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सत्यमेव जयते! Join Us on YouTube

अंतर धार्मिक विवाह करने के लिए किसकी अनुमति ज़रूरी है? क्या कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रार विवाह पंजीकरण करने से इनकार कर सकता है? जानिए प्राविधान

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दो अलग अलग धर्म में बालिग लड़का लड़की जब विवाह के बंधन में बंधना चाहते हैं तो उनके मन में तरह तरह के ख्याल उत्पन्न होते है शादी कैसे करें? शादी का पंजीकरण होगा या नहीं होगा?  जैसे तमाम प्रश्नों के उत्तर के लिए ये लेख पढ़ें अंतर्धार्मिक कोर्ट मैरिज के लिए किससे अनुमति लें? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए टिप्पणी में कहा है कि आज देश आर्थिक व सामाजिक बदलाव के दौर से गुजर रहा। ऐसे में सभी को संविधान की प्रतावना के अनुरूप स्वतंत्रता पूर्वक जीने का अधिकार भी है। इसलिए किसी को धर्म परिवर्तन के लिए सरकारी अनुमति लेने को बाध्य नहीं किया जा सकता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले 17 जोड़ों मायरा और वैष्णवी, विलास-सिरसीकर, जीनत अमान और स्नेहा आदि की याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दी। कोर्ट ने कहा कि हमारा समाज आर्थिक और सामाजिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है। कानून की सख्त व्याख्या संविधान की भावना को निरर्थक बना सकती है। विवाह और धर्म परिवर्तन दो ऐसे मुद्दे हैं जो व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला हो सकता है भारतीय सविंधान का अनुच्छेद 21 देता है निजता की गारंट...

प्रेमिका से बेवफाई, अपराध कैसे हुआ भाई? : दिल्ली हाई कोर्ट

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आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र 18 साल ही रहे:  कमीशन कमीशन ने माना- पॉक्सो कानून लड़की को मर्जी से शादी न करने देने में अभिभावकों का हथियार बच्चों को यौन हिंसा से संरक्षित करने वाले केंद्रीय कानून पॉक्सो एक्ट 2012 के विभिन्न पहलुओं की गहन पड़ताल के बाद लॉ कमीशन ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कानून मंत्रालय को सौंप दी है। इसमें आयोग ने कानून की बुनियादी सख्ती बरकरार रखने की हिमायत की है। और आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की न्यूनतम उम्र 18 साल बनाए रखने की बात कही गई है। हालांकि इसके दुरुपयोग से जुड़े मामलों को देखते हुए कुछ सेफगार्ड लगाए गए हैं। इस कानून के इस्तेमाल को लेकर कराए गए अध्ययनों से पता चला कि लड़कियों को मर्जी से विवाह करने के फैसले लेने के खिलाफ अभिभावक इसका इस्तेमाल हथियार की तरह कर रहे हैं। सहमति से संबंध रखने वाले कई युवकों को इस कानून का शिकार होना पड़ा है। ऐसे में मांग उठी थी कि सहमति से सेक्स संबंध रखने की उम्र घटाई जानी चाहिए। सहमति को 3 पैमानों पर परखने की सिफारिश, तभी अपवाद मानें यौन संबंधों को अपराध नहीं मानने के अपवादों के बारे में इन बातों पर गौर करने...

अगर बिल्डर ने समय पर कब्जा नहीं दिया तो क्या खरीदार को जमा धनराशि वापस लेने का अधिकार?

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यूपी रेरा ने छह माह के भीतर वेव वेगा मेगा सिटी सेंटर बिल्डर से आदेश का पालन करवाया। ज्युडिशियल गुरु | ग्रेटर नोएडा रेरा आदेश के बाद बिल्डर खरीदार को 4 वर्ष बाद 45.50 लाख रुपये लौटाएगा। जो फ़रवरी 2024 तक अलग अलग किश्तों में दिया जाना है इसमें 2.25 लाख रुपये ब्याज़ भी शमिल है। उत्तर प्रदेश भू-संपदा  विनियामक प्राधिकरण ने छह माह के अंदर वेव मेगा सिटी सेंटर से एक आदेश का पालन कराकर एक खरीदार को उसका पैसा वापस दिलाया है। यूपी रेरा अधिकारियों ने बताया कि वेव मेगा सिटी सेंटर बिल्डर का वेव मेगा सिटी सेंटर 2डी प्रोजेक्ट है जिसमें गाजियाबाद निवासी खरीदार गोपेश स्वरुप ने वर्ष 2019 में एक कमर्शियल यूनिट 1.09 करोड़ में खरीदी थी। खरीदार ने इस प्रोजेक्ट में 43.27 लाख रुपये जमा भी कर दिये थे और बिल्डर ने दिसंबर, 2020 तक कब्जा देने का वादा किया, लेकिन निर्माण पूरा नहीं हो सका। दो साल तक बिल्डर के चक्कर लगाने के बाद खरीदार ने वर्ष 2022 में यूपी रेरा में शिकायत कर जमा धनराशि वापस दिलाने की मांग की। RERA के हस्तक्षेप के बाद बिल्डर ने खरीदार का पैसा लौटाने का एक प्रस्ताव दिया। जिसमें जमा धनराशि 43.27 लाख...

जानिए, अगर पति तलाक चाहता है और पत्नी नहीं चाहती तो क्या करें? क्या तलाक के बाद पति पत्नी साथ रह सकते हैं? पत्नी मायके से नहीं आए तो क्या करें?

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तलाक़ लेने से पहले इससे जुड़े प्रावधान, पति पत्नी के अधिकार और क़ानून जान लेना बेहतर होता है। आज इस लेख में ऐसे ही प्रश्नों के जवाब जानिए जानेमाने अधिवक्ता आशुतोष कुमार से। क्या तलाक के बाद पति पत्नी साथ रह सकते हैं? भारतीय कानून के अनुसार तलाक पति और पत्नी दोनों की रजामंदी से ही हो सकता है। लेकिन जब एक पक्ष तलाक़ लेने पर अड़ा हो और दूसरा पक्ष दोबारा साथ भी नहीं रहने चाहता तो ऐसे में क़ानूनी समस्या पैदा हो जाती है। इस मामले में कोर्ट किसी पक्ष को मजबूर नहीं कर सकता। ऐसे में तलाक़ लेने की प्रक्रिया के लिए किसी अनुभवी वकील से ही मामले की सहायता लेना अच्छा होता है। पति पत्नी के झगड़े में कौन सी धारा लगती है? अगर पत्नी दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए तथा भारतीय दण्ड सहिंता (आईपीसी) धारा 498A के तहत झूठा केस करती है तो पति दण्ड प्रक्रिया सहिंता (सीआरपीसी) की धारा 227 के तहत अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है कि उसकी पत्नी ने उसके खिलाफ झूठा केस किया है। लेकिन यह बात उसे कोर्ट में साबित करनी होगी की उसके द्वारा लगाये गए आरोप का आधार क्या है। क्या पति पत्नी से गुजारा भत्ता ले सकता है? हा...

जानिए, कोर्ट मैरिज की फीस कितनी है? कोर्ट मैरिज में के लिए आवेदन कहाँ करना होता है? कोर्ट मैरिज में कितने दिन लगते हैं?

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विशेष विवाह अधिनियम के तहत कोर्ट मैरिज करने के इच्छुक लड़के लड़कियों के लिए आज की यह क़ानूनी जानकारी काम आ सकती है।  कोर्ट मैरिज करने के लिए क्या-क्या ज़रुरी कागज़ात लगते हैं और कितने दिन में कोर्ट मैरिज की जा सकती है?   कोर्ट मैरिज करने जा रहे कपल के मन में ढेरों ऐसे सवाल होते है कि- कोर्ट मैरिज के लिए क्या प्रक्रिया होती है? वर्ष 2023 में कोर्ट मैरिज कैसे होगी? कोर्ट मैरिज में कितने दिन लगते हैं? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह होने चाहिए? कोर्ट मैरिज में के लिए आवेदन कहाँ करना होता है? कोर्ट मैरिज के लिए किस वकील से बात करें? कपल के मन में उठ रहे ऐसे ढेरों सवालों के जवाब जानने के लिए आज अधिवक्ता आशुतोष कुमार के इस लेख को विस्तार से पढ़िए और जानिए अपने सभी सवालों के जवाब- कोर्ट मैरिज करने जा रहे कपल को कोर्ट मैरिज करने से पहले कुछ ज़रूरी जानकारी इक्कठा कर लेनी चाहिए। कोर्ट मैरिज आवेदन कैसे करना है? किसके दफ्तर में करना है? कौन मदद करेगा आदि? कोर्ट मैरिज करने जा रहे कपल को कोर्ट के समक्ष जाने से पहले कुछ दस्तावेज़ तैयार रखने चाहिए। यदि कोई लड़का और लड़की आपस में रजामंदी के साथ कोर्ट म...

जानिए- भारतीय दंड सहिंता की धारा 5 से 18 तक में किन अपराधों का वर्णन है?

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भारतीय दंड सहिंता की धारा 5 से 18 तक में किन अपराधों का वर्णन है? जानिए अधिवक्ता आशुतोष कुमार के इस लेख में- भारतीय दंड सहिंता की धारा 5 धारा 5-  कुछ विधियों पर इस अधिनियम द्वारा प्रभाव न डाला जाना- इस अधिनियम में की कोई बात भारत सरकार की सेवा के अफसरों, सैनिकों, नौसैनिकों या वायु सैनिकों द्वारा विद्रोह और अभित्योजन को दंडित करने वाले किसी अधिनियम के उपबंधों या किसी विशेष या स्थानीय विधि के उपबंधुों, पर प्रभाव नहीं डालेगी। भारतीय दंड सहिंता की धारा 6 धारा 6-  स्पष्टीकरण संहिता में की परिभाषाओं का अपरवादों के अध्यधीन समझा जाना- इस संहिता में सर्वत्र अपराध की हर परिभाषा, हर दंड उपबंध और, हर ऐसी परिभाषा या दंड उपबंध का हर दृष्टांत, “साधारण अपवाद” शीर्षक वाले अध्याय में अंतरविष्ट अपवादों के अध्यधीन समझा जाएगा, चाहे उन अपवादों को ऐसी परिभाषा, उपबंध या दृष्टांत में दोहराया न गया हो। दृष्टांत (क)  इस संहिता की वे धाराएं, जिनमें अपराधों की परिभाषाएं अंतरबिष्ट है, यह अभिव्यक्त नहीं करती कि 7 वर्ष से कम आयु का शिशु ऐसे अपराध नहीं कर सकता, किंतु परिभाषाएं उस साधारण अपवाद के अध्यधीन ...

बार कौंसिल रजिस्ट्रेशन फॉर्म-फीस, ऑनलाइन? एक अधिवक्ता के रूप में नामांकन के लिए क्या योग्यता चाहिए?

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लॉ करने के बाद लॉ स्टूडेंट का एकमात्र  उद्देश्य होता है, बार काउंसिल में एक अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण करवाना। लेकिन अधिवक्ता पंजीकरण के लिए आवेदन कैसे करें? इसके विषय में बहुत ही अस्मंज़स रहता है नए अधिवक्ताओं के लिए। वैसे तो अब बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया है। लेकिन वास्तविक जानकारी के लिए यहाँ दी गई सूचना आपके काम आ सकती है।   बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया (BCI) रजिस्ट्रेशन फॉर्म-फीस, ऑनलाइन? बार काउंसिल ऑफ इंडिया क्या है अधिवक्ताओं के लिए इसकी भूमिका क्या है? बार कौन्सिल ऑफ इंडिया? बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया (BCI) के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया? एक अधिवक्ता के रूप में नामांकन के लिए क्या योग्यता चाहिए? अधिवक्ता पंजीकरण के लिए दिये जाने वाले आवेदन पत्र में निम्नलिखित बातों का होना अनिवार्य है। आवेदक का नाम अग्रेजी या हिन्दी में हाई स्कूल की मार्कशीट के अनुसार हो तथा दोनों भाषओं में से एक हो। प्रपत्र (फार्म) में निर्दिष्ट सभी उपयुक्त स्थान पर आवेदक के हस्ताक्षर होना चाहिए। दिनांक 1 जनवरी 2015 से आवेदक/आवेदिका द्वारा अपना या अपने पिता/पति आधार कार्ड पत्र प्रति आ...

जानिये 2022 में कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज कितने दिन में हो जाती है? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह चाहिए?

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कोर्ट मैरिज करने के लिए तैयार लड़का लड़की को किस प्रकार के नियम का पालन करनी चाहिए कोर्ट मैरिज के लिए क्या प्रक्रिया होती है और इससे जुड़े प्रश्न के उत्तर आपका काम आसान कर सकते हैं  आज इस लेख में जानते हैं निम्न सवालों के जवाब- 2022 में कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज कितने दिन में हो जाती है? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह चाहिए? कोर्ट मैरिज में क्या क्या मिलता है? कोर्ट मैरिज करने के लिए संपूर्ण क्या प्रक्रिया होती है? 2022 में कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज करने से पहले कुछ ज़रूरी जानकारी होनी चाहिए। कोर्ट के समक्ष जाने से पूर्व आपको कुछ दस्तावेज़ तैयार रखने चाहिए। यदि कोई लड़का और लड़की आपस में रजामंदी के साथ कोर्ट में जाकर विवाह करना चाहते हैं तो क़ानून ने इसके आधार कुछ तय किए हैं। पहला आधार यह है कि आपके माता-पिता का की सहमति है अथवा नहीं इसका प्रमाण! दूसरा आधार लड़का और लड़की की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। प्रत्येक प्रदेश में इसका अलग विकल्प हो सकता है एक एप्लीकेशन फॉर्म जिसे लड़का और लड़की दोनों ने साइन किया हो दोनों के बर्थ सर्टिफिकेट्स दोनों के रेजिडेंशियल प्रूफ दोनों की दो ...

प्रेम विवाह करने वाले बालिग जोड़ों की शादीशुदा जिंदगी की स्वतंत्रता व निजता में किसी व्यक्ति को दखल देने का कोई अधिकार नहीं: हाई कोर्ट

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विवाह और धर्म परिवर्तन दो ऐसे मुद्दे हैं जो व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला हो सकता है इसलिए इन दोनों मुद्दों पर अर्थात धर्म परिवर्तन और विवाह के लिए सरकारी अनुमति लेने को मजबूर नहीं कर सकते: हाई कोर्ट  कोर्ट मैरिज के लिए किससे अनुमति लें? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आज देश आर्थिक व सामाजिक बदलाव के दौर से गुजर रहा। ऐसे में सभी को स्वतंत्रता पूर्वक जीने का अधिकार भी है इसलिए किसी को धर्म परिवर्तन के लिए सरकारी अनुमति लेने को बाध्य नहीं किया जा सकता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले 17 जोड़ों मायरा और वैष्णवी, विलास-सिरसीकर, जीनत अमान और स्नेहा आदि की याचिकाओं दी। कोर्ट ने कहा कि हमारा समाज आर्थिक और सामाजिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है। कानून की सख्त व्याख्या संविधान की भावना को निरर्थक बना सकती है। भारतीय सविंधान के अनुच्छेद 21 में जीवन व निजता की स्वतंत्रता की गारंटी दी गई है। अनुच्छेद 21 नागरिकों को यह अधिकार देता है कि वह अपनी और परिवार की निजता की सुरक्षा करें। ऐसे में दो बालिग व्यक्तियों को अंतर धार्मिक विवाह करने के लिए परिवार समाज या सरकार किसी...

भारतीय दंड संहिता | IPC | PCSJ Model Question Paper with Answer in Hindi

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प्रश्न1-भारतीय दंड संहिता प्रवृत हुई- 6 अक्टूबर 1807 6 दिसंबर 1860 1 जनवरी 1861 1 जनवरी 1862 उत्तर- 1 जनवरी 1862 प्रश्न2- निम्नलिखित अपराधों में से कौन सा कठोर दायित्व का अपराध है- उपहति हमला द्विविवाह चोरी उत्तर-  द्विविवाह प्रश्न3-आपराधिक विधि के प्रति कृत्यात्मक दृष्टिकोण को उजागर किया है- भारत के विधि आयोग ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने इंग्लैंड की वुल्फडेन समिति ने संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर- इंग्लैंड की वुल्फडेन समिति ने प्रश्न4- भारतीय दंड संहिता की धारा 34 के लागू होने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सी आवश्यक शर्त नहीं है?  आपराधिक कृत्य सामान्य आशय को अग्रसर करते हुए किया गया आपराधिक कृत्य कई व्यक्तियों द्वारा किया गया हो अपराध गठित करने वाले कार्य में किसी न किसी रूप में सभी व्यक्तियों द्वारा भागीदारी आपराधिक कृत्य सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने में किया गया हो उत्तर- आपराधिक कृत्य सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने में किया गया हो प्रश्न5- निम्नलिखित में से कौन-सामान्यता अपराध का आवश्यक तत्व नहीं है? आपराधिक कृत्य दुराशय हेतु मानव उत्तर- हेतु प...

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