अंतर धार्मिक विवाह करने के लिए किसकी अनुमति ज़रूरी है? क्या कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रार विवाह पंजीकरण करने से इनकार कर सकता है? जानिए प्राविधान

वर्तमान में राशनकार्ड समर्पण/निरस्तीकरण के सम्बन्ध में मीडिया पर विभिन्न प्रकार की भ्रामक व तथ्यों से परे प्रसारित की जा रही खबरों की सचाई क्या है?
वर्तमान में राशनकार्ड सत्यापन/निरस्तीकरण हेतु की जा रही कार्यवाही के सम्बन्ध में इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिन्ट मीडिया द्वारा तथ्यों से परे एवम् भ्रामक खबरे प्रकाशित/प्रसारित की जा रही हैं, जो कि आधारहीन एवम् सत्य से परे हैं। प्रकरण में सचाई तो यह है कि पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता/अपात्रता के सम्बन्ध में शासनादेश दिनांक 07 अक्टूबर, 2014 में विस्तृत मानक निर्धारित किए गए हैं। उक्त मानकों का पुनर्निर्धारण वर्तमान में नहीं किया गया है तथा पात्रता/अपात्रता की कोई नवीन शर्त नहीं निर्धारित की गयी है।
राशन कार्ड एक्ट के अनुसार सरकारी योजनान्तर्गत आवंटित पक्का मकान, विद्युत कनेक्शन, एक मात्र शस्त्र लाइसेंस धारक, मोटर साइकिल स्वामी, मुर्गी पालन/गौ पालन होने के आधार पर किसी भी कार्डधारक को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता है। इसी प्रकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम -2013 तथा प्रचलित शासनादेशों में अपात्र कार्डधारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था निर्धारित नहीं की गयी है। रिकवरी के सम्बन्ध में शासन स्तर से अथवा खाद्यायुक्त कार्यालय से कोई भी निर्देश निर्गत नहीं किए गए है। अतः रिकवरी के सम्बन्ध में प्रसारित की जा रही खबरे पूर्णतयाः भ्रामक एवं असत्य हैं।
अपात्रों से राशन कार्ड सरेंडर कराए जाने को लेकर इन दिनों प्रदेश भर में अफरातफरी मची हुई है। विभिन्न जिलों में जिलाधिकारियों ने आदेश जारी कर दिए हैं कि जो अपात्र हैं वे अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दें। ऐसा न करने वालों से वसूली भी हो सकती है। इसका परिणाम यह रहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए भीड़ लग गई। केवल अप्रैल में ही 43 हजार अपात्र लोगों ने अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए। मई में यह आंकड़ा और ऊपर जाने की स्थिति में है।
विभाग सदैव पात्र कार्डधारकों को नियमानुसार उनकी पात्रता के अनुरूप नवीन राशनकार्ड निर्गमित करता है जिसमें विगत 02 वर्षों अर्थात् 01 अप्रैल , 2020 से अब तक प्रदेश में कुल 29.53 लाख नवीन राशनकार्ड विभाग द्वारा पात्र लाभार्थियों को जारी किए गए हैं। इस सम्बन्ध में पात्र गृहस्थी राशनकार्ड धारकों हेतु निर्धारित अपात्रता शर्ते शासनादेश दिनांक 07 अक्टूबर , 2014 में निर्धारित एक्स्क्लूजन क्राइटेरिया निम्नवत् है
चयन सूची से निष्कासन का आधार एक्सक्लूजन क्राइटेरिया (पात्र गृहस्थी हेतु निर्धारित एक्सक्लूजन क्राइटेरिया-शासनादेशानुसार)
नगरीय क्षेत्र-
ग्रामीण क्षेत्र-
राशन कार्ड सरेंडर करने या अपात्रों से रिकवरी करने के मामले पर प्रदेश सरकार ने स्थिति साफ कर दी है। खाद्य एवं रसद आयुक्त सौरभ बाबू ने कहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने का कोई आदेश शासन या उनके स्तर से जारी नहीं किया गया है । राशन कार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है । उन्होंने कहा कि कार्ड निरस्तीकरण और अपात्रों से वसूली के भी कोई आदेश नहीं दिए गए हैं।
मोटरसाइकिल होना अपात्रता की श्रेणी में नहीं आता गई इसलिए मोटरसाइकिल मालिक होने की वजह से राशन कार्ड सरेंडर करने की कोई गाइड लाइन नहीं है।
जिलों में राशन कार्ड सत्यापन की प्रक्रिया समय-समय पर चलती है। जिसमें यह देखा जाता है की कौन पात्र है और कौन अपात्र जिससे की अपात्रों के कार्ड निरस्त करके पात्रों को मौका दिया जा सके। इसलिए कहा जा सकता है कि प्रदेश भर में राशन कार्ड सरेंडर करने और पात्रता की नई शर्तों के संबंध में आधारहीन प्रचार किए जा रहे हैं। सचाई यह है कि पात्र गृहस्थी राशन कार्डो की पात्रता या अपात्रता के संबंध में 7 अक्तूबर , 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे। जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
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