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सत्यमेव जयते!

प्रेमिका से बेवफाई, अपराध कैसे हुआ भाई? : दिल्ली हाई कोर्ट

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आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र 18 साल ही रहे:  कमीशन कमीशन ने माना- पॉक्सो कानून लड़की को मर्जी से शादी न करने देने में अभिभावकों का हथियार बच्चों को यौन हिंसा से संरक्षित करने वाले केंद्रीय कानून पॉक्सो एक्ट 2012 के विभिन्न पहलुओं की गहन पड़ताल के बाद लॉ कमीशन ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कानून मंत्रालय को सौंप दी है। इसमें आयोग ने कानून की बुनियादी सख्ती बरकरार रखने की हिमायत की है। और आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की न्यूनतम उम्र 18 साल बनाए रखने की बात कही गई है। हालांकि इसके दुरुपयोग से जुड़े मामलों को देखते हुए कुछ सेफगार्ड लगाए गए हैं। इस कानून के इस्तेमाल को लेकर कराए गए अध्ययनों से पता चला कि लड़कियों को मर्जी से विवाह करने के फैसले लेने के खिलाफ अभिभावक इसका इस्तेमाल हथियार की तरह कर रहे हैं। सहमति से संबंध रखने वाले कई युवकों को इस कानून का शिकार होना पड़ा है। ऐसे में मांग उठी थी कि सहमति से सेक्स संबंध रखने की उम्र घटाई जानी चाहिए। सहमति को 3 पैमानों पर परखने की सिफारिश, तभी अपवाद मानें यौन संबंधों को अपराध नहीं मानने के अपवादों के बारे में इन बातों पर गौर करने की

बिल्‍डर या प्रमोटर मकान/फ्लैट/प्लाट आदि पर समय से कब्‍जा न दे तो क्या करें?

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हर कोई अपने घर में रहना चाहता है। किराए पर रहकर ज़िन्दगी नहीं कटती ये सब जानते हैं और पूरी ज़िन्दगी किराये में रहकर कोई खुश नहीं है। यही कारण लोग अपनी ज़िन्दगी में एक अदद घर की चाहत रखते हैं। इसीलिए शहरों में हर समय घरों की मांग बनी रहती है। पहले लोग ज़मीन लेकर खुद ही उस पर घर का निर्माण करते थे। लेकिन, अब बदलते वक़्त में ऐसा नहीं है बड़े शहरों में लोग अब बिल्‍डरों और रियल एस्‍टेट कंपनियों द्वारा बने घर या फ़्लैट लेते हैं। लेकिन, बहुत बार ऐसा होता है कि किसी बिल्‍डर समय पर अपना प्रोजेक्‍ट पूरा नहीं कर पाता और घर बुक कराने वालों को उनके फ्लैट का कब्‍जा नहीं मिल पाता। उनका पैसा कई सालों के लिए अटक जाता है और बिल्‍डर उन्‍हें घर या पैसे देने की बजाय केवल आश्‍वासन ही देता रहता है। अगर आपके साथ भी यह हुआ है तो अब आपको बिल्‍डर या प्रमोटर के आश्‍वासनों के सहारे नहीं रहना है या फिर हाथ पर हाथ रखकर बैठने की जरूरत नहीं है। अब आप अपना घर समय से लेने के लिए बिल्डर या प्रमोटर की शिकायत दर्ज़ करवा सकते हैं जिससे की आपको अपना घर समय से मिल सके। रेरा (RERA) का क्या काम है? वर्ष 2016 में रियल एस्टेट क्षेत्र के

क्या कोई महिला घरेलू हिंसा करने की दोषी हो सकती है? क्या महिला के खिलाफ मुकदमा दायर किया जा सक्ता है? :हाईकोर्ट

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क्या कोई महिला घरेलू हिंसा करने की दोषी हो सकती है? क्या महिला के खिलाफ मुकदमा दायर किया जा सक्ता है? कानून कैसे काम करता है इस बात पर समय-समय पर विचार होते रहते हैं। ऐसा ही एक वाक्या दिल्ली में सामने आया जहाँ पति ने पत्नी के खिलाफ लगाया घरेलू हिंसा का आरोप लगाया और मुकदमा दायर किया। मामला जब कोर्ट में पहुंचा तब और भी दिलचस्प बात देखने मिली। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस जसमीत सिंह हंसने लगे और बड़ी हैरानी से पूछा "ये क्या है?" क्या ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश ने अपना दिमाग नहीं लगाया? घरेलू हिंसा रोकथाम अधिनियम 2005 के तहत किसी महिला को आरोपी बनाया जा सकता है क्या? मामला कुछ इस तरह है कि जस्टिस जसमीत सिंह दिल्ली की एक महिला की अपील पर सुनवाई कर रहे थे। महिला ने निचली अदालत कड़कड़डूमा कोर्ट के एक फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामलें में निचली अदालत ने उसे घरेलू हिंसा के आरोप में समन जारी किया गया था। जहाँ इस प्रश्न पर चर्चा हुई कि- क्या है घरेलू हिंसा कानून? इसमें कोई महिला आरोपी क्यों नहीं बनाई जा सकती? क्या घरेलू हिंसा कानून पुरुष विरोधी है?  पति ने पत्नी के खिलाफ

Indian Penal Code | Model Question Paper With Answer In Hindi For AIBE & Civil Judge 2023

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AIBE की परीक्षा में  भारतीय दण्ड सहिंता  से काफी प्रश्न पूछे जाते है। इसलिए यह सेक्शन बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। परीक्षा में क्या पूछा जायेगा?  भारतीय दण्ड सहिंता के पुराने पेपर? Indian Penal Code | Model Question Paper With Answer In Hindi For AIBE & Civil Judge 2023 इन सभी सवालों के जवाब के लिए  भारतीय दण्ड सहिंता  के संभावित प्रश्नों का संकलन दिया जा रहा है जो आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।  भारतीय दण्ड सहिंता  के मॉडल पेपर और गत वर्ष के पेपर के लिए वेबसाइट को कर लें और हमारे YouTube चैनल @judicialguru को सब्सक्राइब करें। प्रश्न1- “प्रत्येक संविधि में दुराशय अंतर्निहित माना जाता है जब तक कि इसके प्रतिकूल सिद्ध नहीं किया जाता है।” यह किस वाद में व्यक्त किया गया था? शेराज बनाम डे रूटजेन आर बनाम डडले एंड स्टीफेन हार्डिंग बनाम प्राइस आर बनाम प्रिंस उत्तर-  शेराज बनाम डे रूटजेन प्रश्न2- निम्नलिखित में से कौन सा वाद आपराधिक मन: स्थिति (दुराशय) से संबंधित नहीं है? आर बनाम प्रिंस क्वीन बनाम टॉल्सन शेराज बनाम डी रूटजेन बारीन्द्र कुमार घोष बनाम एम्पायर उत्तर- बारीन्द्र कुमार घोष बनाम ए

Government Scheme: अब बेटी की शादी पर सरकार देगी पूरे 51000 रुपये, योजना की पूरी जानकारी यहाँ दी गई है

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Government Scheme: बेटी की शादी पर सरकार देगी पूरे 51000 रुपये , आपको भी लेना है फायदा तो आज ही कर दें अप्लाई , जानें कैसे ? सबसे पहले आपको इस योजना की ऑफिशियल वेबसाइट  https://www.shadianudan.upsdc.gov.in/   पर जाना होगा। आप चाहें तो यहां क्लिक करके डायरेक्ट भी जा सकते हैं। इस वेबसाइट पर पहुंचकर आपको अपनी जाति और वर्ग के अनुसार आवेदन पंजीकरण पर क्लिक करें।   Vivah Anudan Yojana | विवाह अनुदान योजना: देश में सरकार ने बेटियों की पढ़ाई से लेकर शादी तक के लिए कई खास स्कीम चलाई हैं , जिसके तहत उनको आर्थिक सहायता ( Economic Help) मिलती है ।  आज हम आपको एक ऐसी योजना के बारे में बताएंगे , जिसमें आपकी बेटी को शादी के लिए पूरे 51000 रुपये मिलेंगे ।  जी हां ये आर्थिक सहायता सरकार की तरफ से की जाती है । UP Government Scheme | उत्तर प्रदेश सरकार योजना: उत्तर प्रदेश शादी अनुदान योजना के तहत मिलने वाली धनराशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है ।  इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र आवेदक शादी के 90 दिन के अंदर आवेदन कर सकता है ।   उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यह योजना चलाई जाती है , जिसमें

पति तलाक लेना चाहता और पत्नी नहीं तो क्या किया जाना चाहिए?

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क्या सहमति से तलाक़ लिया जा सकता है? पति पत्नी के बीच यदि बन नहीं रही है तो सहमति से तलाक लेने की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है। सहमति से तलाक लेने के लिए पहले दोनों ही पक्षों को कोर्ट में एक याचिका दायर करनी होती है। फिर दूसरे चरण में कोर्ट द्वारा दोनों पक्षों के अलग-अलग बयान लिए जाते हैं और दस्तखत की औपचारिकता होती है। तीसरे चरण में कोर्ट दोनों को 6 महीने का वक्त देता है ताकि वह अपने फैसले को लेकर दोबारा सोच सकें। और फिर यदि दोनों ही पक्ष तलाक के फैसले पर कायम रहते हैं तो 6 महीने के बाद कोर्ट द्वारा उनके फैसले के अनुरूप उन्हें तलाक़ की अनुमति दे दी जाती है। क्या केवल लड़का तलाक ले सकता है? आपसी समझौते के आधार पर तलाक लेने की कुछ शर्तें होती हैं। यदि पति और पत्नी शादी के बाद 1 साल या उससे ज्यादा समय से अलग रह रहे हो और दोनों में पारस्परिक रूप से तलाक़ लेने को सहमत हैं। एक दूसरे के साथ रहने पर कोई भी राजी नहीं है या दोनों पक्षों में सुलह की कोई स्थिति नजर नहीं आती है तो ऐसे में सहमति के आधार पर तलाक के लिए आवेदन करने का हक होता है। इसे मैचुअल कंसेंट डायवोर्स कहा जाता है यानी आपसी सहमति से तल

प्रधानमंत्री आवास योजना का मकान अब तक नहीं मिला? तो फिर ये तरीका अपनाएं!

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प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं? जैसे-  सरकार आपकी PMAY सबसिडी कब वापस ले सकती है?  प्रधानमंत्री आवास योजना में मिले पैसे से दुकान बना सकतें है?  प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कितना पैसा मिलेगा?  प्रधानमंत्री आवास योजना कुल कितने घरों का निर्माण किया जायेगा? आदि। आज हम इन्हीं सवालों के विषय में बात करेंगे और बतायेंगे आप अपना नाम लिस्ट में कैसे चेक करें। प्रधानमंत्री आवास योजना क्या है? प्रधानमंत्री आवास योजना के एक आवास देने की योजना है जिसके अन्तर्गत केन्द्र सरकार देश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (गरीबों), निम्न आय वर्ग तथा मध्यम आय वर्ग के व्यक्तियों को जिनके पास खुद का घर नही है उनको स्वयं के बना-बनाया घर उपलब्ध करवाती है। प्रधानमंत्री आवास योजना में घर कब तक मिलेगा? प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) की शुरुआत मोदी सरकार द्वारा दिनांक 22 जून 2015 को की गई थी। प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य वर्ष 2022 तक प्रत्येक गरीब एवं पात्र परिवार को स्वंय का घर उपलब्ध कराना है। इस योजना को PMAY Yojana कहा जाता है। इसके अन्तर्गत सरकार द्वारा शह

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