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सत्यमेव जयते!

किन परिस्थितियों में बेटियां संपत्ति की पात्र नहीं होती हैं? क्या पिता बेटे की अनुमति के बिना संपत्ति बेच सकता है?

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क्या आप जानती है कि- क्या कोई बेटी पिता की संपत्ति पर दावा कर सकती है? क्या पिता बेटी की सहमति के बिना संपत्ति बेच सकता है? किन परिस्थितियों में बेटियां संपत्ति की पात्र नहीं होती हैं? क्या पिता बेटे की अनुमति के बिना संपत्ति बेच सकता है? मम्मी-पापा की सम्पत्ति पर बेटी को क्या अधिकार मिलते हैं?  पैत्रक सम्पत्ति पर लड़की को क्या अधिकार होते है? पैत्रक सम्पत्ति पर लड़की के अधिकार मौजूदा कानूनों पर निर्भर करता है। यह कानून लड़की के अधिकारों और विधानों को संरक्षित करने के लिए निर्धारित किए गए हैं। लेकिन, फिर भी कुछ सामान्य अधिकार होते हैं जो आमतौर पर लड़की को पैत्रक सम्पत्ति पर अधिकार देते हैं: सम्पत्ति का अधिकार: यदि लड़की पैत्रक सम्पत्ति की कानूनी मालिक है, तो उसके पास सम्पत्ति के संपूर्ण अधिकार होते हैं। वह इसे खरीदने, बेचने, वसीयत करने, उस पर लोन लेने या उसे किसी भी तरीके से नियंत्रित करने का अधिकार रखती है। वसीयत का अधिकार: जब किसी संपत्ति के मुखिया की मालिक मर जाता है, तो उसकी पैत्रक सम्पत्ति के विभिन्न अंशों का वितरण करने के लिए वसीयत की जाती है। यदि लड़की को उस पैत्रक सम्पत्ति का ह

Indian Penal Code | Model Question Paper With Answer In Hindi For AIBE & Civil Judge 2023

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AIBE की परीक्षा में  भारतीय दण्ड सहिंता  से काफी प्रश्न पूछे जाते है। इसलिए यह सेक्शन बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। परीक्षा में क्या पूछा जायेगा?  भारतीय दण्ड सहिंता के पुराने पेपर? Indian Penal Code | Model Question Paper With Answer In Hindi For AIBE & Civil Judge 2023 इन सभी सवालों के जवाब के लिए  भारतीय दण्ड सहिंता  के संभावित प्रश्नों का संकलन दिया जा रहा है जो आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।  भारतीय दण्ड सहिंता  के मॉडल पेपर और गत वर्ष के पेपर के लिए वेबसाइट को कर लें और हमारे YouTube चैनल @judicialguru को सब्सक्राइब करें। प्रश्न1- “प्रत्येक संविधि में दुराशय अंतर्निहित माना जाता है जब तक कि इसके प्रतिकूल सिद्ध नहीं किया जाता है।” यह किस वाद में व्यक्त किया गया था? शेराज बनाम डे रूटजेन आर बनाम डडले एंड स्टीफेन हार्डिंग बनाम प्राइस आर बनाम प्रिंस उत्तर-  शेराज बनाम डे रूटजेन प्रश्न2- निम्नलिखित में से कौन सा वाद आपराधिक मन: स्थिति (दुराशय) से संबंधित नहीं है? आर बनाम प्रिंस क्वीन बनाम टॉल्सन शेराज बनाम डी रूटजेन बारीन्द्र कुमार घोष बनाम एम्पायर उत्तर- बारीन्द्र कुमार घोष बनाम ए

जानिये 2022 में कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज कितने दिन में हो जाती है? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह चाहिए?

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कोर्ट मैरिज करने के लिए तैयार लड़का लड़की को किस प्रकार के नियम का पालन करनी चाहिए कोर्ट मैरिज के लिए क्या प्रक्रिया होती है और इससे जुड़े प्रश्न के उत्तर आपका काम आसान कर सकते हैं  आज इस लेख में जानते हैं निम्न सवालों के जवाब- 2022 में कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज कितने दिन में हो जाती है? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह चाहिए? कोर्ट मैरिज में क्या क्या मिलता है? कोर्ट मैरिज करने के लिए संपूर्ण क्या प्रक्रिया होती है? 2022 में कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज करने से पहले कुछ ज़रूरी जानकारी होनी चाहिए। कोर्ट के समक्ष जाने से पूर्व आपको कुछ दस्तावेज़ तैयार रखने चाहिए। यदि कोई लड़का और लड़की आपस में रजामंदी के साथ कोर्ट में जाकर विवाह करना चाहते हैं तो क़ानून ने इसके आधार कुछ तय किए हैं। पहला आधार यह है कि आपके माता-पिता का की सहमति है अथवा नहीं इसका प्रमाण! दूसरा आधार लड़का और लड़की की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। प्रत्येक प्रदेश में इसका अलग विकल्प हो सकता है एक एप्लीकेशन फॉर्म जिसे लड़का और लड़की दोनों ने साइन किया हो दोनों के बर्थ सर्टिफिकेट्स दोनों के रेजिडेंशियल प्रूफ दोनों की दो पासप

एक नामचीन वकील बनने के लिए ये गुण होना चाहिए, ख़ाली वकालत का भौकाल झाड़ने से कुछ नहीं होता!

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भारत मे लंबे समय से Law लोकप्रिय करियर का चॉइस रहा है। अगर आप भी Law में interest रखते हैं तो इसमें करियर बनाने के तमाम ऑप्शन मौजूद है। लॉ प्रोफेशनल का भविष्य सिर्फ हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट तक सीमित नहीं रहा। अब आप कॉरपोरेट लॉ में स्पेशलाइजेशन कर शानदार करियर बना सकते हैं। Law करने के बाद क्या क्या करियर चुन सकते हैं आएये इसे विस्तार से समझते हैं। LAW क्षेत्र में भविष्य की तलाश कर रहे स्टूडेंट्स के लिए अब सुनहरा मौका! समाज में वकील की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वकीलों को न्याय के रक्षक के तौर पर जाना जाता है। जब किसी भी व्यक्ति के साथ कोई अन्याय होता है तो वकील ही एक ऐसा व्यक्ति है जो उसे न्याय दिलवाने के लिए जीतोड़ मेहनत करता है। LLB करने के के बाद आप वकालत को एक करियर के रूप में अपना सकते हैं। आप अपने क्षेत्र के सिविल कोर्ट हाई कोर्ट सेशन कोर्ट आदि में प्रैक्टिस कर सकते हैं। LLB कैसे करें? LLB में एडमिशन के लिए आपको CLAT जैसी प्रवेश परीक्षा को पास करना होगा। इसके बाद आप मेरिट के आधार पर देश के किसी भी प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में दाखिला लेकर LLB कर सकते हैं। आमतौर पर LLB

क्या वाहन पर अधिवक्ता लिखवाना क़ानूनन सही है या गलत?

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भारत मे लंबे समय से Law लोकप्रिय करियर का चॉइस रहा है। अगर आप भी Law में interest रखते हैं तो इसमें करियर बनाने के तमाम ऑप्शन मौजूद है। लॉ प्रोफेशनल का भविष्य सिर्फ हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट तक सीमित नहीं रहा। अब आप कॉरपोरेट लॉ में स्पेशलाइजेशन कर शानदार करियर बना सकते हैं। Law करने के बाद क्या क्या करियर चुन सकते हैं आएये इसे विस्तार से समझते हैं। LAW क्षेत्र में भविष्य की तलाश कर रहे स्टूडेंट्स के लिए अब बहुत ही सुनहरा मौका है! समाज में वकील की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वकीलों को न्याय के रक्षक के तौर पर जाना जाता है। जब किसी भी व्यक्ति के साथ कोई अन्याय होता है तो वकील ही एक ऐसा व्यक्ति है जो उसे न्याय दिलवाने के लिए जीतोड़ मेहनत करता है। LLB करने के के बाद आप वकालत को एक करियर के रूप में अपना सकते हैं। आप अपने क्षेत्र के सिविल कोर्ट हाई कोर्ट सेशन कोर्ट आदि में प्रैक्टिस कर सकते हैं। LLB कैसे करें? LLB में एडमिशन के लिए आपको CLAT जैसी प्रवेश परीक्षा को पास करना होगा। इसके बाद आप मेरिट के आधार पर देश के किसी भी प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में दाखिला लेकर LLB कर सकते हैं। आमतौर पर LL

पति तलाक लेना चाहता और पत्नी नहीं तो क्या किया जाना चाहिए?

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क्या सहमति से तलाक़ लिया जा सकता है? पति पत्नी के बीच यदि बन नहीं रही है तो सहमति से तलाक लेने की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है। सहमति से तलाक लेने के लिए पहले दोनों ही पक्षों को कोर्ट में एक याचिका दायर करनी होती है। फिर दूसरे चरण में कोर्ट द्वारा दोनों पक्षों के अलग-अलग बयान लिए जाते हैं और दस्तखत की औपचारिकता होती है। तीसरे चरण में कोर्ट दोनों को 6 महीने का वक्त देता है ताकि वह अपने फैसले को लेकर दोबारा सोच सकें। और फिर यदि दोनों ही पक्ष तलाक के फैसले पर कायम रहते हैं तो 6 महीने के बाद कोर्ट द्वारा उनके फैसले के अनुरूप उन्हें तलाक़ की अनुमति दे दी जाती है। क्या केवल लड़का तलाक ले सकता है? आपसी समझौते के आधार पर तलाक लेने की कुछ शर्तें होती हैं। यदि पति और पत्नी शादी के बाद 1 साल या उससे ज्यादा समय से अलग रह रहे हो और दोनों में पारस्परिक रूप से तलाक़ लेने को सहमत हैं। एक दूसरे के साथ रहने पर कोई भी राजी नहीं है या दोनों पक्षों में सुलह की कोई स्थिति नजर नहीं आती है तो ऐसे में सहमति के आधार पर तलाक के लिए आवेदन करने का हक होता है। इसे मैचुअल कंसेंट डायवोर्स कहा जाता है यानी आपसी सहमति से तल

किसी खाते से रुपए गायब हो जाएं तो बैंक जिम्मेदार होगा, ग्राहक नहीं : राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग

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राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग हैकर्स किसी के खाते से रुपए गायब कर दें तो बैंक जिम्मेदार होगा, ग्राहक नहीं अगर किसी व्यक्ति के बैंक खाते से किसी हैकर द्वारा या किसी अन्य कारण से पैसे निकाल कर धोखाधड़ी की जाती है। और इसमें ग्राहक की लापरवाही नहीं है। ऐसे मामले में बैंक प्रबंधन जिम्मेदार है। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने इस संदर्भ में एक अहम फैसला सुनाया है। आयोग के जज सी विश्वनाथ ने क्रेडिट कार्ड की हैकिंग की वजह से एक एनआरआई महिला से हुई धोखाधड़ी के मामले में बैंक प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। आयोग ने एचडीएफसी बैंक द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए आदेश दिया है कि पीड़ित महिला को 6110 अमेरिकी डॉलर तकरीबन 4.46 लाख 12% ब्याज के साथ वापस लौटाए। आयोग ने बैंक प्रबंधन को निर्देश दिया है कि वह पीड़िता को मानसिक प्रताड़ना के मुआवजे के तौर पर ₹40000 और केस खर्च के ₹5000 भी दे। आयोग के जज सी विश्वनाथ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि बैंक ऐसा कोई सबूत पेश नहीं कर पाया कि पीड़ित महिला का क्रेडिट कार्ड किसी अन्य ने चोरी कर लिया था। महिला का दावा है कि उसके खाते से पैसे किसी हैकर ने निकाले

अब सात साल का अनुभव रखने वाले वकील सीधे जज नहीं बन सकेंगे?

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न्यायिक अधिकारी को एचजेएस (HJS) की सीधी भर्ती में शामिल होने का अधिकार नहीं हाईकोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि उच्च न्यायिक सेवा सीधी भर्ती एचजेएस (HJS) में 7 साल के वकालत के अनुभव के आधार पर न्यायिक अधिकारियों को आवेदन का अधिकार नहीं है। वे केवल पदोन्नति से एचजेएस (HJS) में भर्ती हो सकते हैं। मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा के शशांक सिंह ने दाखिल की थी याचिका कोर्ट में अधिवक्ता व जज के रूप में 7 साल के अनुभव के आधार पर सीधी भर्ती में शामिल करने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा के शशांक सिंह व चार अन्य की याचिका पर दिया है। वकालत के अनुभव पर सीधी भर्ती में चयनित नहीं किया जा सकता कोर्ट ने कहा कि सिविल जज सीनियर डिवीजन को प्रोन्नति से एचजेएस पद मिलता है, जबकि 7 साल की वकालत व 35 से 45 वर्ष की आयु के वकीलों की सीधी भर्ती की जाती है। नियमावली संविधान के अनुच्छेद 233 सहित अनुच्छेद 309 से प्रदत्त अधिकारियों का प्रयोग करते हुए बनाई गई है। नियम 5 में स्पष्ट है क

कोरोना काल में वित्तीय संकट झेल रहे वकीलों के लिए जगी उम्मींद की किरण!

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वकीलों के सुरक्षा एवं सहायता के लिए गठित उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने कोरना काल से हुए नुक्सान और वर्तमान में विषम स्थिति में गुजर-बसर वकीलों की सहायता के लिए खुला ऐलान किया है कि जो राजनीतिक पार्टियाँ उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने जा रही हैं यदि वे उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की इन 8 मांगों पर विचार करेंगे व सहयोग के आश्वासन के साथ इसे अपने घोषणा पत्र में स्थान देंगें तो उत्तर प्रदेश के सभी अधिवक्ता उस पार्टी को साथ देंगें और चुनाव के उसके पक्ष में वोट दे सकते हैं। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने इस आशय से यह बात प्रस्तुत की है कि कोरोना के दौरान वित्तीय समस्यायों का सामना कर रहे वकीलों की सहायता हो सके। कोरोना काल में यदि किसी वर्ग का सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ तो वह अधिवक्ता ही हैं। नोबल प्रोफेशन की संज्ञा वाले इस पेशे में कोरोना के दौरान कोई कमाई नहीं हुई जिससे देश भर में अलग-अलग कोर्ट, तहसील और अन्य न्यायिक क्षेत्र में सेवा देने वाले वकील देखते देखते बेरोजगार हो गये। ऐसे में नये वकीलों को तो किसी प्रकार का कोइ काम ना मिला। वकीलों की सुध लेने वाला भी कोई नहीं था। इसी मुसीबत से वकीलों को उबारन

यह व्यवस्था लागु हुई तो फर्जी वोट नहीं डाले जा सकेंगे!

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चुनाव सुधार संबंधी विधेयक को लोकसभा से मिली मंजूरी  विपक्षी सदस्यों के भारी विरोध के बीच लोकसभा में निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक 2021 को मंजूरी प्रदान कर दी। इसमें मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए मतदान पहचान प्रणाली कार्ड और सूची को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है। इस विधेयक के माध्यम से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन किए जाने की बात कही गई है। निचले सदन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एआईएमआईएम, आरएसपी, बसपा जैसे दलों ने इस विधेयक को पेश किए जाने का विरोध किया। इस विधेयक के संसोधन की ज़रुरत क्यों पड़ी? आम चुनावों में एक व्यक्ति दो या दो से अधिक जगह वोट डाल देता था जिससे चुनाव के निष्पक्ष होने की सम्भावना लगभग ख़तम सी हो जाती है इसी समस्या से निजात के लिए निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक 2021 सामान्य सुधार के साथ पेश किया गया है विपक्षी दलों का विरोध कांग्रेस ने विधेयक को विचार के लिए संसद की स्थाई समिति को भेजने की मांग की। विपक्षी दलों ने इसे उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ तथा संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों एवं निज

पोर्न देखकर किशोर ने किया 3 साल की बच्ची से रेप!

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पोर्न देखकर किशोर ने 3 साल की बच्ची से रेप किया  कानपुर आउटर के बिधून में एक किशोर ने पोर्न वीडियो देखने के बाद साढ़े 3 साल की बच्ची से रेप कर दिया। बच्चे के प्राइवेट पार्ट में काफी चोटें आई हैं व रोते हुए बच्ची घर पहुंची। एसपी आउटर ने बताया कि किशोर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस को किशोर के मोबाइल में कई पोर्न वीडियो मिले हैं। सर्च हिस्ट्री में ऐसे कीबोर्ड की भरमार थी। मोबाइल की जांच करने से पता चला सर्च हिस्ट्री में पोर्न से जुड़े कई की-वर्ड की भरमार थी, देखकर ऐसा लगता है की किशोर पोर्न का आदि था। पोर्न रोकने को कोई मजबूत यंत्र नहीं  बच्चे तक पोर्न की आसान पहुँच से पता चलता है की किशोर इसका आदि था। इसी के चलते किशोर ने यह कदम उठाया। बच्ची सोमवार को रात घर के बाहर खेल रहे थी, तभी किशोर टॉफियां दिलाने के बहाने से अपने घर ले आया और रेप किया। कोर्ट ने 29 दिन में दिया फैसला रेप के दोषी को मौत की सजा  गुजरात की एक विशेष पॉक्सो अदालत ने मंगलवार को ढाई साल की एक बच्ची से रेप और उसकी हत्या के दोषी व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है। जानकारी अधिकारियों ने दी। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने क

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