सत्यमेव जयते!
Today's News
कानून से जुड़ी ख़बर!
- क्या संपत्ति का पावर ऑफ अटॉर्नी सम्पति को मालिक की बिना जानकारी के बेच सकता है?
- बिना विवाह किये भी साथ रह सकते हैं। जानिए क्या है इस संबंध में कानून। क्या होते हैं एक कपल के अधिकार।
- महिला सम्मान की पैरवी करने वाले देश में मैरिटल रेप अपराध नहीं!
- तो अब किससे पास कितनी ज़मीन है पता चल सकेगा यूनीक लैंड कोड से, जानिए कैसे?
- जमानत क्या है और किसी व्यक्ति की जमानत कैसे ले सकते हैं?
- पोर्न देखकर किशोर ने किया 3 साल की बच्ची से रेप!
- शादी के बाद शादी का प्रमाण पत्र कैसे बनेगा? यहाँ पूरी जानकारी दी गई है!
- वसीयत करने से पहले संपत्ति धारक की मृत्यु हो जाने पर संपत्ति पर किसका अधिकार होगा है?
- हिन्दू धर्म में न दूसरी शादी की जा सकती है ना पहली से तलाक़ होगा
- क्या एक विवाहित बेटी अपने पिता की संपत्ति में हिस्से का दावा कर सकती है? सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पैतृक संपत्ति में बेटियों का होगा इतना अधिकार?
- Cyber Crime की शिकायत दर्ज कराने के लिए क्या जानकारी देनी होगी? साइबर अपराध (Cyber Crime) पोर्टल पर शिकायत कैसे करें?
- जानिए, अगर पति तलाक चाहता है और पत्नी नहीं चाहती तो क्या करें? क्या तलाक के बाद पति पत्नी साथ रह सकते हैं? पत्नी मायके से नहीं आए तो क्या करें?
- जानिए, कोर्ट मैरिज की फीस कितनी है? कोर्ट मैरिज में के लिए आवेदन कहाँ करना होता है? कोर्ट मैरिज में कितने दिन लगते हैं?
- क्या आपके मन में भी हैं ये सवाल कि गाड़ी कौन सी खरीदें? पुरानी गाड़ी खरीदने से पहले क्या देखना चाहिए? कार खरीदना है तो कैसे खरीदें?
लॉकडाउन में ज़िन्दगी | Lockdown की नज़र बंदी में हुआ जीना मुहाल!
- Get link
- Other Apps
दिनांक 24 मार्च 2020 को रात 8 बजे देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के नाम संबोधन किया। इस संबोधन में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की घोषणा की। प्रधानमत्री जी ने घोषणा की है कि 25 मार्च 2020 रात 12 बजे से संपूर्ण भारत में पूर्ण रूप से लॉकडाउन होना है। लॉकडाउन जिसे इमरजेंसी या कर्फ्यू के नाम से भी हम जानते हैं आज ही रात 12 बजे से लागू हो जाएगा। यह लॉक डाउन 21 दिनों का होगा। इसके तहत किसी भी व्यक्ति को 21 दिनों तक अपने घर से निकलने की अनुमति नहीं होगी। किसी भी स्थान पर सार्वजनिक भीड़ लगाना या इक्कठा होना दंडनीय अपराध होगा। अत्यंत आवश्यक या जीवन रक्षा से जुड़ी कोई समस्या होने पर अस्पताल जाने की अनुमति होगी। पुलिस नर्स डॉक्टर सफाईकर्मी के अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। !
किन्तु अगर सोंच सकारात्मक हो और कुछ करने का हौंसला हो तो इस इक्कीस दिनों में कमाल कर सकते हैं। यह इक्कीस दिन आपके जीवन में फिर नहीं मिलने वाले और अगर यूँ ही बीत गए तो वापस नहीं आने वाले हैं।
इस इक्कीस दिनों में हमारा जीवन एक अहम् मोड़ लेने जा रहा है।
इस इक्कीस दिन तक न तो आपको कहीं समय पर पहुंचने की जल्दी होगी न ही आपके पास बॉस, प्रोफेसर, अधिकारी, या किसी और के टास्क या टारगेट को समय पर पूरा करने का प्रेशर। यह इक्कीस दिन सिर्फ आपके है आपके अपने लिए आप के अपनों के लिए। तो चलिए जानते की क्या-क्या कर सकते है आप इन इक्कीस दिनों में
1 ) शक्ति
आज से नवरात्र का पर्व प्रारंभ हो रहा है। ऐसे में शक्ति उपासकों के लिए उपासना का अनुकूल समय रहेगा। चूँकि इन इक्कीस दिनों तक आपको न तो ऑफिस जाने की जल्दी होगी न ही बस, टैम्पो या ट्रेन पकड़ने की होड़। आप पूर्ण विधि विधान से शक्तिरुपेण माँ दुर्गा की उपासना कर सकेंगे।
यह समय शक्ति उपासना के साथ-साथ अपनी आंतरिक ऊर्जा को जाग्रत करने का भी है। आत्मज्ञान, आत्ममंथन के माध्यम से अपने भीतर छुपी ऊर्जा को जाग्रत कर सकते हैं।
उस शक्ति को पहचाने और शक्ति का उपयोग अपना व अपने परिवार की सुरक्षा के लिए करें।
2) उपासना
अब वक्त आ गया है यह बात समझने का कि हमारे पास जो भौतिक चीजें हैं वह क्षणिक हैं। जो कुछ हमारे पास है धन, सम्पदा, भौतिक सुख के साधन सब ईश्वर ने ही हमें दिया है। हम सभी इस धरा पर मौजूद समस्त साधन और संसाधन के उपभोक्ता मात्र हैं।
तो यही समय है घमंड त्यागने का कि हम अकूत सम्पति के मालिक हैं। इस भ्रम से उबारिये।
जरा सोचिये की एक महामारी ने सम्पूर्ण मानव जाति को कैसे बैकफुट पर ला दिया।
यह प्रकृति के साथ किये गए खिलवाड़ का ही परिणाम है। प्रकृति के साथ किये गए खिलवाड़ सज़ा खुद प्रकृति ने ही दे दी।
अब यही समय है उपासना का उस सर्वोच्च ताकत की जिसने हमें जीवन दिया है।
ईश्वर के समक्ष नतमस्तक होकर इस बात को समझ लें कि ईश्वर ने जो कुछ हमें दिया वह छीन भी सकता है।
3) संयम
इस भाग दौड़ भरी भरी जिंदगी में हम सभी ने जो एक चीज खोई है वह है संयम।
आज हमें हर चीज़ एक क्लिक पर चाहिए और तुरंत चाहिए। यही वजह है की इस कोरोना जैसी भयानक महामारी को ख़त्म करने के लिए इक्कीस दिनों का लॉकडाउन सुनते ही कुछ लोग मुँह बनाने लगे। ध्यान रखिये किसी भी बीमारी का इलाज़ होने से लेकर उसके सही होने तक में समय लगता है। आप संयम और धैर्य के साथ यह इक्कीस दिन अपने घर पर बिताएं। साथ ही आप निम्न बातों में भी संयम रखकर कुछ नया करें।
4 ) भोजन
सामान्य दिनों में बहुत से लोंगो की थाली में खाना छोड़ने की आदत रही है और फिर वह खाना कूड़े में फेंक दिया जाता है। मगर अब यह इक्कीस दिनों का समय हमारे लिए महत्वपूर्ण होने वाला है कि हम अपने भोजन की कद्र करना सींखे। अब आप में से बहुत से लोग सोंचेंगे की आप ने तो अपने और अपने परिवार के लिए पर्याप्त भोजन की व्यवस्था ली है तो जरा सोंचिये की यदि यह लॉकडाउन इक्कीस दिनों के बाद भी जारी रहा और आपके आस पास इस कारण से जरूरी सामान की आपूर्ति न हो पाई तब क्या करेंगे? हालाँकि सरकार ने इसकी पर्याप्त व्यवस्था कर रखी है कि आम जनता को किसी चीज़ की कमी न होने पाए। फिर भी हमें अपने स्तर से सावधानी बरतनी ही होगी।
और यदि आप को लगता है कि आप के पास अधिक है तो
हमारे आस-पास सैकड़ो ऐसे गरीब, लाचार, मजदूर, अनाथ मौजूद है जिन्हे सामान्य दिनों में एक वक्त खाना नसीब सही होता है आप इन इक्कीस दिनों तक उनकी मदद कर सकते हैं।
अन्न के एक-एक दाने की कद्र एक भूखा ही समझ सकता है। आप थाली में मौजूद अन्न का एक-एक दाना आपके जीवन लिए महत्वपूर्ण है।
क्या करें -
5 )पानी
हम सभी ने जाने-अनजाने में ही सही प्रकृति के साथ बहुत खिलवाड़ कर लिया।
अब वक्त है इस प्रकृतिक के जरूरतों को समझने की। जब एक साथ हम सभी पूरे परिवार के साथ अपने-अपने घरों में रहेंगे तो पानी का सदुपयोग के साथ दुरुपोग भी करेंगे।
हम सभी ने एक भयानक उदाहरण देख भी लिए और समझ भी लिया कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने का क्या नतीजा हो सकता है। प्राकृतिक ने हम सभी को ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है जहाँ सम्पूर्ण मानव जाति पूरी तरह से असहाय हो गई है। ऐसे में पानी का दुरुपयोग करना हम पर और भारी पड़ सकता है। इस इक्कीस दिनों के लिए आप यह भी कर सकते हैं कि पानी का सदुपयोग सीखें। आपके पास जो भी संचित पानी है उसका सही उपयोग करें। पानी बेवजह न बहायें क्योंकि जहां कहीं से भी सप्लाई होता है तो हो सकता है कि आने वाले दिनों में सप्लाई करने के लिए जो कर्मचारी लगे हैं वह भी वहाँ न पहुंच सके।
इसलिए पानी का सही उपयोग और सही तरह से उपयोग करना सीखे साथ ही साथ अपने परिवार और पड़ोसियों को भी सिखाए।
यदि भूगर्भजल समाप्त हो गया तो हम सभी को एक दिन भी काटना असंभव होगा।
अब SAVE WATER के जुमले को अमल में लाने का वक्त है। सिर्फ SAVE WATER कहने से कार्य नहीं पूरा होगा। अब हम सभी को WATER SAVE करने की आदत भी इन इक्कीस दिनों में सीखनी होगी।
क्या करें
6 ) संचय
आप 21 दिनों तक संचय करने की आदत भी डालें।
संचय का अर्थ यह नहीं है कि आप आवश्यक वस्तुओं जमाखोरी करें बल्कि संचय का अर्थ यह है की आप सीमित संसाधनों के साथ 21 दिनों तक उपयोग में लाई जाने वाली चीजों को मैनेज करें। यह सीखें कि किस तरह से वह चीज 21 दिनों किस तरह से पैसा, राशन या अन्य वस्तुयें पूरा परिवार मिलकर उपयोग कर सके। अगर आप या आपके माता-पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं तो ऐसे मुश्किल वक्त में उनके लिए रोजगार का संकट भी पैदा हो सकता है। तो संचय करने की बात आप को बेहतर समझ में आ सकती है।
हमें सीखना होगा कि घर में मौजूद राशन या अन्य वस्तुएँ पूरे परिवार को २१ दिनों तक उपयोग करना है यदि व समय पूर्व खत्म हुआ तो उतनी आसानी से नहीं मिल सकेगा जितनी आसानी से अभी तक मिल जाता था।
अतः संचय की आदत खुद भी सीखें और घर के सदस्यों को भी सिखाएं।
क्या करें
अधिक कमाने व अमीर बनने की होड़ में हम सभी कुछ रिश्तों को पीछे छोड़ दिया था। मतलबी स्वाभाव के कारण जिससे काम पड़ सकता है बस उन्ही लोगो से बात करने की आदत बना चुके थे। अब स्वार्थ से ऊपर उठकर सोचने का भी समय है। रिश्तेदारों और पड़ोसियों से खराब हो चुके रिश्तों को फिर से ख़ुशनुमा बनाने की जरूरत है। सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए फोन कॉल या वीडियो कॉल की मदद से अपने रिश्तों को एक नया आयाम दीजिये।
विनम्र स्वभाव के साथ पहल करें जो साथ थे उन्हें फिर से साथ लायें और बोलचाल शुरू करें।
8 ) व्यवहार
आधुनिकता की दौड़ में हम सभी ने कहीं न कहीं अपने व्यवहार को भी विकृत कर लिया है। भाषा में उट-पटांग शब्दों का प्रयोग ,चिड़चिड़ापन, खीझ व चिल्ला कर जवाब देना, एटीट्यूड में रहना कहीं न कहीं हमारे स्वाभाव में शामिल होता गया।
जिसे अब दूर करने जरूरत है। इन दिनों आप अपने व्यवहार व वाणी को मधुर बनाने का प्रयास करें।
आपका परिवार आपके भाई-बहन, माता-पिता, पत्नी या पति या और बच्चे आपके आसपास जो भी रिश्ता मौजूद है उन्हें आपकी मधुर वाणी सुनने की आदत है उसे बनाये रखें। आत्ममंथन करें की आपके किस बर्ताव से किसे ठेस लगती थी। आप इन व्यवहार को समझिए आप अपने व्यवहार में एक बदलाव लाइए।
क्या करें
स्वास्थ
कोई बॉस आर्डर देगा ना हमसे कोई टारगेट पूरा करने की बात करेगा।
हमारे पास यह इक्कीस दिनों का समय सिर्फ और सिर्फ स्वयं के लिए है।
कोरोना से संक्रमण रोकने के लिए अगर देश का प्रधानमंत्री नागरिकों के स्वास्थ्य की चिंता कर सकता है तो हम स्वयं क्यों नहीं।
अब तक की भाग दौड़ से आपका शरीर थकान में रहा कई प्रकार से आप उलझनों के शिकार रहे। भाग दौड़ में कई बार शरीर को पूर्ण-आराम नहीं मिला था।
अगर आपको वाकई अपने स्वास्थ्य की चिंता है तो तीन हफ्तों तक आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
इन दिनों योगा करके अपने स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त करें । आपको कुछ छोटी-मोटी समस्याएं थी आप उनको योगा करके दूर कर सकते हैं। घर में व्यायाम कर सकते हैं। अच्छे खान-पान के साथ अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
क्या करें
नौकरी और भागदौड़ भरी जिंदगी की वजह से। रोज सुबह ऑफिस, कॉलेज, दुकान, पहुंचने के चक्कर में हम न तो अपने बड़े-बुजुर्गों को समय नहीं दे सके न ही बच्चों को। अब एक अच्छा समय है 21 दिनों तक अपने बड़े-बुजुर्गों की अपने उन प्रिय जनों की सेवा करने का जिन्हें आपके साथ की आवश्यकता है। ऐसे समय में आप अपने माता-पिता की सेवा कर सकते हैं।
क्या करें
घर के कार्यों को अगर आप साथ मिलकर करेंगे तो घर के सदस्यों के साथ आपका जुड़ाव तो होगा ही और परिवार के साथ आपका अलग बंधन बनेगा। यह हमारे लिए एक अच्छा अनुभव होगा।
10) परिवार
जिस परिवार के लिए आप कमाई करते हैं। जिस परिवार के लिए आप दिन-रात बाहर रहते हैं। गली, देश ,मुहल्ला, सारी दुनिया घूम कर उसके लिए कमा कर लाते हैं।
अब मौका है इक्कीस दिनों तक उस परिवार के साथ रहने का।
उस परिवार को समय जिसे आपके सुरक्षित घर लौटने की चिंता हमेशा रहती हैं।
क्या करें
घर पर रहकर आप अपनी सुरक्षा तो करेंगे ही लेकिन साथ ही साथ पूरे परिवार की सुरक्षा भी करें। अगर आप घर बड़े हैं तो यह जिम्मेदारी दुगनी हो जाती है.
क्या करें।
देश ही नहीं कोरोना पूरी दुनिया में आतंक मचाए हुए हैं। ऐसे में सही खबरों के साथ कुछ फर्जी खबरें भी प्रचारित होती हैं। लेकिन कुछ लोग बिना जाने-समझे बिना किसी खबर की पड़ताल किये उन खबरों को शेयर देते हैं। आजकल बड़ा आसान भी हो गया फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सअप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करना। फ़र्ज़ी खबर शेयर करने से आतंक, दंगा, डर, फैलने के आसार तो होते ही हैं साथ ही आप की इमेज भी प्रभावित होती है।
ऐसे वक्त में इस बात को समझने की आवश्यकता है कि आप के द्वारा फैलाये गए एक अफवाह से कई मुसीबतें आ सकती हैं। कोई भी मैसेज आये तो पहले उसकी जांच पड़ताल करें और जब आप आश्वस्त हों कि खबर सच है और आधिकारिक है तभी आप उसे दूसरों को बतायें। अगर ऐसा नहीं है तो उसके खिलाफ शिकायत करें या फिर आप उसे वहीं समाप्त कर दें।
क्या करें
कोरोनावायरस को फैले हुए आज कई महीने हो चुके हैं। इस महामारी से पूरे विश्व में कोहराम मचा हुआ है। आज 190 से अधिक देश इसके चपेट में हैं। पूरे विश्व में सभी सरकारें इसके रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठा रही हैं। लोगों को जागरूक कर रही हैं। ऑनलाइन कैंपेन चलाया जा रहे हैं। न्यूज़, सोशल मीडिया, मैसेज के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
लेकिन इसके बावजूद एक बड़ी संख्या में लोग अभी भी हैं जिनके पास जागरूकता का अभाव है। वे लॉकडाउन के बावजूद घरों से बाहर निकलने की जुगत लगा रहें है।
तो हम अपने घरों में रहकर अलग रहकर एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं।
लोगों को मैसेज दें कि
क्या करें
इस बात पर मन में तर्क भी करें अगर सरकार ने यह फैसला लिया है तो आखिर क्यों?
13 ) विचार
विचार हमें कुछ नया करने की शक्ति देता है। इसलिए आप प्रश्नों पर तर्क कीजिए।
आज कल हम सभी का अधिकतर समय मोबाइल, टीवी, रेडियो या लैपटॉप पर बीतता है।
लेकिन अब समय मिला है हमें तो इस 21 दिनों हम इन सब से थोड़ा ध्यान हटाकर पुस्तकों पर भी ध्यान लगाएं।
अपनी रूचि के अनुसार किताबें पढ़ें ऐसी किताबें जिनसे हमारा ज्ञानवर्धक हो। अपनी इंटरेस्ट की किताबें पढ़ने से हमारा ज्ञान कई गुना बढ़ सकेगा। एक अच्छा समय है कि हमें ना तो बाहर निकलने की जरूरत है न ही थककर घर वापस लौटने की परेशानी। ऐसे में हम घर पर रहकर अपने ज्ञान को बढ़ा सकते हैं।
क्या करें
15 ) प्रसन्नता
कोई भी विपत्ति अनन्त समय के लिए नहीं होती है। मुश्किल जरूर है पर नामुमकिन किन्तु बिलकुल नहीं। यदि हम और आप इस 21 दिनों का समुचित उपयोग कर सके तो
यह निश्चित है की जल्द ही हम सभी लोग इस कोरोना वायरस जैसी घातक व जानलेवा महामारी को हरा ही देंगे। जल्द ही यह पूरी तरह हमारे भारत से समाप्त हो जाएगा।
लेकिन इसके साथ हमें जो एक चीज हासिल होगी वह है प्रसन्नता।
यह 21 दिन अपने परिवार के साथ बिता पाएंगे। इन 21 दिनों तक हम वह चीजें कर पाएंगे जो शायद हमने अब तक केवल करने के लिए सोंच रखा था लेकिन करने का समय नहीं मिल पा रहा था। जिंदगी की भाग दौड़ में हमारे सबके चेहरों से हंसी कहीं गायब सी हो गई थी। अब हमारे पास समय है कि हम अपनी वह हंसी अपने परिवार के साथ, अपने बच्चों के साथ, और माँ-पिता के साथ समय बिता कर वापस ला सकें।
16 ) अनुपालन -
यदि आप घर के बड़े हैं तो आप छोटो को लॉकडाउन का पालन करना सिखाएं और यदि आप घर में छोटे हैं तो बड़ो की बात मानना सीखें। इसके साथ खुद भी सरकार के निर्देशों का अनुपालन करें।
देश के माननीय प्रधानमंत्री जी ने हम सभी को 21 दिनों तक घरों में रहने का निवेदन किया है। हमारे और आपके जीवन को सुरक्षित रखने के लिए कर्फ्यू का ऐलान किया है।
तो हमारा भी कर्तव्य बनता है कि देशहित में हम अपना योगदान दें।
देश के करोड़ों लोगों के जीवन को सुरक्षित रखने को देश के कदम के साथ कदम मिलाकर चलें। देश तभी मजबूत और अखंड बनेगा जब हम और आप मिलकर इस मुहीम का साथ अपने-अपने घर से देंगे। एक साथ मिलकर एक जैसा सोचेंगे एक जैसा विचार रखेंगे तभी यह सफल होगा।
- कुछ लोगों के लिए सवाल यह है कि 21 दिनों तक घर में करें तो करें क्या?
- देश में बहुत से लोगों की यही समस्या है कि आखिर 21 दिनों तक घरों में रहकर करेंगे क्या?
- समय कैसे कटेगा?
किन्तु अगर सोंच सकारात्मक हो और कुछ करने का हौंसला हो तो इस इक्कीस दिनों में कमाल कर सकते हैं। यह इक्कीस दिन आपके जीवन में फिर नहीं मिलने वाले और अगर यूँ ही बीत गए तो वापस नहीं आने वाले हैं।
इस इक्कीस दिनों में हमारा जीवन एक अहम् मोड़ लेने जा रहा है।
इस इक्कीस दिन तक न तो आपको कहीं समय पर पहुंचने की जल्दी होगी न ही आपके पास बॉस, प्रोफेसर, अधिकारी, या किसी और के टास्क या टारगेट को समय पर पूरा करने का प्रेशर। यह इक्कीस दिन सिर्फ आपके है आपके अपने लिए आप के अपनों के लिए। तो चलिए जानते की क्या-क्या कर सकते है आप इन इक्कीस दिनों में
1 ) शक्ति
आज से नवरात्र का पर्व प्रारंभ हो रहा है। ऐसे में शक्ति उपासकों के लिए उपासना का अनुकूल समय रहेगा। चूँकि इन इक्कीस दिनों तक आपको न तो ऑफिस जाने की जल्दी होगी न ही बस, टैम्पो या ट्रेन पकड़ने की होड़। आप पूर्ण विधि विधान से शक्तिरुपेण माँ दुर्गा की उपासना कर सकेंगे।
यह समय शक्ति उपासना के साथ-साथ अपनी आंतरिक ऊर्जा को जाग्रत करने का भी है। आत्मज्ञान, आत्ममंथन के माध्यम से अपने भीतर छुपी ऊर्जा को जाग्रत कर सकते हैं।
- एकाग्र मन के साथ मेडिटेशन करें और अपने अंदर मौजूद ऊर्जा को संचय करने का प्रयास करें जो आप अब तक रोज की भाग दौड़ के कारण नहीं कर पा रहे थे।
- यह अहसास करें कि आपके अंदर एक असीमित ऊर्जा का केंद्र है जो इस बुरे वक्त में आपको और आपके परिवार को सुरक्षित रखने का साहस प्रदान करती है।
उस शक्ति को पहचाने और शक्ति का उपयोग अपना व अपने परिवार की सुरक्षा के लिए करें।
2) उपासना
अब वक्त आ गया है यह बात समझने का कि हमारे पास जो भौतिक चीजें हैं वह क्षणिक हैं। जो कुछ हमारे पास है धन, सम्पदा, भौतिक सुख के साधन सब ईश्वर ने ही हमें दिया है। हम सभी इस धरा पर मौजूद समस्त साधन और संसाधन के उपभोक्ता मात्र हैं।
तो यही समय है घमंड त्यागने का कि हम अकूत सम्पति के मालिक हैं। इस भ्रम से उबारिये।
जरा सोचिये की एक महामारी ने सम्पूर्ण मानव जाति को कैसे बैकफुट पर ला दिया।
यह प्रकृति के साथ किये गए खिलवाड़ का ही परिणाम है। प्रकृति के साथ किये गए खिलवाड़ सज़ा खुद प्रकृति ने ही दे दी।
अब यही समय है उपासना का उस सर्वोच्च ताकत की जिसने हमें जीवन दिया है।
ईश्वर के समक्ष नतमस्तक होकर इस बात को समझ लें कि ईश्वर ने जो कुछ हमें दिया वह छीन भी सकता है।
3) संयम
इस भाग दौड़ भरी भरी जिंदगी में हम सभी ने जो एक चीज खोई है वह है संयम।
आज हमें हर चीज़ एक क्लिक पर चाहिए और तुरंत चाहिए। यही वजह है की इस कोरोना जैसी भयानक महामारी को ख़त्म करने के लिए इक्कीस दिनों का लॉकडाउन सुनते ही कुछ लोग मुँह बनाने लगे। ध्यान रखिये किसी भी बीमारी का इलाज़ होने से लेकर उसके सही होने तक में समय लगता है। आप संयम और धैर्य के साथ यह इक्कीस दिन अपने घर पर बिताएं। साथ ही आप निम्न बातों में भी संयम रखकर कुछ नया करें।
- नशा - यदि आप पान-मसाला, शराब, खैनी, भांग इत्यादि का नशा करते हैं और इसे अब छोड़ना चाहते हैं तो यह इक्कीस दिनों का वक्त न चाहते हुए भी आपके लिए एक अच्छा संकेत लेकर आया है कि आप इस आदत से मुक्ति पा सकें। मनोविज्ञान के अनुसार यदि किसी व्यवहार को हम लगातार इक्कीस दिनों तक अपनाते हैं तो वह हमारी आदत बन जाता है।तो जब इक्कीस दिनों तक आप को पान मसाला नहीं मिलेगा तो आप यह आदत नहीं आसानी से छोड़ पाएंगे।
- सामंजस्य - बहुत से परिवारों में ऐसा होता है कि परिवार के कुछ सदस्य खास कर भाई-बहन, भाई-भाई, बहन-बहन, पति-पत्नी या अन्य कोई रिश्तेदार जब साथ होते है तो कभी न कभी आपस में झगड़ जाते हैं। तो इन इक्कीस दिनों में आप उन रिश्तों में मिठास घोलने के लिए परिवार के साथ सामंजस्य बनायें और एक साथ ख़ुशी ख़ुशी रहने का हुनर सींखे।
- फ़ास्ट-फ़ूड - रिसर्च के अनुसार फ़ास्ट फ़ूड हम सभी की सेहत पर बुरा असर डालता है। रोज़ कुछ न कुछ बाहर का खाने की आदत को इस बहाने ही सही छोड़ने की शुरुआत करें।
- सावधानी - इस वक्त आप को घर में रह कर सावधानी भी बरतनी है कि भाग दौड़ कर या जल्द बाजी में काम करने से चोट न लगे। चूँकि इस वक्त यदि आपको अगर अस्पताल की जरूरत पड़ी तो आसानी से इलाज़ मिलना संभव नहीं हो पायेगा साथ ही अस्पतालों में कोरोना का डर अलग सताएगा।
4 ) भोजन
सामान्य दिनों में बहुत से लोंगो की थाली में खाना छोड़ने की आदत रही है और फिर वह खाना कूड़े में फेंक दिया जाता है। मगर अब यह इक्कीस दिनों का समय हमारे लिए महत्वपूर्ण होने वाला है कि हम अपने भोजन की कद्र करना सींखे। अब आप में से बहुत से लोग सोंचेंगे की आप ने तो अपने और अपने परिवार के लिए पर्याप्त भोजन की व्यवस्था ली है तो जरा सोंचिये की यदि यह लॉकडाउन इक्कीस दिनों के बाद भी जारी रहा और आपके आस पास इस कारण से जरूरी सामान की आपूर्ति न हो पाई तब क्या करेंगे? हालाँकि सरकार ने इसकी पर्याप्त व्यवस्था कर रखी है कि आम जनता को किसी चीज़ की कमी न होने पाए। फिर भी हमें अपने स्तर से सावधानी बरतनी ही होगी।
और यदि आप को लगता है कि आप के पास अधिक है तो
हमारे आस-पास सैकड़ो ऐसे गरीब, लाचार, मजदूर, अनाथ मौजूद है जिन्हे सामान्य दिनों में एक वक्त खाना नसीब सही होता है आप इन इक्कीस दिनों तक उनकी मदद कर सकते हैं।
अन्न के एक-एक दाने की कद्र एक भूखा ही समझ सकता है। आप थाली में मौजूद अन्न का एक-एक दाना आपके जीवन लिए महत्वपूर्ण है।
क्या करें -
- केक को मुँह पर पोतने की प्रथा को छोड़े।
- रात का खाना फेंकने की आदत को छोड़े।
- थाली में जूठन छोड़ने की आदत को छोड़े।
- यदि आप सक्षम है तो किसी गरीब को कुछ वक्त का राशन देने का पुण्य भी करें।
- ओवरडाइट से बचें।
5 )पानी
हम सभी ने जाने-अनजाने में ही सही प्रकृति के साथ बहुत खिलवाड़ कर लिया।
अब वक्त है इस प्रकृतिक के जरूरतों को समझने की। जब एक साथ हम सभी पूरे परिवार के साथ अपने-अपने घरों में रहेंगे तो पानी का सदुपयोग के साथ दुरुपोग भी करेंगे।
हम सभी ने एक भयानक उदाहरण देख भी लिए और समझ भी लिया कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने का क्या नतीजा हो सकता है। प्राकृतिक ने हम सभी को ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है जहाँ सम्पूर्ण मानव जाति पूरी तरह से असहाय हो गई है। ऐसे में पानी का दुरुपयोग करना हम पर और भारी पड़ सकता है। इस इक्कीस दिनों के लिए आप यह भी कर सकते हैं कि पानी का सदुपयोग सीखें। आपके पास जो भी संचित पानी है उसका सही उपयोग करें। पानी बेवजह न बहायें क्योंकि जहां कहीं से भी सप्लाई होता है तो हो सकता है कि आने वाले दिनों में सप्लाई करने के लिए जो कर्मचारी लगे हैं वह भी वहाँ न पहुंच सके।
इसलिए पानी का सही उपयोग और सही तरह से उपयोग करना सीखे साथ ही साथ अपने परिवार और पड़ोसियों को भी सिखाए।
यदि भूगर्भजल समाप्त हो गया तो हम सभी को एक दिन भी काटना असंभव होगा।
अब SAVE WATER के जुमले को अमल में लाने का वक्त है। सिर्फ SAVE WATER कहने से कार्य नहीं पूरा होगा। अब हम सभी को WATER SAVE करने की आदत भी इन इक्कीस दिनों में सीखनी होगी।
क्या करें
- कार या बाइक को बार-बार न धुलें।
- घर के चबूतरे की धुलाई, पूरे घर की धुलाई बेवजह न करें।
- शॉवर से नहाने कि बाजए बाल्टी-मग का उपयोग करें।
- बेवज़ह सड़क की धुलाई न करें।
6 ) संचय
आप 21 दिनों तक संचय करने की आदत भी डालें।
संचय का अर्थ यह नहीं है कि आप आवश्यक वस्तुओं जमाखोरी करें बल्कि संचय का अर्थ यह है की आप सीमित संसाधनों के साथ 21 दिनों तक उपयोग में लाई जाने वाली चीजों को मैनेज करें। यह सीखें कि किस तरह से वह चीज 21 दिनों किस तरह से पैसा, राशन या अन्य वस्तुयें पूरा परिवार मिलकर उपयोग कर सके। अगर आप या आपके माता-पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं तो ऐसे मुश्किल वक्त में उनके लिए रोजगार का संकट भी पैदा हो सकता है। तो संचय करने की बात आप को बेहतर समझ में आ सकती है।
हमें सीखना होगा कि घर में मौजूद राशन या अन्य वस्तुएँ पूरे परिवार को २१ दिनों तक उपयोग करना है यदि व समय पूर्व खत्म हुआ तो उतनी आसानी से नहीं मिल सकेगा जितनी आसानी से अभी तक मिल जाता था।
अतः संचय की आदत खुद भी सीखें और घर के सदस्यों को भी सिखाएं।
क्या करें
- बेवजह पार्टी करने से बचें
- थाली में खाना उतना ही जितना खा सकें ताकि बचा हुआ खाना फेकना न पड़े चूँकि राशन के लिए पैसों की जरूरत तो होगी ही।
- बिजली का उपयोग सीमित करें।
- टीवी, फ्रीज़, पंखा, वाशिंग मशीन आदि का उपयोग सावधानी से करें।
- किसी घरेलू वस्तुओं पर गुस्सा न दिखायें।
अधिक कमाने व अमीर बनने की होड़ में हम सभी कुछ रिश्तों को पीछे छोड़ दिया था। मतलबी स्वाभाव के कारण जिससे काम पड़ सकता है बस उन्ही लोगो से बात करने की आदत बना चुके थे। अब स्वार्थ से ऊपर उठकर सोचने का भी समय है। रिश्तेदारों और पड़ोसियों से खराब हो चुके रिश्तों को फिर से ख़ुशनुमा बनाने की जरूरत है। सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए फोन कॉल या वीडियो कॉल की मदद से अपने रिश्तों को एक नया आयाम दीजिये।
विनम्र स्वभाव के साथ पहल करें जो साथ थे उन्हें फिर से साथ लायें और बोलचाल शुरू करें।
8 ) व्यवहार
आधुनिकता की दौड़ में हम सभी ने कहीं न कहीं अपने व्यवहार को भी विकृत कर लिया है। भाषा में उट-पटांग शब्दों का प्रयोग ,चिड़चिड़ापन, खीझ व चिल्ला कर जवाब देना, एटीट्यूड में रहना कहीं न कहीं हमारे स्वाभाव में शामिल होता गया।
जिसे अब दूर करने जरूरत है। इन दिनों आप अपने व्यवहार व वाणी को मधुर बनाने का प्रयास करें।
आपका परिवार आपके भाई-बहन, माता-पिता, पत्नी या पति या और बच्चे आपके आसपास जो भी रिश्ता मौजूद है उन्हें आपकी मधुर वाणी सुनने की आदत है उसे बनाये रखें। आत्ममंथन करें की आपके किस बर्ताव से किसे ठेस लगती थी। आप इन व्यवहार को समझिए आप अपने व्यवहार में एक बदलाव लाइए।
क्या करें
- बच्चों को बेवजह डांटे नहीं
- बात-बात बच्चों पर हाथ न उठाएं चूँकि इन दिनों वो भी बाहर की दुनिया से दूर अपने परिवार की दुनिया में हैं। उन्हें भी प्यार और सम्मान की जरूरत है।
- परिवार के किसी सदस्य को चिल्ला कर जवाब नहीं दें।
- वाणी को मधुर रखें।
- घर में हंसी का माहौल बनायें रखें।
- सभी सदस्यों की भावनाओं रखें।
- थोड़ा फोन से दूरी बना कर परिवार को समय दे।
- बॉयफ्रेंड, गर्लफ्रेंड, क्लासमेट, साथी कर्मचारी से ही फोन पर न लगे रहें परिवार की अहमियत को भी समझे।
स्वास्थ
कोई बॉस आर्डर देगा ना हमसे कोई टारगेट पूरा करने की बात करेगा।
हमारे पास यह इक्कीस दिनों का समय सिर्फ और सिर्फ स्वयं के लिए है।
कोरोना से संक्रमण रोकने के लिए अगर देश का प्रधानमंत्री नागरिकों के स्वास्थ्य की चिंता कर सकता है तो हम स्वयं क्यों नहीं।
अब तक की भाग दौड़ से आपका शरीर थकान में रहा कई प्रकार से आप उलझनों के शिकार रहे। भाग दौड़ में कई बार शरीर को पूर्ण-आराम नहीं मिला था।
अगर आपको वाकई अपने स्वास्थ्य की चिंता है तो तीन हफ्तों तक आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
इन दिनों योगा करके अपने स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त करें । आपको कुछ छोटी-मोटी समस्याएं थी आप उनको योगा करके दूर कर सकते हैं। घर में व्यायाम कर सकते हैं। अच्छे खान-पान के साथ अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
क्या करें
- योगा, जिमनास्ट, प्राणायाम आदि करें
- मेडिटेशन करें
- पौष्टिक आहार लें
- ज्यादा तेल मसाला युक्त भोजन करने से बचें।
नौकरी और भागदौड़ भरी जिंदगी की वजह से। रोज सुबह ऑफिस, कॉलेज, दुकान, पहुंचने के चक्कर में हम न तो अपने बड़े-बुजुर्गों को समय नहीं दे सके न ही बच्चों को। अब एक अच्छा समय है 21 दिनों तक अपने बड़े-बुजुर्गों की अपने उन प्रिय जनों की सेवा करने का जिन्हें आपके साथ की आवश्यकता है। ऐसे समय में आप अपने माता-पिता की सेवा कर सकते हैं।
क्या करें
- घर साफ-सफाई में साथ दे सकते हैं।
- कपड़े धुलने में साथ दे सकते हैं।
- माता-पिता की सेवा करें।
- घर की ग्रहणी का भी हाथ बटाएं।
- किचन के कामों में साथ दे सकते हैं।
- घर के छोटे-मोटे कामों में साथ दे सकते हैं।
घर के कार्यों को अगर आप साथ मिलकर करेंगे तो घर के सदस्यों के साथ आपका जुड़ाव तो होगा ही और परिवार के साथ आपका अलग बंधन बनेगा। यह हमारे लिए एक अच्छा अनुभव होगा।
10) परिवार
जिस परिवार के लिए आप कमाई करते हैं। जिस परिवार के लिए आप दिन-रात बाहर रहते हैं। गली, देश ,मुहल्ला, सारी दुनिया घूम कर उसके लिए कमा कर लाते हैं।
अब मौका है इक्कीस दिनों तक उस परिवार के साथ रहने का।
उस परिवार को समय जिसे आपके सुरक्षित घर लौटने की चिंता हमेशा रहती हैं।
क्या करें
- छोटे-छोटे झगड़ों में न उलझें।
- बात-बात पर तुनके नहीं।
- हर बात का विरोध न करें।
- सबका मान रखें।
- मुस्कुरा कर जवाब दें।
घर पर रहकर आप अपनी सुरक्षा तो करेंगे ही लेकिन साथ ही साथ पूरे परिवार की सुरक्षा भी करें। अगर आप घर बड़े हैं तो यह जिम्मेदारी दुगनी हो जाती है.
क्या करें।
- बच्चो को चोट लगने से बचाएं।
- बीमार होने वाले कारणों से दूर रहे।
- बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई न खाएं।
देश ही नहीं कोरोना पूरी दुनिया में आतंक मचाए हुए हैं। ऐसे में सही खबरों के साथ कुछ फर्जी खबरें भी प्रचारित होती हैं। लेकिन कुछ लोग बिना जाने-समझे बिना किसी खबर की पड़ताल किये उन खबरों को शेयर देते हैं। आजकल बड़ा आसान भी हो गया फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सअप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करना। फ़र्ज़ी खबर शेयर करने से आतंक, दंगा, डर, फैलने के आसार तो होते ही हैं साथ ही आप की इमेज भी प्रभावित होती है।
ऐसे वक्त में इस बात को समझने की आवश्यकता है कि आप के द्वारा फैलाये गए एक अफवाह से कई मुसीबतें आ सकती हैं। कोई भी मैसेज आये तो पहले उसकी जांच पड़ताल करें और जब आप आश्वस्त हों कि खबर सच है और आधिकारिक है तभी आप उसे दूसरों को बतायें। अगर ऐसा नहीं है तो उसके खिलाफ शिकायत करें या फिर आप उसे वहीं समाप्त कर दें।
क्या करें
- अफवाहों का हिस्सा न बने
- लोगों को जागरूक करें और खुद भी जागरूकता का हिस्सा बने
- किसी फ़र्ज़ी खबर को किसी को शेयर न करें
- किसी लालच में आकर खबर को न फैलाएं
कोरोनावायरस को फैले हुए आज कई महीने हो चुके हैं। इस महामारी से पूरे विश्व में कोहराम मचा हुआ है। आज 190 से अधिक देश इसके चपेट में हैं। पूरे विश्व में सभी सरकारें इसके रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठा रही हैं। लोगों को जागरूक कर रही हैं। ऑनलाइन कैंपेन चलाया जा रहे हैं। न्यूज़, सोशल मीडिया, मैसेज के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
लेकिन इसके बावजूद एक बड़ी संख्या में लोग अभी भी हैं जिनके पास जागरूकता का अभाव है। वे लॉकडाउन के बावजूद घरों से बाहर निकलने की जुगत लगा रहें है।
तो हम अपने घरों में रहकर अलग रहकर एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं।
लोगों को मैसेज दें कि
क्या करें
- कोरोना वायरस कैसे फैलता है
- इसकी रोकथाम कैसे की जा सकती है
- लोगों को सही जानकारी शेयर करें जिससे कि वे अपने स्वास्थ्य को बचा सकें
- किस तरह से इस बीमारी को फैलने से अधिक से अधिक रोक सकते हैं
- मैसेज दें की कैसे अपने घरों में रहकर कोरोना को मात दे सकते हैं।
इस बात पर मन में तर्क भी करें अगर सरकार ने यह फैसला लिया है तो आखिर क्यों?
- आखिरकार यह बीमारी क्यों भयवाहक होती जा रही है?
- इसको रोकने का और क्या तरीका हो सकता है ?
- घर में रहना किस प्रकार से सुरक्षित हैं?
- आपका जीवन किस प्रकार से देश के लिए आवश्यक है?
- आपका परिवार किस प्रकार से देश के लिए आवश्यक है?
13 ) विचार
विचार हमें कुछ नया करने की शक्ति देता है। इसलिए आप प्रश्नों पर तर्क कीजिए।
- पॉजिटिव सोचिए कि किस प्रकार से आप इस जागरूकता का हिस्सा बन सकते हैं।
- देश की इस मुश्किल घड़ी से उबारने के लिए आप किस प्रकार से देश का सहयोग कर सकते हैं।
- किस प्रकार से इस को रोका जा सकता है इस पर विचार करें।
- यदि आप के पास कोई बेहतर उपाय है तो प्रशासन को सुझाव दें।
- यदि आप डॉक्टर, पुलिस, व्यापारी, शिक्षक आदि है तो देश सेवा में अपना योगदान दें।
आज कल हम सभी का अधिकतर समय मोबाइल, टीवी, रेडियो या लैपटॉप पर बीतता है।
लेकिन अब समय मिला है हमें तो इस 21 दिनों हम इन सब से थोड़ा ध्यान हटाकर पुस्तकों पर भी ध्यान लगाएं।
क्या करें
- अपने रूचि के अनुसार किताबें पढ़ें।
- कुछ नया ज्ञान हासिल करें।
- किसी कला को सीखें जैसे कंप्यूटर, गिटार, हारमोनियम, कारपेंटर, इलेक्ट्रॉनिक, आदि में अपना हुनर बढ़ा सकते हैं।
- कविता या कहानी लिखने की कला को विकसित कर सकते हैं।
- संगीत की कला को विकसित करें।
15 ) प्रसन्नता
कोई भी विपत्ति अनन्त समय के लिए नहीं होती है। मुश्किल जरूर है पर नामुमकिन किन्तु बिलकुल नहीं। यदि हम और आप इस 21 दिनों का समुचित उपयोग कर सके तो
यह निश्चित है की जल्द ही हम सभी लोग इस कोरोना वायरस जैसी घातक व जानलेवा महामारी को हरा ही देंगे। जल्द ही यह पूरी तरह हमारे भारत से समाप्त हो जाएगा।
लेकिन इसके साथ हमें जो एक चीज हासिल होगी वह है प्रसन्नता।
यह 21 दिन अपने परिवार के साथ बिता पाएंगे। इन 21 दिनों तक हम वह चीजें कर पाएंगे जो शायद हमने अब तक केवल करने के लिए सोंच रखा था लेकिन करने का समय नहीं मिल पा रहा था। जिंदगी की भाग दौड़ में हमारे सबके चेहरों से हंसी कहीं गायब सी हो गई थी। अब हमारे पास समय है कि हम अपनी वह हंसी अपने परिवार के साथ, अपने बच्चों के साथ, और माँ-पिता के साथ समय बिता कर वापस ला सकें।
16 ) अनुपालन -
यदि आप घर के बड़े हैं तो आप छोटो को लॉकडाउन का पालन करना सिखाएं और यदि आप घर में छोटे हैं तो बड़ो की बात मानना सीखें। इसके साथ खुद भी सरकार के निर्देशों का अनुपालन करें।
देश के माननीय प्रधानमंत्री जी ने हम सभी को 21 दिनों तक घरों में रहने का निवेदन किया है। हमारे और आपके जीवन को सुरक्षित रखने के लिए कर्फ्यू का ऐलान किया है।
तो हमारा भी कर्तव्य बनता है कि देशहित में हम अपना योगदान दें।
देश के करोड़ों लोगों के जीवन को सुरक्षित रखने को देश के कदम के साथ कदम मिलाकर चलें। देश तभी मजबूत और अखंड बनेगा जब हम और आप मिलकर इस मुहीम का साथ अपने-अपने घर से देंगे। एक साथ मिलकर एक जैसा सोचेंगे एक जैसा विचार रखेंगे तभी यह सफल होगा।
- Get link
- Other Apps
ख़बरें सिर्फ़ आपके लिए!
तलाक लेने में कितना खर्च आयेगा और यह खर्च कौन देगा? तलाक लेने से पहले यह कानून जान लें!
तलाक में कितना खर्चा आता है? तलाक लेने की प्रक्रिया और इस पर खर्च होने वाली धनराशि क्या होगी इस पर कोई विशेषज्ञ राय दे पाना लगभग असंभव है। इसके वास्तविक खर्च का अनुमान लगाने से पूर्व कुछ ऐसे तथ्य हैं जिसपर चर्चा करना आवश्यक है हालांकि फिर भी इस जटिल सवाल का जवाब देना असंभव है कि तलाक लेने का या देने का वास्तविक खर्च क्या होगा। इस निर्णय से पहले यहां कुछ कारक हैं जो तलाक की कुल लागत को प्रभावित करते हैं पहले इसे जान लें। आपसी सहमति के तहत तलाक लेने में एक विवादास्पद तलाक से कम खर्च होगा। विस्थापित (अलगाव) दंपत्ति का रिश्ता एक प्रमुख कारक होता है। ऐसे रिश्ते में दंपत्ति जितना अधिक मुख्य मुद्दों पर असहमत होता है, उतना अधिक महंगा तलाक होगा, लेकिन बिना बच्चों या वयस्क (बालिग) बच्चों वाले दम्पति का तलाक नाबालिग बच्चों के साथ तलाक से अधिक महंगा होगा। सामुदायिक संपत्ति के विभाजन की असहमति तलाक की लागत में वृद्धि करेगी। निर्वाह (जीवन यापन) धन शामिल तलाक अधिक महंगा है। तलाक की कानूनी लागत का आकलन करना। वकील का शुल्क: एक वकील घंटे के हिसाब से या किए गये कानूनी कार्य के लिए एक मुश्
पति तलाक लेना चाहता और पत्नी नहीं तो क्या किया जाना चाहिए?
क्या सहमति से तलाक़ लिया जा सकता है? पति पत्नी के बीच यदि बन नहीं रही है तो सहमति से तलाक लेने की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है। सहमति से तलाक लेने के लिए पहले दोनों ही पक्षों को कोर्ट में एक याचिका दायर करनी होती है। फिर दूसरे चरण में कोर्ट द्वारा दोनों पक्षों के अलग-अलग बयान लिए जाते हैं और दस्तखत की औपचारिकता होती है। तीसरे चरण में कोर्ट दोनों को 6 महीने का वक्त देता है ताकि वह अपने फैसले को लेकर दोबारा सोच सकें। और फिर यदि दोनों ही पक्ष तलाक के फैसले पर कायम रहते हैं तो 6 महीने के बाद कोर्ट द्वारा उनके फैसले के अनुरूप उन्हें तलाक़ की अनुमति दे दी जाती है। क्या केवल लड़का तलाक ले सकता है? आपसी समझौते के आधार पर तलाक लेने की कुछ शर्तें होती हैं। यदि पति और पत्नी शादी के बाद 1 साल या उससे ज्यादा समय से अलग रह रहे हो और दोनों में पारस्परिक रूप से तलाक़ लेने को सहमत हैं। एक दूसरे के साथ रहने पर कोई भी राजी नहीं है या दोनों पक्षों में सुलह की कोई स्थिति नजर नहीं आती है तो ऐसे में सहमति के आधार पर तलाक के लिए आवेदन करने का हक होता है। इसे मैचुअल कंसेंट डायवोर्स कहा जाता है यानी आपसी सहमति से तल
अब चेक बाउंस के मामले में जेल जाना तय है! लेकिन बच भी सकते हैं अगर यह क़ानूनी तरीका अपनाया तो!
एक चेक बाउंस के मामले में क्या करें और क्या न करें? चेक क्या है? एक चेक एक निर्दिष्ट बैंकर पर आहरित एक्सचेंज का बिल है और केवल मांग पर देय है। कानूनी तौर पर, जिस व्यक्ति ने चेक जारी किया है, उसे ‘आहर्ता’ कहा जाता है और जिस व्यक्ति के पक्ष में चेक जारी किया जाता है उसे‘अदाकर्ता’ कहा जाता है। चेक लेते समय यह जांच करें- यह लिखित रूप में होना चाहिए। यह एक बिना शर्त आदेश होना चाहिए। बैंकर को निर्दिष्ट करना है। भुगतान एक निर्दिष्ट व्यक्ति को निर्देशित किया जाना चाहिए। यह मांग पर देय होना चाहिए। यह एक विशिष्ट राशि के लिए होना चाहिए। आहर्ता’ के हस्ताक्षर होना चाहिए। चेक बाउंस / चेक की अस्वीकृति क्या है? एक चेक को अस्वीकृत या बाउंस तब कहा जाता है, जब वह किसी बैंक को भुगतान के लिए प्रस्तुत किया जाता है, लेकिन किसी कारण या दूसरे अन्य कारणवश भुगतान नहीं किया जाता है। निम्नलिखित में से कुछ कारणों से एक चेक आम तौर पर बाउंस हो जाता है:- हस्ताक्षर मेल मिलान नहीं है चेक में उपरी लेखन किया गया हो तीन महीनों की समाप्ति के बाद चेक प्रस्तुत किया गया था, यानी चेक की समय सीमा समाप्ति के बाद खाता बंद किया ग
तलाक़ के बाद बच्चे पर ज्यादा अधिकार किसका होगा माँ का या पिता का?
तलाक़ के बाद बच्चे पर किसका अधिकार होगा? तलाक़ ले रहे दम्पति के बीच बच्चे की कस्टडी को लेकर अक्सर विवाद उत्पन्न हो जाता है। बच्चे की कस्टडी किसे मिलेगी किसे नहीं यह कई बातों पर निर्भर करता है। मसलन बच्चे की उम्र, लिंग, परिस्थिति आदि। इसके साथ ही यह निर्णय पूरी तरह कोर्ट पर निर्भर है कि बच्चे कि कस्टडी किसको दी जाये। बच्चे का पिता अमीर है इसलिए बच्चा उसी को मिलना चाहिए? माता-पिता की आय व बेहतर शिक्षा की उम्मींद ही कस्टडी देने का मापदंड नहीं हो सकता। चूँकि बच्चा कोई सामान नहीं है जो बिना उचित तर्क के किसी एक को सौंप दिया जाये। माता-पिता की आय तो क्या बच्चे की परवरिश अच्छी ही होगी। कस्टडी की समस्या को मानवीय तरीके से हल किया जाना चाहिएः हाईकोर्ट बिलासपुर में दाखिल एक याचिका की सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच ने बच्चे की कस्टडी को लेकर पेश किए गए मामले में एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि "बच्चा कोई सामान नहीं है" बच्चे का कल्याण ही फैसले का आधार होना चाहिए। माता- पिता की इनकम अच्छी है और बच्चे की बेहतर शिक्षा की व्
जानिए, पॉक्सो एक्ट (POCSO) कब लगता है? लड़कियों को परेशान करने पर कौन सी धारा लगती है?
पॉक्सो एक्ट (POCSO) एक केंद्रीय कानून है? इस अधिनियम (कानून) को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने साल 2012 पोक्सो एक्ट-2012 के नाम से बनाया था। इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। इस कानून के अंतर्गत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा निर्धारित की गई है। पॉक्सो एक्ट (POCSO) कब लगता है? किसी विवाद की विषयवस्तु तथा मुख्य मुद्दे को जानने के लिए पॉक्सो अधिनियम, 2012 का संक्षिप्त अवलोकन करना आवश्यक है। पॉक्सो एक्ट 2012 यौन उत्पीड़न और अश्लीलता (पोर्नोग्राफी) के अपराधों से बच्चों को बचाने के लिए लागू किया गया था। यह एक जेंडर न्यूट्रल लॉ है जो 18 वर्ष से कम उम्र के बालक और बालिकाओं दोनों पर सामना रूप से लागू होता है। पॉक्सो एक्ट (POCSO) की परिभाषा के अनुसार कितने वर्ष से कम आयु का व्यक्ति नाबालिग है? भारतीय कानून में बालिग तथा नाबालिग की परिभाषा प्रस्तुत की गई है इसके अतिरिक्त पॉक्सो अधिनियम की परिभाषा के अनुसार, 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को नाबालिग माना जाता है। यह 18 वर्ष से कम आयु के व्य
बालिग लड़की का नाबालिग लड़के से शादी करने पर अपराध क्यों नहीं है? और क्या नाबालिग लड़की अपनी मर्ज़ी से शादी कर सकती है?
बाल विवाह कुप्रथा क्यों है? बाल विवाह से होने वाली हानियां कौन-कौन सी हैं? भारत जैसे देश में लड़कियों के विवाह के लिए लड़कियों की मर्ज़ी और सहमति की परवाह नहीं की जाती है। लगभग 93% लड़कियों का विवाह उनकी मर्ज़ी के बिना ही किये जाते हैं। कई राज्यों में लड़कियों का विवाह बचपन में ही कर दिया जाता है। जल्दी शादी होने से लड़कियों पर बच्चे पैदा करने का दबाव भी दिया जाने लगता है। कम उम्र में माँ बनने पर लड़कियों को कई तरह से शारीरिक कष्ट झेलने पडतें है। इन्हीं कारणों से भारत में बाल विवाह निषेध किया गया है। बाल विवाह में असली दोषी कौन होता है? बाल विवाह करवाने वाले परिजन, पुरुष-महिला, रिश्तेदार, बालिग पति इत्यादि। बाल विवाह निषेध अधिनियम में बालिग अथवा नाबालिग लड़की को दोषी नहीं माना गया है। बालिग लड़का नाबालिग लड़की से शादी करता है तो क्या होगा? यदि बालिग लड़का जिसकी उम्र 18 वर्ष या इससे अधिक हो और नाबालिग लड़की जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम हो से शादी करता है तो बाल विवाह अधिनयम के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। वास्तव में बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 की धारा 9 में बाल विवाह करने वाले बालिग पुरुष के लिए सजा क
जमानत क्या है और किसी व्यक्ति की जमानत कैसे ले सकते हैं?
हर व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की घटनाएं घटित होती रहती है। जाने अनजाने में कभी कभी व्यक्ति से अपराध भी हो जाता है और कभी-कभी आपसी रंजिश के कारण अन्य व्यक्ति के द्वारा भी किसी व्यक्ति को झूठे मामले में फसाया जाता है। किसी केस में नाम आने से पुलिस द्वारा संबंधित व्यक्ति की गिरफ्तारी कर ली जाती है। ऐसे में बिना कोई अपराध किये ही केवल आपसी रंजिश के कारण संबंधित व्यक्ति को काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है। लेकिन ऐसे व्यक्ति के लिए कानून में जमानत लेने का अधिकार प्रदान किया गया है और इस अधिकार का उपयोग करके कोई भी व्यक्ति जमानत प्राप्त कर सकता है लेकिन अपराध की गंभीरता को देखते हुए कई ऐसे अपराध है। जिनके लिए कानून में जमानत की व्यवस्था नहीं की गई है। इसलिए आज आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बेल यानि ज़मानत के बारे में पूरी जानकारी देंगे जिससे आपको काफ़ी मदद भी मिल सकती है। इस आर्टिकल के माध्यम से आप जानेंगे की- जमानत क्या है? किसी व्यक्ति की जमानत कैसे ले सकते हैं? ज़मानत लेने पर क्या रिस्क है? किसी अपराधी की जमानत का विरोध कैसे करें? जमानत ना मिलाने की स्थिति में क्या करें? जमानत क्या है? जब क
जानिए दाखिल खारिज़ क्यों ज़रूरी है और नहीं होने पर क्या नुकसान हो सकतें हैं?
ऑनलाइन आवेदन दाखिल-खारिज करते समय आवश्यक कागजात क्या है? यदि आप दाखिल-खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ज़मीन के सम्बन्ध जानकारियों को ऑनलाइन आवेदन करते समय भरना होगा। जैसे ज़मीन का बैनामा किस तिथि को कराया गया था। किस निबंधन कार्यालय में कराया गया था। किस क्रम संख्या व प्रपत्र पर आपका बैनामा दर्ज है। इसके बाद आप जरूरी जानकारी ऑनलाइन फॉर्म में भरने के बाद सबमिट कर देंगे। लेकिन याद रखें अगर उत्तर प्रदेश में दाखिल-खारिज का आवेदन करना चाहते हैं तो 2012 के बाद कराए गए बैनामों का ही दाखिल खारिज ऑनलाइन संभव है। इसके पहले के दाखिल खारिज कराने के लिए आपको संबंधित तहसील में जाकर आवेदन करना होगा। ज़मीन खरीदने के कितने दिन बाद दाखिल-खारिज करवाना होता है? अमूमन दाखिल खारिज कराने की प्रक्रिया बैनामा के तुरंत बाद कराई जा सकती है। लेकिन दाखिल खारिज होने में लगभग 45 दिन का समय लग जाता है। यह संबंधित कार्यालयों में अलग-अलग हो सकते हैं। क्योंकि दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में लेखपाल व राजस्व निरीक्षक के रिपोर्ट दाखिल होने के बाद ही नामांतरण का आदेश किया जाता है। इसलिए इस प्रक्रिया
नया आवेदन करें-
- आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन करें
- ई श्रम कार्ड के लिए आवेदन करें
- किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करें
- दाखिल ख़ारिज के लिए आवेदन करें
- निःशुल्क क़ानूनी सहायता के लिए संपर्क करें
- प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन करें
- मातृत्व लाभ योजना के लिए आवेदन करें
- विवाह प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करें
- सोसाइटी पंजीकरण के लिए आवेदन करें
- स्टार्ट-अप इंडिया के लिए आवेदन करें
लीगल खबरें आपके लिए!
- जानिए तलाक़ लेने में कितना ख़र्च होता है?
- क्या पत्नी का फ़ोन रिकॉर्ड करना क़ानूनी है?
- क्या बिना शादी किये लड़का लड़की साथ रह सकते हैं?
- तलाक़ लेने पर दूसरी बीवी को सम्पत्ति में कितना हिस्सा मिलेगा?
- मुस्लिम महिला के पास तलाक़ लेने के क्या अधिकार होतें हैं?
- क्या पति पत्नी के बीच शारीरिक सम्बन्ध ना होना तलाक़ की वजह बन सकता है?
- बिना वकील अपना मुक़दमा खुद कैसे लड़ें?
- क्या मैरिटल रेप तलाक़ की वजह हो सकता है?
- ट्रिपल तलाक में पत्नी के क्या अधिकार होते हैं?
- क्या शादी में मिले गहने पर सास का अधिकार होता है?
- क्या तीन तलाक़ के मामलें में घर वालों पर केस दर्ज़ करवाया जा सकता है?
- क्या है प्रेम विवाह करने वाले बालिग जोड़ों की शादीशुदा जिंदगी की स्वतंत्रता?
- कोर्ट मैरिज कैसे करें? कोर्ट मैरिज कितने दिन में हो जाती है? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह चाहिए?
- आईपीसी की धारा 496, 493, 495 क्या है? बगैर तलाक के किसी स्त्री की शादी करने पर क्या कहता है क़ानून?
Comments