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दूसरी पत्नी को पति की सम्पत्ति पर कितना हिस्सा मिलेगा?

क्या दूसरी पत्नी को पति की सम्पत्ति पर पूरा अधिकार होगा

दूसरी पत्नी को पति की सम्पत्ति पर कोई अधिकार नहीं होगा भले ही किसी व्यक्ति की कोई दूसरी पत्नी हो या उसके बच्चे भी हों। यदि पति ने संपत्ति स्वयं अर्जित की है तब उस व्यक्ति को संपत्ति पर केवल स्वयं का अधिकार होगा। वह संपत्ति को बेच सकता है दान भी दे सकता है या वसीयत भी कर सकता है। शादीशुदा महिला को अपने पति की अर्जित की गई संपत्ति पर कोई अधिकार तब तक नहीं होता जब तक उसका पति जीवित होता है या तलाक की अवस्था ना हो। पहली पत्नी से तलाक के बाद या पहली पत्नी की मृत्यु के बाद दूसरी शादी की है तो दूसरी शादी कानूनी मान्यता होने पर ही दूसरी पत्नी को अपने पति की पैतृक किया स्व अर्जित संपत्ति में पूरा अधिकार होगा।

दूसरी पत्नी को पति की कितनी प्रॉपर्टी पर अधिकार मिलेगा

दूसरी पत्नी का फिर से किसी और से शादी करने से पहले उसके पहले पति का निधन हो गया हो या उसके बच्चों का पिता बन गया हो तो उसके हिस्से में पहली पत्नी से हुए बच्चों की तरह समान अधिकार है। अगर दूसरी शादी कानूनी मान्यता नहीं है तो ना तो दूसरी पत्नी और ना ही उसके बच्चों को पैतृक संपत्ति में कानूनी हक मिलेगा।

क्या कोई महिला तलाक के बिना दूसरी शादी कर सकती है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के अनुसार बिना तलाक के कोई पुरुष या महिला दूसरी शादी नहीं कर सकते है। पहली पत्नी या पति से तलाक लिए बिना दूसरी शादी करने पर सात साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों से दण्डित होगा। लेकिन यदि कोई पति या पत्नी का विवाह 'हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 17' के तहत शून्य है यानि विवाह अमान्य है तो वह शादी कर सकेंगे।

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पत्नी का अपने पति और ससुराल वालों की संपत्ति में कोई हक है?

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में कहा है कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत महिला को ससुर के घर में रहने का हक है भले ही वह वैवाहिक अधिकारों की बहाली के लिए दाखिल पति की याचिका का विरोध कर रही हो लेकिन कोर्ट ने कहा है कि ससुराल में निवास पाने का अधिकार हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत उत्पन्न होने वाले अधिकार से अलग है।

क्या करें अगर पत्नी मानसिक रूप से परेशान करे?

यदि पत्नी अपने पति को शारीरिक और मानसिक परेशान कर रही है तो पति का अधिकार है कि वह उसे तलाक मांग सकता है। लेकिन पति को कोर्ट में साबित करना होगा कि पति उसे प्रताड़ित कर रही है। पुलिस में कंप्लेंट देने के बाद इसे कोर्ट में साबित करना होगा की पत्नी किस प्रकार से परेशान कर रही है। 

क्या करें जब पति बिना किसी कारण के पत्नी को छोड़ दें

शादी के बाद पति का घर ही पत्नी का भी घर हो जाता है जिसकी वह क़ानूनी रूप से हक़दार है। अगर किसी महिला को बगैर किसी वजह के पति द्वारा घर से निकाल दिया गया या उसे छोड़ दिया गया है। ऐसी स्थिति में महिला का अधिकार बन जाता है कि वह अपने पति के घर यदि वापस जाना चाहती तो न्यायालय को इस मामले में अवगत कराकर हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 9 के अंतर्गत आवेदन देकर पति के घर वापसी जा सकती है।

क्या कोई पुरुष भारत में कानूनी रूप से दो पत्नियों शादी कर सकता है

हिंदू मैरिज एक्ट 1955 की धारा 17 दूसरे विवाह के संबंध में दंड लिखित करती है। यह स्पष्ट है कि कोई व्यक्ति जिसका पति या पत्नी जीवित है उसके जीवन काल में दूसरी शादी नहीं कर सकता है। यदि पहली पत्नी से तलाक हो गया हो तभी वह दूसरी शादी कर सकता है अन्यथा नहीं। इसके अलाव यदि पहली पत्नी से किया गया विवाह कोर्ट द्वारा अमान्य घोषित किया जा चुका है तब पति को अधिकार है वह दूसरी शादी कर सकता है। यदि पति ने पहली पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी की तो उसे भारतीय दंड संहिता की 494 धारा के अंतर्गत दंडनीय अपराध का दोषी माना जाएगा।

क्या करें अगर पति या पत्नी पहली शादी छुपाकर चुपके से दूसरी शादी कर ले?

भारतीय दंड संहिता की धारा 495 के अनुसार अगर पति या पत्नी पहली शादी छुपाकर चुपके से दूसरी शादी कर लेता है तो यह अपराध है। जिसके लिए वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

क्या होगा अगर कोई किसी लड़की से धोखे से विवाह कर ले

भारतीय दंड संहिता की धारा 496 के अनुसार विधिपूर्ण विवाह के बिना धोखे से विवाह कर्म पूरा कर लेना अपराध है। जो कोई बेईमानी से या छल से किसी लड़की से विवाहित होने का कर्म यह जानते हुए पूरा करेगा कि वह क़ानूनी विवाह नहीं है, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

क्या शादीशुदा महिला से शादी करने पर शादी मान्य होगी?

भारतीय दंड संहिता की धारा 498 के अनुसार विवाहिता स्त्री को जो कोई किसी की पत्नी है आपराधिक आशय से फुसला कर ले जाना, या ले जाना या अपने कब्ज़े में रखना, इस मंशा से ले जाएगा, या फुसलाकर ले जाएगा कि वह किसी व्यक्ति के साथ सम्भोग करे या इस आशय से ऐसी किसी स्त्री को छिपाएगा या निरुद्ध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से , जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

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