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सत्यमेव जयते! Join Us on YouTube

जानिए, इनकम टैक्स कितने प्रकार के होते हैं? और भारत के पास कितना पैसा है?

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हमें सरकार को कर क्यों देना चाहिए? सरकार को सुचारू रूप से चलाने के लिए धन की आवश्यकता होती है और सरकार यह धन कर राजस्व के रूप में प्राप्त करती है। सरकार द्वारा कितने तरह के टैक्स जनता पर आरोपित किये जाते हैं? इसके बारे में विस्तार से समझते हैं। और जानते हैं  इन सवालों के जवाब- इनकम टैक्स कितने प्रकार के होते हैं? राज्य सरकार को पैसा कौन देता है? भारत के पास कितना पैसा है? इनकम टैक्स कितने प्रकार के होते हैं? केंद्र सरकार का राजस्व खाते पर प्राप्तियों के अनुमानों को दो भागों में बांटा जाता है कर राजस्व कर-भिन्न राजस्व केंद्र सरकार द्वारा गृहीत कर को तीन भागों में विभक्त किया जाता है:- आय एवं व्यय पर कर  संपत्ति और पूंजी सौदों पर कर  वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर  कर-भिन्न राजस्व को निम्नलिखित में विभक्त किया जाता है- राजकोषीय तथा अन्य सेवाएं  ब्याज- प्राप्तियां, और लाभांश और लाभ।  आय और व्यय पर कर:- आयकर दो प्रकार के होते हैं अर्थात वैयक्तिक आय (Personal Income Tax) और निगम कर (Corporation Tax) अर्थात कंपनी लाभ पर कर। आयकर (Income Tax):- केंद्र सरकार द्वारा वैयक्...

Indian Evidence Act | APO | AIBE | HJS | PCSJ Model Question paper with Answer in Hindi | भारतीय साक्ष्य अधिनियम

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प्रश्न1-भारतीय साक्ष्य अधिनियम का प्रवर्तन हुआ- 1 सितंबर 1872 1 अक्टूबर 1872 1 जुलाई 1872 उपरोक्त में से कोई नहीं उत्तर- 1 सितंबर 1872 प्रश्न2- साक्ष्य अधिनियम किस प्रकार की विधि है? सारवान विधि केवल प्राकृतिक विधि केवल परिक्रियात्मक विधि 1 और 3 दोनों प्रकार की उत्तर- केवल परिक्रियात्मक विधि प्रश्न3- निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नही है? यह कि किसी मनुष्य ने कुछ सुना या देखा, एक तथ्य है यह कि किसी मनुष्य ने अमुक शब्द कहे, एक तथ्य है यह कि किसी मनुष्य ने अमुक ख्याति है, एक तथ्य नहीं है यह कि कोई मनुष्य अमुक राय रखता है, एक तथ्य है उत्तर- यह कि किसी मनुष्य ने अमुक ख्याति है, एक तथ्य नहीं है प्रश्न4- भारतीय साक्ष्य अधिनियम में ‘न्यायालय’ शब्द के अंतर्गत निम्नलिखित में कौन सा नहीं आता है? सभी न्यायाधीश साक्ष्य लेने के लिए वैध रूप से अधिकृत सिटी मजिस्ट्रेट मध्यस्थ उत्तर- मध्यस्थ प्रश्न5- भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कितने अध्याय एवं धाराएं हैं? 164 धाराएं एवं 10 अध्याय 167 धाराएं एवं 10 अध्याय 167 धाराएं एवं 11 अध्याय 167 धाराएं एवं 9 अध्याय उत्तर- 167 धाराएं एवं 11 अध्याय- प्रश्न6- साक्ष्...

नाम शोहरत दौलत फिर हवालात ऐसी है आईएस अधिकारीयों की ज़िन्दगी कुछ ऐसी ही है?

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बीते 40 माह में तकरीबन 1300 से अधिक सरकारी नुमाइंदे जेल पहुच चुके हैं। बाबू से लेकर कलक्टर तक जेल की हवा खा रहे हैं। कोई घूस लेते रंगे हाथो पकड़ा गया तो किसी के घर नोटों का अम्बार मिला। दुनिया भर को शिष्टाचार की नसीहत देने वाले आज खुद सलाखों के पीछे हैं। बावजूद इसके इन्हें घूस लेने से कोई परहेज़ नहीं है। पापा कहतें है बड़ा नाम करेगा! आमतौर पर सिविल सेवा की तैयारी करने वाले विद्यार्थी शुरू से ही मेधावी होते हैं। वे इंटर व स्नातक स्तर से ही फर्स्ट क्लास मार्क्स लाते दिख जायंगे। वहीँ कुछ छात्र-छात्राएं स्नातक के बाद अपनी मेहनत के बल पर अपनी किस्मत बदलते हैं। आम ज़िन्दगी से दूर रहकर पढाई करने वाले अभ्यर्थी सरकारी नौकरी पा कर अपने माता पिता अपने परिवार खानदान व गुरुजनों का नाम रोशन करते हैं। लोगों को उनकी सफलता में अपनी सफलता दिखने लगती है। लोग उनके साथ खुद को भी गौरवान्वित महसूस करने लगते हैं। लेकिन पद प्रतिष्ठा पाने के बाद समय बिताने के साथ इनमें से कई भ्रष्टाचार की राह पर अपना कदम बढ़ा लेते हैं। फिर शुरू होता बदनामी की गर्त में जाने का दौर। देश में भ्रष्टाचार कम होने की बजाये बढ़ता ही जा रहा ...

अब बिजली जाने पर विभाग पर लगेगा जुर्माना? जुर्माने की रक़म सीधे उपभोक्ता के खाते में होगी ट्रान्सफर?

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स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेटर रेगुलेशन एक्ट 2019 क्या है? उपभोक्ता सेवाओं में लापरवाही करने पर जवाबदेही तय करने के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग ने दिसंबर 2019 में स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन एक्ट 2019 लागू किया था। इस कानून के तहत यदि तय समय में लेसा द्वारा सुविधाएं मुहैया ना हुई तो पॉवर कारपोरेशन पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसमें जुर्माना हर्जाने के रूप में सीधे उपभोक्ता को दिए जाने का प्रावधान है। इसके अतरिक्त यदि उपभोक्ता को परेशान किया गया तो ऐसी परिस्थिति में भी उपभोक्ता को हर्जाना मिलना चाहिए। स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेटर रेगुलेशन एक्ट 2019 का उदेश्य बिजली कर्मियों की मनमानी रोकने के उदेश्य से बनाया गया था। लेकिन वर्तमान में मध्यांचल सहित सभी बिजली वितरण कम्पनियो ने इस आदेश को दबा लिया। प्रत्येक कार्य के लिए समय तय है! विभाग के नियमुसार, बिजली कनेक्शन के लिए एस्टीमेट बनाने की अवधि 7 है  HT यानी हाईटेंशन लाइन लाइन का विस्तार विस्तारीकरण या मरम्मत के लिए 24 दिन का समय निर्धारित है। LT लाइन का विस्तारीकरण होने के लिए 30 दिन का समय निर्धारित है। लो-वोल्टेज...

Facebook, Twitter, Whatsapp जैसे प्लैटफॉर्मों की मनमानी रोकने को बने क़ानून!!

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आज दुनिया भर में सोशल मीडिया का बोलबाला है। दुनिया में सोशल मीडिया का जन्म 20वीं सदी के अंत में हुआ और देखते-देखते 21वीं सदी की शुरुआत में बिना किसी अभिभावक (पैरेंटल कण्ट्रोल) वाला एक बड़ा जनसंचार माध्यम बन गया। जिसपर सरकार, न्यायपालिका जैसी किसी संस्था का कोई नियंत्रण नहीं। अखबार, पत्रिका आदि जैसे पारंपरिक प्रिंट मीडिया प्लैटफॉर्म की में एक ‘संपादक’ होता है जो तय करता है कि क्या चीज प्रकाशित की जाए और क्या नहीं लेकिन सोशल मीडिया में कोई ‘संपादक’ नहीं होता, इसलिए जिसका जो मन आता है पोस्ट कर देता है। वहीँ 'संपादक' परंपरागत रूप से न सिर्फ निगरानी रखते हैं, बल्कि अपने प्लैटफॉर्म पर किसी शख्स द्वारा लिखी बातों के लिए कानूनी तौर पर जिम्मेदार भी होते हैं। अब बिना संपादक के सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर प्रकाशित बातों के लिए ऐसे प्लैटफॉर्मों की कोई कानूनी जिम्मेदारी नहीं होने की अवधारणा को मजबूत करने के लिए कुछ कानूनी बदलाव किए गए। उदाहरण के लिए यूएस कम्युनिकेशंस डिसेंसी एक्ट (US Communications Decency Act 1996) 1996 की धारा 230 यूजर्स द्वारा अपलोड किए गए कंटेंट की कानूनी जिम्मेदारी से स...

सेवानिवृत्ति के समय मौजूद नियमों पर ही पेंशन निर्धारित की जानी चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

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माननीय सुप्रीम कोर्ट ने याचिका संख्या (CIVIL APPEAL NO.6994/2021) को निस्तारित करते हुए 1/12/2021 को अपने आदेश में कहा है कि सेवानिवृत्ति के समय मौजूद नियमों पर ही पेंशन निर्धारित की जाएगी: सुप्रीम कोर्ट   क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने? सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सेवानिवृत्ति पर किसी कर्मचारी को देय पेंशन सेवानिवृत्ति के समय मौजूद नियमों पर निर्धारित की जाएगी। न्यायालय ने यह भी कहा कि कानून नियोक्ता को समान रूप से स्थित व्यक्तियों के संबंध में नियमों को अलग तरीके से लागू करने की अनुमति नहीं देता है।  यह जो मामला है इसमें जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ (केरल उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच) द्वारा पारित 29 अगस्त, 2019 के एक आदेश के खिलाफ एक सिविल अपील पर विचार कर रही थी। एक अपील जिसे माननीय उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। दूसरी अपील में क्या कहा गया? अपील की अनुमति देते हुए केरल पीठ ने डॉ जी सदाशिवन नायर बनाम कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, इसके रजिस्ट्रार द्वारा प्रतिनिधित्व, और अन्य में कहा, "जबकि हम कानून की स्थापित स्थिति को स्वीकार करते हैं कि ...

RTI में कौन सी धारा हमारे काम की है? RTI कैसे काम करता है?

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Right to Information RTI यानि Right to Information हमारे लिए एक मज़बूत हथियार की तरह है, जिससे हम अपने अधिकारों या न्याय के लिए मौजूदा प्रावधानों की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते है। आज RTI हमारी के ज़रूरत बन गया है ऐसे में RTI से कैसे किसी विषय की जानकारी प्राप्त की जा सकती है तह जानना बहुत ज़रूरी हो गया है लेकिन क्या आप जानते है की RTI की कौन सी धारा हमारे काम की है? RTI में कौन सी धारा हमारे काम की है- धारा 61-  आरटीआई का आवेदन लिखने की धारा है धारा 63-  अगर आपका आवेदन गलत विभाग में चला गया है तो वह विभाग इसको 63 धारा के अंतर्गत सही-सही विभाग में 5 दिन के अंदर भेज देगा।  धारा 75-  इस धारा के अनुसार बीपीएल कार्ड वालों को कोई आरटीआई शुल्क नहीं देना होगा।  धारा 76-  इस धारा के अनुसार अगर आरटीआई का जवाब 30 दिन में नहीं आता है तो सूचना नि:शुल्क दी जाएगी।   धारा 18 -अगर कोई अधिकारी जवाब नहीं देता तो उसकी शिकायत सूचना अधिकारी को दी जाए।   धारा 8-  इसके अनुसार वह सूचना आरटीआई में नहीं दी जाएगी जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए ख...

राष्ट्रीयता क्या है? राष्ट्रीयता कैसे तय होती है? राष्ट्रीयता को प्राप्त करने तथा समाप्ति के कौन-कौन से तरीकों हैं? जानिए भारत सरकार के नियम

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राष्ट्रीयता क्या है?  राष्ट्रीयता  कैसे तय होती है? क्या राष्ट्रीयता का अंतर्राष्ट्रीय कानून से प्रभावित होती है? राष्ट्रीयता को प्राप्त करने तथा समाप्ति के कौन-कौन से तरीकों हैं? इन सभी सवालों के जवाब दे रहें हैं - विधि विशेषज्ञ अधिवक्ता आशुतोष कुमार What is Nationality? How is it ascertained? what is the importance of nationality under Inter national law? Discuss the modes of acquiring and losing Nationality? राष्ट्रीयता क्या है? (What is Nationality) राष्ट्रीयता वह गुण है जो किसी विशिष्ट जाति या राष्ट्र की सदस्यता से उत्पन्न होता है और जो किसी व्यक्ति की राजनीतिक स्थिति या उसका राज्य और नागरिक के बीच स्थापित निरंतर चलने वाला वैध संबंध है। राष्ट्रीयता के अर्थ के बारे में विभिन्न विद्वानों के मत निम्न प्रकार हैं- फेन्विक के अनुसार , "राष्ट्रीयता एक ऐसा बंधन है जो व्यक्ति को राज्य के साथ सम्बद्द करके उसे राज्य विशेष का सदस्य बनाता है और उसे राज्य के संरक्षण का अधिकार दिलाता है तथा उसका उत्तरदायित्व होता है कि वह राज्य द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन करें"। केलसन के अनुसार...

कैसे होता है उपभोक्ताओं के अधिकारों का संरक्षण जानिए विस्तार से!

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उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 (1986 का 68) की धारा 30A द्वारा प्रदत शक्तियों के अभ्यास में, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग केंद्र सरकार की मंजूरी के साथ निम्नलिखित नियम बनाता है: - 1. संक्षिप्त शीर्षक और प्रारंभ-  इन विनियमों को उपभोक्ता संरक्षण विनियम, 2005 के नाम से जाना जायेगा है। यह आधिकारिक राजपत्र में अपने प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे। 2. परिभाषाएँ- इन नियमों में जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो (जो कहा गया है उसके अतिरिक्त, (i) "अधिनियम" का अर्थ है उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 (1986 का 68); (ii) "उपभोक्ता फोरम" का अर्थ है जिला फोरम। एक उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग धारा 9 के खंड (ख) के तहत एक राज्य में स्थापित (उसके बाद राज्य आयोग कहा जाता है) या राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग; (iii) "रजिस्ट्रार" का अर्थ है उपभोक्ता फोरम के मंत्री पद का प्रमुख और ऐसी शक्तियां और कार्य करना जो उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष द्वारा उसे प्रदान किए जाते हैं: (iv) "नियम" का अर्थ अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों से है; ...

अब पूरी दुनिया में एक जैसा टैक्स स्लैब होगा!

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आखिर 15 फ़ीसदी ग्लोबल मिनिमम कारपोरेट टैक्स वसूले जाने के प्रस्ताव पर ऐतिहासिक सहमति हो गई।  आयरलैंड, एस्टोनिया और हंगरी इन तीनों देशों में लो टैक्स को को लेकर इस प्रस्ताव पर आपत्ति थी। गहन बातचीत में कई तरह की रियायतें और अपवाद सुनिश्चित करने के बाद तीनों देश मान गए और इस प्रस्ताव का अमल में आना लगभग तय हो गया। कुल 140 देशों में से 136 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। समझौते के लिए बातचीत की अगुवाई कर रहे संगठन को OECD ओईसीडी (ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकनोमिक कॉ-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट) के मुताबिक यह समझौता वैश्विक अर्थव्यवस्था का 90 फ़ीसदी हिस्सा कवर कर लेगा। इस समझौते की अहमियत इस बात में है कि इससे पिछले 40 वर्षों से विभिन्न देशों के बीच जारी टैक्स कम कर के निवेशकों और मल्टीनेशनल कंपनियों को लुभाने की होड़ कम करने में मदद मिलेगी। अभी तमाम बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपना मुख्यालय उन देशों में रखती हैं जहां टैक्स सबसे कम होता है। नतीजा यह है कि यह कारोबार चाहे जिस देश में भी करें इनके प्रॉफिट का बड़ा हिस्सा उन देशों में शिफ्ट हो जाता है जहां इनका मुख्यालय है। इससे इन कंपनियों तथा उन लो टै...

फिल्म अभिनेता सोनू सूद के घर क्या हुआ? इनकम टैक्स रेड (Income tax Raid) या इनकम टैक्स सर्वे (Income Tax Survey)?

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आयकर विभाग (Income Tax Department) के छापे और सर्वे का नाम सुनते ही लोग यही मान लेते हैं कि सब ज़ब्त होगा या फिर मन में बुरे ख्याल आने लगते हैं। लेकिन क्या इसके विषय में सबको सही जानकारी है? यदि नहीं तो यह जान लेना जरूरी है कि यह आयकर विभाग की कार्रवाई कब और किन परिस्थितियों में की जाती है। सबसे पहले समझें कि इनकम टैक्स रेड (Income tax Raid) और इनकम टैक्स सर्वे (Income Tax Survey) में क्या अंतर है? आमतौर पर आयकर विभाग (Income Tax Department) के छापे से डरते हैं जिनके बारे में किसी को कोई स्पष्ट जानकारी नहीं होती है 'इनकम टैक्स सर्वे और रेड' उन्हीं चीजों में से एक है। यहां तक ​​कि कई वास्तविक/निर्दोष करदाता सटीक ज्ञान और जटिल कानूनों की जानकारी की कमी के कारण 'आयकर सर्वेक्षण (Income Tax Survey) और छापे (Income Tax Raid)' से डरते हैं। इसलिए, आयकर विभाग द्वारा किए जाने वाले दौरे और इसके प्रावधानों के बारे में कुछ सामान्य बातें जान लेना जरूरी है। इनकम टैक्स विज़िट कितने प्रकार की होती हैं? आम तौर पर आयकर विभाग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए आपके व्यावसायिक स्थान का दौरा कर सक...

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