अंतर धार्मिक विवाह करने के लिए किसकी अनुमति ज़रूरी है? क्या कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रार विवाह पंजीकरण करने से इनकार कर सकता है? जानिए प्राविधान

मैनपुरी के जवाहर नवोदय विद्यालय में दो साल पहले 16 वर्षीय स्कूल छात्रा की कॉलेज में मौत के मामले में एसआईटी (SIT) ने हाईकोर्ट में प्रस्तुत रिपोर्ट की।
मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने एसआईटी (SIT) की रिपोर्ट देखी और कहा कि कोर्ट इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है।
हाईकोर्ट ने कहा कि 25 अक्टूबर को डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आ जाती है तो डीजीपी उस दिन कोर्ट में हाजिर रहें। कोर्ट में अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने एसआईटी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि जांच एजेंसी ने छात्रा की मौत के मामले में 170 डीएनए सैंपल टेस्ट रिपोर्ट के लिए भेजे हैं। अभी तक टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि देर से रिपोर्ट क्यों भेजी गई कोर्ट ने इस मामले में 25 अक्टूबर को दोबारा सुनवाई का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश महेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से दायर जनहित याचिका पर दिया है।
मालूम हो कि हाईकोर्ट ने इस मामले में इससे पूर्व प्रदेश के डीजीपी को लगातार दो दिन कोर्ट में तलब किया था। डीजीपी ने इस मामले में एसआईटी की एक नई टीम गठित कर कोर्ट को बताया था कि इसमें अनुभवी अधिकारियों को शामिल किया गया है। हाईकोर्ट ने 6 सप्ताह में जांच पूरी करने का निर्देश दिया है। डीजीपी ने कोर्ट को बताया था कि जांच में लापरवाही पर एसपी डिप्टी एसपी व आईओ को सस्पेंड कर दिया गया है। हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि इस मामले में जांच से हाईकोर्ट बार एसोसिएशन व कोर्ट को भी अवगत कराया जाए। हाईकोर्ट ने डीजीपी समेत सभी उपस्थित पुलिस अधिकारियों की हाजरी माफ कर दी थी। परंतु अधिकारियों के कोर्ट रूम से बाहर निकलने से पूर्व मार्मिक टिप्पणी भी की थी। कहा था कि स्वर्ग और नर्क कहीं और नहीं सबको अपने कर्मों का फल यहीं भुगतना पड़ता है।
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