अंतर धार्मिक विवाह करने के लिए किसकी अनुमति ज़रूरी है? क्या कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रार विवाह पंजीकरण करने से इनकार कर सकता है? जानिए प्राविधान

खरीदारों से ज़मीन या मकान के एवज में लिया गया पैसा कहीं और निवेश नहीं कर सकते बिल्डर्स। खरीदारों से लिए पैसे के गलत इस्तेमाल करने वालों पर यू0पी0 रेरा (UP RERA) लेगा एक्शन।
उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने खरीदारों से लिए गये धन को परियोजना के निर्माण पर खर्च न कर अन्य कार्यों पर खर्च करने से कड़ा रुख अपनाया है। उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने खरीदारों से एकत्र पूंजी को परियोजना के निर्माण पर खर्च न कर अन्य कार्यों पर खर्च करने वाले बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। यू0पी0 रेरा (UP RERA) ने बिल्डरों को चेतावनी दी है कि बिल्डरों को खरीदारों से प्राप्त धनराशि को अनिवार्य रूप से कलेक्शन अकाउंट में जमा कराना होगा और उसमें से 70 प्रतिशत राशि परियोजना के निर्माण पर खर्च करनी होगी। अब यू0पी0 रेरा (UP RERA) ने ऐसे बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके साथ ही चेतावनी दी है कि बिल्डर व खरीदारों को परियोजना (Project) की राशि को कलेक्शन अकाउंट में अनिवार्य रूप से जमा करानी होगी तथा बिल्डर को 70 प्रतिशत राशि परियोजना के निर्माण पर खर्च करनी होगी। खरीदारों से कलेक्शन अकाउंट में जमा धनराशि का 70 प्रतिशत सेपरेट अकाउंट में व 30 प्रतिशत ट्रांजक्शन अकाउंट में जमा करना होगा।
बिल्डर परियोजना में फंसे लाखों खरीदार आज भी अपने घर के लिए धक्के खा रहे हैं।
अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू करने के बावजूद कई बिल्डरों ने इसमें आवेदन नहीं किया है, परियोजना का निर्माण अधर में फंसा है। बिल्डरों ने परियोजना में बुकिंग कराने वालों से एकत्र करोड़ों रुपये की रकम को निर्माण में व्यय करने के बजाय दूसरी परियोजना में लगा दिया और खरीदारों को भूखंड, मकान, दूकान आदि देने में आनाकानी कर रहे हैं। अब स्थिति ऐसी है की पूंजी की कमी के कारण परियोजनाओं का निर्माण अधर में फंस गए।
रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी का कहना है कि यू0पी0 रेरा (UP RERA) को शिकायत मिली हैं कि कुछ बिल्डर खरीदारों से मिली राशि को कलेक्शन अकाउंट में जमा नहीं करा रहे हैं। राशि को परियोजना के विकास पर व्यय न कर अन्य कार्यों में खर्च कर रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। भू संपदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 में बिल्डरों को परियोजना विकास के लिए प्राप्त धनराशि का 70 प्रतिशत संबंधित परियोजना के सेपरेट अकाउंट में रखना और उसे परियोजना के निर्माण पर व्यय करना अनिवार्य किया गया है।
परियोजना से संबंधित तीन अकाउंट;
इन तीनों प्रकार के अकाउंट की जानकारी बिल्डरों को रेरा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से देना होगी। जबकि वर्तमान नियमनुसार परियोजना के खरीदारों (Buyers) से प्राप्त धनराशि को परियोजना के कलेक्शन अकाउंट में जमाना कराना जरूरी है। प्रचार-प्रसार में परियोजना के विवरण के साथ कलेक्शन अकाउंट की जानकारी आवश्यक रूप से देनी होती है।
यू0पी0 रेरा (UP RERA) ने बैंकों को भी निर्देश दिए हैं कि प्रतिदिन कलेक्शन अकाउंट में प्राप्त धनराशि का 70 प्रतिशत सेपरेट अकाउंट में व 30 प्रतिशत धनराशि ट्रांजक्शन अकाउंट में आटोमेटिक ट्रान्सफर हो ऐसी व्वयस्था की जाये। यू0पी0 रेरा (UP RERA) अध्यक्ष ने चेताया कि बिल्डर को खरीदारों से लिया गया पैसा खरीद अकाउंट में जमाना कराना जरूरी है। इसी प्रकार प्रचार-प्रसार में परियोजना (Project) के विवरण (Details) के साथ कलेक्शन अकाउंट की जानकारी आवश्यक रूप से देनी होगी। यू0पी0 रेरा (UP RERA) ने बैंकों को भी निर्देश दिए हैं कि प्रतिदिन कलेक्शन अकाउंट में प्राप्त धनराशि का 70 प्रतिशत सेपरेट अकाउंट में व 30 प्रतिशत धनराशि ट्रांजक्शन अकाउंट में स्वयं हस्तांतरित होगी।
यू0पी0 रेरा (UP RERA) ने खरीदारों से भी अपील की है कि परियोजनाओं में निवेश करने से पहले यू0पी0 रेरा (UP RERA) के पोर्टल पर परियोजना (Project) की जानकारी से पूरी तरह संतुष्ट हो जाने के बाद ही निवेश करें।
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