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Showing posts from November, 2021
सत्यमेव जयते!

अगर आप 18 वर्ष के हो गयें हैं तो मतदाता कार्ड ऐसे बनवाएं!

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ऐसे सभी भारतीय नागरिक जिनकी उम्र 18 वर्ष हो चुकी हो वे मतदाता पहचान पत्र बनवाने के योग्य हैं लेकिन इसकी क्या प्रक्रिया है कितना समय लगता है वोटर कार्ड बनवाने में इसकी पूरी जानकारी नीचे मौजूद है। यदि आपके में भी यह सवाल है कि- मतदाता वोटर कार्ड कैसे बनवाए? आवेदन कैसे करें? कितने दिन में कार्ड मिल जायेगा? तो इसके लिए यंहा दी गई यह जानकारी ध्यान से पढ़ें। मतदाता बनने के लिए के लिए योग्यता भारतीय नागरिक हो एवं भारत के किसी राज्य या प्रदेश के संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में सामान्यता निवास कर रहा हो। 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो या 1 जनवरी 2022 को 18 वर्ष की आयु पूरी कर रहा हो। कौन सा फॉर्म भर कर मतदाता बना जा सकता है फार्म 6  निर्वाचक नामावली (सूची) में नाम को सम्मिलित कराने के लिए। फार्म 6ए  किसी प्रवासी निर्वाचक (जो भारत के बाहर निवास करता हो) द्वारा नामावली में नाम सम्मिलित करना कराने के लिए। फार्म 7  निर्वाचक नामावली से नाम विलोपित (हटवाने के लिए) करने के लिए।  फार्म 8  निर्वाचक नामावली में प्रविष्टियों (वोटर कार्ड सही करवाने के लिए) की शुद्धि कराने के लिए। फार्म 8 ए एक ही निर्वाचन क्षेत

उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पेपर लीक होने की आशंका में निरस्त कर दी गई है।

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UP TET का पेपर लीक, प्रदेशभर में परीक्षा रद्द, मेरठ STF ने 23 लोगों को उठाया, पूछताछ जारी एसटीएफ (STF) ने इस मामले में 23 लोगों को गिरफ्तार किया है सभी से पूछताछ की जा रही है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि दोनों पालियों की परीक्षाएं निरस्त कर दी गई हैं  दोबारा कब होगी परीक्षा? सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय ने कहा कि एक महीने के भीतर दोबारा टीईटी परीक्षा कराई जाएगी। एप्लीकेंट्स को इसके लिए फीस दोबारा नहीं देनी पड़ेगी। यूपी टीईटी 2021 की परीक्षा दो पालियों में 2554 केंद्रों पर 28 नवंबर को प्रस्तावित थी। पहली में 12,91,628 और दूसरी पाली में 8,73,553 अभ्यर्थी शामिल होने थे। परीक्षा की तैयारी को लेकर गुरुवार को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने समस्त मंडल के कमिश्नर और जनपदों के जिलाधिकारी, प्रशासनिक अफसर, पुलिस आयुक्त, एसएसपी और जिला विद्यालय निरीक्षक के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग की थी। सुरक्षा में कोई कमी नहीं पहली बार परीक्षा केंद्रों पर लाइव सीसीटीवी के माध्यम से नजर रखने का प्लानिंग की गई थी। परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल फोन तथा अन्य इलेक्ट

बेडरूम में शूट की गई प्राइवेट विडियो भी पोर्नोग्राफी की दायरे में? : कोर्ट

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क्या अश्लीलता शत-प्रतिशत रोका जा सकता है? जब कानून में नहीं हुआ है 'इरॉटिक' शब्द का इस्तेमाल  एक सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम अश्लीलता के लिए किसी तरह का कोई पैमाना नहीं बना सकते क्योंकि यह एक सतत और सामान्य प्रक्रिया है लेकिन कंटेंट में अश्लीलता है या नहीं यह केस दर केस निर्भर करता है। पिछले दिनों हाई प्रोफाइल मुकद्दमें में राज कुंद्रा को पॉर्नोग्राफी मामले में गिरफ्तार किया गया जिसके बाद पोर्नोग्राफी कानून को लेकर चर्चा शुरू हो गई। अभी देश में पोर्नोग्राफी रोकथाम से संबंधित कई कठोर कानून है फिर भी यह बहस का मुद्दा है कि कंटेंट अश्लील या उत्तेजक होते हुए भी कलात्मक है या नहीं। भारतीय दंड सहिंता (IPC) में अश्लील कंटेंट के वितरण, बिक्री और सरकुलेशन को रोकने के लिए कानून के साथ सार्वजनिक तौर पर अश्लील हरकत करने वालों के खिलाफ केस दर्ज दर्ज करने का भी प्रावधान मौजूद है। लेकिन इसमें इलेक्ट्रॉनिक और वर्चुअली होने वाले कंटेंट ट्रांसमिशन की चर्चा नहीं है। इस बात को ध्यान में रखते हुए साल 2000 में आईटी एक्ट की धारा 67 का प्रावधान किया गया है, जिसमें अश्लील सामग्री का

क्या आप जानते हैं कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के अनुसार कौन पैतृक संपत्ति नहीं पा सकता?

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अयोग्यता (Disqualification of Hindu) हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 की धारा 24 से लेकर 29 तक में कुछ आधारों का उल्लेख किया गया है। जिन पर कि एक व्यक्ति पत्रक संपत्ति पाने के अयोग्य है। ये निर्योग्यतायें निम्नलिखित हैं- पुनर्विवाह से उत्पन्न निर्योग्यता (धारा 24) हत्या का अपराध (धारा 25) धर्म परिवर्तन से उत्पन्न निर्योग्यता (धारा 26) पुनर्विवाह पुनर्विवाह से उत्पन्न निर्योग्यता धारा 24 के अंतर्गत इस निर्योग्यता के विषय में उल्लेख किया गया है। यह धारा उपबंधित करती है- "जो कोई दायद पूर्व मृत पुत्र की विधवा पूर्व मृत पुत्र के पुत्र की विधवा या भाई की विधवा के रूप में निर्वसीय से नातेदारी रखती है? यदि उत्तराधिकार के सूत्रपात होने की तिथि में पुन: विवाह कर लेती है। तो वह निर्वसीयत की संपत्ति ऐसी विधवा के रूप में उत्तराधिकार प्राप्त करने की हकदार नहीं होगी।" इस धारा से स्पष्ट है कि किसी व्यक्ति की विधवा पुनर्विवाह (Remarriage) कर लेने के पश्चात उसकी विधवा नहीं रह जाती और उस व्यक्ति की विधवा के रूप में निर्वसीयत से उनका संबंध समाप्त हो जाता है इसलिए वह निर्वसीयत में से दाय प्राप्त

बच्चे को उसकी मर्ज़ी के बिना चूमना-लिपटना अपराध है!

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एक 30 साल के शख्स द्वारा जिसका नाम अब्दुल रहमान एक बच्ची को चूमने पर कोर्ट नें 5 साल की कैद की सजा सुनाई! प्रोटक्शन आफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (पोक्सो एक्ट) के तहत मुंबई की एक अदालत ने एक अधेड़ शख्स को एक बच्ची को जबरन चूमने के जुर्म में 5 साल की कैद की सजा सुनाई है। दोषी की उम्र लगभग 30 वर्ष है। दोषी का नाम अब्दुल रहमान लोहार है। उसे आर्थर रोड जेल में रखा गया है। कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सजा सुनाई। रिपोर्ट के मुताबिक में बच्ची पड़ोस में रहने वाले एक शख्स के घर गई थी। बच्ची का पिता जब अपने काम से लौट रहा था तभी उसे उसकी बहन ने फोन किया और घटना के बारे में जानकारी दी। पिता जब घर पर पहुंचा तो उसने पूरे मामले की जानकारी अपनी पत्नी से मिली और बेटी ने उसे बताया कि आखिर क्या हुआ था। वहाँ रहने वाले लोगों ने बताया की उस दिन क्या हुआ था उत्पीड़न घटना की रिपोर्ट के मुताबिक शख्स की छोटी बेटियां चाल में स्थित कॉमन वॉशरूम का इस्तेमाल करने गई थी। वहां करीब 10 वर्षों में एक ही रूम में बना हुआ है। वहीं पर रहने वाले एक शख्स ने जब लड़कियां वॉशरूम पहुंचा के देखा तो वह भी वहाँ पहुँच ग

तुम सेक्सी लग रही हो कहना अपराध है क्या? फ्लर्ट और छेड़खानी में क्या अंतर है?

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छेड़खानी और यौन उत्पीड़न के बीच अंतर क्या है? छेड़खानी और यौन उत्पीड़न के बीच का अंतर सरल है। यदि यह अवांछित (असहनीय या बिना स्वीकृति) है, तो यह यौन उत्पीड़न है। यौन उत्पीड़न यौन प्रकृति का कोई वांछित या अवांछित व्यवहार है, और छेड़खानी एक यौन प्रकृति का व्यवहार है! क्या फ्लर्ट करना उत्पीड़न है? अगर कोई फ़्लर्ट करता है और यह अवांछित है, तो उस व्यक्ति को रुकने के लिए कहें। यदि वे नहीं रुकते हैं, तो इसे उत्पीड़न माना जाता है। किसी को परेशान करना गैर कानूनी है। छेड़खानी और यौन उत्पीड़न के बीच मुख्य अंतर यह है कि यौन उत्पीड़न अवांछित है। मुझे कैसे पता चलेगा कि यह उत्पीड़न है? छेड़खानी और उत्पीड़न के बीच अंतर के लिए छवि परिणाम 5 तरीके आप बता सकते हैं कि क्या कोई आपका यौन उत्पीड़न कर रहा है आप सेक्सिस्ट व्यवहार का पता ऐसे लगायें। वे लगातार आपके साथ फ्लर्ट करते हैं। वे आपको वरिष्ठता या पद का उपयोग करके धमकाते हैं और गलत काम करने के लिए उक्सातें हैं। वे ऑनलाइन आपके साथ अनुपयुक्त व्यवहार करते हैं। वे व्यक्तिगत जानकारी साझा करते हैं जो आप नहीं चाहते हैं की वो सबको पता चले। इश्कबाजी और छेड़खानी मे

फ्लिपकार्ट (FIlpkart) और अमेजॉन (Amazon) की जाँच ज़रूरी : सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने अमेजॉन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Filpkart) के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कानून के तहत सीसीआई की जांच में दखल देने से मना कर दिया है। दोनों कंपनियों को जवाब देने के लिए 4 हफ्ते की मोहलत मिली है। इसके बाद कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई- CCI) अमेजॉन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Filpkart) के खिलाफ अपनी जांच शुरू कर सकता है।  चीफ जस्टिस एन वी रमना (N.V. Ramanna) की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने कहा कि जांच को चुनौती देना आपराधिक कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज (FIR) करने से पहले नोटिस चाहने जैसा है। बेंच ने ई-कॉमर्स कंपनियों को सीसीआई (CCI) की जांच में सहयोग करने के लिए कहा। बेंच ने कहा हम उम्मीद करते हैं कि amazon और Flipcart जैसे बड़े संगठन पूछताछ के लिए खुद आगे आएंगे। ऐसी संस्थाओं को पेश होना होगा और जांच भी करवानी होगी। क्या था मामला? इसके अलावा अमेजॉन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Filpkart) ने सुप्रीम कोर्ट में सीसीआई (CCI) के उस आदेश पर भी रोक लगाने की मांग की थी जिसमें दोनों कंपनियों को करीब 32 सवालों के जवाब मांगे गए थे। इनमें टॉप 100 सेलर्स और टॉप सेलिंग प्रोडक्ट्स के नाम शामिल थे। क

त्वचा से त्वचा छू के किया गया हो तभी पाक्सो के तहत यौन अपराध है? : सुप्रीम कोर्ट

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स्किन टू स्किन संपर्क नहीं तब भी पाक्सो के तहत अपराधी  यौन उत्पीड़न के मामलों में स्किन टू स्किन (शरीर से शरीर) संपर्क नहीं होने पर भी पाक्सो के तहत अपराध माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हाईकोर्ट के उस विवादास्पद फैसले को दरकिनार कर दिया, जिसमें पॉक्सो कानून की धारा 8 के तहत यौन उत्पीड़न के अपराध के लिए त्वचा से त्वचा संपर्क जरूरी बताया गया था। जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ ने बृहस्पतिवार को कहा कि यौन उत्पीड़न के अपराध को स्थापित करने के लिए सबसे जरूरी चीज यौन इच्छा (दुर्भावना) से किया गया स्पर्श है, इसके लिए त्वचा का त्वचा से संपर्क होना जरूरी नहीं है। हाईकोर्ट ने इस मामले में आरोपी लिबनुस को बरी कर दिया था। पीठ ने विवादास्पद फैसले के खिलाफ अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल, महाराष्ट्र सरकार और महिला आयोग तथा अन्य की अपीलों को स्वीकार कर लिया। जस्टिस बेला त्रिवेदी ने अपने और जस्टिस ललित की ओर से लिखे फैसले में कहा है कि पाक्सो की धारा 7 के तहत स्पर्श और शारीरिक संपर्क के अर्थ को त्वचा से त्वचा संपर्क तक सीमित करना न सिर्फ संकीर्ण व पांडित्यपूर्

Weekly Roundup: कर्ज वापस मांगना आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं, जमानत के बाद चार्जशीट होने से दोबारा गिरफ्तारी नहीं,

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News 1 कर्ज वापस मांगना आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर (FIR) रद्द कर दी है। कर्मचारी पर एक कर्जदार से कर्ज चुकाने की मांग करने पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था। हाईकोर्ट ने कहा कि यह कर्मचारी की ड्यूटी का हिस्सा था। यह नहीं कहा जा सकता है कि उसने कर्जदार को जीवन खत्म करने के लिए उकसाया उसका मकसद कर्जदार को आत्महत्या के लिए उकसाने या प्रेरित करने का नहीं था। जस्टिस विनय देशपांडे और जस्टिस अनिल किलोर की बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता रोहित नलबाडे फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी होने के नाते कर्जदार प्रमोद चौहान से बकाया कर्ज की वसूली करने की कोशिश करके सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहा था। इस संबंध में 8 अगस्त 2018 को महाराष्ट्र के वाशिम जिले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।  अभियोजन पक्ष ने हाईकोर्ट को बताया कि चौहान ने एक नया वाहन खरीदने के लिए 6.21 लाख रुपए का कर्ज लिया था। समझौते के मुताबिक इस कर्ज का भुगतान 4 साल में ₹17800 की मासिक किस्तों के जरिए किया जाना था। चौहान जब कर्ज नहीं चुका सके तो उन्होंने आत्महत्या क

महिलाओं में वैक्सीन से होने वाली एलर्जी के 90% मामले पाए गये?

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देश के आखिरी छोर तक पहुंचाऐंगे वैक्सीन  पूरे देश में एक बार फिर कोरोना की वैक्सीन लगाने का पूर्वाभ्यास किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने गुरुवार को देश के सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात कर इसकी तैयारियों की जानकारी हासिल की। हर्षवर्धन इस मौके पर तमिलनाडु में रहेंगे और टीकाकरण की तैयारी का जायजा लेंगे। उन्होंने बातचीत के दौरान स्वास्थ्य मंत्रियों से कहा कि वैक्सीनेशन से जुड़ा एक एक इंतजाम पुख्ता होना चाहिए ताकि किसी तरह की चूक न हो। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविडशील्ड और कोवैक्सीन देशभर में उपलब्ध होने जा रही है। हमारी कोशिश इन वैक्सीन को देश के आखिरी छोर तक पहुंचाने की है। यूपी और हरियाणा को छोड़कर सभी राज्यों के हर जिले में टीकाकरण का ड्राई रन होगा। यह दोनों राज्य यह काम कर चुके हैं। दूसरे दौर के देशव्यापी ड्राइरन के तहत 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 736 जिलों में वैक्सीन लगाने का पूर्वाभ्यास किया जाएगा। हर्षवर्धन ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से आग्रह किया कि वह इस काम पर खुद भी नजर रखें और सरकार

बिल्डरों की मनमानी रोकने को हाई-कोर्ट का आदेश!

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हाई कोर्ट ने एक आदेश में स्पष्ट किया कि बिल्डरों को लगाना होगा प्रोजेक्ट के हर जरूरी जानकारी का बोर्ड बिल्डरों को मुसीबत से बचाएगा यह आदेश! अब से सभी बिल्डरों को अपनी साइट पर प्रोजेक्ट से जुड़ी हर जरूरी जानकारी वाला बोर्ड लगाना होगा। सिल्वर बिल्डटेक डेबलप की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने आदेश दिया हैं। कोर्ट के आदेश पर एलडीए (LDA) ने सुझाव दिया था कि 8 बिंदुओं की जानकारी वाला बोर्ड लगाने और सात अन्य शर्तों का पालन होने से खरीदारों को भविष्य की परेशानियों से बचाया जा सकता है। इस पर जस्टिस अनिल कुमार और जस्टिस सौरभ लवानिया की बेंच ने एलडीए को इसके लिए चार सप्ताह में जरूरी निर्देश जारी करने को कहा है। LDA में प्रोजेक्ट को अवैध करार दिया कोर्ट में दाखिल याचिका में बताया गया है कि डेवलपर ने विजय खंड में प्लॉट नंबर ए-1/16 पर बहुमंजिला इमारत बनाकर लोगों को फ्लैट बेच दिए लेकिन बाद में 16 दिसंबर 2006 को एलडीए (LDA) के पदाधिकारी ने इसे अवैध निर्माण करार दिया था। इसके खिलाफ एलडीए चेयरमैन (LDA, Chairman) से अपील की गई लेकिन इसी बीच एलडीए (LDA) के पत्र  पर लेसे ने बिजली कनेक्शन भी काट दिया

अधिवक्ता के साथ बदसलूकी करने पर एक दरोगा व चार सिपाहियों सहित पांच पुलिससवालों को निलंबित किया गया!

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अधिवक्ता के साथ बदसलूकी करने के चलते एक दरोगा व चार सिपाहियों सहित पांच पुलिससवालों को निलंबित कर दिया क्या है पूरा मामला? मामला जार्जटाउन थाने का है जहां एक अधिवक्ता को अवैध रूप से बंदी गृह में रखने और बदसलूकी करने के चलते एक दारोगा और चार सिपाहियों सहित पांच पुलिससवालों को निलंबित कर दिया। मामला राज्य विधि अधिकारी और इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता पंकज सिंह से जुड़ा है। पंकज सिंह को अवैध रूप से जार्जटाउन थाने में बंदी गृह में बैठाने और उनके साथ बदसलूकी करने से जुड़ा हुआ है। मामला तूल पकड़ता गया जिसके बाद सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने जार्जटाउन थाने के एक दारोगा और चार सिपाहियों सहित पांच पुलिससवालों को निलंबित कर दिया है। कौन है अधिवक्ता पंकज सिंह? अधिवक्ता पंकज सिंह टैगौर टाउन के शिवम विहार अपार्टमेंट में रहते हैं। पंकज सिंह बिल्डिंग सोसायटी के सचिव भी हैं। सिंह बताते हैं कि इसी अपार्टमेंट में संतराम यादव नाम के एक शख्स का एक फ्लैट है जिसमें काफी समय से ताला बंद है। लेकिन बीती 19 सितंबर को कुछ लड़के और लड़कियां उस फ्लैट में किराए पर रहने के लिए आए। कुछ दिन तक सब सामान्य था किन्तु एक दिन रात

RTI में कौन सी धारा हमारे काम की है? RTI कैसे काम करता है?

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Right to Information RTI यानि Right to Information हमारे लिए एक मज़बूत हथियार की तरह है, जिससे हम अपने अधिकारों या न्याय के लिए मौजूदा प्रावधानों की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते है। आज RTI हमारी के ज़रूरत बन गया है ऐसे में RTI से कैसे किसी विषय की जानकारी प्राप्त की जा सकती है तह जानना बहुत ज़रूरी हो गया है लेकिन क्या आप जानते है की RTI की कौन सी धारा हमारे काम की है? RTI में कौन सी धारा हमारे काम की है- धारा 61-  आरटीआई का आवेदन लिखने की धारा है धारा 63-  अगर आपका आवेदन गलत विभाग में चला गया है तो वह विभाग इसको 63 धारा के अंतर्गत सही-सही विभाग में 5 दिन के अंदर भेज देगा।  धारा 75-  इस धारा के अनुसार बीपीएल कार्ड वालों को कोई आरटीआई शुल्क नहीं देना होगा।  धारा 76-  इस धारा के अनुसार अगर आरटीआई का जवाब 30 दिन में नहीं आता है तो सूचना नि:शुल्क दी जाएगी।   धारा 18 -अगर कोई अधिकारी जवाब नहीं देता तो उसकी शिकायत सूचना अधिकारी को दी जाए।   धारा 8-  इसके अनुसार वह सूचना आरटीआई में नहीं दी जाएगी जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा हो या विवाद की आंतरिक जांच को प्रभावित करती हो।  धारा 19-  अ

राष्ट्रीयता क्या है? राष्ट्रीयता कैसे तय होती है? राष्ट्रीयता को प्राप्त करने तथा समाप्ति के कौन-कौन से तरीकों हैं? जानिए भारत सरकार के नियम

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राष्ट्रीयता क्या है?  राष्ट्रीयता  कैसे तय होती है? क्या राष्ट्रीयता का अंतर्राष्ट्रीय कानून से प्रभावित होती है? राष्ट्रीयता को प्राप्त करने तथा समाप्ति के कौन-कौन से तरीकों हैं? इन सभी सवालों के जवाब दे रहें हैं - विधि विशेषज्ञ अधिवक्ता आशुतोष कुमार What is Nationality? How is it ascertained? what is the importance of nationality under Inter national law? Discuss the modes of acquiring and losing Nationality? राष्ट्रीयता क्या है? (What is Nationality) राष्ट्रीयता वह गुण है जो किसी विशिष्ट जाति या राष्ट्र की सदस्यता से उत्पन्न होता है और जो किसी व्यक्ति की राजनीतिक स्थिति या उसका राज्य और नागरिक के बीच स्थापित निरंतर चलने वाला वैध संबंध है। राष्ट्रीयता के अर्थ के बारे में विभिन्न विद्वानों के मत निम्न प्रकार हैं- फेन्विक के अनुसार , "राष्ट्रीयता एक ऐसा बंधन है जो व्यक्ति को राज्य के साथ सम्बद्द करके उसे राज्य विशेष का सदस्य बनाता है और उसे राज्य के संरक्षण का अधिकार दिलाता है तथा उसका उत्तरदायित्व होता है कि वह राज्य द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन करें"। केलसन के अनुसार, &

अब गाड़ी के पेपर नहीं होने पर पुलिस कागज़ दिखाने के लिए कहे तो ये करें, चालान नहीं होगा!

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अब वाहन मालिक ट्रैफिक पुलिस या परिवहन विभाग को डिजी-लॉकर (DigiLocker) या फिर एम-परिवहन (m-Parivahan) मोबाइल ऐप में के माध्यम से डिजिटली रखे गए डॉक्यूमेंट्स को दिखा सकते हैं जो उसी तरह मान्य होगा जो जैसे ओरिजिनल पेपर। केंद्र सरकार इस फैसले से देशभर के करोड़ों वाहन चालकों को राहत मिली है सरकार के फैसले के बाद अब देश की राजधानी दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) समेत पूरे देश में ड्राइविंग लाइसेंस (DL) और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) यात्रा के दौरान अपने साथ रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे पहले इस कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं थी, वहीं अब गाड़ी के साथ ओरिजिनल पेपर रखने की झंझट खत्म देशभर में कहीं भी आप अपने डॉक्यमेंट्स को डिजिटली दिखा सकेंगे और ये उसी तरह मान्य होंगे जिस तरह आम ड्राइविंग लाइसेंस होता है। अब इस नियम को मिली कानूनी मान्यता केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की ओर से एक आदेश जरी किया गया। इस आदेश में कहा गया है कि अब सभी राज्यों में m-Parivahan ऐप और DigiLocker में सेव किए गए डॉक्यूमेंट्स को वैलिड माने जाएंगे। इस बदलाव को अब कानूनी मान्यता दे दी गई है जो इस आदेश के साथ ही लागू होगा। सरक

Weekly News Updates : घाटे वाली कंपनियों से जल्द छुटकारा मिले ऐसे नियम बना रही है सरकार

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आरबीआई (RBI) ने एसबीआई (SBI) और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पर लगाई पेनल्टी भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार नियामक अनुपालन में कमियों के लिए देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक पर 1करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। वहीं केंद्रीय बैंक ने प्राइवेट बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पर भी 1.95 करोड रुपये का जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक के बयान के मुताबिक स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक निर्धारित समय के अंदर साइबर सुरक्षा घटना की रिपोर्ट करने में विफल रहा है। साथ ही उसने अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन वाली रकम को वापस खाताधारक के खाते में क्रेडिट भी नहीं किया। इसी लापरवाही के मद्देनजर आरबीआई ने बैंक पर यह पेनल्टी लगाई है। फ्यूल पर एक्सरसाइज में कटौती होगी चुनावी माहौल के बीच आखिरकार पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से आम लोगों को कुछ राहत देने की कवायद शुरू हो गई है। पेट्रोलियम व वित्त मंत्री के बीच बातचीत का दौर शुरू हो चुका है कि किस तरह से पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को कम किया जाए। सूत्रों के अनुसार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती के साथ अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। वित्त

जमानत के आदेश के बाद कैदी को रिहा करने में देरी कानून व्यवस्था का मज़ाक है: सुप्रीम कोर्ट

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यदि किसी कैदी की जमानत अर्ज़ी स्वीकार हो गई है और वह अभी भी जेल में बंद है तो सरकार, प्रशासन की क्या भूमिका बनती है? ऐसे मामलों में जिसमें विचाराधीन कैदियों को जमानत का आदेश अदालत से पारित होने जाने के बावजूद उनकी रिहाई में देरी हो रही है जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ (SC Judge DY Chandrachud) ने स्पष्ट किया है, "जमानत का आदेश जेलों तक पहुचने में हो रही देरी उचित नहीं है। इस पर आवशयक कार्यवाही होना सुनिश्चित किया जाये। जमानत का आदेश जेलों तक पहुचने में हो रही देरी पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा की यह 'बहुत गंभीर कमी' है और कहा है कि इसे 'युद्धस्तर' पर दूर करने की आवशयकता है, उन्होंने ने कहा की हर विचाराधीन कैदी की 'मानव स्वतंत्रता' होती है और इसे नकारा नहीं जा सकता एक कैदी के अधिकारों को नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता। हाल में हुए एक वाक्ये जिसमें अभिनेता शाहरुख खान (Shahrukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) को ड्रग्स केस (Drugs Case) में बेल मिलने के बावजूद एक अतिरिक्त दिन जेल में बिताना पड़ा इसी मुद्दे

अधिवक्ता कल्याण निधि से वकीलों को मिलेंगे पांच लाख रुपये, जानिए क्या है पात्रता?

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वकीलों को कल्याण निधि से मिलेंगे ₹5 लाख रुपये पहले यह रकम ₹ 1,50,000 थी। उत्तर प्रदेश सरकार कैबिनेट ने यूपी अधिवक्ता कल्याण अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इस अधिनियम के तहत बीमा न्यायालय न्यायालय  कैबिनेट ने सामाजिक सुरक्षा संहिता नियमावली 2021 को भी हरी झंडी दी है। इसके तहत प्रदेश में कर्मचारी बीमा न्यायालय स्थापित होंगे। बीमा न्यायालय को कर्मचारियों के मामले 6 महीने में निस्तारित करने होंगे। मामला छह माह में नहीं निपटता तो रोजाना सुनवाई करनी होगी। 5 साल की नियमित सेवा पर ग्रेजुएटी मिलेगी, जबकि पत्रकारों के लिए यह सीमा 3 साल ही होगी। असंगठित क्षेत्र के कल्याण बोर्ड की नियमावली बनाई जाएगी। निजी कंपनियों को भी रिक्तियों की जानकारी सेवायोजन विभाग को देनी होगी। आर्थिक कमजोर वकीलों के लिए राज्य सरकार ने जारी किए 250 करोड़ कोविड 19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे देश में लागू किये गये लॉकडाउन से यदि किसी का सर्वाधिक नुकसान हुआ तो वह अधिवक्ता ही हैं। रोज कमाने खाने वाले अधिवक्ताओं को आर्थिक मदद दिलाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका पर हुई सुनवाई के बाद राज्य सरकार

कर्मचारी द्वारा की गई झूठी घोषणा उसे नौकरी से निकालने के लिए काफ़ी है? : सुप्रीम कोर्ट

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कर्मचारी द्वारा की गई झूठी घोषणा या आपराधिक मामले में भागीदारी को होना, उस कर्मचारी को नियुक्ति के हक से वंचित किया जा सकता है ऐसे में वह अधिकार के रूप में सेवा मे जारी नहीं रख सकता हैः सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक कर्मचारी जिसने किसी योग्यता अथवा सेवा से जुड़ी किसी प्रकार की झूठी घोषणा की है या एक आपराधिक मामले में संलिप्त होते हुए भी अपने भौतिक तथ्य को छुपाने का प्रयास करते पाया गया था, तो वह नियुक्ति के लिए या अधिकार के रूप में सेवा में बने रहने का हकदार नहीं होगा। जस्टिस एमआर शाह (MR Shah) और जस्टिस एएस बोपन्‍ना (AS Bopanna) की खंडपीठ ने कहा, "यदि जहां नियोक्ता को लगता है कि एक कर्मचारी जिसने शुरुआत में ही गलत बयान दिया और आवशयक भौतिक तथ्यों का खुलासा नहीं किया है या भौतिक तथ्यों को छुपाया है जबकि वह किसी आपराधिक कृत्य में संलिप्त था तो उसे सेवा में जारी रखने का कोई अधिकार नहीं हो सकता क्योंकि ऐसे कर्मचारी पर भविष्य में भी भरोसा नहीं किया जा सकता है, तब ऐसे परिस्थिति में नियोक्ता को ऐसे कर्मचारी को नौकरी पर रखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। ऐसे कर्मचारी को जार

मेहनत करो पसीना बहाओ और पसीना बेकार नहीं जायेगा बल्कि फ़ोन चार्ज करेगा! कमाल का आविष्कार है ये तो!

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अब आपके पसीने से चार्ज होंगे फोन व स्मार्टवॉच कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने उंगलियों पर पहनने वाला डिवाइस का प्रोटोटाइप बनाया है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने डिवाइस का एक प्रोटोटाइप तैयार किया है। इसकी मदद से पसीने से फोन चार्ज होगा। इस डिवाइस को उंगलियों पर पहनाया जाएगा। रात में सोते या बैठे वक्त निकलने वाले पसीने से बिजली तैयार होगी। इससे स्मार्ट फोन चार्ज होगा। डिवाइस को कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने तैयार किया है। 10 घंटे की नींद से डिवाइस ने लगभग 400 मिली जूल ऊर्जा एकत्र की। यह ऊर्जा 24 घंटे के लिए स्मार्ट वाच को चार्ज कर देगी। 1 घंटे की टाइपिंग व माउस पर क्लिक करने से डिवाइस ने 30 मिली जूल एकत्र किए। समझिये की कैसे काम करता है डिवाइस?  इस डिवाइस में इलेक्ट्रिकल कंडक्टर लगे हैं। इसमें कार्बन फोम का इस्तेमाल किया गया है जो उंगलियों से निकलने वाला पसीना सोखता है। इलेक्ट्रोड पर मौजूद एंजाइम पसीने के कणों के बीच केमिकल रिएक्शन शुरू करते हैं। इससे बिजली पैदा होती है। इलेक्ट्रोड के नीचे छोटी चिप लगाई गई है जिसे दबाने पर डिवाइस पावर जनरेट करने लगती है। उंगलियों के लिए

ये बात जान लीजिये ताकि आपको बीमा क्लेम के लिए कोर्ट का दरवाज़ा ना खटखटाना पड़े!

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अगर LIC का प्रीमियम पूरा नहीं भरा है और पॉलिसी की अवधि भी खत्म हो गई हो तो क्या क्लेम कर सकते हैं? Life Insurance Corporation of India के बीमा क्लेम के एक केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी बीमा पालिसी के प्रीमियम का भुगतान नहीं किया गया हो तो इस कारण पॉलिसी की अवधि समाप्त होने पर किया गया दावा माना नहीं जा सकता है। कोर्ट ने साथ ही कहा कि बीमा पॉलिसी की शर्तों की सख्ती से व्याख्या की जानी चाहिए जो सरलता से समझा जा सके मामला जैसलमेर का है  मान लीजिए कि आपने कोई इंश्योरेंस पॉलिसी ली है, लेकिन किसी करणवश आपने प्रीमियम नहीं भरे और उसकी अवधि भी खत्म हो गई तो ऐसे में क्या आप बीमा क्लेम कर सकते हैं? या आपका बीमा का दावा खारिज किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने LIC (Life Insurance ) ऐसे ही एक केस की सुनवाई के दौरान टिप्पणी की है. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि किसी बीमा पालिसी के प्रीमियम का भुगतान नहीं करने के कारण पॉलिसी की अवधि समाप्त होने पर किया गया दावा खारिज किया जा सकता है जिसके लिए अन्य कोई विकल्प नहीं दिया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने साथ ही यह भी कहा कि बीमा पॉलिसी की शर्तों की सख्ती से व

Right To Information Act 2005 परीक्षा के बाद अपनी जाँची गई कॉपी देखने का अधिकार देता है!

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आरटीआई (RTI) कानून के तहत है छात्रों को अपनी खुद की उत्तर पुस्तिका के निरीक्षण का अधिकार प्राप्त है: सीआईसी (CIC) सूचना का अधिकार अधिनियम 2005  (Right to Information Act 2005) के तहत एक परीक्षार्थी को अपनी उत्तर पुस्तिका की जांच या निरीक्षण करने का अधिकार है। इस मामलें में केंद्रीय सूचना आयोग यानि सीआईसी (CIC) ने यूजीसी में कार्यरत एक सीनियर रिसर्च फैलो की तरफ से दी गई अर्जी पर सुनवाई करते हुए टिपण्णी की। इस मामले में एक आरटीआई (RTI) की अर्जी सीपीआईओ (CPIO), (नेशनल इंस्ट्टियूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस (एनआईएमएचएएनएस- NIMHANS) के खिलाफ दायर की गई थी। अर्जी दायर करने वाले ने अपनी उत्तर पुस्तिका के संबंध में सात तथ्यों पर जानकारी मांगी थी।  यह उत्तर पुस्तिका उसकी एम.फिल (M. Phill) पीएसडब्ल्यू (PSW) के पार्ट-वन की वार्षिक व पूरक परीक्षा की थी जो उसने वर्ष 2017 में दी थी। इस आरटीआई (RTI) के जवाब में सीपीआईओ (CPIO) ने उसे एक पत्र के जरिए सभी तथ्यों का जवाब दे दिया लेकिन अर्जी दायर करने वाला इससे संतुष्ट नहीं हुआ और उसने एफएए (FAA) से पुनः जानकारी मांगी, जिन्होंने उसे कुछ अतिरिक्त जान

सुरक्षा परिषद (Security Council) की स्थापना कैसे हुई और क्या उदेश्य है इस संगठन का!

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सुरक्षा परिषद के गठन, कार्य एवं शक्तियों का विस्तार वर्णन कीजिए। Explain fully the constitution, functions and power of security council. सुरक्षा परिषद का गठन (Constitution Of Security Council) सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र का एक प्रमुख अंग है। चार्टर के अनुच्छेद 23 के अनुसार, इसमें कुल 15 सदस्य हैं जिनमें से 5 स्थाई तथा 10 अस्थाई सदस्य होंगे। 5 स्थाई सदस्यों में चीन, फ्रांस, सोवियत समाजवादी गणराज्य संघ, ग्रेट ब्रिटेन तथा संयुक्त राज्य अमेरिका होंगे। महासभा संयुक्त राष्ट्र के 10 अन्य सदस्यों को निर्वाचित करेगी जो सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य होंगे जिनका निर्वाचन 2 वर्ष के लिए सामान्य सभा से होता है। सुरक्षा परिषद के प्रत्येक सदस्य का एक-एक प्रतिनिधि होता है।   सुरक्षा परिषद की मतदान प्रक्रिया (Voting Procedure of Security)   सुरक्षा परिषद में मतदान प्रक्रिया एक विशिष्ट प्रणाली है। चार्टर के अनुच्छेद 27(1) के अनुसार, सुरक्षा परिषद के प्रत्येक सदस्य को एक मत देने का अधिकार है। अनुच्छेद 27(2 ) के अनुसार, प्रक्रिया संबंधी विषयों पर सुरक्षा परिषद द्वारा निर्णय 9 सदस्यों के सकारात

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