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खाने में मिलावट होने पर क्या करें? | Food Safety and Standards Authority of India 2020

आज कल बाजार में बहुत सी मिलावट वाली चीजें आ रही हैं।
जैसे खोया, दूध (सिंथेटिक) नमकीन, बिस्कुट आदि। कोई भी खाने-पीने की चीज लीजिये कुछ ना कुछ ऐसा पदार्थ मिला हुआ होता है जिसे खाने से आपकी सेहत बिगड़ सकती है।
आप सरसों का तेल खरीदें, कोल्ड ड्रिंक या कोई पैक्ड प्रोडक्ट सभी में मिलावट की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। बिस्किट हो या नमकीन या फिर कोई अन्य खाने-पीने की चीज़।
मिलावट खोर मुनाफे के लिए किसी हद तक जा सकते है आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते। दाल में कंकर मिलाना, आटे में भूसी मिलाना, हल्दी में रंग, जीरा में भूसी जैसी तो आम बाते हैं।
मिलावटखोर तो इससे भी आगे निकल चुके हैं। फ़ास्ट फ़ूड और स्ट्रीट फ़ूड के नाम पर ये जाने क्या-क्या बेच लेते हैं। सभी में ऐसी चीजें मिला दी जाती है जिसे खाने से हमारी सेहत बिगड़ सकती है और इन्हे मोटा मुनाफा होता है।
अब ऐसे में आप क्या करे अगर आप अपना पैसा खर्च कर कोई प्रोडक्ट खरीदें और वह मिलावटी निकले।

सावधानी-
  • खरीदते वक्त जांच परख कर ही खाने-पीने वाली चीजें खरीदें। 
  • खरीदते वक्त क़्वालिटी पर ध्यान अवश्य दें। 
  • खाद्य पदार्थ खरीदते के बाद दुकानदार से पक्की रसीद जरूर लें। जिससे कि आगे कानूनी कार्रवाई करने में काम आ सके। 
  • खाद्य पदार्थ किसी विश्वसनीय दुकान से ही चीजें खरीदें।
यदि वस्तु खराब निकल जाती है खाद्य सुरक्षा एंव मानक अधिनियम 2006 के तहत आप उस दुकानदार या निर्माता पर कानूनी कार्यवाही करा सकते हैं। इसके लिए आपको उस प्रोडक्ट में मिलावट है इसकी शिकायत पुलिस या स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय विभाग के वेबसाइट पर दर्ज करानी होगी।
लेकिन ध्यान रहे कि दुकान से खरीदे गए सामान की रसीद आपके पास होनी चाहिए जिससे आगे किसी भी कानूनी प्रक्रिया में काम आ सके। सबसे पहले उस दुकानदार से उस खराब प्रोडक्ट की शिकायत करें। यदि वह जिम्मेवारी लेने से आनाकानी करता है या अपनी गलती सुधारने से मना करता है तब आप कानून की सहायता लें।

Food saftey rules in india

कानून क्या कहता है
  • खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत केंद्र सरकार के स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय को इसकी सूचना ऑनलाइन दर्ज़ करा सकते हैं।
  • इसके अतिरिक्त ऐसी सूचना पुलिस को दे सकते है।
  • यदि आप उत्तर प्रदेश राज्य में रहते हैं तो राज्य के शिकायत संबंधी पोर्टल पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
किस संबंध में कर सकते शिकायत-
  • दुकान से खरीदे गए राशन या पैक्ड खाने-पीने के प्रोडक्ट पर।  
  • ढाबे, होटल या रेस्टोरेंटे पर परोसा गया खाना। 
  • पैक्ड फूड जैसे-बिस्किट, नमकीन, कोल्ड-ड्रिंक इत्यादि। 
  • ऑनलाइन फ़ूड आर्डर के सम्बन्ध में। 
  • रेलवे में यात्रा के दौरान आप जो खाना आर्डर करते हैं। 
  • शराब या पान-मसाला में मिलावट होने पर।
  • आइसक्रीम में मिलावट होने पर। 
  • कोई भी खाने की चीज़ मानक के अनुसार न होने पर।
कब करें शिकायत-
  • अगर खाने में कुछ मिलावट है या खाना बासी है या फिर खाने में ऐसा कुछ है जिसे खाने से आपकी सेहत बिगड़ सकती है तो उस होटल, रेस्टोरेंट या कैटरिंग सर्विस प्रोवाइडर पर उसके द्वारा दिए गए खराब खाने की शिकायत दर्ज कराएं। 
  • टिफिन सर्विस प्रोवाइडर अथवा कोई भी स्ट्रीट फ़ूड ठेला इत्यादि लगाने वाला भी अगर दोषी है जो मिलावट युक्त खाना बेच रहा हो तो उसके खिलाफ भी शिकायत करें। 
क्या सजा होती है
  • स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई करता है।
  •  मिलावट युक्त खाने की चीज़े बेचने पर आईपीसी (IPC) की धारा 272, 273 व् 275 के तहत आजीवन कारावास की सजा होती है। 
  • यह एक गैर जमानती अपराध है।
  • होटल, रेस्टोरेंट, ढावा इत्यादि प्रतिष्ठान का लाइसेंस जब्त हो सकता है। 
  • एक लाख तक का जुर्माना किया जा सकता है।
याद रहे अच्छा व् शुद्ध खाना हमारा मूल अधिकार है।

अधिक जानकारी के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर विजिट करें

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