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जानिए रेलवे में बाइक कैसे बुक किया जाता है? ट्रेन में बाइक ले जाने पर कितने पैसे लगते हैं? क्या ट्रेन में बाइक ले जाने पर इंश्योरेंस ज़रूरी है?

रेलवे के माध्यम से बाइक या स्कूटी को बुक कर के ले जाने के लिए क्या कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना होगा।  एक शहर से दूसरे शहर या राज्य में मोटरसाइकिल ले जाते समय आपको कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी होगी। यदि आप अपना दो पहिया वाहन ट्रेन के माध्यम से ले जाना चाहते हैं तो रेलवे के नियम की जानकारी होना ज़रूरी है। कुछ बातों का पता होना ज्यादा ज़रूरी हैं नहीं तो आपको मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है और हो सकता है आपको अपने दो पहिया वाहन से भी हाथ धोना पड़े।

ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब जो बाइक बुक करने से पहले पता होना चाहिए!

  • क्या हम ट्रेन में बाइक ले सकते हैं?
  • How can I transport my bike by train?
  • रेलवे में बाइक कैसे बुक किया जाता है?
  • How can I book my bike parcel in Indian Railways?
  • पार्सल का रेट क्या है? ट्रेन में कितना वजन ले जाया जा सकता है?
  • क्या ट्रेन में बाइक ले जाने पर इंश्योरेंस ज़रूरी है?
  • वाहन टाइम से ना लेने पर जुर्माना भी हो सकता है?

रेलवे में बाइक कैसे बुक किया जाता है? How can I book my bike parcel in Indian Railways?

टूव्हीलर को ट्रेन से बुक कराने के लिए ट्रेन से ले जाना होता है तो उसके लिए आपको वाहन के रजिस्ट्रेशन की फोटोकॉपी ले जानी होती है और एक गवर्नमेंट आईडी प्रूफ ले जाना होता है। बाइक लेकर बुकिंग कार्यालय जाना होगा इसके बाद की प्रक्रिया बुकिंग कार्यालय द्वारा की जाती है।

पार्सल का रेट क्या है? ट्रेन में कितना वजन ले जाया जा सकता है?

रेलवे की ओर से पार्सल के रेट तय होते हैं। पार्सल बुकिंग की नई दर के अनुसार 5% जीएसटी(GST) निर्धारित है। ऐसे में 99 किलोग्राम तक का वजन पार्सल के माध्यम से भेजने के लिए ₹1200 चुकाने होते हैं (रेट दूरी और क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग हो सकता है)

क्या ट्रेन में बाइक ले जाने पर इंश्योरेंस ज़रूरी है?

ट्रेन से मोटरसाइकिल या स्कूटर इत्यादि वाहन को भेजने के समय बरतनी होती हैं? ध्यान रखें कि अपने वाहन का इंश्योरेंस कराया हो। ट्रेन दुर्घटना होने पर या चोरी होने पर या इसका क्लेम मिल सकेगा। पार्सल में वाहन बुकिंग कराते समय कुछ बातों का आपको बहुत ज्यादा जरूरी ध्यान रखना है।

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रेलवे में बाइक कैसे बुक किया जाता है? कैसे कराएँ बुकिंग और क्या क्या ध्यान रखना है?

  1. दो पहिया वाहन ट्रेन से भेजने पर इन सावधानियों का ध्यान रखना है। 
  2. दोपहिया वाहन को ट्रेन से आगमन के समय से न्यूनतम 2 घंटे पहले स्टेशन पर अवश्य पहुंचा दें।
  3. टंकी से पेट्रोल पूरी तरह से निकल लें।
  4. वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, वाहन बीमा, अपने पहचान पत्र की छाया प्रति, वाहन की चाभी इत्यादि साथ रखें।
  5. वाहन बीमा, चाभी इत्यादि साथ रखें।
  6. वाहन के ऊपर बोरी से पैकिंग जरूर करा लें।
  7. पैकिंग के ऊपर अपना नाम जिस शहर में वाहन भेज रहे हैं वहां का पता बड़े और गहरे मार्कर से लिखवा दें।
  8. लोडिंग की तारीख रसीद के साथ जरूर हासिल कर लें।

इसके अतिरिक्त आपको क्या सावधानी बरतनी चाहिए इसके विषय में समझते हैं

बुकिंग कराते समय रेलवे की ओर से इंश्योरेंस जरूर कराएं। इंश्योरेंस होने पर रस्ते में लूट या चोरी की दशा में रेलवे से प्रतिपूर्ति प्राप्त की जा सकेगी। इंश्योरेंस नहीं होने पर रेलवे मार्केट वैल्यू की जगह प्रति किलोग्राम की दर से भुगतान करता है तो इसलिए इस बात का ध्यान ज़रूर रखें कि आप रेलवे की तरफ से अपने वाहन का इंश्योरेंस ज़रूर करवा लें।

क्या रेलवे से वाहन बुक कराते समय कोई छूट मिलती है?

रेलवे से दोपहिया वाहन की बुकिंग के समय इंश्योरेंस कराने पर छूट भी प्रदान करता है। जैसे यदि किसी वाहन की मार्केट वैल्यू ₹30000 है तो रेलवे पार्सल बुकिंग में के बाद इंश्योरेंस के तौर पर ₹25000 पर एक प्रतिशत की इंश्योरेंस राशि लेता हैइंश्योरेंस। इसके अतिरिक्त आरक्षण टिकट पर लगेज की बुकिंग करने पर मार्केट वैल्यू में ₹10000 की छूट मिलती है।

ट्रेन से वाहन भेजने पर यदि कोई वाहन चोरी हो जाए तो उसका क्लेम कैसे लिया जाता है?

यदि वाहन स्वामी रेलवे इंश्योरेंस करा कर उसे दूसरे शहर में भेजता है तो मोटरसाइकिल बीच रास्ते में चोरी होने की दशा में या दुर्घटना ग्रस्त हो जाने पर रेलवे क्लेम मार्केट वैल्यू के हिसाब से मिलेगा नहीं देता है। रेलवे के नियमों के अनुसार इंश्योरेंस नहीं करवाने की दशा में पार्सल बुकिंग के बदले ₹50 प्रति किलोग्राम और लगेज बुकिंग ₹100 प्रति किलोग्राम की दर से क्लेम मिलता है। लेकिन इंश्योरेंस यदि करवाया गया है तो चोरी अथवा किसी घटना की तिथि से 180 दिन के भीतर ही आपको क्लेम के लिए अप्लाई करना होता हैं।

वाहन टाइम से ना लेने पर जुर्माना भी हो सकता है?

तय समय में वाहन को पर्सेल कार्यालय से अवश्य कलेक्ट कर ले। ऐसा नहीं करने पर प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना पड़ सकता है। मोटरसाइकिल गंतव्य पर पहुंचने के बाद 6 घंटे तक कोई शुल्क नहीं लगता है लेकिन इसके बाद प्रति घंटा ₹10 की दर से आपको जुर्माना देना होता है। छह माह तक वाहन ना छुड़वाने पर रेलवे द्वारा उस वाहन की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इसलिए समय का आपको विशेष ध्यान रखना होता है। पार्सल बुकिंग सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक के कार्यालय खुलने पर छुडवाई जा सकती है। इसके अतिरिक्त टिकट पर लगेज बुकिंग कराने की दशा में 24 घंटे के अंदर डिलीवरी ली जा सकती है।

बाइक चोरी पर रेलवे से क्लेम कैसे करें?

वाहन खो जाने की दशा में बुकिंग के 6 माह के भीतर उसका क्लेम की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। रेलवे रसीद की छाया प्रति, प्रार्थना पत्र के साथ सीसीएम क्लेम कार्यालय स्टेशन भवन वाराणसी रजिस्टर्ड डाक से भेजना होगा।

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