एक 30 साल के शख्स द्वारा जिसका नाम अब्दुल रहमान एक बच्ची को चूमने पर कोर्ट नें 5 साल की कैद की सजा सुनाई!
प्रोटक्शन आफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (पोक्सो एक्ट) के तहत मुंबई की एक अदालत ने एक अधेड़ शख्स को एक बच्ची को जबरन चूमने के जुर्म में 5 साल की कैद की सजा सुनाई है।
दोषी की उम्र लगभग 30 वर्ष है। दोषी का नाम अब्दुल रहमान लोहार है। उसे आर्थर रोड जेल में रखा गया है। कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सजा सुनाई। रिपोर्ट के मुताबिक में बच्ची पड़ोस में रहने वाले एक शख्स के घर गई थी। बच्ची का पिता जब अपने काम से लौट रहा था तभी उसे उसकी बहन ने फोन किया और घटना के बारे में जानकारी दी। पिता जब घर पर पहुंचा तो उसने पूरे मामले की जानकारी अपनी पत्नी से मिली और बेटी ने उसे बताया कि आखिर क्या हुआ था।
वहाँ रहने वाले लोगों ने बताया की उस दिन क्या हुआ था
उत्पीड़न घटना की रिपोर्ट के मुताबिक शख्स की छोटी बेटियां चाल में स्थित कॉमन वॉशरूम का इस्तेमाल करने गई थी। वहां करीब 10 वर्षों में एक ही रूम में बना हुआ है। वहीं पर रहने वाले एक शख्स ने जब लड़कियां वॉशरूम पहुंचा के देखा तो वह भी वहाँ पहुँच गया। इत्तेफाक से उस दिन वहां लाइट नहीं थी इसलिए बड़ी बेटी ने अपनी छोटी बहन को मोबाइल लाने के लिए भेजा। टॉर्च की व्यवस्था हो सके इसलिए लड़की ने वैसे ही किया जैसा बड़ी बहन ने कहा तभी जब बच्ची मोबाइल लेकर लौट रही है। उसको उस शख्स ने अंधेरे का फायदा उठाकर और लड़की को टॉयलेट के पास खड़ा देखकर उसने बच्ची को पकड़ लिया और बच्ची के होठों को चूमने लगा। इस पर बच्ची वहाँ से किसी तरह से भागने में कामयाब हुई और उस घटना के बारे में घर पर सूचना दी।
घर पर केवल लड़कियां ही मौजूद थीं
जब लड़की अपने घर पहुंची तब अपनी मां को सारी घटना बताई तो उसकी मां ने यह बात उसके पिता को तब सारी जानकारी हो जाने के बाद लड़की का पिता उस शख्स के घर पहुंचा तो वह शख्स घर पर नहीं था उसकी पत्नी मिली जिससे शिकायत की लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ तो परिवार ने थाने का रुख किया और जाकर केस दर्ज करवाया।
बच्ची की झूठ बोलने की कोई वजह नहीं
सरकारी वकील गीता शर्मा का कहना है कि बहस के दौरान लड़की के पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं है। पीड़िता आरोपी से अधिक मुसीबत सहन की है जब पीड़िता पर आरोप लगाया जाता है तो यह गलत है।
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