सत्यमेव जयते!

Today's News

वसीयत करने से पहले संपत्ति धारक की मृत्यु हो जाने पर संपत्ति पर किसका अधिकार होगा है?

पैतृक संपत्ति क्या होती है

पिता के पिता द्वारा प्राप्त सम्पति को पैतृक संपत्ति को कहा जाता है। जो किसी व्यक्ति को उत्तराधिकार में प्राप्त होती है। ऐसी संपत्ति उसके द्वारा अर्जित नहीं की जाती या फिर उसे वसीयत नहीं की जाती बल्कि क़ानूनन उसे उत्तराधिकार के माध्यम से उसे प्राप्त होती है उसे पैतृक संपत्ति कहा जाता है।

क्या पैतृक संपत्ति को बेचा जा सकता है?

अधिनियम के अनुसार कोई व्यक्ति चल-अचल संपत्ति के रूप में प्राप्त पैतृक संपत्ति को उस अवस्था में बेच सकता है जब उस पुत्र और पौत्र के हिस्से में कर्ज चुकाने का दायित्व हो लेकिन यह क़र्ज़ भी पैत्रक होना चाहिए। कर्ज किसी अनैतिक अथवा अवैध कार्य के जरिए पैदा ना हुआ हो। पैत्रक सम्पति को कर चुकाने के लिए बेचा जा सकता है।

संपत्ति पर बंटवारे पर पोते-पोती के क्या अधिकार है?

दादा अपनी संपत्ति किसी भी व्यक्ति को दे सकते हैं इसके लिए वह पूर्ण स्वतंत्र होते हैं। यदि किसी कारण वश वसीयत करने से पहले मर जाते हैं तब उनकी सम्पति पर केवल उनकी पत्नी, पुत्र व बेटी को ही संपत्ति पर अधिकार होगा। मृतक की पत्नी, पुत्र और पुत्री को विरासत में मिली संपत्तियों को उनकी निजी संपत्ति माना जाएगा और उस संपत्ति पर किसी अन्य व्यक्ति का दावा स्वीकार नहीं होगा।

पिता के जीवित रहते पुत्र पिता की संपत्ति पर दावा कर सकता है?

संपत्ति के मामले में बेटा-बेटी केवल अपने पिता की दया पर ही उसकी संपत्ति का प्रयोग कर सकते हैं। पिता की संपत्ति पर जबरदस्ती हक जताते हुए उसका उपयोग नहीं किया जा सकता है। पिता अपनी मर्जी से अपने बेटा या बेटी को घर देने या उन्हें रहने के लिए कह सकता है। लेकिन संपत्ति के मालिक के तौर पर वह उसका एकमात्र मालिक है। उसके रहते उसकी संपत्ति पर किसी भी प्रकार का कोई भी दावा स्वीकार्य नहीं होगा और ना ही इस सम्बन्ध में किसी भी कोर्ट में वाद दाखिल किया जा सकता है।

पुश्तैनी संपत्ति में क्या अधिकार होते हैं?

पैतृक संपत्ति पर पुरुषों की चार पीढ़ियों तक दावा रहता है। ऐसी सम्पति जो विरासत में मिली हो उसे पैतृक संपत्ति कहा जाता है। पैतृक संपत्ति में किसी व्यक्ति को अधिकार जन्म के समय से ही मिल जाता है। यह विरासत के अन्य प्रारूपों जैसा नहीं होता है जहां मालिक के मरने के बाद विरासत में संपत्ति मिलती है।

संपत्ति में पोता-पोती को क्या अधिकार मिले हैं?

पोता-पोती को विरासत में मिली सम्पति पर अपने पिता के सामान ही हिस्सा होता है लेकिन दावा नहीं हो सकता है जब तक पिता हैं। यदि दादा की संपत्ति स्व-अर्जित है तो भी पोते या पोती को उत्तराधिकार के अधिकार से मिलेगा किन्तु यह तभी होगा जब पिता की मृत्यु दादा से पहले हुई हो।

बेटा या बेटी को बेदखल करने के कानूनी तरीके क्या होते हैं?

यदि कोई व्यक्ति अपनी सम्पति के अधिकार से अपने बेटा या बेटी को कानूनी वारिस नहीं बनाना चाहता है अर्थात अपनी प्रॉपर्टी से बेदखल करना चाहता है तो इसके लिए एक रजिस्टर्ड वसीयत बनवाना होता है। जिसमें स्पष्ट करना होता है कि कुल कितने लोग आपकी प्रॉपर्टी दावेदार हैं। कौन-कौन प्रॉपर्टी पर कानूनी वारिस है और उसमें किस व्यक्ति को बेदखल कर रहे हैं या कितने प्रतिशत हिस्से पर अधिकार दे रहे हैं। इस प्रपत्र को नोटरी करवाने के पश्चात् किसी दैनिक समाचार में प्रकाशित करवाना होता है।

पिता की संपत्ति पर कितना अधिकार होता है?

कानूनी रूप से उत्तराधिकार द्वारा प्राप्त संपत्ति पर पुत्र अथवा पुत्री का स्वतः अधिकार हो जाता है। कितुं यदि संपत्ति पिता द्वारा स्व-अर्जित है तो उस सम्पति पर पिता के जीवित रहने तक एकमात्र अधिकार पिता का होता है। पिता की मृत्यु के पश्चात् पत्नी का तत्पश्चात संतान का अधिकार होगा। यदि संतान (पुत्र अथवा पुत्री) अवैध संतान हैं तो बावजूद इसके उन्हें अपने पिता की संपत्ति पर अधिकार होगा लेकिन यह अधिकार तभी उसे प्राप्त होगा जब पिता की मृत्यु स्वाभाविक रूप से हुई हो तथा इसका प्रमाण प्रस्तुत करना होगा की सम्पति धारक जैविक पिता है।

https://www.judicialguru.in/

वसीयत करने से पहले संपत्ति धारक की मृत्यु हो जाने पर किसका अधिकार होगा है?

पत्नी पति की मृत्यु के पश्चात संपत्ति की कानूनी अधिकारी होती है। यदि कोई शख्स अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़कर गुजर जाता है तो उसकी संपत्ति पर सर्व प्रथम पत्नी का अधिकार होगा तत्पश्चात संतानों का समान अधिकार होता है।

Comments

ख़बरें सिर्फ़ आपके लिए!

तलाक लेने में कितना खर्च आयेगा और यह खर्च कौन देगा? तलाक लेने से पहले यह कानून जान लें!

पति तलाक लेना चाहता और पत्नी नहीं तो क्या किया जाना चाहिए?

अब चेक बाउंस के मामले में जेल जाना तय है! लेकिन बच भी सकते हैं अगर यह क़ानूनी तरीका अपनाया तो!

तलाक़ के बाद बच्चे पर ज्यादा अधिकार किसका होगा माँ का या पिता का?

जानिए, पॉक्सो एक्ट (POCSO) कब लगता है? लड़कियों को परेशान करने पर कौन सी धारा लगती है?

बालिग लड़की का नाबालिग लड़के से शादी करने पर अपराध क्यों नहीं है? और क्या नाबालिग लड़की अपनी मर्ज़ी से शादी कर सकती है?

जमानत क्या है और किसी व्यक्ति की जमानत कैसे ले सकते हैं?

जानिए दाखिल खारिज़ क्यों ज़रूरी है और नहीं होने पर क्या नुकसान हो सकतें हैं?

लीगल खबरें आपके लिए!