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Showing posts from January, 2021
सत्यमेव जयते!

अब गर्ल्स PG में कौन हो सकेगा किरायेदार, तय करेगी सरकार

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अभी तक आप गुप चुप तरीके से अपने निजी मकान या फ्लैट में किसी भी किराये दार रख लेते थे और मोटी रकम वसूल कर मुनाफ़ा कमाते थे। मगर अब ऐसा नहीं हो सकेगा अब किरायेदार रखने से पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी और बताना होगा की कब तक के लिए किरायेदार रख रहें हैं। अब उत्तर प्रदेश के किसी भी शहर में बिना लिखित एग्रीमेंट के किराएदार नहीं रखे जा सकेंगे। अब किराएदार रखने के लिए रेंट अथॉरिटी से अनुमति लेनी होगी। रेंट अथॉरिटी हर किराएदार को एक यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर जारी करेगा। इस नए प्रावधान से रेंट एग्रीमेंट में फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। इस आदेश को लागू करने के लिए एक ट्रिब्यूनल की व्यवस्था की जाएगी। यह ट्रिब्यूनल लागू करने के लिए रेंट अथॉरिटी डीएम जिले का नियुक्त करेंगे। इस ट्रिब्यूनल में डिप्टी कलेक्टर के स्तर का ऑफिसर होगा। रेंट अथॉरिटी के फैसले से असहमत होने पर कोर्ट में अपील की जा सकेगी। सरकार की अनुमति से डीएम स्तर के अधिकारी को इसकी रिपोर्ट करेंगे। सरकार हाईकोर्ट की सहमति से हर जिले में कम से कम एडीजे(ADJ) स्तर के कोर्ट अधिसूचित कर सकेगी। अध्यादेश लागू होने के 3 माह के भीतर को किराएदार की सूचन

कैमरा करेगा लड़कियों की सुरक्षा, फोटो बताएगा परेशानी

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प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को लगाम लगाने के लिए सरकार ने आधुनिक तकनीक को प्रयोग करने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में महिलाओं की सुरक्षा के लिए 200 चौराहों पर कैमरे लगवाए जाएंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कैमरा सड़क पर जब किसी महिला को कोई परेशानी दिक्कत होगी तो फोटो खींचकर तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम 112 को भेज देगा। फोटो मिलते ही पास में मौजूद पुलिस की गाड़ी मदद के लिए महिला के पास पहुंच जाएगी। और क्या सुरक्षा करेगा कैमरा?  महिलाओं और लड़किओं की सुरक्षा के अलावा शहर में मूवमेंट्स के लिए 15 सहायक कैमरे लगवाए जाएंगे। चेहरे पर तनाव और को भाग लेगा कैमरा  स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत यानि शहर को स्मार्ट बनाने के लिए 200 चौराहों को चुना गया है। जहां पर महिलाओं को दिक्कत होती है इन कैमरों की खासियत होगी कि महिलाओं के चेहरे पर तनाव आते ही फोटो खींच कर पुलिस कंट्रोल रूम भेज देगा और पास ही मौजूद  पुलिस फ़ौरन उस महिला की सुरक्षा के लिए आ जाएगी। यह पता लग जाएगा किसी महिला को किसी प्रकार की कोई परेशानी है और वह है ऑटोमेटेकली 112 पुलिस कंट्रोल रूम को उसकी शिकायत भेज

पहली माहवारी से पहले लड़कियों की शादी कितना उचित है?

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जब एक लड़का और एक लड़की बिना विवाह के बंधन में बंधे साथ रहते हैं और पति-पत्नी की तरह अपना जीवन व्यतीत करते हैं। जिसमें लड़की और लड़का दोनों अपनी मर्जी से बिना शादी किये साथ में रहना तय करते हैं तो लिव इन रिलेशनशिप कहा जाता है। भारत में यह अभी चलन में नहीं है शायद यही वजह है की एक दो मामलों में देखने में आता है कि जिसमें समाज स्वीकार कर लेता है लेकिन अधिकतर मामलों में समाज इन्हें स्वीकार नहीं कर पाता है और ऐसे मामले कोर्ट तक पहुंच रहे हैं। हाल ही में कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह एक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है जो उसे संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के रूप में प्राप्त है। यह अपराध नहीं है और उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। मगर सवाल यह है की जब समाज में इन सब चीजों को स्वीकार्यता नहीं है तो ऐसे में ऐसे कपल को क्या अधिकार प्राप्त होंगे।  भारत में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कोई विशेष कानून नहीं है लेकिन यदि लड़का और लड़की बालिग हों और वो आपसी सहमति से साथ रहना चाहते हैं तो उन्हें कोई रोक नहीं सकता है। अगर लड़का और लड़की के बीच सेक्स संबंध ब

अब सोना खरीदने पर देना होगा पैन नंबर!

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अब सोना खरीदने पर देना होगा पैन नंबर! वित्त मंत्रालय ने सोना, चांदी और कीमती रत्न की नकद खरीद के लिए प्रावधान में परिवर्तन कर दिया है। अब विक्रेता अपने ग्राहकों की केवाईसी (KYC) संबंधी जानकारी लेने के बाद ही सोना बेच सकेंगे। लेकिन यहाँ यह जानना आवश्यक है की यह कोई नया नियम नहीं है बल्कि यह नियम देश में पहले से लागू है। देश में पहले से ही ऊंचे स्तर की कीमत वाले रत्नों की खरीद ₹2 lakh से अधिक करने पर केवाईसी (KYC) का नियम लागू है। क्या है नियम? नियम के अनुसार यदि कोई ग्राहक ₹200000 से अधिक के आभूषण खरीदता है तो उस पर केवाईसी (KYC) का नियम लागू होता है, अर्थात उसे केवाईसी (KYC) फॉर्म को भरना होगा और पैन नंबर की जानकारी देनी होगी। क्यों है इस कानून की जरूरत? वर्तमान में मनी-लांड्रिंग रोधी कानून देश में लागू है और यह पिछले दो वर्षों से देश में जारी है। इस नियम के तहत यदि कोई व्यक्ति 10 लाख रुपए से अधिक के सोना या चांदी के आभूषण खरीदता है, तो केवाईसी (KYC) फॉर्म भरना जरूरी होता है। लेकिन अब इस प्रावधान की जरूरत तब पड़ी जब विश्व स्तर पर आतंकवादियों को फंडिंग के खिलाफ मोर्चा खोला गया है।

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