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सत्यमेव जयते!
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कानून से जुड़ी ख़बर!
- क्या संपत्ति का पावर ऑफ अटॉर्नी सम्पति को मालिक की बिना जानकारी के बेच सकता है?
- बिना विवाह किये भी साथ रह सकते हैं। जानिए क्या है इस संबंध में कानून। क्या होते हैं एक कपल के अधिकार।
- महिला सम्मान की पैरवी करने वाले देश में मैरिटल रेप अपराध नहीं!
- तो अब किससे पास कितनी ज़मीन है पता चल सकेगा यूनीक लैंड कोड से, जानिए कैसे?
- जमानत क्या है और किसी व्यक्ति की जमानत कैसे ले सकते हैं?
- पोर्न देखकर किशोर ने किया 3 साल की बच्ची से रेप!
- शादी के बाद शादी का प्रमाण पत्र कैसे बनेगा? यहाँ पूरी जानकारी दी गई है!
- वसीयत करने से पहले संपत्ति धारक की मृत्यु हो जाने पर संपत्ति पर किसका अधिकार होगा है?
- हिन्दू धर्म में न दूसरी शादी की जा सकती है ना पहली से तलाक़ होगा
- क्या एक विवाहित बेटी अपने पिता की संपत्ति में हिस्से का दावा कर सकती है? सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पैतृक संपत्ति में बेटियों का होगा इतना अधिकार?
- Cyber Crime की शिकायत दर्ज कराने के लिए क्या जानकारी देनी होगी? साइबर अपराध (Cyber Crime) पोर्टल पर शिकायत कैसे करें?
- जानिए, अगर पति तलाक चाहता है और पत्नी नहीं चाहती तो क्या करें? क्या तलाक के बाद पति पत्नी साथ रह सकते हैं? पत्नी मायके से नहीं आए तो क्या करें?
- जानिए, कोर्ट मैरिज की फीस कितनी है? कोर्ट मैरिज में के लिए आवेदन कहाँ करना होता है? कोर्ट मैरिज में कितने दिन लगते हैं?
- क्या आपके मन में भी हैं ये सवाल कि गाड़ी कौन सी खरीदें? पुरानी गाड़ी खरीदने से पहले क्या देखना चाहिए? कार खरीदना है तो कैसे खरीदें?
तलाक़ के लिए कौन कौन से क़ानूनी रास्ते होते हैं?
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कई पति पत्नी यह जानना चाहते हैं कि- तलाक लेने में कितना खर्च आता है? तलाक कितने महीने में मिलता है? जल्दी से जल्दी तलाक कैसे ले? तलाक लेने का सबसे आसान सस्ता तरीका क्या है? शादी के कितने दिन बाद तलाक ले सकते हैं पति पत्नी? तलाक़ लेने के कितने आधार होते हैं तलाक़ के लिए कौन कौन से क़ानूनी रास्ते होते हैं? आज कल नई-नई शादी होते ही पति पत्नी में कुछ ऐसे विवाद जन्म ले लेते हैं की बात तलाक़ तक पहुच जाती है ऐसे में अब तलाक़ लेना है तो कैसे लें इसी प्रश्न पर चर्चा करेंगे तलाक़ होता क्या है? तलाक की प्रक्रिया विवाहित जोड़े के बीच शादी खत्म करने की एक न्यायिक प्रक्रिया है। यह नियमों, कानूनों और वैधानिक प्रक्रियाओं के अनुसार आयोजित की जाती है और विवाहित जोड़े को आपसी विचार-विमर्श के बाद दोनों को अलग रहने की अनुमति देती है। तलाक की प्रक्रिया भारतीय सामाजिक, नैतिक और कानूनी परंपराओं के अनुसार विभिन्न रूपों में प्रदर्शित हो सकती है। तलाक़ के कई प्रकार होते हैं। यहां विभिन्न तलाक की प्रक्रियाओं का उल्लेख किया गया है- संयुक्त तलाक: संयुक्त तलाक, जिसे तीन तलाक के रूप में भी जाना जाता है, एक
पॉक्सो क्या है? पॉक्सो एक्ट में बच्चों और नाबालिगों के प्रति कौन सी हरकतों और बातों को यौन अपराध माना जाता है?
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पॉक्सो (POCSO) अधिनियम 2012 में संशोधन की तैयारी हो चुकी है केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बच्चों के खिलाफ यौन अपराध सम्बंधित दंड को और अधिक कठोर बनाने के लिए बाल यौन अपराध संरक्षण (Protection of Children from Sexual Offences-POCSO) अधिनियम, 2012 में आवश्यक संशोधन को मंज़ूरी दे दी। आइये जानते हैं की केद्र सरकार क्या क्या बदलाव करने जा रही है इस कानून में । पॉक्सो क्या है? पॉक्सो एक केंद्रीय कानून है जो यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने के लिए बनाया गया है इसी अधिनियम का संक्षिप्त नाम (शार्ट फॉर्म) Protection of Children Against Sexual Offence Act – POCSO (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन अगेंस्ट सेक्सुअल ऑफेंस) है। इसे यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों की सुरक्षा संबंधी कानून के तौर पर भी जाना जाता है। पॉक्सो अधिनियम, 2012 क्यों लागू किया गया था? पॉक्सो अधिनियम, 2012 को बच्चों के हित और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए बच्चों को यौन अपराध (सेक्सुअल क्राइम), यौन उत्पीड़न (सेक्सुअल हैरश्मेंट) तथा पोर्नोग्राफी से सुरक्षा प्रदान करने के लिये लागू किया गया था। यह अधिनियम 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे
क्या धारा 498A का दुष्प्रभाव पड़ रहा है समाज़ पर? क्या इस आधार पर तलाक़ लिया जा सकता है?
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धारा 498A: सामाजिक सुरक्षा या दुष्प्रभाव? धारा 498A, जो भारतीय कानूनी प्रक्रिया में महिलाओं की सुरक्षा के लिए संशोधनों में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पोस्ट में, हम धारा 498A के महत्व, विवाद और इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे। धारा 498A भारतीय दंड संहिता का एक अहम अंश है जो दहेज़ प्रथा, पत्नी हिंसा और दाम्पत्य अत्याचार के खिलाफ महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का उद्देश्य रखता है। यह धारा आरोपी पक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की अनुमति देती है, जहां पति, ससुराल वालों और दामाद को जुर्माना लगा सकता है। धारा 498A के अनुसार, यदि किसी पति या पति के परिवार के सदस्यों द्वारा पत्नी के प्रति उत्पीड़न, शारीरिक और मानसिक छेड़छाड़, या दहेज़ के लिए न्यूनतम मांग की जाती है, तो यह एक अपराध माना जाता है। इसका परिणामस्वरूप, आरोपी पक्ष के खिलाफ गिरफ्तारी और न्यायिक कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि, धारा 498A को लेकर विवाद भी हैं। कुछ लोग इसे सामाजिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण साधन मानते हैं, जो पत्नियों को उनके अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करता है। वे यह दावा करते हैं कि यह कानून महिलाओं
तलाक का मुख्या कारण है? जानिए इससे बचने के उपाए!
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तलाक, एक समाज में एक साथी से दूसरे साथी के साथ जुड़े रिश्ते को खत्म करने का प्रक्रियात्मक नाम है, और भारत में इसका आम होना चिंताजनक है। समाज में तलाक की दर बढ़ रही है और इससे उत्पन्न होने वाली समस्याएं सामाजिक और मानविकी दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। इस लेख में, हम जानेंगे कि भारत में तलाक के कारण और परिणामों को समझने का प्रयास करेंगे और इस समस्या को हल करने के लिए कौन-कौन से कारगर समाधान हो सकते हैं। तलाक का कारण: सामाजिक परिवर्तन: भारतीय समाज में हो रहे विभिन्न सामाजिक परिवर्तनों के कारण तलाक की दर में वृद्धि हो रही है। व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में बदलाव, महिलाओं की शिक्षा, और समाज में महिलाओं के स्थान के परिवर्तन इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वित्तीय और परिवारिक तनाव: वित्तीय और परिवारिक तनाव भी तलाक का कारण बन सकते हैं। आर्थिक मुद्दे, अच्छे संबंधों की कमी, या परिवार के संचार में कोई तनाव तलाक का कारण बन सकते हैं। अन्य समस्याएं: विभिन्न समस्याएं जैसे कि मानसिक समस्याएं, असमान सामाजिक स्थिति, बदलते समय के साथ बदलती रोजगार स्थिति, और सामाजिक प्रतिबद्धता के बीच अधिक समस्याएं तला
क्यों काली लड़कियों को शादी करने में दिक्कत होती है? क्यों सांवली लड़कियां शादी के लिए होतीं रिजेक्ट, 10 रूढ़िवादी कारण
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भारत, एक विविधता से भरी भूमि है, जहां अनेक धर्म, भाषाएँ, और सांस्कृतिक विचारधाराएँ साथ में अपनाई जाती हैं। हमारा समाज रंग, जाति, और लैंगिकता के कारण विभाजित हो जाता है, और यह विभेद अक्सर लड़कियों पर अधिक प्रभाव डालता है। रंगभेद, जिसे चेहरे के रंग, जाति, और क्षेत्र के आधार पर किया जाता है, भारतीय लड़कियों के लिए एक अभिशाप बन गया है। रंगभेद का परिचय: भारत में रंगभेद एक घातक समस्या है जो समाज के विभिन्न वर्गों को अलग-अलग रूपों में बाँट देती है। चेहरे के रंग, जाति, और सामाजिक पृष्ठभूमि के आधार पर लोगों को अलग करने का कारण बनता है। यह विभाजन लड़कियों को विशेष रूप से प्रभावित करता है और उन्हें समाज में एक भूमिका में बंधने में मुश्किलें पैदा करता है। रंगभेद और लड़कियां: रंगभेद की सबसे बड़ी पीड़ा लड़कियों को होती है, जो इसे सामाजिक संरचना में स्थान बनाए रखता है। सफेद और काले रंग के बीच का विभेद लड़कियों को विद्या, रोजगार, और समाज में समानता की दिशा में बाधित करता है। इसके परिणामस्वरूप, अनेक लड़कियां अच्छी शिक्षा और सर्जनात्मक क्षमताओं का सही समावेश नहीं कर पाती हैं। रंगभेद के कारण लड़की की शाद
किन परिस्थितियों में बेटियां संपत्ति की पात्र नहीं होती हैं? क्या पिता बेटे की अनुमति के बिना संपत्ति बेच सकता है?
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क्या आप जानती है कि- क्या कोई बेटी पिता की संपत्ति पर दावा कर सकती है? क्या पिता बेटी की सहमति के बिना संपत्ति बेच सकता है? किन परिस्थितियों में बेटियां संपत्ति की पात्र नहीं होती हैं? क्या पिता बेटे की अनुमति के बिना संपत्ति बेच सकता है? मम्मी-पापा की सम्पत्ति पर बेटी को क्या अधिकार मिलते हैं? पैत्रक सम्पत्ति पर लड़की को क्या अधिकार होते है? पैत्रक सम्पत्ति पर लड़की के अधिकार मौजूदा कानूनों पर निर्भर करता है। यह कानून लड़की के अधिकारों और विधानों को संरक्षित करने के लिए निर्धारित किए गए हैं। लेकिन, फिर भी कुछ सामान्य अधिकार होते हैं जो आमतौर पर लड़की को पैत्रक सम्पत्ति पर अधिकार देते हैं: सम्पत्ति का अधिकार: यदि लड़की पैत्रक सम्पत्ति की कानूनी मालिक है, तो उसके पास सम्पत्ति के संपूर्ण अधिकार होते हैं। वह इसे खरीदने, बेचने, वसीयत करने, उस पर लोन लेने या उसे किसी भी तरीके से नियंत्रित करने का अधिकार रखती है। वसीयत का अधिकार: जब किसी संपत्ति के मुखिया की मालिक मर जाता है, तो उसकी पैत्रक सम्पत्ति के विभिन्न अंशों का वितरण करने के लिए वसीयत की जाती है। यदि लड़की को उस पैत्रक सम्पत्ति का ह
FIR कैसे लिखी जाती है? FIR करने में कितना पैसा लगता है? FIR कब लिखी जाती है?
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आप भारतीय समाज में रहते हैं, तो आपने "एफआईआर" के बारे में जरूर सुना होगा। यह शब्द एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया की प्रतिष्ठिति को दर्शाता है, जिसे भारतीय दंड संहिता में व्यवस्थित किया गया है। एफआईआर का पूरा नाम होता है "प्राथमिकी रिपोर्ट" या "फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट"। यह एक आपराधिक घटना की पहली सूचना होती है, जिसे पुलिस दफ्तर को प्रस्तुत किया जाता है। फ़ाइल आदेश अंग्रेजी में "First Information Report" (FIR) कहलाता है, लेकिन हिंदी में इसे "प्राथमिकी रिपोर्ट" के रूप में जाना जाता है। जब किसी अपराध का दुष्प्रभाव समाज पर पड़ने की संभावना होती है, तो लोग एफआईआर पंजीकरण द्वारा इसकी जानकारी पुलिस अधिकारियों को देते हैं। यह प्रक्रिया अपराध की जानकारी जमा करने और जांच की प्रारंभिक प्रक्रिया को शुरू करने का आधिकार पुलिस को देती है। एफआईआर पंजीकरण अपराधी की पहचान करने, उसकी गिरफ्तारी करने और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की शुरुआत होती है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ होता है जो समाज को सुरक्षित रखने और अपराध के खिलाफ लड़ाई में मदद करता है। ए
प्रेमिका से बेवफाई, अपराध कैसे हुआ भाई? : दिल्ली हाई कोर्ट
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आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र 18 साल ही रहे: कमीशन कमीशन ने माना- पॉक्सो कानून लड़की को मर्जी से शादी न करने देने में अभिभावकों का हथियार बच्चों को यौन हिंसा से संरक्षित करने वाले केंद्रीय कानून पॉक्सो एक्ट 2012 के विभिन्न पहलुओं की गहन पड़ताल के बाद लॉ कमीशन ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कानून मंत्रालय को सौंप दी है। इसमें आयोग ने कानून की बुनियादी सख्ती बरकरार रखने की हिमायत की है। और आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की न्यूनतम उम्र 18 साल बनाए रखने की बात कही गई है। हालांकि इसके दुरुपयोग से जुड़े मामलों को देखते हुए कुछ सेफगार्ड लगाए गए हैं। इस कानून के इस्तेमाल को लेकर कराए गए अध्ययनों से पता चला कि लड़कियों को मर्जी से विवाह करने के फैसले लेने के खिलाफ अभिभावक इसका इस्तेमाल हथियार की तरह कर रहे हैं। सहमति से संबंध रखने वाले कई युवकों को इस कानून का शिकार होना पड़ा है। ऐसे में मांग उठी थी कि सहमति से सेक्स संबंध रखने की उम्र घटाई जानी चाहिए। सहमति को 3 पैमानों पर परखने की सिफारिश, तभी अपवाद मानें यौन संबंधों को अपराध नहीं मानने के अपवादों के बारे में इन बातों पर गौर करने की
अगर बिल्डर ने समय पर कब्जा नहीं दिया तो क्या खरीदार को जमा धनराशि वापस लेने का अधिकार?
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यूपी रेरा ने छह माह के भीतर वेव वेगा मेगा सिटी सेंटर बिल्डर से आदेश का पालन करवाया। ज्युडिशियल गुरु | ग्रेटर नोएडा रेरा आदेश के बाद बिल्डर खरीदार को 4 वर्ष बाद 45.50 लाख रुपये लौटाएगा। जो फ़रवरी 2024 तक अलग अलग किश्तों में दिया जाना है इसमें 2.25 लाख रुपये ब्याज़ भी शमिल है। उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण ने छह माह के अंदर वेव मेगा सिटी सेंटर से एक आदेश का पालन कराकर एक खरीदार को उसका पैसा वापस दिलाया है। यूपी रेरा अधिकारियों ने बताया कि वेव मेगा सिटी सेंटर बिल्डर का वेव मेगा सिटी सेंटर 2डी प्रोजेक्ट है जिसमें गाजियाबाद निवासी खरीदार गोपेश स्वरुप ने वर्ष 2019 में एक कमर्शियल यूनिट 1.09 करोड़ में खरीदी थी। खरीदार ने इस प्रोजेक्ट में 43.27 लाख रुपये जमा भी कर दिये थे और बिल्डर ने दिसंबर, 2020 तक कब्जा देने का वादा किया, लेकिन निर्माण पूरा नहीं हो सका। दो साल तक बिल्डर के चक्कर लगाने के बाद खरीदार ने वर्ष 2022 में यूपी रेरा में शिकायत कर जमा धनराशि वापस दिलाने की मांग की। RERA के हस्तक्षेप के बाद बिल्डर ने खरीदार का पैसा लौटाने का एक प्रस्ताव दिया। जिसमें जमा धनराशि 43.27 लाख और
RERA के तहत शिकायत कैसे दर्ज करें? और अगर कोई बिल्डर RERA के साथ पंजीकृत नहीं है तो क्या होगा?
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अगर आपने कोई मकान, दुकान, फ़्लैट या प्लाट ख़रीदा है और आपके बिल्डर या प्रमोटर ने उसे समय पर आपको नहीं दिया है तो ऐसे में आपके पास क्या उपाय हैं। RERA आपको आपके अधिकार दिलवाने में मद्दद कर सकता है। RERA ट्रिब्यूनल अधिवक्ता आशुतोष कुमार जी से जानिए कि अपने अधिकार को समय पर कैसे हासिल करें। RERA के कानून कब लागू नहीं होते हैं? ध्यान रखें कि निम्नलिखित स्थितियों में RERA एक्ट के प्रावधान लागू नहीं होते है- अगर निर्माणाधीन बिल्डिंग में अपार्टमेंटों की संख्या 8 से कम हो, अगर निर्माणाधीन भूमि का क्षेत्रफल 500 वर्ग मीटर से कम हो, यदि प्रमोटर को RERA एक्ट आने से पहले ही संपत्ति के लिए पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया गया हो, जब किसी संपत्ति का पुनर्विकास या नवीनीकरण किया जा रहा हो और उसके लिए मार्केटिंग या विज्ञापन की आवश्यकता न हो। RERA में प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या होते हैं? रियल स्टेट बिज़नस में बिल्डरों को खुद को RERA के साथ पंजीकृत करना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की एक विस्तृत सूची नीचे दी गई है- फॉर्म REA-I पिछले 3 वर्षों की आयकर रिटर्न (ITR) बिल्
बिल्डर या प्रमोटर मकान/फ्लैट/प्लाट आदि पर समय से कब्जा न दे तो क्या करें?
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हर कोई अपने घर में रहना चाहता है। किराए पर रहकर ज़िन्दगी नहीं कटती ये सब जानते हैं और पूरी ज़िन्दगी किराये में रहकर कोई खुश नहीं है। यही कारण लोग अपनी ज़िन्दगी में एक अदद घर की चाहत रखते हैं। इसीलिए शहरों में हर समय घरों की मांग बनी रहती है। पहले लोग ज़मीन लेकर खुद ही उस पर घर का निर्माण करते थे। लेकिन, अब बदलते वक़्त में ऐसा नहीं है बड़े शहरों में लोग अब बिल्डरों और रियल एस्टेट कंपनियों द्वारा बने घर या फ़्लैट लेते हैं। लेकिन, बहुत बार ऐसा होता है कि किसी बिल्डर समय पर अपना प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर पाता और घर बुक कराने वालों को उनके फ्लैट का कब्जा नहीं मिल पाता। उनका पैसा कई सालों के लिए अटक जाता है और बिल्डर उन्हें घर या पैसे देने की बजाय केवल आश्वासन ही देता रहता है। अगर आपके साथ भी यह हुआ है तो अब आपको बिल्डर या प्रमोटर के आश्वासनों के सहारे नहीं रहना है या फिर हाथ पर हाथ रखकर बैठने की जरूरत नहीं है। अब आप अपना घर समय से लेने के लिए बिल्डर या प्रमोटर की शिकायत दर्ज़ करवा सकते हैं जिससे की आपको अपना घर समय से मिल सके। रेरा (RERA) का क्या काम है? वर्ष 2016 में रियल एस्टेट क्षेत्र के
शादी करने की सोंच रहे हैं तो जान लीजिये कि लव मैरिज (Love Marriage) अच्छा है या अरैंज मैरिज (Arrange Marriage)?
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2023 में लव मैरिज (Love Marriage) अच्छा है या अरैंज मैरिज (Arrange Marriage)? ऐसा अक्सर कहा जाता है कि लव मैरिज के सफल होने चांसेस कम होते हैं पर क्या वाकई ऐसा है? वास्तव में यह सवाल अविवाहितों यानि कुवांरे लड़के-लड़कियों द्वारा पूछा जाने वाला सबसे ज्यादा प्रश्न है और उनके मन में उमड़ने वाला बड़ा दिलचस्प सवाल भी है। लेकिन उससे भी बड़ी दिलचस्प बात यह है कि इस सुलगते सवाल का जवाब आज तक किसी ने पूरी दिलचस्पी के साथ नहीं खोजा। आज इस आर्टिकल का सब्जेक्ट ख़ास है क्योंकि आप बचपन से ही लव मैरिज (Love Marriage) और अरेंज मैरिज (Arrange Marriage) के फ़ायदे और नुकसान सुनते आ रहे होंगें। ये बात अलग है कि इन दोनों ही शादियों पर हमेशा ही प्रश्नचिन्ह लगता रहा है। बड़े-बुज़ुर्ग अरैंज मैरिज (Arrange Marriage) को बेहतर मानते हैं तो वहीँ अधिकतर लड़के और लड़कियां लव मैरिज (Love Marriage) के सपने बुनते नज़र आते हैं। शादी हम सब की ज़िन्दगी का एक अहम फ़ैसला होता है जिसे दो लोग साथ मिलकर तय करते हैं। भारत में माना जाता है कि यह मेल महज़ दो लोगों का नहीं बल्कि दो परिवारों और संस्कारों का भी होता है। ऐसे में हमारे लिए यह बेह
नया आवेदन करें-
- आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन करें
- ई श्रम कार्ड के लिए आवेदन करें
- किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करें
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- प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन करें
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- विवाह प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करें
- सोसाइटी पंजीकरण के लिए आवेदन करें
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लीगल खबरें आपके लिए!
- जानिए तलाक़ लेने में कितना ख़र्च होता है?
- क्या पत्नी का फ़ोन रिकॉर्ड करना क़ानूनी है?
- क्या बिना शादी किये लड़का लड़की साथ रह सकते हैं?
- तलाक़ लेने पर दूसरी बीवी को सम्पत्ति में कितना हिस्सा मिलेगा?
- मुस्लिम महिला के पास तलाक़ लेने के क्या अधिकार होतें हैं?
- क्या पति पत्नी के बीच शारीरिक सम्बन्ध ना होना तलाक़ की वजह बन सकता है?
- बिना वकील अपना मुक़दमा खुद कैसे लड़ें?
- क्या मैरिटल रेप तलाक़ की वजह हो सकता है?
- ट्रिपल तलाक में पत्नी के क्या अधिकार होते हैं?
- क्या शादी में मिले गहने पर सास का अधिकार होता है?
- क्या तीन तलाक़ के मामलें में घर वालों पर केस दर्ज़ करवाया जा सकता है?
- क्या है प्रेम विवाह करने वाले बालिग जोड़ों की शादीशुदा जिंदगी की स्वतंत्रता?
- कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज कितने दिन में हो जाती है? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह चाहिए?
- आईपीसी की धारा 496, 493, 495 क्या है? बगैर तलाक के किसी स्त्री की शादी करने पर क्या कहता है क़ानून?