सामान्यतः जनता को लगता है कि परिषद सदस्यों के पास उनकी बात रखने का अधिकार नहीं है क्योंकि उन्होंने सोधे तौर पर न ही उन्हें चुना है और ना ही वोट दिया है। लेकिन आपको बता दें कि क़ानूनन ऐसा नहीं है । इनके पास वे सारे अधिकार हैं, जो विधानसभा सदस्यों के पास होते हैं। आपके लिए सवाल लगा सकते हैं, आपके मुद्दे को सदन में उठा सकते हैं। आपकी सड़कें बनवा सकते है। इलाज में मदद कर सकते हैं। इन सभी कामों के लिए इन्हें पर्याप्त सुविधाएं भी दी जाती हैं। भले ही सीधे न चुना हो आपने, फिर भी एमएलसी आपके लिए जवाबदेह होतें हैं। विधानपरिषद के प्रतिनिधि निर्वाचन के बाद शपथ ग्रहण कर आधिकारिक तौर पर विधान परिषद सदस्य बन जाते हैं। हालांकि, औपचारिकताएं पूरी होने के बाद ये उच्च सदन के सदस्य भी बन सकते। आइए जानते हैं कि आपके विधान परिषद सदस्यों को मिलने वाली सुविधाएं और उनके अधिकार एमएलसी को कितने रुपये और क्या सुविधाएँ मिलती हैं? एक एमएलसी को वेतन के तौर पर ₹30,000 हर महीने मिलते हैं। इसके अतरिक्त दैनिक भत्ता ₹2000 । निर्वाचन क्षेत्र भत्ता ₹50,000 प्रतिमाह। सचिवीय भत्ता, ₹20,000 प्रतिमाह ...