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सत्यमेव जयते!

AIBE XVII (17) Sample Papers Download Previous Year 2022 in Hindi

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प्रश्न1- सुरक्षा परिषद के संगठन संबंधी उपबंध संयुक्त राष्ट्र चार्टर के किस अनुच्छेद में किए गए हैं? अनुच्छेद 24 अनुच्छेद 23 अनुच्छेद 33 अनुच्छेद 27 उत्तर- अनुच्छेद 23 प्रश्न2- सही उत्तर बताइए- सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्यों का निर्वाचन होता है- महासभा द्वारा सुरक्षा परिषद द्वारा सुरक्षा परिषद की संस्तुति पर महासभा द्वारा महासचिव द्वारा उत्तर- महासभा द्वारा प्रश्न3- शांति को कोई खतरा, शांति भंग अथवा आक्रमण के कृत्य के अस्तित्व का निर्धारण किया जाएगा- सामान्य सभा द्वारा सुरक्षा परिषद द्वारा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा महासचिव द्वारा उत्तर- सुरक्षा परिषद द्वारा प्रश्न4- सुरक्षा परिषद में कितने सदस्य हैं? 5 9 10 15 उत्तर- 15 प्रश्न5- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्य कितने राज्य हैं? 10 5 7 12 उत्तर- 5 प्रश्न6- सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्यों की संख्या है- 5 8 10 15 उत्तर- 10 प्रश्न6- अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ का कौन सा अंग सर्वप्रथम उत्तरदाई है? महासभा सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय न्यायालय सचिवालय उत्तर- सुरक्षा परिषद प्रश्न7- सुरक्षा परिषद के

Civil Judge Previous Year Question Papers in Hindi | Solved Paper 2022

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प्रश्न1- निम्नलिखित में से किसने कहा कि “विकासशील समाज का संचालन  अब तक  प्रस्थिति से संविदा की ओर रहा है? ” ह्यूगो मेन बर्क हरबर्ट स्पेंसर उत्तर- मेन प्रश्न2- विधि के तुलनात्मक अध्ययन को किस विधि विशेषज्ञ द्वारा प्रतिपादित किया गया था? सैविनी द्वारा मेन द्वारा हार्ट द्वारा कैल्सन द्वारा उत्तर- मेन द्वारा प्रश्न3- किसके अनुसार “प्रगतिशील समाज अब तक हैसियत से संविदा की ओर गतिमान है”? मेन हार्ट इहर्लिच इहरिग उत्तर- मेन प्रश्न4- समाजशास्त्रीय स्कूल कार्य की प्रतिक्रिया क्या थी? तथ्य के विरुद्ध कल्पना के विरूद्ध प्रमाण वाद के विरुद्ध यथार्थवाद के विरूद्ध उत्तर- प्रमाण वाद के विरुद्ध प्रश्न5- निम्नलिखित में से किसने ‘सामाजिक समेकता” के सिद्धांत का प्रतिपादन किया? इहर्लिच इहरिग पाउण्ड ड्यूगिट उत्तर- ड्यूगिट प्रश्न6- “विधि अन्ततः शांति पूर्वक कार्यरत आंतरिक ताकतों की उपज है” यह कथन विधिशास्त्र की किस विचार शाखा से संबंधित है? विश्लेषणात्मक विचार शाखा यथार्थवादी विचार शाखा समाजशास्त्रीय विचार शाखा ऐतिहासिक विचार शाखा उत्तर- ऐतिहासिक विचार शाखा प्रश्न7- सर्वप्रथम विधि का तुलनात्मक अध्ययन किस वि

Indian Evidence act 1872 questions and answers in Hindi 2022 | Solved Question Paper for PCS J

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भारतीय साक्ष्य अधिनियम पूछे जाने वाले वो महत्वपूर्ण प्रश्न जो PCSJ परीक्षा 2022 के लिए उपयोगी है! भारतीय  साक्ष्य अधिनियम    प्रश्न1- प्रलोभन, धमकी या वचन से पैदा हुए मन पर प्रभाव के दूर हो जाने के पश्चात की गई संस्वीकृति किस धारा के अंतर्गत सुसंगत है? धारा 28 में सुसंगत है धारा 24 में सुसंगत है धारा 29 में सुसंगत है धारा 30 में सुसंगत है उत्तर- धारा 28 में सुसंगत है प्रश्न2- गुप्त रखने के वचन के अधीन या उसे प्राप्त करने के लिए की गई प्रवचना के परिणाम स्वरूप इस बात की जानकारी दिए बिना की  संस्वीकृति   का साक्ष्य के रूप में उपयोग किया जाएगा यह किस धारा में सुसंगत है? धारा 24 में धारा 25 में धारा 27 व 28 में धारा 29 में उत्तर- धारा 29 में प्रश्न3- जब किसी अभियुक्त की संस्वीकृति IPC की धारा 164 में मौजूद रीति से रिकॉर्ड नहीं की गई है तथा वहाँ मजिस्ट्रेट का मौखिक साक्ष्य यह सिद्ध करने के लिए कि इस प्रकार से स्वीकृति की गई है की ग्राह्य नहीं है,  यह किस वाद में अभिनिर्धारित किया गया है? उत्तर प्रदेश राज्य बनाम सिंघाड़ा सिंह में राजस्थान राज्य बनाम रहमान में अमिनी बनाम केरल राज्य में धनंजय र

जानिए- भारतीय दंड सहिंता की धारा 5 से 18 तक में किन अपराधों का वर्णन है?

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भारतीय दंड सहिंता की धारा 5 से 18 तक में किन अपराधों का वर्णन है? जानिए अधिवक्ता आशुतोष कुमार के इस लेख में- भारतीय दंड सहिंता की धारा 5 धारा 5-  कुछ विधियों पर इस अधिनियम द्वारा प्रभाव न डाला जाना- इस अधिनियम में की कोई बात भारत सरकार की सेवा के अफसरों, सैनिकों, नौसैनिकों या वायु सैनिकों द्वारा विद्रोह और अभित्योजन को दंडित करने वाले किसी अधिनियम के उपबंधों या किसी विशेष या स्थानीय विधि के उपबंधुों, पर प्रभाव नहीं डालेगी। भारतीय दंड सहिंता की धारा 6 धारा 6-  स्पष्टीकरण संहिता में की परिभाषाओं का अपरवादों के अध्यधीन समझा जाना- इस संहिता में सर्वत्र अपराध की हर परिभाषा, हर दंड उपबंध और, हर ऐसी परिभाषा या दंड उपबंध का हर दृष्टांत, “साधारण अपवाद” शीर्षक वाले अध्याय में अंतरविष्ट अपवादों के अध्यधीन समझा जाएगा, चाहे उन अपवादों को ऐसी परिभाषा, उपबंध या दृष्टांत में दोहराया न गया हो। दृष्टांत (क)  इस संहिता की वे धाराएं, जिनमें अपराधों की परिभाषाएं अंतरबिष्ट है, यह अभिव्यक्त नहीं करती कि 7 वर्ष से कम आयु का शिशु ऐसे अपराध नहीं कर सकता, किंतु परिभाषाएं उस साधारण अपवाद के अध्यधीन समझी जानी है ज

Indian Contract Question Papers in Hindi | Indian Contract Paper Set | PCSJ for APO | Solved Questions

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प्रश्न1- निम्नलिखित में से कौन सा वाद कपट से संबंधित नहीं है? व्याख्या – दियाला राम बनाम सरगा ए.आई. आर.  1927  लाहौर  536  का वाद असम्यक असर  धारा 16  से संबंधित है। प्रश्न2- यदि कोई अवयस्क अपनी आयु का दुर्व्यपदेशन करते हुए कोई संपत्ति या वस्तु प्राप्त कर लेता है तो उसको वापस करने के लिए बाध्य किया जा सकता है- व्याख्या-  भारतीय संविदा अधिनियम  1872 की धारा 18  में दुर्व्यपदेशन को परिभाषित किया गया है।  धारा 19  में दुर्व्यपदेशन के प्रभाव के बारे में प्रावधान है। जब कोई अवयस्क जानबूझकर अपनी आयु का छिपाव या दुर्व्यपदेशन करके, कोई माल या संपत्ति खरीदना है, तो जब तक ऐसी वस्तुएं उसके कब्जे में है, उससे वापस ली जा सकती है इसे ही प्रतिस्थापन का सिद्धांत कहते हैं। संविदा शून्य होने के कारण स्वामित्व अंतरण नहीं होता इसलिए माल उससे वापस लिया जा सकता है। प्रश्न3- एक गुरु अध्यात्मिक सलाहकार ने अपने चेले भक्त से कहा कि वह अपनी सारी संपत्ति उसे दान कर दें ताकि दूसरे लोक में उसकी आत्मा को लाभ मिले यह दान क्या होगा- व्याख्या-  दान शून्य करणीय है।  धारा 19  के अनुसार जबकि किसी करार के लिए सम्मति, प्रपी

Google 2022 प्रतियोगिता में भारत के श्लोक मुखर्जी ने भारत का नाम रोशन किया। श्लोक मुखर्जी को डूडल-'इंडिया ऑन द सेंटर स्टेज' का विजेता घोषित किया गया।

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गूगल के द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में कोलकाता का एक लड़का Google 2022 प्रतियोगिता का विजेता बना है और भारत का नाम रोशन किया। श्लोक मुखर्जी का डूडल-'इंडिया ऑन द सेंटर स्टेज'-आने वाले वर्षों में भारत की वैज्ञानिक प्रगति को और गति देने के लिए उनकी आशा व्यक्त करता है। डूडल-'इंडिया विषयक पर आधारित प्रतियोगिता में श्लोक मुखर्जी का डूडल-"अगले 25 वर्षों में, मेरा भारत होगा.." पूरे दिन चर्चा का विषय बना रहा।  गूगल के आधिकारिक पैनल की ओर से डूडल फॉर गूगल प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की गई। डूडल फॉर गूगल प्रतियोगिता में पश्चिम बंगाल के श्लोक मुखर्जी ने प्रथम स्थान हासिल किया। जानकारी के मुताबिक इस प्रतियोगिता में कक्षा 1-10 के बच्चों के लिए 100 से अधिक भारतीय शहरों से 115,000 से अधिक प्रविष्टियां थीं। Google ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा,"हमें विशेष रूप से खुशी हुई कि प्रौद्योगिकी की प्रगति और स्थिरता में कई डूडल आम विषयों के रूप में उभरी है।" प्रतियोगिता की थीम पर आधारित श्लोक का डूडल-"अगले 25 वर्षों में, मेरा भारत होगा..." आज पूरे दिन Google प

जानिए कंज्यूमर फोरम में शिकायत कैसे करें? उपभोक्ता की शिकायत कितने दिन में दर्ज करनी है।

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जब किसी व्यक्ति द्वारा किसी उत्पाद या सेवा का इस्तेमाल किया जाता है और वह व्यक्ति किसी स्तर पर जब सेवा अथवा उत्पाद से असंतुष्ट होता है तो उसके मन में अपने अधिकार के लिए आवाज उठाने की बात आती है। तब ऐसे में किसी व्यक्ति को इस सभी प्रश्नों का अर्थ मालूम होना अनिवार्य हो जाता है- कंज्यूमर का क्या अर्थ है? कस्टमर और कंज्यूमर में क्या अंतर होता है? कंज्यूमर फोरम में शिकायत कैसे करें? कंज्यूमर कोर्ट केस क्या है? उपभोक्ता की शिकायत कितने दिन में दर्ज करनी है जिला उपभोक्ता फोरम की सीमा क्या है? जिला फोरम क्या करता है? Consumer forum या कंज्यूमर कोर्ट का क्या अर्थ है? Consumer forum एक सरकारी न्यायालय जैसा है जो consumers के विवादों और शिकायतों के मामले को देखता है परखता है और फिर consumers को न्याय दिलाता है। Consumer forum सरकार द्वारा ही बनाया गया है, जिसका मुख्य उदेश्य है consumer के अधीकार यानि की Consumer Rights की रक्षा करना। कंज्यूमर का क्या अर्थ है? कंज्यूमर या उपभोक्ता उस व्यक्ति को कहते हैं, जो अलग-अलग वस्तुओं एवं सेवाओं का या तो उपभोग करता है अथवा उनको उपयोग में लाता है। वस्तुओं में

आदिपुरुष से पहले की वो फ़िल्में जिन्हें भारत में बैन किया गया! जानिए कौन-कौन फ़िल्मों को भारत में बैन किया गया?

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बॉलीवुड दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म उद्योग है। बॉलीवुड में हर साल सैकड़ो फ़िल्में बनती है हालांकि सभी हिट, फ्लॉप और औसत के अलावा, भारतीय सिनेमा का एक और ब्रांड मौजूद है जिसे "बैन फ़िल्म" कहा जाता है, जिसे जानबूझकर दर्शकों की पहुंच से बाहर रखा जाता है। ऐसी फिल्में जो बोल्ड, अश्लील भाषा, फूहड़ता, लिंग भेद, वर्जनाएं, कश्मीर मुद्दे, धर्म आदि के विकृत रूप से भरी होती हैं और मूल रूप से वो फिल्में जो आज के समय से बहुत आगे हैं अक्सर सेंसर बोर्ड द्वारा बैन कर दी जाती है। फिल्मों ने जब-जब सामाजिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाई तब-तब ऐसी फिल्मों का बहिष्कार हुआ। वर्तमान में पौराणिक मान्यताओं पर बनी एक फिल्म "आदिपुरुष" का बहिष्कार हो रहा है। आलोचकों की माने तो यह फ़िल्म प्रभु श्रीराम के हास्यपद रूप को प्रदर्शित करती हुई नज़र आती है। फिल्म में दिखाए गये चरित्र वास्तविकता के कोसों दूर है यही कारण है की फिल्म का बहिष्कार हो रहा है।  लेकिन क्या आप जानतें हैं इससे पहले भारत में कई फिल्मों पर बैन लग चुका है। बॉलीवुड की ऐसी दस फ़िल्में जिन पर सेंसर बोर्ड ने प्रतिबंध लगाया। 1. बैंडिट क्वीन (1994) बैं

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