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सत्यमेव जयते!

IPC | PCSJ Model Question paper with Answer in Hindi | भारतीय दंड संहिता महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर 2022

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  प्रश्न1- भारतीय दंड संहिता प्रवत हुई- 6 अक्टूबर 1860 से 6 दिसंबर 1860 से 1 जनवरी 1861 से 1 जनवरी 1862 से उत्तर- 1 जनवरी 1862 से प्रश्न2- निम्नलिखित में से सही कथन को इंगित कीजिए- अपराध अनिवार्यता एक अनैतिक कृत्य है अपराध एक अवैधानिक कृत्य है अपराध अनिवार्यता एक समाज विरोधी कृत्य है अपराध अनिवार्यता एक धर्म विरोधी कृत्य है उत्तर- अपराध एक अवैधानिक कृत्य है प्रश्न3-  एक अपकार जिसमें पैरवी शासन या उसके अधीनस्थ व्यक्तियों द्वारा की जाती हो ।   यह कथन है- पैटर्न का ऑस्टिन का कीटन का इस्टीफेन का उत्तर- ऑस्टिन का प्रश्न4- अपराधिक विधि के प्रति कृतयात्मक दृष्टिकोण को उजागर किया है- भारत के विधि आयोग ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने इंग्लैंड की वुल्फडेन समिति ने संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वोच्च ने उत्तर- इंग्लैंड की वुल्फडेन समिति ने प्रश्न5- अपराधिक दायित्व के दो अति महत्वपूर्ण तत्व है- आशय एवं कार्य आशय एवं क्षति क्षति एवं दोष सिद्ध तैयारी एवं दंड उत्तर- आशय एवं कार्य प्रश्न6-निम्नलिखित में से कौन सा अपूर्ण अपराध है- लोक न्यूसेंस आपराधिक प्रयत्न विधि विरुद्ध जमाव बलवा उत्तर- आपराधिक प्रयत्न

IPC | PCS J | APO | AIBE Model Question Paper With Answer in Hindi

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  प्रश्न1-निम्नलिखित में से कौन सा वाद आपराधिक प्रयत्न से संबंधित है? आर बनाम लिपमैन क्वीन बनाम टॉल्सन मुंबई राज्य बनाम के एम नानावती महाराष्ट्र राज्य बनाम मोहम्मद याकूब उत्तर- महाराष्ट्र राज्य बनाम मोहम्मद याकूब प्रश्न2 नीचे दिए गए कथनों में से असत्य कथन इंगित कीजिए-  अपराध करने की प्रयत्न सदैव दंडनीय होता है अपराध करने की तैयारी अपवादित मामलों में दंडनीय है निगमों को अपराधों के लिए दायित्वधीन नहीं ठहराया जा सकता आपराधिक कार्य तथा आपराधिक मन: स्थिति में पारस्परिक संबंध होना आवश्यक है उत्तर- निगमों को अपराधों के लिए दायित्वाधीन नहीं ठहराया जा सकता प्रश्न3- जारकर्म अपराध नहीं होता यदि उसके लिए- महिला की सम्मति है महिला के पति की सम्मति है महिला के परिवार के सदस्य की सहमति है जारकर्मी की पत्नी की सहमति है उत्तर- महिला के पति की सम्मति है प्रश्न4- निम्नलिखित में से कौन सा वाद आपराधिक प्रयत्न से संबंधित है? वरिंद्र कुमार घोष बनाम किंग एंपरर श्रीनिवासमल बनाम किंग एंपरर अभयनंद मिश्रा बनाम बिहार राज्य के. एम. नानावती बनाम मुंबई राज्य उत्तर- अभयनंद मिश्रा बनाम बिहार राज्य प्रश्न5- एक महिला आत्

पति पत्नी की इच्छा के बिना उसके साथ सेक्स करे तो यह बलात्कार है और इस आधार पर तलाक लिया सकता है?

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शादीशुदा जोड़ों के बीच शारीरिक सम्बन्ध अनिवार्य व स्वभाविक प्रक्रिया है। पति और पत्नी का एक दूसरे पर  अधिकार है की शारीरिक सम्बन्ध बना सकें हैं। लेकिन जब सेक्स रिलेशन बलपूर्वक व ज़बरदस्ती होने लगे तो यह अपराध का रूप ले लेता है। किन्तु सभी मामले में ज़रूरी नहीं की ऐसा ही हो। पति अगर पत्नी की इच्छा के बिना उसके साथ सेक्स करे तो क्या यह बलात्कार है? कुछ समय पूर्व एक मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के सामने एक पेचीदा सवाल था कि पति अगर पत्नी की इच्छा के बिना उसके साथ सेक्स करे तो इस बलात्कार को अपराध माना जाना चाहिए या नहीं। हाईकोर्ट की बेंच ने इस बारे में किसी तरह की एकमत राय नहीं जताई। पैनल में मौजूद दो जजों की राय अलग-अलग थी। एक जज का विचार था कि इसे अपराध माना जाना चाहिए, वहीँ दूसरे ने इस राय से जुदा इत्तिफाक जताया। वास्तव में यह सवाल है ही टेढ़ा। भारत ही नहीं, विश्व के कई देशों में वैवाहिक बलात्कार को साबित करने और फिर उसके लिए सजा देने का मामला उलझा हुआ है। जिसका हल खोजने में कई देशों के विधि विशेषज्ञ लगे हैं। कितने देशों ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध माना जाता है? दुनिया के 150

आधार और पैन से जुड़ी सभी समस्या का हल ये रहा, अभी लिंक नहीं किया तो पछताना पड़ेगा!

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पैन से ऐसे जोड़े अपना आधार पैन कार्ड में यही नाम है लेकिन आधार में उनका नाम कुछ और ऐसे में उनको आधार और पैन लिंक करने में परेशानी हो रही है। दोनों को लिंक करने की उनकी रिक्वेस्ट इसी वजह से रिजेक्ट हो रही है। दिक्कत सिर्फ किसी एक के साथ नहीं बड़ी संख्या में लोग इस से दो-चार हो रहे हैं। आधार पैन कार्ड लिंकिंग में व्यक्ति का नाम ही परेशानी पैदा कर रहा है क्योंकि आधार के डेटाबेस में स्पेशल करैक्टर की पहचान नहीं होती, जबकि पैन के डेटाबेस को इसकी पहचान है। कई लोगों को इसकी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त उनका पैन और आधार कार्ड एक दूसरे से मैच नहीं हो पाया। उन्होंने सीए से संपर्क किया तब जाकर उनको परेशानी के कारण का पता चला।सीए के अनुसार आधार स्पेशल करैक्टर को नहीं पहचान पाता, जबकि पैन पहचान लेता है। स्पेशल करैक्टर वाले उपनामों जैसे D'Souza या डॉट्स वाले उपनामों की वजह से लिकिंग में परेशानी आ रही है। आधार में करेक्शन कैसे होगा? आधार में करेक्शन करने के लिए आपको अपने इलाके के आधार सेवा केंद्र जाना होगा। आपको वहां अपना आधार नंबर बताना होगा। आपको आधार की वेरिफिक

दहेज़ से जुड़ी शिकायत निपटारों के लिए दहेज निरोधक ऑफिसर होना चाहिए, जैसे आरटीआई ऑफिसर होता है। : सुप्रीम कोर्ट

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शादी में मिली ज्वेलरी व संपत्ति 7 साल के लिए महिला के नाम पर हो। दहेज लेन-देन से जुड़े मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इसे रोकने वाले कानून को मजबूत करने का सही समय आ चुका है। अभी देश में मौजूदा कानूनों पर फिर से विचार की जरूरत है। अदालत से दहेज निरोधक कानून को सख्त करने के साथ शादी के समय दी जाने वाली ज्वेलरी और दूसरी संपत्ति को 7 साल तक लड़की के नाम पर किए जाने की गुहार लगाई गई है। मामले की सुनवाई करते हुए  इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला बेहद अहम है चूँकि देश में दहेज़ प्रथा पर प्रतिबन्ध है बावजूद इसके ऐसे मामलों में देखा गया है कि लड़के पक्ष द्वारा दबाव बनाया जाता है। इस सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के लिए सही होगा कि वह लॉ कमीशन के सामने यह सुझाव दें। लॉ कमीशन चाहे तो कानून को सख्त करने पर विचार कर सकता है। क्या कहा गया था अर्ज़ी में? अर्जी में कहा गया है कि शादी से पहले एक प्री मैरिज काउंसलिंग की व्यवस्था हो इसके लिए करिकुलम कमीशन बनाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें संदेह नहीं है कि दहेज समाज के लिए हानिकारक है। याचिकाकर्ता ने म

क्या आप जानते हैं कि क़ानून किस अवस्था में गर्भ गिराने की अनुमति दे सकता है?

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गर्भपात का कानून गर्भवती स्त्री कानूनी तौर पर गर्भपात केवल निम्नलिखित स्थितियों में ही करवा सकती है- जब गर्भ की वजह से महिला की जान को खतरा हो। महिला के शारिरिक या मानसिक स्वास्थ्य को खतरा हो। गर्भ बलात्कार के कारण ठहरा हो। बच्चा गंभीर रूप से विकलांग या अपाहिज पैदा हो सकता हो। महिला या पुरुष द्वारा अपनाया गया कोई भी परिवार नियोजन का साधन असफल रहा हो। यदि इनमें से कोई भी स्थिति मौजूद हो तो गर्भवती स्त्री एक डॉक्टर की सलाह से 12 हफ्तों तक गर्भपात करवा सकती है। 12 हफ्ते से ज्यादा तक 20 हफ्ते (5 महीने) से कम गर्भ को गिराने के लिए दो डॉक्टरों की सलाह लेना जरूरी है। लेकिन 20 हफ्तों के बाद गर्भपात नहीं कराया जा सकता है। क्या गर्भवती स्त्री से जबर्दस्ती गर्भपात करवाना अपराध है? गर्भपात केवल सरकारी अस्पताल या निजी चिकित्सा केंद्र जहां पर फार्म B लगा हो, में सिर्फ रजिस्ट्रीकरण डॉक्टर द्वारा ही करवाया जा सकता है। भारतीय दण्ड सहिंता (IPC) की धारा 313 के अनुसार स्त्री की सहमती के बिना गर्भपात करवाना या करना तो दोनों ही प्रकार के व्यक्तियों को इस प्रकार से गर्भपात करवाने पर आजीवन कारावास या जुर

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