Today's News
हिन्दू धर्म में दूसरी पत्नी अपने पति की पुश्तैनी व निजी सम्पति पाने का अधिकार कब खो देती है?
- Get link
- Other Apps
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के अनुसार उन व्यक्तियों का वर्णन कीजिए जो पैतृक संपत्ति पाने के अयोग्य हैं?
- पुनर्विवाह से उत्पन्न निर्योग्यता (धारा 24)
- हत्या का अपराध (धारा 25)
- धर्म परिवर्तन से उत्पन्न निर्योग्यता (धारा 26)
पुनर्विवाह पुनर्विवाह से उत्पन्न निर्योग्यता
धारा 24 के अंतर्गत इस निर्योग्यता के विषय में उल्लेख किया गया है। यह धारा उपबंधित करती है-
"जो कोई दायद पूर्व मृत पुत्र की विधवा पूर्व मृत पुत्र के पुत्र की विधवा या भाई की विधवा के रूप में निर्वसीय से नातेदारी रखती है? यदि उत्तराधिकार के सूत्रपात होने की तिथि में पुन: विवाह कर लेती है। तो वह निर्वसीयत की संपत्ति ऐसी विधवा के रूप में उत्तराधिकार प्राप्त करने की हकदार नहीं होगी।" इस धारा से स्पष्ट है कि किसी व्यक्ति की विधवा पुनर्विवाह (Remarriage) कर लेने के पश्चात उसकी विधवा नहीं रह जाती और उस व्यक्ति की विधवा के रूप में निर्वसीयत से उनका संबंध समाप्त हो जाता है इसलिए वह निर्वसीयत में से दाय प्राप्त करने की अधिकारिणी नहीं रह जाती है।
इस व्यवस्था का आधार यह की पत्नी पति की अर्धांगिनी की हैसियत से संपत्ति की अधिकारिणी होती है। ज्यों ही वह पुनर्विवाह कर लेती है वह पति की अधिकारिणी नहीं रह जाती है। और इस कारण वह अपने पति की संपत्ति को दाय में पान से वंचित रह जाती है।
यह निर्हता पुनर्विवाह से आती है, अस्तित्व से नहीं। इसलिए यदि उपयुक्त दायद पुनर्विवाह नहीं करती। बल्कि केवल अस्तित्व का आचरण करती है तो वह दाय से वंचित नहीं होगी परन्तु यदि वह दाय प्राप्त करने के पश्चात पुनर्विवाह करती है तथा जो संपत्ति उनमें निहित हो चुकी है वह अनिहित नहीं हो सकती।
हत्या का अपराध (Disqualification of a murderer)
धारा 25 हत्यारों को उस व्यक्ति की संपत्ति में दाय प्राप्त करने के निर्योग्य बना देती है जिसकी हत्या की गई है। धारा 25 उपबंध करती है-
"जो व्यक्ति हत्या करता है या हत्या करने में दुष्प्रेरणा करता है, वह मृत व्यक्ति की संपत्ति को जिसके उत्तराधिकार को अग्रसर करने के लिए उसने हत्या की थी या हत्या करने में अभिप्रेरणा किया था, दाय प्राप्त करने के निर्योग्य होगा।" इस प्रकार इस धारा के अंतर्गत दो प्रकार के हत्यारे संपत्ति को उत्तराधिकार में प्राप्त नहीं कर सकते हैं प्रथम यदि किसी उत्तराधिकारी ने स्वयं हत्या की है या हत्या का दुष्प्रेरण किया है या उत्तराधिकार को अग्रसर करने के लिए उसने किसी अन्य व्यक्ति की हत्या की है, हत्या का दुष्प्रेरण किया है।
पुरानी हिंदू विधि में भी यही नियम था। किसी व्यक्ति का हत्यारा मृत व्यक्ति से दाय प्राप्त करने का हकदार नहीं होता था। यह नियम लोकनीति पर आधारित है। यह नियम इसलिए उपबंधित किया है कि यदि किसी व्यक्ति का हत्यारा उससे दाय प्राप्त करने में समर्थ रखा जाए तो यह संभावना हो सकती है कि दाय प्राप्त करने की अति उत्सुक व्यक्ति उसकी हत्या कर दे अथवा किसी व्यक्ति को दुष्प्रेरित करके उसकी हत्या करा दे।
यह ध्यान देने योग्य है कि संपत्ति को दाय द्वारा प्राप्त करने के अधिकार से केवल हत्यारा ही या उसका सहायक वंचित होता है अन्य व्यक्ति नहीं। उदाहरण स्वरूप यदि पुत्र ने पिता की हत्या की है तो हत्यारे के पुत्र या पुत्रियों के उत्तराधिकारिक अधिकारों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
धर्म परिवर्तन (Disqualification of a Convert's descendants)
क्या है धारा 26 में प्रावधान?
इस धारा के अंतर्गत धर्म परिवर्तन व्यक्ति के वंशजों को उत्तराधिकार से वंचित किया गया है। परंतु शर्त यह है कि ऐसे वंशज को दाय पाने के समय हिंदू नहीं होना चाहिए। जिस व्यक्ति ने धर्म परिवर्तन किया है वह स्वयं दाय से वंचित नहीं होता है बल्कि उस की संताने तथा संतानों के वंशज ही दाय प्राप्त करने से वंचित होते हैं। इस स्थिति को समझने के लिए कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं-
1- अ अपने तीन पुत्रों क, ख, ग को छोड़कर मर जाता है। अ की मृत्यु के पूर्व क ईसाई धर्म ग्रहण कर लेता है। उत्तराधिकार खुलने पर अ हिंदू होने पर भी वह अपने भाइयों के साथ उत्तराधिकार में भाग लेना और एक तिहाई संपत्ति पाएगा।
2- अ, एक पुत्र, ख, तथा तीन प्रपौत्र ब, स, द (पूर्व मृत पुत्र क के पुत्र) को छोड़कर 1964 में मर गया। क, अ की मृत्यु के पूर्व 1965 में मुसलमान हो गया था और उसके तीनों पुत्रों का जन्म उसके मुसलमान होने के पश्चात हुआ था। यहां पर समस्त संपत्ति का हकदार ख होगा। मृतक पुत्र क के पुत्र ब, स, द, सपरिवर्तित पुत्र की संतान होने के कारण उत्तराधिकारी नहीं हो सकते है।
निर्योग्यता का प्रभाव
- Get link
- Other Apps
कानून से जुड़ी ख़बर!
- क्या संपत्ति का पावर ऑफ अटॉर्नी सम्पति को मालिक की बिना जानकारी के बेच सकता है?
- बिना विवाह किये भी साथ रह सकते हैं। जानिए क्या है इस संबंध में कानून। क्या होते हैं एक कपल के अधिकार।
- महिला सम्मान की पैरवी करने वाले देश में मैरिटल रेप अपराध नहीं!
- तो अब किससे पास कितनी ज़मीन है पता चल सकेगा यूनीक लैंड कोड से, जानिए कैसे?
- जमानत क्या है और किसी व्यक्ति की जमानत कैसे ले सकते हैं?
- पोर्न देखकर किशोर ने किया 3 साल की बच्ची से रेप!
- शादी के बाद शादी का प्रमाण पत्र कैसे बनेगा? यहाँ पूरी जानकारी दी गई है!
- वसीयत करने से पहले संपत्ति धारक की मृत्यु हो जाने पर संपत्ति पर किसका अधिकार होगा है?
- हिन्दू धर्म में न दूसरी शादी की जा सकती है ना पहली से तलाक़ होगा
- क्या एक विवाहित बेटी अपने पिता की संपत्ति में हिस्से का दावा कर सकती है? सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पैतृक संपत्ति में बेटियों का होगा इतना अधिकार?
- Cyber Crime की शिकायत दर्ज कराने के लिए क्या जानकारी देनी होगी? साइबर अपराध (Cyber Crime) पोर्टल पर शिकायत कैसे करें?
- जानिए, अगर पति तलाक चाहता है और पत्नी नहीं चाहती तो क्या करें? क्या तलाक के बाद पति पत्नी साथ रह सकते हैं? पत्नी मायके से नहीं आए तो क्या करें?
- जानिए, कोर्ट मैरिज की फीस कितनी है? कोर्ट मैरिज में के लिए आवेदन कहाँ करना होता है? कोर्ट मैरिज में कितने दिन लगते हैं?
- क्या आपके मन में भी हैं ये सवाल कि गाड़ी कौन सी खरीदें? पुरानी गाड़ी खरीदने से पहले क्या देखना चाहिए? कार खरीदना है तो कैसे खरीदें?
ख़बरें सिर्फ़ आपके लिए!
तलाक लेने में कितना खर्च आयेगा और यह खर्च कौन देगा? तलाक लेने से पहले यह कानून जान लें!
पति तलाक लेना चाहता और पत्नी नहीं तो क्या किया जाना चाहिए?
अब चेक बाउंस के मामले में जेल जाना तय है! लेकिन बच भी सकते हैं अगर यह क़ानूनी तरीका अपनाया तो!
तलाक़ के बाद बच्चे पर ज्यादा अधिकार किसका होगा माँ का या पिता का?
जानिए, पॉक्सो एक्ट (POCSO) कब लगता है? लड़कियों को परेशान करने पर कौन सी धारा लगती है?
बालिग लड़की का नाबालिग लड़के से शादी करने पर अपराध क्यों नहीं है? और क्या नाबालिग लड़की अपनी मर्ज़ी से शादी कर सकती है?
जमानत क्या है और किसी व्यक्ति की जमानत कैसे ले सकते हैं?
जानिए दाखिल खारिज़ क्यों ज़रूरी है और नहीं होने पर क्या नुकसान हो सकतें हैं?
नया आवेदन करें-
- आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन करें
- ई श्रम कार्ड के लिए आवेदन करें
- किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करें
- दाखिल ख़ारिज के लिए आवेदन करें
- निःशुल्क क़ानूनी सहायता के लिए संपर्क करें
- प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन करें
- मातृत्व लाभ योजना के लिए आवेदन करें
- विवाह प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करें
- सोसाइटी पंजीकरण के लिए आवेदन करें
- स्टार्ट-अप इंडिया के लिए आवेदन करें
लीगल खबरें आपके लिए!
- जानिए तलाक़ लेने में कितना ख़र्च होता है?
- क्या पत्नी का फ़ोन रिकॉर्ड करना क़ानूनी है?
- क्या बिना शादी किये लड़का लड़की साथ रह सकते हैं?
- तलाक़ लेने पर दूसरी बीवी को सम्पत्ति में कितना हिस्सा मिलेगा?
- मुस्लिम महिला के पास तलाक़ लेने के क्या अधिकार होतें हैं?
- क्या पति पत्नी के बीच शारीरिक सम्बन्ध ना होना तलाक़ की वजह बन सकता है?
- बिना वकील अपना मुक़दमा खुद कैसे लड़ें?
- क्या मैरिटल रेप तलाक़ की वजह हो सकता है?
- ट्रिपल तलाक में पत्नी के क्या अधिकार होते हैं?
- क्या शादी में मिले गहने पर सास का अधिकार होता है?
- क्या तीन तलाक़ के मामलें में घर वालों पर केस दर्ज़ करवाया जा सकता है?
- क्या है प्रेम विवाह करने वाले बालिग जोड़ों की शादीशुदा जिंदगी की स्वतंत्रता?
- कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज कितने दिन में हो जाती है? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह चाहिए?
- आईपीसी की धारा 496, 493, 495 क्या है? बगैर तलाक के किसी स्त्री की शादी करने पर क्या कहता है क़ानून?
Comments