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यात्रीगण कृपया ध्यान दे! अब से आप किसी के भी टिकट पर यात्रा कर सकेंगे!
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किसी दूसरे के टिकट पर यात्रा करना दंडनीय अपराध है और यदि आप किसी दूसरे व्यक्ति का टिकट लेकर यात्रा करने की सोंच रहे हैं तो आपको सतर्क होना चाहिए। किंतु अब आप अगर चाहते हैं कि आप किसी और व्यक्ति के टिकट पर यात्रा कर लें तो रेलवे ने इसके लिए मंज़ूरी दे दी है। लेकिन इसके साथ कई नियम भी जारी किए हैं और आपको किसी और के ट्रेन टिकट पर यात्रा करने के लिए उन नियमों का पालन करना पड़ेगा।
क्या नियम है?
इसे विस्तार से समझते हैं-जब भी आपको ट्रेन में यात्रा करनी होती है तो टिकट लेकर यात्रा कर लेते हैं लेकिन अभी तक टिकट लेकर आप अपनी यात्रा कर सकते थे। वह टिकट किसी और को नहीं दे सकते थे और अगर आप किसी और को देते थे तो वह दंडनीय अपराध होता है। लेकिन अब रेलवे ने इस नियम को बदल दिया है। अब आप किसी और के टिकट पर यात्रा कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए कई ऐसे नियम भी हैं जिनकी जानकारी आपको ट्रेन में यात्रा करने के दौरान होनी चाहिए। ऐसा ना होने पर आपके उपर न सिर्फ जुर्माना लगता है बल्कि आप को जेल भी जाना पड़ सकता है। इसलिए ट्रेन में बैठने से पहले ट्रेन से जुड़े नियमों का जरूर ध्यान रखें।
रेल मंत्रालय ने हाल ही में एक आधिकारिक ट्विटर हैंडल के द्वारा यह जानकारी दी कि किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर टिकट रेल यात्रा करना दंडनीय अपराध है साथ ही मंत्रालय ने यह भी कहा कि हमेशा उचित टिकट लेकर यात्रा करें।
किसी दूसरे व्यक्ति के कन्फर्म टिकट पर कैसे यात्रा किया जा सकता है?
रेल यात्रियों के लिए यह बड़ी राहत भरी खबर है कि अब किसी दूसरे के कन्फर्म टिकट पर भी ट्रेन का सफर कर सकेंगे।
इस कदम से बड़े पैमाने पर यात्रियों को लाभ होगा अभी तक किसी दूसरे के टिकट पर रेल सफर करना दंडनीय अपराध रहा है और टिकट जिनके नाम पर होता था उसके सफर ना करने पर टिकट को कैंसल करवाना ही एकमात्र विकल्प बचता था। कंफर्म टिकट के कैंसिल कराने पर न केवल आर्थिक नुकसान था बल्कि दूसरी बार आसानी से कंफर्म टिकट भी नहीं मिल पाता था।
अब रेलवे ने नियमों में बदलाव कर दिया है। अब एक कंफर्म टिकट पर परिवार का कोई भी दूसरा सदस्य सफर कर सकता है जो लोग उस टिकट पर यात्रा नहीं करना चाहते हैं। वह अपना टिकट परिवार में किसी के नाम पर ट्रांसफर कर सकते हैं किंतु टिकट ट्रांसफर के लिए आवेदन करना होगा। इसके बाद ही आप उस टिकट पर यात्रा कर सकेंगे।
किसे ट्रान्सफर किया जा सकता है टिकट?
रेल यात्री अपना कंफर्म टिकट सिर्फ अपने माता-पिता, भाई-बहन, पुत्र-पुत्री, पति-पत्नी के नाम ही ट्रांसफर करा सकते हैं और यह आवेदन ट्रेन खुलने के 48 घंटे पहले तक ही कराया जा सकेगा।
हालांकि आप कंफर्म टिकट किसी दोस्त को ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं। रेलवे का कहना है कि दोस्त या किसी अन्य के नाम पर टिकट ट्रांसफर करने की सुविधा का गलत इस्तेमाल हो सकता है। इसलिए अनुमति नहीं दी गई है।
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परिवार वालों के लिए अलग नियम है-
यह तो आप समझ गए हैं कि किसी दूसरे व्यक्ति के टिकट पर यात्रा आप नहीं कर सकते हैं। लेकिन परिवार वालों के लिए नियम अलग हैं। और परिवार के किसी शख्स की टिकट पर यात्रा कर सकते हैं लेकिन यह ध्यान रखने वाली बात है कि आप जिस व्यक्ति के टिकट पर यात्रा करने का सोच रहे हैं उससे आपका खून का रिश्ता होना चाहिए।
जैसे- कि माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी या बच्चों के नाम से टिकट हो तो आप उसकी टिकट पर यात्रा कर सकते हैं। मगर ऐसा नहीं है कि आप परिवार के दूसरे सदस्य के सीधे टिकट लेकर यात्रा कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक प्रोसेस फॉलो करनी पड़ेगी जिसके बाद ही आप यात्रा करने के लिए जा सकते हैं। रेलवे के मुताबिक इसके लिए यात्री को पहले टिकट पर अपना नाम बदलना होगा। यानी जिस व्यक्ति को रेल यात्रा करनी है उसका नाम दर्ज कराना होगा। यह काम परिवार का ही कोई व्यक्ति कर सकता है।
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आपके जो काउंटर टिकट हो या ई-टिकट दोनों ही परिस्थितियों में आपके नजदीकी रिजर्वेशन काउंटर पर चीफ-रिजर्वेशन ऑफिसर से मिलना होगा। इसके लिए जरूरी दस्तावेज भी ले जाने होंगे। यह अफसर आपके नाम से एक टिकट जारी करेंगे। इस टिकट की मदद से आप ट्रेन में आराम से यात्रा कर पाएंगे। लेकिन आपको स्त्री-पुरुष का ध्यान रखना होगा कि अगर स्त्री के नाम से टिकट है तो कोई परिवार की स्त्री का नाम बदल कर यात्रा कर सकेगी और पुरुष के मामले में भी यही बात लागू होगी इन लोगों को छूट प्रदान है।
परिजनों के अलावा भारतीय रेलवे किसी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के छात्रों को भी टिकट ट्रांसफर करने की सुविधा प्रदान करता है। ऐसी स्थिति में इंस्टिट्यूट के प्रमुख का लेटर हेड अनुमति जरूरी दस्तावेज के साथ लिखित में ट्रेन के प्रस्थान से 48 घंटे पहले आवेदन करना होगा तब आप उस टिकट पर यात्रा कर पाएंगे।
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