलित सूचना के साधन से) संपत्ति की कुर्की बंधक-प्रतिभूतियों सहित अथवा रहित (सिक्योरिटी जब्त करके) समन:- धारा 61 के अनुसार न्यायालय द्वारा इस संहिता के अधीन जारी किया गया प्रत्येक समन लिखित रूप से हो और दो प्रतियों में, उच्च न्यायालय (हाई कोर्ट) के पीठासीन अधिकारी द्वारा या अन्य अधिकारी द्वारा जिसे न्यायालय नियम के द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट करें, हस्ताक्षरित होगा और उस पर न्यायालय की मुहर लगी हो। समन की तामील के लिए धारा 62 में कहा गया है कि प्रत्येक समन की तामील (रिसीविंग) पुलिस अधिकारी द्वारा ऐसे नियमों के अधीन जो राज्य सरकार के किसी अधिकारी द्वारा या अन्य लोक सेवक द्वारा दी जाएगी। यदि सम्भव हो तो, समन जिसके लिए जारी हुआ है उसे ही दो प्रतियों में से किसी एक को रिसीव कराके व्यक्तिगत रूप से दी जाए। प्रत्य
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- क्या पति पत्नी के बीच शारीरिक सम्बन्ध ना होना तलाक़ की वजह बन सकता है?
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- क्या तीन तलाक़ के मामलें में घर वालों पर केस दर्ज़ करवाया जा सकता है?
- क्या है प्रेम विवाह करने वाले बालिग जोड़ों की शादीशुदा जिंदगी की स्वतंत्रता?
- कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज कितने दिन में हो जाती है? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह चाहिए?
- आईपीसी की धारा 496, 493, 495 क्या है? बगैर तलाक के किसी स्त्री की शादी करने पर क्या कहता है क़ानून?