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लड़कियों के लिए पुनर्वास या नारी निकेतन के लिए क्या है प्रावधान

यदि आप नशा मुक्ति केंद्र खोलने का विचार कर रहे हैं या नारी निकेतन या ऐसा कोई संस्थान जो मनोविकृति को सुधारने का कार्य करता है तो उस राज्य के मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।
  • कैसे होता है?
  • यह पंजीकरण क्या है?
क्या होता है मानसिक विकार?
जब कोई व्यक्ति ऐसा व्यवहार करने लगे जो सामान्य व्यवहार से अलग हो या मंदबुद्धि जिसे हम लोग आम भाषा में पागल कहते हैं, मानसिक पीड़ित है जिसे मानसिक विकार भी कहा जाता है । ऐसे व्यक्ति सामान्यता अजीब व्यवहार करते हैं या किसी आदत के शिकार होते हैं।

उदाहरण के तौर पर
कोई व्यक्ति किसी आदत का सनकी हो सकता है, कोई हद से ज्यादा गुस्सैल हो सकता है, कोई नशे का आदी हो सकता है, या कोई ऐसा जिसे हम पागल कहते हैं। यह सभी मानसिक रोगी होते हैं।

मानसिक रोगी दो प्रकार के होते हैं।
कोई भी व्यक्ति किन्ही दो प्रकार के कारण से मानसिक रोगी हो सकता है।

  • पहला जन्मजात अर्थात जन्म से ही बुद्धि क्षमता का कम होना मतलब कम बुद्धि क्षमता के साथ जन्म लेने वाले बच्चे।
  • दूसरा किसी घटना से ग्रसित जैसे उनके जीवन में ऐसी कोई घटना घटी हो या एक्सीडेंट हुआ हो जिससे उसके मन पर गहरा आघात लगा हो या किसी प्रिय की मृत्यु हो जाने पर भी यह हो सकता है या किसी लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के कारण भी यह हो सकता है। 
ऐसे मानसिक रोगियों को बेहतर इलाज़ व देखभाल की आवश्यकता होती है।

इस परिस्थिति से उबारने और मुख्यधारा में वापस लाने के लिए सहानुभूति की आवश्यकता होती है। यदि आप ऐसे व्यक्तियों के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं और ऐसा कोई क्लीनिक चला रहे हैं जो नशा मुक्ति केंद्र है या सुधार केंद्र है तो ऐसे संस्थान का पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इसके अलावा कई ऐसे संस्थान हैं जिन्हें रजिस्ट्रेशन की ज़रूरत पड़ती है।
  1. लड़कियों के लिए पुनर्वास (नारी निकेतन)
  2. किशोर सुधार गृह
  3. मानसिक रोगी क्लीनिक
  4. थेरेपी सेंटर
  5. बाल गृह
  6. वृद्ध आश्रम
  7. चाइल्ड केअर (नवजात)
  8. अनाथालय
उपरोक्त में से किसी प्रकार का सेंटर आप चला रहे हैं तो आपको मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम 2017 के तहत संस्थान का पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।

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क्या होगा यदि बिना रजिस्ट्रेशन के संस्थान चला रहें हैं
यदि आप अपने संस्थान का पंजीकरण नहीं कराते हैं तो कानून उलंघन के जुर्म में आपके संस्थान को गैर कानूनी मानकर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम 2017 में निहित धारा 65 में दिए गए प्रावधानों के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के समस्त सरकारी एवं गैर सरकारी मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों एवं प्रतिष्ठानों का पंंजीकरण किया जाना अनिवार्य है। 

निम्नलिखित का पंजीकरण कराना अनिवार्य रूप से सरकार ने आदेश जारी किया है:-
  1. मानसिक स्वास्थ चिकित्सालय (सरकारी एवं गैर सरकारी)
  2. समस्त मेडिकल कॉलेज,
  3. जिला चिकित्सालय,
  4. मंडलीय चिकित्सालय जिसमें मानसिक रोगियों को भर्ती करने की सुविधा उपलब्ध हो
  5. सरकारी एवं गैर सरकारी नर्सिंग होम,
  6. समस्त प्रकार के नशा मुक्ति केंद्र,
  7. समस्त प्रकार के मानसिक रोग संबंधी पुनर्वास केंद्र,
  8. समस्त बालक बालिका (किशोर गृह या निकेतन) जहाँ मानसिक विकार से पीड़ित बच्चे निवास करते हो।

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