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सत्यमेव जयते! Join Us on YouTube

अब दिक्कत होने पर छ: महीने के गर्भ का भी हो सकेगा गर्भपात, सरकार ने गाइडलाइन जारी की!

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केंद्र सरकार ने बढ़ाई Abortion की समय-सीमा, अब प्रेग्नेंसी के इतने हफ्ते तक हो सकेगा गर्भपात। क्या है नियम- अगर कोई महिला गर्भ गिराने का फैसला करती है तो मेडिकल बोर्ड को महिला और उसकी रिपोर्ट की जांच कर तीन दिन के भीतर गर्भावस्था की समाप्ति के निवेदन को स्वीकार या अस्वीकार करने के संबंध में राय देनी होती है। सरकार ने क्या बदलाव किया है? केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2021 को गर्भपात (Abortion) संबंधी नये नियम जारी किये हैं. सरकार ने गर्भपात संबंधी नये नियम जारी (अधिसूचित) किये हैं। अब से कुछ विशेष वर्ग की महिलाओं के मेडिकल गर्भपात के लिए गर्भ की समय सीमा को 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह (पांच महीने से बढ़ाकर छह महीने) कर दिया गया है। नए नियम मार्च में संसद में पारित गर्भ का चिकित्सकीय समापन (संशोधन) विधेयक, 2021 के नाम से अधिसूचित किए गए हैं। पहले से क्या प्रावधान मौजूद था? अब तक पुराने नियमों के अंतर्गत, 12 सप्ताह (तीन महीने) तक के भ्रूण का गर्भपात कराने के लिए एक डॉक्टर की सलाह लेनी होती थी और 12 से 20 सप्ताह (तीन से पांच महीने) के गर्भ के मेडिकल समापन के लिए दो डॉक्टरों की सलाह जरूरी होती थ...

क्या आप जानते हैं कि क़ानून किस अवस्था में गर्भ गिराने की अनुमति दे सकता है?

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गर्भपात का कानून गर्भवती स्त्री कानूनी तौर पर गर्भपात केवल निम्नलिखित स्थितियों में ही करवा सकती है- जब गर्भ की वजह से महिला की जान को खतरा हो। महिला के शारिरिक या मानसिक स्वास्थ्य को खतरा हो। गर्भ बलात्कार के कारण ठहरा हो। बच्चा गंभीर रूप से विकलांग या अपाहिज पैदा हो सकता हो। महिला या पुरुष द्वारा अपनाया गया कोई भी परिवार नियोजन का साधन असफल रहा हो। यदि इनमें से कोई भी स्थिति मौजूद हो तो गर्भवती स्त्री एक डॉक्टर की सलाह से 12 हफ्तों तक गर्भपात करवा सकती है। 12 हफ्ते से ज्यादा तक 20 हफ्ते (5 महीने) से कम गर्भ को गिराने के लिए दो डॉक्टरों की सलाह लेना जरूरी है। लेकिन 20 हफ्तों के बाद गर्भपात नहीं कराया जा सकता है। क्या गर्भवती स्त्री से जबर्दस्ती गर्भपात करवाना अपराध है? गर्भपात केवल सरकारी अस्पताल या निजी चिकित्सा केंद्र जहां पर फार्म B लगा हो, में सिर्फ रजिस्ट्रीकरण डॉक्टर द्वारा ही करवाया जा सकता है। भारतीय दण्ड सहिंता (IPC) की धारा 313 के अनुसार स्त्री की सहमती के बिना गर्भपात करवाना या करना तो दोनों ही प्रकार के व्यक्तियों को इस प्रकार से गर्भपात करवाने पर आजीवन कारावास या...

प्राइवेट नौकरी करने वाली गर्भवती महिला Maternity Benefit ऐसे पा सकती हैं!

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मातृत्व लाभ का दावा तथा अदायगी की अधिसूचना (Claim of maternity benefit and notification of payment) मातृत्व हित लाभ अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत मातृत्व हित (Maternity Benefit) लाभ के दावे (claim) तथा उसकी अदायगी (payment) की अधिसूचना के संबंध में उपबंध है। कोई स्त्री जो एक संस्थापन में नियोजित (काम करती हो) है तथा इस अधिनियम के अंतर्गत मातृत्व हित लाभ प्राप्त करने का अधिकार रखती है, और इसके लिए वह अपने नियोजक को निर्धारित प्रारूप में सूचना लिखित रूप से दे सकती है। इस सूचना द्वारा वह यह विहित कर सकती है कि नियोजक मातृत्व लाभ की या अन्य कोई धनराशि उसे या उस नोटिस में नामांकित किसी व्यक्ति को करें तथा नोटिस में यह उपबंधित भी कर सकती है कि मातृत्व हित लाभ प्राप्त करने की अवधि के दौरान वह किसी अन्य संस्थापन में कार्य नहीं करेगी। किसी गर्भवती स्त्री के मामले में नोटिस में उस अतिथि का उल्लेख किया जाएगा जिस तिथि से मातृत्व लाभ के लिए वह स्त्री कर्मकार अपने कार्य से अनुपस्थित रहेगी, किंतु यह तिथि उसके प्रसव के प्रत्याशित दिन के 6 सप्ताह से पूर्व तिथि नहीं होगी। कोई ऐसी स्त्री, जिसने कि उस स...

कब कोई महिला अपनी कोख किराये पर दे सकती है? | Surrogacy Regulation Bill

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कब कोई महिला अपनी कोख किराये पर दे सकती है ?  सेरोगेसी से जुड़े क्या होते है एक महिला के अधिकार।  किराये की कोख से जन्मे बच्चे पर किसका अधिकार होगा ? आम तौर पर हमें इन कानून के बारे में नहीं पता होता है। तो जानते है इसके सम्बन्ध में कानून से जुड़े प्रश्नों का हल।  यह आम धारणा है की  आम तौर पर किराये की कोख का इस्तेमाल भारतीय ही कर सकते है। क्या होती है "सरोगेसी" ? जब कोई महिला खुद माँ ना बनकर अपने एक्स को किसी और महिला के गर्भ में प्रत्यारोपित करवा कर अपने बच्चे को उस महिला के गर्भ से जन्म देती है या यूं कह लीजिए कि उस महिला के लिए कोई दूसरी महिला गर्भवती होती है और बच्चे को जन्म देती है तो उसे सरोगेसी (Surrogacy) कहा जाता है। इसे आम भाषा  किराए की कोख के नाम से भी जानते हैं। क्यों पड़ती है इसको ? सरोगेसी (Surrogacy) या किराये की कोख़ की जरूरत उन कपल को पड़ती है जो लोग किसी शारीरिक कमी के चलते बच्चा पैदा नहीं कर सकते हैं। जब किसी शादीशुदा जोड़े को मेडिकल इसकी जरूरत होती है तो केवल वही लोग इसका फायदा उठा सकते हैं। कै...

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