अंतर धार्मिक विवाह करने के लिए किसकी अनुमति ज़रूरी है? क्या कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रार विवाह पंजीकरण करने से इनकार कर सकता है? जानिए प्राविधान

उत्तर प्रदेश में हर महीने तीन तलाक के करीब 116 मामले दर्ज हो रहे हैं। ज्ञात हो कि 19 सितंबर 2018 को मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अध्यादेश आने के बाद यूपी में इसके तहत सबसे पहला मुकदमा बिजनौर के कोतवाली देहात में दर्ज हुआ था। डीजीपी मुख्यालय के आंकड़ों के अनुसार 38 महीनों में यूपी में 4433 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
78% मामले मेरठ और बरेली जोन में है चौकाने वाली बात यह है कि इन मुकदमों के करीब 78% मामले अकेले वेस्ट यूपी के मेरठ और बरेली जोन में दर्ज करवाए गए हैं।
19 सितंबर 2018 को मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अध्यादेश लागू होने के बाद दूसरा अध्यादेश 21 फरवरी 2019 को आया। 31 अगस्त 2019 को यह अधिनियम पारित हुआ। ट्रिपल तलाक को लेकर यूपी में सबसे ज्यादा 1566 मुकदमे मेरठ जोन में दर्ज हुए हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर बरेली जोन में 1356 मामले दर्ज हुए।
वहीँ नोएडा कमिश्नररेट में सबसे कम 4 मामले दर्ज हुए हैं।
यूपी में दर्ज हुए 4433 मुकदमों में 21002 लोगों को नामजद किया गया जबकि 57 के नाम विवेचना के दौरान सामने आए। दर्ज मुकदमों में से 594 मुकदमे गलत पाए जाने के बाद उनमें अंतिम रिपोर्ट लगा दी गई। इन मुकदमों में नामजद 4742 आरोपितों की नामजदगी विवेचना में गलत पाई गई। सबसे ज्यादा 2290 मेरठ जोन में गलत पाई गई है। लखनऊ कमिश्नररेट में 21, कानपुर कमिश्नररेट में 123, नोएडा में 5 और वाराणसी कमिश्नर रेट में 31 नामजदगी गलत पाई गई है।
यूपी पुलिस 4433 में से 2673 मामलों में कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है जबकि 1176 मामलों की अभी भी विवेचना चल रही है। पुलिस ने ट्रिपल तलाक से जुड़े मामलों में अभी तक 3252 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। जबकि 854 आरोपित कोर्ट में हाजिर हुए हैं। अब भी 4587 आरोपितों की गिरफ्तारी होनी बाकी है जबकि पुलिस 7624 आरोपों को नोटिस भेज चुकी है। वर्तमान में 787 आरोपित जेल में है जबकि 10285 आरोपी जमानत पर बाहर है 2348 आरोपित फरार चल रहे हैं।
Comments