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सत्यमेव जयते!

तलाक का मुख्या कारण है? जानिए इससे बचने के उपाए!

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तलाक, एक समाज में एक साथी से दूसरे साथी के साथ जुड़े रिश्ते को खत्म करने का प्रक्रियात्मक नाम है, और भारत में इसका आम होना चिंताजनक है। समाज में तलाक की दर बढ़ रही है और इससे उत्पन्न होने वाली समस्याएं सामाजिक और मानविकी दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। इस लेख में, हम जानेंगे कि भारत में तलाक के कारण और परिणामों को समझने का प्रयास करेंगे और इस समस्या को हल करने के लिए कौन-कौन से कारगर समाधान हो सकते हैं। तलाक का कारण: सामाजिक परिवर्तन: भारतीय समाज में हो रहे विभिन्न सामाजिक परिवर्तनों के कारण तलाक की दर में वृद्धि हो रही है। व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में बदलाव, महिलाओं की शिक्षा, और समाज में महिलाओं के स्थान के परिवर्तन इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वित्तीय और परिवारिक तनाव: वित्तीय और परिवारिक तनाव भी तलाक का कारण बन सकते हैं। आर्थिक मुद्दे, अच्छे संबंधों की कमी, या परिवार के संचार में कोई तनाव तलाक का कारण बन सकते हैं। अन्य समस्याएं: विभिन्न समस्याएं जैसे कि मानसिक समस्याएं, असमान सामाजिक स्थिति, बदलते समय के साथ बदलती रोजगार स्थिति, और सामाजिक प्रतिबद्धता के बीच अधिक समस्याएं तला

क्यों काली लड़कियों को शादी करने में दिक्कत होती है? क्यों सांवली लड़कियां शादी के लिए होतीं रिजेक्ट, 10 रूढ़िवादी कारण

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भारत, एक विविधता से भरी भूमि है, जहां अनेक धर्म, भाषाएँ, और सांस्कृतिक विचारधाराएँ साथ में अपनाई जाती हैं। हमारा समाज रंग, जाति, और लैंगिकता के कारण विभाजित हो जाता है, और यह विभेद अक्सर लड़कियों पर अधिक प्रभाव डालता है। रंगभेद, जिसे चेहरे के रंग, जाति, और क्षेत्र के आधार पर किया जाता है, भारतीय लड़कियों के लिए एक अभिशाप बन गया है। रंगभेद का परिचय: भारत में रंगभेद एक घातक समस्या है जो समाज के विभिन्न वर्गों को अलग-अलग रूपों में बाँट देती है। चेहरे के रंग, जाति, और सामाजिक पृष्ठभूमि के आधार पर लोगों को अलग करने का कारण बनता है। यह विभाजन लड़कियों को विशेष रूप से प्रभावित करता है और उन्हें समाज में एक भूमिका में बंधने में मुश्किलें पैदा करता है। रंगभेद और लड़कियां: रंगभेद की सबसे बड़ी पीड़ा लड़कियों को होती है, जो इसे सामाजिक संरचना में स्थान बनाए रखता है। सफेद और काले रंग के बीच का विभेद लड़कियों को विद्या, रोजगार, और समाज में समानता की दिशा में बाधित करता है। इसके परिणामस्वरूप, अनेक लड़कियां अच्छी शिक्षा और सर्जनात्मक क्षमताओं का सही समावेश नहीं कर पाती हैं। रंगभेद के कारण लड़की की शाद

प्रेमिका से बेवफाई, अपराध कैसे हुआ भाई? : दिल्ली हाई कोर्ट

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आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र 18 साल ही रहे:  कमीशन कमीशन ने माना- पॉक्सो कानून लड़की को मर्जी से शादी न करने देने में अभिभावकों का हथियार बच्चों को यौन हिंसा से संरक्षित करने वाले केंद्रीय कानून पॉक्सो एक्ट 2012 के विभिन्न पहलुओं की गहन पड़ताल के बाद लॉ कमीशन ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कानून मंत्रालय को सौंप दी है। इसमें आयोग ने कानून की बुनियादी सख्ती बरकरार रखने की हिमायत की है। और आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की न्यूनतम उम्र 18 साल बनाए रखने की बात कही गई है। हालांकि इसके दुरुपयोग से जुड़े मामलों को देखते हुए कुछ सेफगार्ड लगाए गए हैं। इस कानून के इस्तेमाल को लेकर कराए गए अध्ययनों से पता चला कि लड़कियों को मर्जी से विवाह करने के फैसले लेने के खिलाफ अभिभावक इसका इस्तेमाल हथियार की तरह कर रहे हैं। सहमति से संबंध रखने वाले कई युवकों को इस कानून का शिकार होना पड़ा है। ऐसे में मांग उठी थी कि सहमति से सेक्स संबंध रखने की उम्र घटाई जानी चाहिए। सहमति को 3 पैमानों पर परखने की सिफारिश, तभी अपवाद मानें यौन संबंधों को अपराध नहीं मानने के अपवादों के बारे में इन बातों पर गौर करने की

शादी करने की सोंच रहे हैं तो जान लीजिये कि लव मैरिज (Love Marriage) अच्छा है या अरैंज मैरिज (Arrange Marriage)?

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2023 में लव मैरिज (Love Marriage) अच्छा है या अरैंज मैरिज (Arrange Marriage)? ऐसा अक्सर कहा जाता है कि लव मैरिज के सफल होने चांसेस कम होते हैं पर क्या वाकई ऐसा है? वास्तव में यह सवाल अविवाहितों यानि कुवांरे लड़के-लड़कियों द्वारा पूछा जाने वाला सबसे ज्यादा प्रश्न है और उनके मन में उमड़ने वाला बड़ा दिलचस्प सवाल भी है। लेकिन उससे भी बड़ी दिलचस्प बात यह है कि इस सुलगते सवाल का जवाब आज तक किसी ने पूरी दिलचस्पी के साथ नहीं खोजा। आज इस आर्टिकल का सब्जेक्ट ख़ास है क्योंकि आप बचपन से ही लव मैरिज (Love Marriage) और अरेंज मैरिज (Arrange Marriage) के फ़ायदे और नुकसान सुनते आ रहे होंगें। ये बात अलग है कि इन दोनों ही शादियों पर हमेशा ही प्रश्नचिन्ह लगता रहा है। बड़े-बुज़ुर्ग अरैंज मैरिज (Arrange Marriage) को बेहतर मानते हैं तो वहीँ अधिकतर लड़के और लड़कियां लव मैरिज (Love Marriage) के सपने बुनते नज़र आते हैं। शादी हम सब की ज़िन्दगी का एक अहम फ़ैसला होता है जिसे दो लोग साथ मिलकर तय करते हैं। भारत में माना जाता है कि यह मेल महज़ दो लोगों का नहीं बल्कि दो परिवारों और संस्कारों का भी होता है। ऐसे में हमारे लिए यह बेह

जानिए, कोर्ट मैरिज की फीस कितनी है? कोर्ट मैरिज में के लिए आवेदन कहाँ करना होता है? कोर्ट मैरिज में कितने दिन लगते हैं?

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विशेष विवाह अधिनियम के तहत कोर्ट मैरिज करने के इच्छुक लड़के लड़कियों के लिए आज की यह क़ानूनी जानकारी काम आ सकती है।  कोर्ट मैरिज करने के लिए क्या-क्या ज़रुरी कागज़ात लगते हैं और कितने दिन में कोर्ट मैरिज की जा सकती है?   कोर्ट मैरिज करने जा रहे कपल के मन में ढेरों ऐसे सवाल होते है कि- कोर्ट मैरिज के लिए क्या प्रक्रिया होती है? वर्ष 2023 में कोर्ट मैरिज कैसे होगी? कोर्ट मैरिज में कितने दिन लगते हैं? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह होने चाहिए? कोर्ट मैरिज में के लिए आवेदन कहाँ करना होता है? कोर्ट मैरिज के लिए किस वकील से बात करें? कपल के मन में उठ रहे ऐसे ढेरों सवालों के जवाब जानने के लिए आज अधिवक्ता आशुतोष कुमार के इस लेख को विस्तार से पढ़िए और जानिए अपने सभी सवालों के जवाब- कोर्ट मैरिज करने जा रहे कपल को कोर्ट मैरिज करने से पहले कुछ ज़रूरी जानकारी इक्कठा कर लेनी चाहिए। कोर्ट मैरिज आवेदन कैसे करना है? किसके दफ्तर में करना है? कौन मदद करेगा आदि? कोर्ट मैरिज करने जा रहे कपल को कोर्ट के समक्ष जाने से पहले कुछ दस्तावेज़ तैयार रखने चाहिए। यदि कोई लड़का और लड़की आपस में रजामंदी के साथ कोर्ट में जाकर व

जानिए आईपीसी की धारा 496, 493, 495 क्या है? बगैर तलाक के किसी स्त्री की शादी करने पर क्या कहता है क़ानून? दो शादी करने पर कौन सी धारा लगती है?

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दम्पति के मध्य विवाद सम्बन्ध के लिए मुसीबत का कारण बन सकता है तो वहीँ विवाहित महिला के साथ ऐसे अपराध तलाक का कारण हो सकते हैं? इसके अतिरिक्त अक्सर ऐसे प्रश्न लोगों के मन में आते हैं कि-  विवाहित दम्पति के बीच कौन-कौन से ऐसे अपराध हैं जो तलाक़ का कारण बन सकता है?  विवाह संबंधी अपराध क्या है? बगैर तलाक के किसी स्त्री की शादी का अधिकार क्या कहता है? आईपीसी की धारा 496 क्या है? धारा 493 में क्या होता है? धारा 495 क्या है? शादी ना करने पर कौन सी धारा लगती है? दो शादी करने पर कौन सी धारा लगती है? बिना तलाक दूसरी शादी करने पर क्या होगा? हिन्दू कितनी शादी कर सकते है? विवाह संबंधी अपराध क्या है? विवाह के विरुद्ध (Offences against Marriage) अपराध क्या होता है? विवाह से सम्बन्धित दो मुख्य अपराध है - द्विविवाह (बिना तलाक़ लिए दूसरी शादी करना या एक साथ दो लोगों के साथ विवाह करना) जारकर्म (अवैध संबध) 1. द्विविवाह (Bigamy) -भारतीय दंड सहिंता की धारा 494 के अनुसार- जो व्यक्ति, पति या पत्नी के जीवित रहते हुये किसी अन्य से विवाह करेगा। किसी ऐसी दशा में विवाह करना जिसमें ऐसा विवाह शून्य हो तो वह ऐसे पति या

जानिये 2022 में कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज कितने दिन में हो जाती है? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह चाहिए?

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कोर्ट मैरिज करने के लिए तैयार लड़का लड़की को किस प्रकार के नियम का पालन करनी चाहिए कोर्ट मैरिज के लिए क्या प्रक्रिया होती है और इससे जुड़े प्रश्न के उत्तर आपका काम आसान कर सकते हैं  आज इस लेख में जानते हैं निम्न सवालों के जवाब- 2022 में कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज कितने दिन में हो जाती है? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह चाहिए? कोर्ट मैरिज में क्या क्या मिलता है? कोर्ट मैरिज करने के लिए संपूर्ण क्या प्रक्रिया होती है? 2022 में कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज करने से पहले कुछ ज़रूरी जानकारी होनी चाहिए। कोर्ट के समक्ष जाने से पूर्व आपको कुछ दस्तावेज़ तैयार रखने चाहिए। यदि कोई लड़का और लड़की आपस में रजामंदी के साथ कोर्ट में जाकर विवाह करना चाहते हैं तो क़ानून ने इसके आधार कुछ तय किए हैं। पहला आधार यह है कि आपके माता-पिता का की सहमति है अथवा नहीं इसका प्रमाण! दूसरा आधार लड़का और लड़की की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। प्रत्येक प्रदेश में इसका अलग विकल्प हो सकता है एक एप्लीकेशन फॉर्म जिसे लड़का और लड़की दोनों ने साइन किया हो दोनों के बर्थ सर्टिफिकेट्स दोनों के रेजिडेंशियल प्रूफ दोनों की दो पासप

प्रेम विवाह करने वाले बालिग जोड़ों की शादीशुदा जिंदगी की स्वतंत्रता व निजता में किसी व्यक्ति को दखल देने का कोई अधिकार नहीं: हाई कोर्ट

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विवाह और धर्म परिवर्तन दो ऐसे मुद्दे हैं जो व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला हो सकता है इसलिए इन दोनों मुद्दों पर अर्थात धर्म परिवर्तन और विवाह के लिए सरकारी अनुमति लेने को मजबूर नहीं कर सकते: हाई कोर्ट  कोर्ट मैरिज के लिए किससे अनुमति लें? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आज देश आर्थिक व सामाजिक बदलाव के दौर से गुजर रहा। ऐसे में सभी को स्वतंत्रता पूर्वक जीने का अधिकार भी है इसलिए किसी को धर्म परिवर्तन के लिए सरकारी अनुमति लेने को बाध्य नहीं किया जा सकता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले 17 जोड़ों मायरा और वैष्णवी, विलास-सिरसीकर, जीनत अमान और स्नेहा आदि की याचिकाओं दी। कोर्ट ने कहा कि हमारा समाज आर्थिक और सामाजिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है। कानून की सख्त व्याख्या संविधान की भावना को निरर्थक बना सकती है। भारतीय सविंधान के अनुच्छेद 21 में जीवन व निजता की स्वतंत्रता की गारंटी दी गई है। अनुच्छेद 21 नागरिकों को यह अधिकार देता है कि वह अपनी और परिवार की निजता की सुरक्षा करें। ऐसे में दो बालिग व्यक्तियों को अंतर धार्मिक विवाह करने के लिए परिवार समाज या सरकार किसी की

Indian Evidence Act | APO | AIBE | PCSJ | Model Question Paper with Answer in Hindi | भारतीय साक्ष्य अधिनियम हल प्रश्न पत्र

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प्रश्न1- प्रलोभन, धमकी या वचन से पैदा हुए मन पर प्रभाव के दूर हो जाने के पश्चात की गई संस्वीकृति – धारा 28 में सुसंगत है धारा 24 में सुसंगत है धारा 29 में सुसंगत है धारा 30 में सुसंगत है उत्तर- धारा 28 में सुसंगत है प्रश्न2- गुप्त रखने के वचन के अधीन या उसे प्राप्त करने के लिए की गई प्रवचना के परिणाम स्वरूप इस बात की जानकारी दिए बिना की संस्कृति का साक्ष्य के रूप में उपयोग किया जाएगा सुसंगत है- धारा 24 में धारा 25 में धारा 27, 28 में धारा 29 में उत्तर- धारा 29 में प्रश्न3- जब किसी अभियुक्त की संस्वीकृति IPC की धारा 164 में मौजूद रीति से रिकॉर्ड नहीं की गई है तथा वहाँ मजिस्ट्रेट का मौखिक साक्ष्य यह सिद्ध करने के लिए कि इस प्रकार से स्वीकृति की गई है की ग्राह्य नहीं है यह किस वाद में अभिनिर्धारित किया गया है- उत्तर प्रदेश राज्य बनाम सिंघाड़ा सिंह में राजस्थान राज्य बनाम रहमान में अमिनी बनाम केरल राज्य में धनंजय रेड्डी बनाम कर्नाटक राज्य में उत्तर- उत्तर प्रदेश राज्य बनाम सिंघाड़ा सिंह में प्रश्न4- सह-अभियुक्ति की संस्कृति सुसंगत है- धारा 30 में धारा 24 में धारा 133 में उपयुक्त में से कोई

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