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अधिवक्ता के साथ बदसलूकी करने के चलते एक दरोगा व चार सिपाहियों सहित पांच पुलिससवालों को निलंबित कर दिया
मामला जार्जटाउन थाने का है जहां एक अधिवक्ता को अवैध रूप से बंदी गृह में रखने और बदसलूकी करने के चलते एक दारोगा और चार सिपाहियों सहित पांच पुलिससवालों को निलंबित कर दिया। मामला राज्य विधि अधिकारी और इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता पंकज सिंह से जुड़ा है। पंकज सिंह को अवैध रूप से जार्जटाउन थाने में बंदी गृह में बैठाने और उनके साथ बदसलूकी करने से जुड़ा हुआ है।
मामला तूल पकड़ता गया जिसके बाद सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने जार्जटाउन थाने के एक दारोगा और चार सिपाहियों सहित पांच पुलिससवालों को निलंबित कर दिया है।
अधिवक्ता पंकज सिंह टैगौर टाउन के शिवम विहार अपार्टमेंट में रहते हैं। पंकज सिंह बिल्डिंग सोसायटी के सचिव भी हैं। सिंह बताते हैं कि इसी अपार्टमेंट में संतराम यादव नाम के एक शख्स का एक फ्लैट है जिसमें काफी समय से ताला बंद है। लेकिन बीती 19 सितंबर को कुछ लड़के और लड़कियां उस फ्लैट में किराए पर रहने के लिए आए। कुछ दिन तक सब सामान्य था किन्तु एक दिन रात लगभग 12 बजे वे लोग फ्लैट में शोरगुल करने लगे। इससे बिल्डिंग में रहने वाले अन्य लोगों को दिक्कत हुई तो सभी ने पंकज सिंह से इसकी शिकायत की।
पंकज सिंह ने शोर मचा रहे लड़के-लड़कियों से इस बारे में बात की तो उनमें से कई लड़के उनसे उलझ गए। मामला बढ़ता गया और इस पर विवाद शुरू हो गया। लेकिन इसी बीच किसी ने जार्ज टाउन थाने पर फोन कर सूचना दी और पुलिस बुला ली। जार्ज टाउन थाने के सब इंस्पेक्टर संजीव कुमार अपने साथ चार कांस्टेबल लेकर आए और बिना बात को पूरी तरीके से समझे पंकज सिंह को पीटना शुरू कर दिया। उनको पीटते व गालियां देते हुए घसीट कर थाने ले गए और लॉकअप में बंद कर दिया और उनको सुबह छोड़ा गया।
संजय सिंह ने इसकी शिकायत एसएसपी से की थी जिस पर एसएसपी ने क्षेत्राधिकारी आस्था जायसवाल को मामले की जांच सौंपी। अपार्टमेंट में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और जांच में यह साबित हो गया कि संजय सिंह के आरोप प्रथम दृष्टया सही है।
रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने उप निरीक्षक संजीव कुमार, हेड कांस्टेबल जयप्रकाश मिश्रा, कांस्टेबल अनुज, राधेश्याम साहनी और रणविजय सिंह को निलंबित कर विभागीय जांच बैठा दी है। वहीँ खुद एसपी सिटी ने बुधवार को हाईकोर्ट में उपस्थित होकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई से अदालत को अवगत कराया ।
इस पूरे प्रकरण पर संजय सिंह का कहना है कि पुलिस पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से ऐसा लगता है कि शोरगुल करने वालों की उनसे पहले से सांठगांठ थी और सब कुछ किसी योजना के तहत सोच समझ कर के किया गया है।
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