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सत्यमेव जयते!
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कानून से जुड़ी ख़बर!
- क्या संपत्ति का पावर ऑफ अटॉर्नी सम्पति को मालिक की बिना जानकारी के बेच सकता है?
- बिना विवाह किये भी साथ रह सकते हैं। जानिए क्या है इस संबंध में कानून। क्या होते हैं एक कपल के अधिकार।
- महिला सम्मान की पैरवी करने वाले देश में मैरिटल रेप अपराध नहीं!
- तो अब किससे पास कितनी ज़मीन है पता चल सकेगा यूनीक लैंड कोड से, जानिए कैसे?
- जमानत क्या है और किसी व्यक्ति की जमानत कैसे ले सकते हैं?
- पोर्न देखकर किशोर ने किया 3 साल की बच्ची से रेप!
- शादी के बाद शादी का प्रमाण पत्र कैसे बनेगा? यहाँ पूरी जानकारी दी गई है!
- वसीयत करने से पहले संपत्ति धारक की मृत्यु हो जाने पर संपत्ति पर किसका अधिकार होगा है?
- हिन्दू धर्म में न दूसरी शादी की जा सकती है ना पहली से तलाक़ होगा
- क्या एक विवाहित बेटी अपने पिता की संपत्ति में हिस्से का दावा कर सकती है? सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पैतृक संपत्ति में बेटियों का होगा इतना अधिकार?
- Cyber Crime की शिकायत दर्ज कराने के लिए क्या जानकारी देनी होगी? साइबर अपराध (Cyber Crime) पोर्टल पर शिकायत कैसे करें?
- जानिए, अगर पति तलाक चाहता है और पत्नी नहीं चाहती तो क्या करें? क्या तलाक के बाद पति पत्नी साथ रह सकते हैं? पत्नी मायके से नहीं आए तो क्या करें?
- जानिए, कोर्ट मैरिज की फीस कितनी है? कोर्ट मैरिज में के लिए आवेदन कहाँ करना होता है? कोर्ट मैरिज में कितने दिन लगते हैं?
- क्या आपके मन में भी हैं ये सवाल कि गाड़ी कौन सी खरीदें? पुरानी गाड़ी खरीदने से पहले क्या देखना चाहिए? कार खरीदना है तो कैसे खरीदें?
दीपावली में आई मिलवाटी मिठाई की खेप, फ़ूड डिपार्टमेंट ने नमूने किये सील, जानिए कहाँ-कहाँ लिए गये नमूने!
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Weekly Round-Up (22 Oct- 1 Nov) बिना रजिस्ट्रेशन बेच रहे थे फूड सप्लीमेंट 8 पर केस बिना लाइसेंस फूड सप्लीमेंट बेच रहे आठ मेडिकल स्टोरों पर एफएसडीए (FSDA) की टीम ने मुकदमा दर्ज करवाया। एडीएम पूर्वी (ADM East) की कोर्ट में आरोपित स्टोर संचालकों के खिलाफ वाद दायर करवाया गया। एफएसडीए (FSDA) केडी.ओ. (KDO) डॉ एसपी सिंह ने बताया कि इन दुकानों से सैम्पलिंग भी की गई है। इन पर चलेगा मुकदमा इंदिरा नगर में शेखर हॉस्पिटल स्थित राज मेडिकल स्टोर, बी ब्लॉक स्थित बरखा मेडिकल स्टोर, ए ब्लॉक स्थित पार्वती मेडिकल स्टोर, बी ब्लॉक में उत्कर्ष फार्मा आम्रपाली मार्केट स्थित गेट वेल मेडिकल स्टोर, चंद्रकला ट्रेड सेंटर स्थित स्वास्तिक मेडिकेयर इंदिरा नगर के जैन मंदिर के सामने स्थित सीमा मेडिकल हॉल और कात्यायनी मार्केट स्थित आकाश मेडिकल स्टोर ₹500000 तक हो सकता है जुर्माना बिना खाद लाइसेंस खाद्य पदार्थों के कारोबार पर अधिकतम 6 माह की जेल या ₹500000 तक का जुर्माना हो सकता है। स्टोर संचालकों को कोर्ट से नोटिस भेजा जा रहा है। अब उन्हें कोर्ट में अपना पक्ष रखना होगा। 18 दुकानों से नमूने लिए एफएसडीए (FSDA) क
हिन्दू धर्म में दूसरी पत्नी अपने पति की पुश्तैनी व निजी सम्पति पाने का अधिकार कब खो देती है?
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हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के अनुसार उन व्यक्तियों का वर्णन कीजिए जो पैतृक संपत्ति पाने के अयोग्य हैं? अयोग्यता (Disqualification of Hindu) हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 की धारा 24 से लेकर 29 तक में कुछ आधारों का उल्लेख किया गया है। जिन पर कि एक व्यक्ति पत्रक संपत्ति पाने के अयोग्य है। ये निर्योग्यतायें निम्नलिखित हैं- पुनर्विवाह से उत्पन्न निर्योग्यता (धारा 24) हत्या का अपराध (धारा 25) धर्म परिवर्तन से उत्पन्न निर्योग्यता (धारा 26) पुनर्विवाह पुनर्विवाह से उत्पन्न निर्योग्यता धारा 24 के अंतर्गत इस निर्योग्यता के विषय में उल्लेख किया गया है। यह धारा उपबंधित करती है- "जो कोई दायद पूर्व मृत पुत्र की विधवा पूर्व मृत पुत्र के पुत्र की विधवा या भाई की विधवा के रूप में निर्वसीय से नातेदारी रखती है? यदि उत्तराधिकार के सूत्रपात होने की तिथि में पुन: विवाह कर लेती है। तो वह निर्वसीयत की संपत्ति ऐसी विधवा के रूप में उत्तराधिकार प्राप्त करने की हकदार नहीं होगी।" इस धारा से स्पष्ट है कि किसी व्यक्ति की विधवा पुनर्विवाह (Remarriage) कर लेने के पश्चात उसकी विधवा नहीं रह जाती और उस
किसी कारखाने को बंद होने पर बेरोजगार हुए कर्मचारियों को नौकरी देने की जिम्मेदारी किसकी? जैसा स्कूटर इन्डिया व फोर्ड मोटर के मामले में हुआ!
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किसी उपक्रम को बंद करने की प्रक्रिया का उल्लेख कीजिए। उपक्रम को बंद करने की प्रक्रिया- धारा 25 (O) में उपबंधित प्रक्रिया का पालन उपक्रम के बंद करने के लिए नियोजक हेतु आवश्यक है। इसके अनुसार- 1- नियोजक, जो औद्योगिक उपक्रम को बंद करना चाहता है आशयित बंदी प्रभावी होने वाली तिथि से कम से कम 90 दिनों पूर्व बंदी के लिए अनुमति हेतु आशयित बंदी के कारणों का अभिकथन करते समुचित सरकार के पास आवेदन बंदी के लिए अनुमति प्राप्त करने के लिए देगा और विस्तृत विहित रीति से कर्मकारों के प्रतिनिधियों को भी ऐसे आवेदन की एक प्रतिलिपि प्रदान की जाएगी। परंतु इस उप धारा की कोई बात भवन, पुल, सड़कें, नहरे, बांध या अन्य निर्माण कार्य के लिए स्थापित उपक्रम पर लागू नहीं होगी। मेसर्स उड़ीसा टेक्सटाइल स्टील लिमिटेड बनाम उड़ीसा राज्य तथा उत्तर प्रदेश राज्य तथा इंडियन ऑक्सीजन लिमिटेड के निर्णय अनुसार जब समुचित सरकार उपक्रम बंद करने के लिए अनुमति देगी या इंकार करेगी तो वह लिखित होगी और उसमें कारणों का भी उल्लेख रहेगा। धारा 25 (O) का प्रावधान संविधानिक तथा वैध है। जब भी किसी उपक्रम को बंद करना है तो साल के अंत में क्ल
भारत में पेट्रोल पम्प खोलने की पूरी जानकारी जो आप का काम आसान बना देगी!
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देश में पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के बीच लोग पेट्रोल पंप खोलने की जुगत जानने में लग गये हैं, इसके पीछे क्या वजह है जानिए इस लेख में- कोई भी भारतीय भारत में पेट्रोल पंप खोलने के लिए कैसे आवेदन कर सकता है और खोलने की पूरी प्रक्रिया क्या है? पेट्रोल पंप का संचालन भारत के सबसे आकर्षक व्यवसायों में से एक माना जाता है। देश में ज्यादातर पेट्रोल पम्प मालिक या तो राजनेता है या फिर व्यापारी। लेकिन बहुत से लोग भारत में पेट्रोल पंप लाइसेंस लेने की प्रक्रिया नहीं जानते हैं। एक रिपोर्टों के अनुसार, भारत में लगभग 84,645 पेट्रोल पंप हैं। इन पेट्रोल पंपों के अलावा, 3 सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग फर्में; भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (BPCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (HPCL) और इंडियन ऑयल कॉर्प (IOC) ने नवंबर 2019 में भारत में 78,493 अधिक पेट्रोल पंप खोलने के लिए विज्ञापन दिया था। इसलिए यह उम्मीद की जाती है कि वर्ष 2021 में भारत में पेट्रोल पंप खोलने के कई अवसर हैं। लेकिन आज भी सटीक जानकारी के अभाव में, बहुत से लोग देश में पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया नहीं जानते हैं। भारत रणनीतिक पेट्रोल
अगर यह काम हुआ तो पुश्तैनी ज़मीन जायदाद से हाथ धोना पड़ सकता है!
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हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के अनुसार उन व्यक्तियों का वर्णन कीजिए जो पैतृक संपत्ति पाने के अयोग्य हैं? अयोग्यता (Disqualification of Hindu) हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 की धारा 24 से लेकर 29 तक में कुछ आधारों का उल्लेख किया गया है। जिन पर कि एक व्यक्ति पत्रक संपत्ति पाने के अयोग्य है। ये निर्योग्यतायें निम्नलिखित हैं- पुनर्विवाह से उत्पन्न निर्योग्यता (धारा 24) हत्या का अपराध (धारा 25) धर्म परिवर्तन से उत्पन्न निर्योग्यता (धारा 26) पुनर्विवाह पुनर्विवाह से उत्पन्न निर्योग्यता धारा 24 के अंतर्गत इस निर्योग्यता के विषय में उल्लेख किया गया है। यह धारा उपबंधित करती है- "जो कोई दायद पूर्व मृत पुत्र की विधवा पूर्व मृत पुत्र के पुत्र की विधवा या भाई की विधवा के रूप में निर्वसीय से नातेदारी रखती है? यदि उत्तराधिकार के सूत्रपात होने की तिथि में पुन: विवाह कर लेती है। तो वह निर्वसीयत की संपत्ति ऐसी विधवा के रूप में उत्तराधिकार प्राप्त करने की हकदार नहीं होगी।" इस धारा से स्पष्ट है कि किसी व्यक्ति की विधवा पुनर्विवाह (Remarriage) कर लेने के पश्चात उसकी विधवा नहीं रह जाती और उस
किसी कम्पनी का नाम या उत्पाद की नक़ल करने से कैसे रोका जा सकता है? क्या है क़ानूनी उपाय!
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व्यापार चिन्ह के उल्लंघन से आप क्या समझते हैं? इसके उल्लंघन के आवश्यक तत्व क्या है? व्यापार चिन्ह के उल्लंघन के फलस्वरुप वादी को क्या उपचार उपलब्ध है? वादी को ऐसे बाद में क्या सिद्ध करना चाहिए तथा प्रतिवादी को क्या बचाव लेने चाहिए? व्यापार चिन्ह के उल्लंघन का अर्थ ( Meaning of the Infringement of Trade Mark) व्यापार चिन्ह से तात्पर्य ऐसे चिन्ह से है, जो यह प्रकट करता है कि कथित माल किसी व्यक्ति विशेष द्वारा निर्मित हुआ है। यह एक प्रकार का प्रतीक होता है जो उस माल से संलग्न होता है। जिससे उसी प्रकार के दूसरे माल से उसे अलग पहचाना जा सकता है। ट्रेडमार्कस एक्ट 1999 के प्रावधानों के अनुसार व्यापार चिन्ह किसी भी रीति, प्रतीक, नाम, हस्ताक्षर, चिन्ह या उनके मिश्रण द्वारा प्रकट किया जा सकता है। व्यापार चिन्ह के उल्लंघन का अर्थ यह है कि इसके समान अथवा मिलता-जुलता ऐसा चिन्ह बनाना जिससे ग्राहकों को यह भ्रम हो कि यह माल उसी संस्थान द्वारा बनाया गया है। जो इस व्यापार चिन्ह के स्वामी हैं। इस विषय में जनता के भ्रम का स्पष्ट आधार होना चाहिए कि केवल संभावना मात्र से कोई दावा नहीं लाया जा सकता। असली व न
कैसे होता है उपभोक्ताओं के अधिकारों का संरक्षण जानिए विस्तार से!
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उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 (1986 का 68) की धारा 30A द्वारा प्रदत शक्तियों के अभ्यास में, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग केंद्र सरकार की मंजूरी के साथ निम्नलिखित नियम बनाता है: - 1. संक्षिप्त शीर्षक और प्रारंभ- इन विनियमों को उपभोक्ता संरक्षण विनियम, 2005 के नाम से जाना जायेगा है। यह आधिकारिक राजपत्र में अपने प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे। 2. परिभाषाएँ- इन नियमों में जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो (जो कहा गया है उसके अतिरिक्त, (i) "अधिनियम" का अर्थ है उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 (1986 का 68); (ii) "उपभोक्ता फोरम" का अर्थ है जिला फोरम। एक उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग धारा 9 के खंड (ख) के तहत एक राज्य में स्थापित (उसके बाद राज्य आयोग कहा जाता है) या राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग; (iii) "रजिस्ट्रार" का अर्थ है उपभोक्ता फोरम के मंत्री पद का प्रमुख और ऐसी शक्तियां और कार्य करना जो उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष द्वारा उसे प्रदान किए जाते हैं: (iv) "नियम" का अर्थ अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों से है;
अब चीन के बने फ़ोन भी भारत में बंद होने जा रहे है, जानिए कौन-कौन से फ़ोन बंद होंगे!
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चीन के स्मार्टफोन पर भारत की सख्ती, पहले से मौजूद ऐप की होगी जांच भारत सरकार बहुत जल्द चीनी मोबाइल कंपनियों के स्मार्टफोन पर सख्ती बढ़ाने की योजना बना रही है। सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि सरकार चीनी स्मार्टफोन के कलपुर्जे (parts) और उसमें पहले से मौजूद एप्स (Apps) की जांच करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की ओर से चीनी स्मार्टफोन कंपनियों से उनके फोन में इस्तेमाल कंपोनेंट्स और डाटा को लेकर जानकारी मांगी गई है। कौन-कौन स्मार्ट फ़ोन भारत में हैं चीनी कंपनियों के? चीन द्वारा निर्मित स्मार्टफोन हैं- Vivo (वीवो) Oppo (ओप्पो) Xiaomi (श्यओमी) One Plus (वनप्लस) इन चीनी कंपनियों को नोटिस दिया गया है। भारतीय मोबाइल बाजार में इन कंपनियों की 50 फ़ीसदी से ज़्यादा की हिस्सेदारी है। ET (ईटी) की रिपोर्ट के मुताबिक नया नोटिस देश में चीनी कंपनियों के खिलाफ एक बड़ी कार्यवाही का हिस्सा होने की उम्मीद है। इससे पहले एलएसी (LAC) पर दोनों देशों के बीच तनाव के बाद भारत इस तरह के कदम उठा चुका है। सरकार ने इसलिए उठाया यह कदम! सरकार का मकसद यह जानना है कि चीनी कंपनियों के स्मार्टफोन भारतीय कंज्यूमर्स के लिए स
डीएनए (DNA) रिपोर्ट ना आए तो डीजीपी (DGP) हाई कोर्ट में हाजिर हो!
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मैनपुरी के जवाहर नवोदय विद्यालय में दो साल पहले 16 वर्षीय स्कूल छात्रा की कॉलेज में मौत के मामले में एसआईटी (SIT) ने हाईकोर्ट में प्रस्तुत रिपोर्ट की। मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने एसआईटी (SIT) की रिपोर्ट देखी और कहा कि कोर्ट इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा कि 25 अक्टूबर को डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आ जाती है तो डीजीपी उस दिन कोर्ट में हाजिर रहें। कोर्ट में अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने एसआईटी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि जांच एजेंसी ने छात्रा की मौत के मामले में 170 डीएनए सैंपल टेस्ट रिपोर्ट के लिए भेजे हैं। अभी तक टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि देर से रिपोर्ट क्यों भेजी गई कोर्ट ने इस मामले में 25 अक्टूबर को दोबारा सुनवाई का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश महेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से दायर जनहित याचिका पर दिया है। मालूम हो कि हाईकोर्ट ने इस मामले में इससे पूर्व प्रदेश के डीजीपी को लगातार दो दिन कोर्ट में तलब किया था। डीजीपी ने इस मामले में एसआईटी की एक नई टीम गठित कर कोर्ट को बताया था कि इसमें
Weekly Roundup : Law news | RBI ने SBI पर लगाया 1 करोड़ का जुर्माना!
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News : 1 आरबीआई (RBI) ने एसबीआई (SBI) और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पर लगाई पेनल्टी Judicialguru.in : weekly roundup भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार नियामक अनुपालन में कमियों के लिए देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक पर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। वहीं केंद्रीय बैंक ने प्राइवेट बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पर भी 1.95 करोड रुपये का जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक के बयान के मुताबिक स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक निर्धारित समय के अंदर साइबर सुरक्षा घटना की रिपोर्ट करने में विफल रहा है। साथ ही उसने अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन वाली रकम को वापस खाताधारक के खाते में क्रेडिट भी नहीं किया। इसी लापरवाही के मद्देनजर आरबीआई ने बैंक पर यह पेनल्टी लगाई है। ------------------------------------------- News : 2 फ्यूल पर एक्सरसाइज में कटौती होगी चुनावी माहौल के बीच आखिरकार पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से आम लोगों को कुछ राहत देने की कवायद शुरू हो गई है। पेट्रोलियम व वित्त मंत्री के बीच बातचीत का दौर शुरू हो चुका है कि किस तरह से पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को कम किया जाए। सूत्रों के अनुसार प
एससी/एसटी अधिनियम (SC/ST Act) के तहत केस दर्ज़ करवाने को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ये कहा!
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एससी/एसटी एक्ट के तहत शिकायतकर्ता की जाति बहुत ही महत्वपूर्ण और अनिवार्य शर्तः मध्य प्रदेश हाईकोर्ट मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक सुनवाई के दौरान माना कि अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम के अन्तरगत शिकायतकर्ता की जाति विशेष महत्व रखती है और अनिवार्य है और यह नहीं माना जा सकता है कि शिकायतकर्ता एफआईआर (FIR) में यह उल्लेख करना भूल गया होगा कि हमलावरों ने उसकी जाति पर टिप्पणी नहीं की होगी। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की खंडपीठ ने इन टिप्पणियों के साथ अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3 (2) (5 ए) के अन्तरगत दर्ज कराये गये मामले में एक व्यक्ति के खिलाफ आरोप को खारिज कर दिया, जिस पर शिकायतकर्ता के खिलाफ जातिगत टिप्पणी करने का मामला दर्ज था। क्या था पूरा मामला? अलकेश और अन्य बनाम मध्य प्रदेश राज्य के वाद में- 12 अप्रैल 2016 को अपीलार्थी और परिवादी के बीच झगड़ा हो गया था। जिसमें शिकायतकर्ता ने एफआईआर (FIR) में आरोप लगाया था कि मौके पर सभी धर्म व जाति के लोग थे और देखते-देखते विवाद बढ़ गया क्योंकि शिकायतकर्ता जगदीश को अपीलकर्ता नंबर एक अलकेश ने भीड़
वकीलों की सरकारी फौज में कई योद्धा अनफिट!
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इलाहाबाद हाईकोर्ट में सरकार का पक्ष रखने के लिए बनाई गई अधिवक्ताओं की फौज में कई ऐसे अधिवक्ता हैं जो कोर्ट के भीतर सरकार के पक्ष में बहस नहीं कर सकते। शासकीय अधिवक्ताओं के पैनल में किसी तरह उन्हें जगह तो मिल गई है लेकिन एडवोकेट रोल में नाम न शामिल होने की वजह से अदालतों में उनकी ड्यूटी रोक दी गई है। ऐसे वकीलों की संख्या तीन दर्जन से अधिक हैं। उनकी जगह दूसरे वकील खड़े किए जा रहे हैं। सवाल उठने लगा है कि आखिर सरकारी वकीलों की नियुक्ति से पहले उनके एडवोकेट रोल की जांच क्यों नहीं की गई। उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस समय लगभग 500 से अधिक राज्य विधि अधिकारी है। इनका दायित्व हाईकोर्ट में चल रहे विभिन्न मुकदमों में सरकार का पक्ष रखना और उसका बचाव करना है। नीतिगत मामलों से जुड़े विषयों में इनकी भूमिका अहम हो जाती है क्योंकि इसमें अच्छी पैरवी न होने पर राज्य सरकार को किरकिरी का सामना करना पड़ता है। विपक्ष को हमले करने का अवसर अलग से हासिल हो जाता है। इसलिए राज्य सरकारें दक्ष वकीलों की फौज खड़ी करती है। सरकार बनने के बाद पिछली सरकार में नियुक्त राज्य विधि अधिकारियों को हटाकर लगभग 400
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि कोरोना महामारी के बाद EWS वर्ग के बच्चों के लिए क्या-क्या किया!
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EWS छात्रों के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए कहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को ऑनलाइन क्लास के लिए सरकार, गैजेट्स मुहैया कराए। SC ने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों को EWS बच्चों के लिए गैजेट्स के फंड के लिए योजना तैयार करने का निर्देश दिया। SC ने केंद्र और दिल्ली सरकार को तत्काल आधार पर एक साथ काम करने का निर्देश दिया।अदालत ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि बच्चे संसाधनों की कमी के कारण शिक्षा वंचित ना रहें। निजी और सरकारी दोनों स्कूलों के EWS बच्चों के लिए गैजेट्स की फंडिंग होनी चाहिए। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि बच्चे इस देश का भविष्य हैं, उनकी जरूरतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हर तबके के बच्चों की जरूरतों को पूरा किया जाना चाहिए, चाहे उनके पास जो भी संसाधन हों। EWS बच्चों के माता-पिता पर्याप्त संपन्न नहीं होते हैं। एक तरफ हम EWS बच्चों को मुख्यधारा में मिलाते हैं लेकिन जिस बच्चे की मां नौकरानी या पिता ड्राइवर है उसे लैपटॉप कैसे मिलेगा। स्कूल वीडियो भेजते हैं, बच्चे उन तक कैसे पहुंचेंगे यह निश्चित किया जाना आवश्यक है। डिजिटल ड
लड़कियों ने अगर शार्ट ड्रेस पहनी है तो इमामबाड़े में नो एंट्री!
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लखनऊ के मशहूर पर्यटन स्थल बड़े इमामबाड़े में शॉर्ट ड्रेस पहन कर आने वाले पर्यटक को अब एंट्री नहीं दी जाएगी। वहीं, बड़े और छोटे इमामबाड़े में जरीह वाली जगह और पिक्चर गैलरी में महिलाओं को सिर पर स्टोल रखकर ही जाना होगा। सिर्फ भूल भुलैया, बावली व अन्य जगह पर ही महिलाएं बिना स्टोल के जा सकेंगी। ट्रस्ट के अध्यक्ष और जिला अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने शनिवार को इस के निर्देश जारी किए। बड़े इमामबाड़े के प्रभारी हबीबुल हसन ने बताया कि ट्रस्ट ने इमामबाड़े में स्टोल रखवा दिए हैं। इस निर्देश के लिए रविवार को बाकायदा बोर्ड भी लगवा दिया जाएगा। उन्होंने बताया है कि किसी भी अशोभनीय कृत्य को रोकने के लिए ट्रस्ट ने अपने लोगों की ड्यूटी भी लगाई है। डांस वीडियो शूट के मामले में केस दर्ज बड़े इमामबाड़े के अंदर एक युवती का डांस का वीडियो वायरल होने के बाद सिया तंजीम हुसैनी टाइगर्स के अध्यक्ष नकी हुसैन की तरफ से चौक कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया गया। हुसैनी टाइगर्स ने एएसआई जिलाधिकारी और मंडल आयुक्त को पत्र लिखकर संरक्षित इमारतों में सीसीटीवी (CCTV) कैमरे लगाए जाने और इन इमारतों के अंदर मोबाइल के साथ एंट्री पर
अब दिक्कत होने पर छ: महीने के गर्भ का भी हो सकेगा गर्भपात, सरकार ने गाइडलाइन जारी की!
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केंद्र सरकार ने बढ़ाई Abortion की समय-सीमा, अब प्रेग्नेंसी के इतने हफ्ते तक हो सकेगा गर्भपात। क्या है नियम- अगर कोई महिला गर्भ गिराने का फैसला करती है तो मेडिकल बोर्ड को महिला और उसकी रिपोर्ट की जांच कर तीन दिन के भीतर गर्भावस्था की समाप्ति के निवेदन को स्वीकार या अस्वीकार करने के संबंध में राय देनी होती है। सरकार ने क्या बदलाव किया है? केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2021 को गर्भपात (Abortion) संबंधी नये नियम जारी किये हैं. सरकार ने गर्भपात संबंधी नये नियम जारी (अधिसूचित) किये हैं। अब से कुछ विशेष वर्ग की महिलाओं के मेडिकल गर्भपात के लिए गर्भ की समय सीमा को 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह (पांच महीने से बढ़ाकर छह महीने) कर दिया गया है। नए नियम मार्च में संसद में पारित गर्भ का चिकित्सकीय समापन (संशोधन) विधेयक, 2021 के नाम से अधिसूचित किए गए हैं। पहले से क्या प्रावधान मौजूद था? अब तक पुराने नियमों के अंतर्गत, 12 सप्ताह (तीन महीने) तक के भ्रूण का गर्भपात कराने के लिए एक डॉक्टर की सलाह लेनी होती थी और 12 से 20 सप्ताह (तीन से पांच महीने) के गर्भ के मेडिकल समापन के लिए दो डॉक्टरों की सलाह जरूरी होती थ
नया आवेदन करें-
- आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन करें
- ई श्रम कार्ड के लिए आवेदन करें
- किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करें
- दाखिल ख़ारिज के लिए आवेदन करें
- निःशुल्क क़ानूनी सहायता के लिए संपर्क करें
- प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन करें
- मातृत्व लाभ योजना के लिए आवेदन करें
- विवाह प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करें
- सोसाइटी पंजीकरण के लिए आवेदन करें
- स्टार्ट-अप इंडिया के लिए आवेदन करें
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- बिना वकील अपना मुक़दमा खुद कैसे लड़ें?
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- ट्रिपल तलाक में पत्नी के क्या अधिकार होते हैं?
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- क्या है प्रेम विवाह करने वाले बालिग जोड़ों की शादीशुदा जिंदगी की स्वतंत्रता?
- कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज कितने दिन में हो जाती है? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह चाहिए?
- आईपीसी की धारा 496, 493, 495 क्या है? बगैर तलाक के किसी स्त्री की शादी करने पर क्या कहता है क़ानून?