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मुकदमों की नई लिस्टिंग व्यवस्था से हाईकोर्ट के वकीलों में परेशान!

मुकदमों की नई लिस्टिंग व्यवस्था से हाईकोर्ट के वकीलों में आक्रोश

केस की जानकारी न मिलने से हो रही परेशानी प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमों की लिस्टिंग एवं सूचना तकनीकी व्यवस्था की खामियों को लेकर वकीलों में आक्रोश है। अधिवक्ताओं ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से कहा है कि मुख्य न्यायाधीश से मिलकर समस्या का निस्तारण कराया जाये।

क्या परेशानी हो रही है इससे?

इस आदेश की वजह से केंद्र सरकार के साथ ही तमाम विपक्षी वकीलों को केस की जानकारी नहीं मिल पा रही है और इससे सम्बंधित सुनवाई टल रही है या एक पक्षीय आदेश पारित हो रहे हैं। कोर्ट में नए दाखिल मुकदमे 20 से 25 दिन बाद सूचीबद्ध हो रहे हैं और सुनवाई न हो पाने पर पांच दिन बाद दोबारा सूची पर लिस्ट किया जा रहा है। इस आदेश से सुनवाई लेट होने के साथ ही  वकीलों को वादकारियों से फजीहत भी झेलनी पड़ रही है। हाईकोर्ट में मुकदमे लिस्टिंग पर नहीं हैं और स्टेटस में रिकॉर्ड नहीं है। अधिवक्ता आशुतोष कुमार ने महानिबंधक से तकनीकी व्यवस्था में तत्काल सुधार की मांग की। 

थानों में मोबाइल पाबंदी का वकीलों ने दिया करारा जवाब

नई दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर में आला अधिकारियों समेत सभी पुलिस वालों के मोबाइल बाहर रखवाए गये। इससे पूर्व राजधानी में पुलिस थानों व कार्यालयों में आम जनता द्वारा मोबाइल ले जाने पर पाबंदी लगाई गई जिसपर किसी सियासी दल या सामाजिक संगठन ने आवाज नहीं उठाई है।

इसके खिलाफ वकीलों ने मोर्चा संभाला है।

जिसका असर यह हुआ कि कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर में पुलिस वालों को मोबाइल फोन के साथ प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है। शाहदरा बार एसोसिएशन ने पुलिस द्वारा मोबाइल पर पाबंदी लगाए जाने के विरोध में अभियान चलाया और वकीलों ने इस दौरान एसएचओ समेत सभी अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को मोबाइल ले जाने से रोक दिया। कोर्ट में पुलिस के मोबाइल लेकर जाने पर पाबंदी जारी रहेगी जबतक थानों में आम जनता के लिए सहुलियत नहीं देती। 

बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव नरवीर डबास ने पुलिस की पाबंदी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा वकील थानों में पुलिस की सहायता करने जाते हैं अगर उनके मोबाइल को बाहर रख दिया जाएगा तो वह जरूरत पर कैसे संपर्क करेंगे।

Advocates VS Police

बार पदाधिकारियों ने कोर्ट स्थित पुलिस चौकी को सूचना देकर पुलिसकर्मियों के 60 से ज्यादा मोबाइल वहां जमा करवाए कई पुलिस अधिकारी मोबाइल अपने वाहनों में छोड़कर आए। बार पदाधिकारियों का कहना कि जब तक पुलिस मोबाइल के साथ थाने में मोबाइल लेकर जाने पर किसी पर पाबंदी नहीं हटेगी तब तक यह जारी रहेगा। अगर पुलिस गलत नहीं कर रही है तो मोबाइल से क्यों डरती है। अगर पुलिस सही है तो किसी के स्टिंग करने से पुलिस क्यों डरती है।

दरअसल , पुलिस काफी दिनों से थानों में जनता द्वारा मोबाइल ले जाने पर पाबंदी लगा चुकी है। जिससे काफी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

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