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अब बिजली जाने पर विभाग पर लगेगा जुर्माना? जुर्माने की रक़म सीधे उपभोक्ता के खाते में होगी ट्रान्सफर?

स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेटर रेगुलेशन एक्ट 2019 क्या है?

उपभोक्ता सेवाओं में लापरवाही करने पर जवाबदेही तय करने के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग ने दिसंबर 2019 में स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन एक्ट 2019 लागू किया था। इस कानून के तहत यदि तय समय में लेसा द्वारा सुविधाएं मुहैया ना हुई तो पॉवर कारपोरेशन पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसमें जुर्माना हर्जाने के रूप में सीधे उपभोक्ता को दिए जाने का प्रावधान है।

इसके अतरिक्त यदि उपभोक्ता को परेशान किया गया तो ऐसी परिस्थिति में भी उपभोक्ता को हर्जाना मिलना चाहिए। स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेटर रेगुलेशन एक्ट 2019 का उदेश्य बिजली कर्मियों की मनमानी रोकने के उदेश्य से बनाया गया था। लेकिन वर्तमान में मध्यांचल सहित सभी बिजली वितरण कम्पनियो ने इस आदेश को दबा लिया।

प्रत्येक कार्य के लिए समय तय है!

  • विभाग के नियमुसार, बिजली कनेक्शन के लिए एस्टीमेट बनाने की अवधि 7 है 
  • HT यानी हाईटेंशन लाइन लाइन का विस्तार विस्तारीकरण या मरम्मत के लिए 24 दिन का समय निर्धारित है।
  • LT लाइन का विस्तारीकरण होने के लिए 30 दिन का समय निर्धारित है।
  • लो-वोल्टेज की समस्या का निस्तारण 24 घंटे में होना चाहिए।
  • बिलों में खामियां होने पर इसके संशोधन के लिए 7 दिन का समय निर्धारित किया गया है।
  • विद्युत् भार बढ़ाने के लिए शहरी क्षेत्र में आवेदन करने के 7 दिन के भीतर निस्तारिकरण हो जाना चाहिए। 
  • स्थाई रूप से कनेक्शन कटवाने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 6 दिनों के भीतर कार्य हो जाना चाहिए।
  • भूमिगत केबल के फाल्ट के लिए शहरी क्षेत्र में 24 घंटे व ग्रामीण क्षेत्र में 96 घंटे में कार्य हो जाना चाहिए।

समय से काम ना होने पर क्या बिजली विभाग पर जुर्माना लगया जा सकता है? 

काम में देरी के लिए हर्जाने की रकम तय है जिसके लिए एक सूची इस प्रकार है-

  • लो-वोल्टेज की समस्या होने पर ₹50 प्रतिदिन का जुर्माना।
  • मीटर की खराबी होने पर ₹50 प्रतिदिन जुर्माना।
  • बिलिंग में गड़बड़ी होने पर ₹50 प्रतिदिन का जुर्माना।
  • मीटर रीडिंग में गड़बड़ी होने पर ₹200 प्रतिदिन का जुर्माना।
  • लोड में बदलाव में देरी होने पर ₹50 प्रतिदिन का जुर्माना।
  • कनेक्शन बंद करवाने में देरी होने पर ₹50 प्रतिदिन का जुर्माना।
  • ट्रांसफार्मर से वोल्टेज की समस्या होने पर ₹50 प्रतिदिन जुर्माना।
  • नया बिजली कनेक्शन ना मिलने पर देरी होने पर ₹100 का जुर्माना तय है।

बिजली विभाग की शिकायत कैसे और कहाँ करें?

Electricity Department 2022

यदि इस तरह के कार्य समय पर नहीं हो तो विभाग के टोल फ्री नंबर 1912 पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। पहली बार में रिस्पांस ना देने या फिर शिकायत नंबर ना देने पर ₹50 प्रतिदिन का जुर्माना लगाया जाता है। इसके अतरिक्त आप मुख्यमंत्री सहायता डेस्क पर भी शिकायत दर्ज़ करवा सकते हैं।

क्या सरकारी कर्मचारी को सजा दी सकती है?

यदि कोई सरकारी कर्मचारी किसी भी प्रकार से अपने विभागीय आदेशों के विरुद्ध कार्य करता है या किसी ऐसे इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख की रचना करता है जिससे किसी एक पक्ष को फायदा या किसी अन्य को नुकसान हो तो ऐसे कर्मचारी को भारतीय दंड सहिंता की धारा 166 के तहत 3 वर्ष की सजा जुर्माने या फिर दोनों से दंडित किया जाएगा

विभाग जो कितनी जानकारी है? 

बिजली विभाग के 20% बिजली कर्मचारियों को विभागीय कानून की जानकारी नहीं है। कारण विभाग समय समय जो कानून लागु करता है। उसमें सही सूचना नहीं होने पर काम में कर्मचारी केवल वसूली तक सिमित रह जाते हैं। यही वजह है खुद लेसा के कुछ कर्मी विभाग की बदनामी करवा रहे हैं।

बिजली के कनेक्शन कटवाने के लिए क्या प्रक्रिया है?

लेसा के मुताबिक बिजली कनेक्शन कटवाने के लिए सम्बंधित क्षेत्र के कार्यालय में आवेदन करना होता है। यदि उपभोक्ता का कोई पिछला बिल बकाया नहीं है तब उपभोक्ता का कनेक्शन स्थाई रूप से बंद करने से पहले PD रिपोर्ट तैयार की जाती है। इसी तरह यदि उपभोक्ता का कोई पिछला बिल बकाया है तो उपभोक्ता द्वारा पूरा बिल भुगतान करने के बाद आवेदन कर सकता है। इसके बाद संबंधित क्षेत्र के इंजीनियर अपनी निगरानी में मीटर उतरवाकर जांच के लिए भेजते हैं ताकि मीटर रीडिंग या बिलिंग से किसी प्रकार की छेड़छाड़ का पता चल सके।रिपोर्ट में यदि उपभोक्ता कुछ बिल बकाया मिलता है। तब उपभोक्ता को भुगतान करना होता है इसके बाद संबंधित क्षेत्र के इंजीनियर उपभोक्ता के भवन से बिजली का तार उतार लेते हैं। उपभोक्ता को PD रिपोर्ट मिल जाती है और यह रिपोर्ट के मिलने के बाद लेसा यानी कि बिजली विभाग किसी भी उपभोक्ता को बिजली का बिल नहीं भेज सकता है।

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