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अब 60% से कम अंक वालों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं
छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ पाने के लिए अब सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को कम से कम 60% अंक लाने होंगे। तमाम स्थितियों को देखते हुए समाज कल्याण विभाग छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना की नियमावली में बदलाव करने जा रहा है। निदेशालय ने अहर्ता का प्रतिशत बढ़ाने समेत अन्य सिफारिशों संबंधी प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। जहां से अंतिम फैसला लिया जाएगा।
सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए कम मिले बजट की वजह से पात्रता कम से कम हो इसलिए यह प्रतिशत बढ़ाया जा रहा है। बीते साल सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए करीब 850 करोड़ रुपए इस पर भी विभाग सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को पात्रता के बावजूद स्कॉलरशिप नहीं दे पाया था। इस बार यह बजट घटकर केवल ₹500 ही रह गया है। ऐसे में जाहिर है कि बीते साल से भी कम संख्या में विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति दी जा सकेगी। ऐसे में बदलाव लाजमि माना जा रहा है। इससे होगा यह की स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए अहर्ता का प्रतिशत 50 से बढ़ाकर 60 कर दिया गया है। इससे कम संख्या में छात्र आवेदन करेगे और पहले की अपेक्षा कम आवेदन आने पर विभाग को कुछ राहत मिलेगी।
पहला हक होगा छात्राओं को मिलेगा
विभाग तय करने जा रहा है कि छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति पर पहला हक छात्राओं को मिल सके। इस सूची में दिव्यांग विद्यार्थियों को प्राथमिकता में ऊपर रखा जाएगा। इनको भुगतान करने के बाद जो रकम बचेगी, इससे सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की जाएगी। इस सिफारिश के लागू हो जाने पर यह सुनिश्चित हो सकेगा की आवेदन करने वाली सभी पात्र छात्राओं को स्कालरशिप मिल जाएगी।
इसके लिए जारी की जाएगी कॉमन गाइडलाइन
समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति के नियम अलग-अलग है। इसलिए एक जैसे ही नियम सभी कल्याण विभाग अमल में लाये, इसलिए समाज कल्याण विभाग कॉमन गाइडलाइन सभी विभागों को जारी करने के बारे में सोच रहा है।
अभी दो हिस्सों में दी जाती है स्कॉलरशिप
प्रदेश सरकार की ओर से छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति दो हिस्सों में दी जाती है। पूर्व दशम छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति कक्षा 10 या उनके समकक्ष विद्यार्थियों को दी जाती है, जबकि दशमोत्तर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति कक्षा 10 के बाद पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मिलती है। प्रोफेशनल कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को भी शुल्क प्रतिपूर्ति सरकार उपलब्ध करवाती है, लेकिन हर कोर्स के लिए प्रतिपूर्ति के मानक तय किए जाते हैं।
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