अंतर धार्मिक विवाह करने के लिए किसकी अनुमति ज़रूरी है? क्या कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रार विवाह पंजीकरण करने से इनकार कर सकता है? जानिए प्राविधान

उत्तर प्रदेश में दुकान के रजिस्ट्रेशन या पंजीकरण की प्रक्रिया ऑनलाइन है। दुकान के रजिस्ट्रेशन या पंजीकरण के लिए स्टोर या व्यवसाय के मालिक को उत्तर प्रदेश की श्रम विभाग की वेबसाइट पर लॉगइन करना होगा या फिर आवेदन करवाने के लिए किसी एक्सपर्ट कि मदद भी ले सकते हैं। लॉगइन करने के बाद दुकान मालिक को दुकान पंजीकरण के आवेदन पत्र में मांगी गई ज़रूरी जानकारी को पूरा करना होगा। इसके बाद आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना होगा और रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान ऑनलाइन करना होगा।
यदि आप भारत में किसी राज्य में एक दुकान या किसी अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान के मालिक हैं या आप दुकान चलाने की सोंच रहे हैं, तो आपको मुख्य निरीक्षक के पास अपनी दुकान या प्रतिष्ठान को 30 दिनों के भीतर दुकान या प्रतिष्ठान लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा। आप अपने संबंधित राज्य में एक आवेदन दाखिल करके भी लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इसके लिए सरकार ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पोर्टल तैयार किया गया है जहाँ आपको दुकान या प्रतिष्ठान लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा।
दुकान पंजीकरण लाइसेंस के लिए दस्तावेज क्या हैं? (Documents Required for Shop Registration in Hindi)
दुकान पंजीकरण के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं–
बिजनेस रजिस्ट्रेशन करने के लिए वास्तविक तौर पर बिजनेस का होना अनिवार्य होता है। इसके बाद निवेश मित्र वेबसाइट पर जाकर बिजनेस रजिस्ट्रेशन करना होता है। फॉर्म को पूरा और ठीक से भरने के बाद सभी जरुरी कागजात नत्थी करके फॉर्म को कार्यालय में जमा कर देना होता है। अधिक जानकारी और सहायता के लिए आप 83 18 43 71 52 पर संपर्क सकते हैं।
राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश श्रम विभाग (Uttar Pradesh Labor Department) के अंतर्गत दुकानों और वाणिज्यिक अधिष्ठानों का पंजीकरण के लिए अब सिर्फ एक बार कराने का फैसला किया है। अब से प्रत्येक पांच वर्ष पर दुकानों और वाणिज्यिक अधिष्ठानों के पंजीकरण के नवीनीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी। कोई दुकान मालिक पंजीकरण के लिए वर्तमान में दुकानों और वाणिज्यिक अधिष्ठानों की प्रत्येक श्रेणी के लिए निर्धारित वार्षिक शुल्क का 15 गुणा धनराशि रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर एकमुश्त जमा कर के करा सकेगा। जिन दुकानों और वाणिज्यिक अधिष्ठानों में कोई कर्मचारी नहीं नियुक्त है, उन्हें पंजीकरण से छूट होगी अर्थात उन्हें पंजीकरण कराने की ज़रूरत नहीं होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान (नवम् संशोधन) नियमावली, 2022 को मंजूरी दे दी गई थी। उत्तर प्रदेश दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम, 1962 के तहत दुकानों और वाणिज्यिक अधिष्ठानों का पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
अभी तक दुकानों और वाणिज्यिक अधिष्ठानों के पंजीकरण का नवीनीकरण प्रत्येक पांच वर्ष में कराने की व्यवस्था लागू थी। दुकानदारों और कारोबारियों को राहत देने के लिए सरकार ने अब सिर्फ एक बार पंजीकरण की व्यवस्था लागू करने का निर्णय किया है।
सरकार के इस फैसले से नया पंजीकरण कराने वाले दुकानदारों-व्यापारियों को हर पांच साल पर पंजीकरण का नवीनीकरण कराने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी और जिन दुकानों, वाणिज्यिक अधिष्ठानों के पंजीकरण को पांच वर्ष पूरे हो चुके हैं, उन्हें एक बार नए नियम के तहत 15 गुणा रजिस्ट्रेशन फीस देकर पंजीकरण कराना होगा।
उत्तर प्रदेश दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम के तहत प्रदेश में सात लाख दुकानें पंजीकृत हैं। इन दुकानों के पंजीकरण से श्रम विभाग को अभी तक प्रत्येक वर्ष 10 करोड़ रुपये की आय होती थी। नए नियम के तहत अगले पांच वर्षों के दौरान प्रत्येक वर्ष 150 करोड़ रुपये आमदनी होगी।
अधिनियम देशव्यापी लागू है, और सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान, जैसे होटल, और भोजनालयों, मनोरंजन पार्क, थिएटर, और अन्य मनोरंजन घर, साथ ही ऐसे अन्य सार्वजनिक मनोरंजन स्थल अधिनियम के दायरे में आते हैं।
यदि आप एक वाणिज्यिक प्रतिष्ठान या एक दुकान शुरू कर रहे हैं, (जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है), तो आपको अपनी स्थापना के शुरू होने के 30 दिनों के भीतर अधिनियम के तहत पंजीकरण के लिए फाइल करना होगा।
आवेदन प्राप्त होने के बाद निरीक्षक विवरण की जांच करेगा यदि आवश्यक होगा, तो प्रतिष्ठान का दौरा करेगा और इसके बाद अधिनियम के तहत पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदान करेगा।
कोई भी ऐसा व्यवसाय जिसमें एक कार्यालय या एक प्रतिष्ठान, (यहां तक कि एकमात्र मालिक और घर से संचालित होने वाले फ्रीलांसर) हो और बैंक ऋण या उद्यम राजधानियों के माध्यम से निवेश बढ़ाने की योजना बना रहे हों तो अपनी वैधता साबित करने के लिए लाइसेंस या पंजीकरण की आवश्यकता होती है।
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