सत्यमेव जयते!

Today's News

अब सात साल का अनुभव रखने वाले वकील सीधे जज नहीं बन सकेंगे?

न्यायिक अधिकारी को एचजेएस (HJS) की सीधी भर्ती में शामिल होने का अधिकार नहीं हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि उच्च न्यायिक सेवा सीधी भर्ती एचजेएस (HJS) में 7 साल के वकालत के अनुभव के आधार पर न्यायिक अधिकारियों को आवेदन का अधिकार नहीं है। वे केवल पदोन्नति से एचजेएस (HJS) में भर्ती हो सकते हैं।

मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा के शशांक सिंह ने दाखिल की थी याचिका

कोर्ट में अधिवक्ता व जज के रूप में 7 साल के अनुभव के आधार पर सीधी भर्ती में शामिल करने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा के शशांक सिंह व चार अन्य की याचिका पर दिया है।

वकालत के अनुभव पर सीधी भर्ती में चयनित नहीं किया जा सकता

कोर्ट ने कहा कि सिविल जज सीनियर डिवीजन को प्रोन्नति से एचजेएस पद मिलता है, जबकि 7 साल की वकालत व 35 से 45 वर्ष की आयु के वकीलों की सीधी भर्ती की जाती है। नियमावली संविधान के अनुच्छेद 233 सहित अनुच्छेद 309 से प्रदत्त अधिकारियों का प्रयोग करते हुए बनाई गई है। नियम 5 में स्पष्ट है कि न्यायिक अधिकारी 7 साल की वकालत के अनुभव पर सीधी भर्ती में चयनित नहीं किए जा सकते है।

अनुच्छेद 233 जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति के बारे में क्या प्रावधान करता है? 

अनुच्छेद 233 अनुसार, किस राज्य में जिला न्यायाधीश नियुक्त होने वाले व्यक्तियों की नियुक्ति तथा जिला न्यायाधीश की पदस्थापना और प्रोन्नति उस राज्य का राज्यपाल ऐसे राज्य के संबंध में अधिकारिता का प्रयोग करने वाले उच्च न्यायालय से परामर्श करके करेगा।

वह व्यक्ति जो संघ की या राज्य की सेवा में पहले से ही नहीं है, जिला न्यायाधीश नियुक्त होने के लिए केवल तभी पात्र होगा जब वह कम से कम 7 वर्ष तक अधिवक्ता या प्लीडर रहा है और उसकी नियुक्ति के लिए उच्च न्यायालय ने सिफारिश की है।

अनुच्छेद 233क के अनुसार,  कुछ जिला न्यायाधीशों की नियुक्तियों का और उनके द्वारा किए गए निर्णय आदि का विधिमान्यकरण

A. किसी न्यायालय का कोई निर्णय डिक्री या आदेश होते हुए भी-

  1. उस व्यक्ति की जो राज्य की न्यायिक सेवा में पहले से ही है या उस व्यक्ति की जो कम से कम 7 वर्ष तक अधिवक्ता या प्लीडर रहा है उस राज्य में जिला न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की लिए, और 
  2. ऐसे व्यक्ति की जिला न्यायाधीश के रूप में पदस्थापना प्रोन्नति या अंतरण के लिए,

जो संविधान 20 वा संशोधन अधिनियम, 1966 के प्रारंभ से पहले किसी समय अनुच्छेद 233 या अनुच्छेद 235 के उपबंधो के अनुसार न करके अन्यथा किया गया है, केवल इस तथ्य के कारण की ऐसी नियुक्ति पदस्थापना प्रोन्नति या अंतरण उक्त उपबंधो के अनुसार नहीं किया गया था, यह नहीं समझा जायेगा कि वह अवैध या शून्य है या कभी भी अवैध या शून्य रहा था।

HJS 2022

B. किसी राज्य में जिला न्यायाधीश के रूप में अनुच्छेद 233 या अनुच्छेद 235 के उपबंधो के अनुसार न करके अन्यथा नियुक्त पद स्थापित प्रोन्नत या अंतरित किसी व्यक्ति द्वारा या उसके समक्ष संविधान 20 वा संशोधन अधिनियम 1966 के प्रारंभ से पहले प्रयुक्त अधिकारिता की, पारित किए गए या दिए गए निर्णय, डिक्री दंडादेश या आदेश की ओर किए गए अन्य कार्य कार्यवाही की बाबत, केवल इस तथ्य के कारण की ऐसी नियुक्ति, पदस्थापना, प्रोन्नति या अंतरण उक्त उपबंधो के अनुसार नहीं किया गया था, यह नहीं समझा जाएगा कि वह अवैध या अविधिमान्य है या कभी भी अवैध या अविधिमान्य रहा था।

अनुच्छेद 234 के अनुसार, न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीशों से भिन्न व्यक्तियों की भर्ती का प्रावधान

जिला न्यायाधीशों से भिन्न व्यक्तियों की किसी राज्य की न्यायिक सेवा में नियुक्ति उस राज्य के राज्यपाल द्वारा, राज्य लोक सेवा आयोग से और ऐसे राज्य के संबंध में अधिकारिता का प्रयोग करने वाले उच्च न्यायालय से परामर्श करने के पश्चात और राज्यपाल द्वारा इस निमित्त बनाए गए नियमों के अनुसार की जाएगी।

अनुच्छेद 309 संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्तें 

इस संविधान के उपबंधो के अधीन रहते हुए समुचित विधानमंडल के अधिनियम संघ या किसी राज्य के कार्यकलाप से संबंधित लोक सेवाओं और पदों के लिए भर्ती का और नियुक्त व्यक्तियों की सेवा की शर्तों का विनयमन कर सकेंगे।

परंतु जब तक इस अनुच्छेद के अधीन समुचित विधानमंडल के अधिनियम द्वारा या उसके अधीन निमित्त उपबंध नहीं किया जाता है तब तक, वह यथास्थिति संघ के कार्यकलाप से संबंधित सेवाओं और पदों की दशा में राष्ट्रपति या ऐसे ऐसा व्यक्ति जिसे वे निर्दिष्ट करें और राज्य के कार्यकलाप से संबंधित सेवाओं और पदों की दशा में राज्य का राज्यपाल या ऐसा व्यक्ति जिसे वह निर्दिष्ट करें, ऐसी सेवाओं और पदों के लिए भर्ती का और नियुक्त व्यक्तियों की सेवा की शर्तों का विनियमन करने वाले नियम बनाने के लिए सक्षम होगा और इस प्रकार बनाए गए नियम किसी ऐसे अधिनियम के उपबंधो के अधीन रहते हुए प्रभावी होंगे।

Comments

ख़बरें सिर्फ़ आपके लिए!

तलाक लेने में कितना खर्च आयेगा और यह खर्च कौन देगा? तलाक लेने से पहले यह कानून जान लें!

पति तलाक लेना चाहता और पत्नी नहीं तो क्या किया जाना चाहिए?

अब चेक बाउंस के मामले में जेल जाना तय है! लेकिन बच भी सकते हैं अगर यह क़ानूनी तरीका अपनाया तो!

तलाक़ के बाद बच्चे पर ज्यादा अधिकार किसका होगा माँ का या पिता का?

जानिए, पॉक्सो एक्ट (POCSO) कब लगता है? लड़कियों को परेशान करने पर कौन सी धारा लगती है?

बालिग लड़की का नाबालिग लड़के से शादी करने पर अपराध क्यों नहीं है? और क्या नाबालिग लड़की अपनी मर्ज़ी से शादी कर सकती है?

जमानत क्या है और किसी व्यक्ति की जमानत कैसे ले सकते हैं?

जानिए दाखिल खारिज़ क्यों ज़रूरी है और नहीं होने पर क्या नुकसान हो सकतें हैं?

लीगल खबरें आपके लिए!