अंतर धार्मिक विवाह करने के लिए किसकी अनुमति ज़रूरी है? क्या कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रार विवाह पंजीकरण करने से इनकार कर सकता है? जानिए प्राविधान

रेलवे के माध्यम से बाइक या स्कूटी को बुक कर के ले जाने के लिए क्या कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना होगा। एक शहर से दूसरे शहर या राज्य में मोटरसाइकिल ले जाते समय आपको कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी होगी। यदि आप अपना दो पहिया वाहन ट्रेन के माध्यम से ले जाना चाहते हैं तो रेलवे के नियम की जानकारी होना ज़रूरी है। कुछ बातों का पता होना ज्यादा ज़रूरी हैं नहीं तो आपको मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है और हो सकता है आपको अपने दो पहिया वाहन से भी हाथ धोना पड़े।
ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब जो बाइक बुक करने से पहले पता होना चाहिए!
टूव्हीलर को ट्रेन से बुक कराने के लिए ट्रेन से ले जाना होता है तो उसके लिए आपको वाहन के रजिस्ट्रेशन की फोटोकॉपी ले जानी होती है और एक गवर्नमेंट आईडी प्रूफ ले जाना होता है। बाइक लेकर बुकिंग कार्यालय जाना होगा इसके बाद की प्रक्रिया बुकिंग कार्यालय द्वारा की जाती है।
रेलवे की ओर से पार्सल के रेट तय होते हैं। पार्सल बुकिंग की नई दर के अनुसार 5% जीएसटी(GST) निर्धारित है। ऐसे में 99 किलोग्राम तक का वजन पार्सल के माध्यम से भेजने के लिए ₹1200 चुकाने होते हैं (रेट दूरी और क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग हो सकता है)
ट्रेन से मोटरसाइकिल या स्कूटर इत्यादि वाहन को भेजने के समय बरतनी होती हैं? ध्यान रखें कि अपने वाहन का इंश्योरेंस कराया हो। ट्रेन दुर्घटना होने पर या चोरी होने पर या इसका क्लेम मिल सकेगा। पार्सल में वाहन बुकिंग कराते समय कुछ बातों का आपको बहुत ज्यादा जरूरी ध्यान रखना है।
इसके अतिरिक्त आपको क्या सावधानी बरतनी चाहिए इसके विषय में समझते हैं
बुकिंग कराते समय रेलवे की ओर से इंश्योरेंस जरूर कराएं। इंश्योरेंस होने पर रस्ते में लूट या चोरी की दशा में रेलवे से प्रतिपूर्ति प्राप्त की जा सकेगी। इंश्योरेंस नहीं होने पर रेलवे मार्केट वैल्यू की जगह प्रति किलोग्राम की दर से भुगतान करता है तो इसलिए इस बात का ध्यान ज़रूर रखें कि आप रेलवे की तरफ से अपने वाहन का इंश्योरेंस ज़रूर करवा लें।
रेलवे से दोपहिया वाहन की बुकिंग के समय इंश्योरेंस कराने पर छूट भी प्रदान करता है। जैसे यदि किसी वाहन की मार्केट वैल्यू ₹30000 है तो रेलवे पार्सल बुकिंग में के बाद इंश्योरेंस के तौर पर ₹25000 पर एक प्रतिशत की इंश्योरेंस राशि लेता हैइंश्योरेंस। इसके अतिरिक्त आरक्षण टिकट पर लगेज की बुकिंग करने पर मार्केट वैल्यू में ₹10000 की छूट मिलती है।
यदि वाहन स्वामी रेलवे इंश्योरेंस करा कर उसे दूसरे शहर में भेजता है तो मोटरसाइकिल बीच रास्ते में चोरी होने की दशा में या दुर्घटना ग्रस्त हो जाने पर रेलवे क्लेम मार्केट वैल्यू के हिसाब से मिलेगा नहीं देता है। रेलवे के नियमों के अनुसार इंश्योरेंस नहीं करवाने की दशा में पार्सल बुकिंग के बदले ₹50 प्रति किलोग्राम और लगेज बुकिंग ₹100 प्रति किलोग्राम की दर से क्लेम मिलता है। लेकिन इंश्योरेंस यदि करवाया गया है तो चोरी अथवा किसी घटना की तिथि से 180 दिन के भीतर ही आपको क्लेम के लिए अप्लाई करना होता हैं।
तय समय में वाहन को पर्सेल कार्यालय से अवश्य कलेक्ट कर ले। ऐसा नहीं करने पर प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना पड़ सकता है। मोटरसाइकिल गंतव्य पर पहुंचने के बाद 6 घंटे तक कोई शुल्क नहीं लगता है लेकिन इसके बाद प्रति घंटा ₹10 की दर से आपको जुर्माना देना होता है। छह माह तक वाहन ना छुड़वाने पर रेलवे द्वारा उस वाहन की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इसलिए समय का आपको विशेष ध्यान रखना होता है। पार्सल बुकिंग सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक के कार्यालय खुलने पर छुडवाई जा सकती है। इसके अतिरिक्त टिकट पर लगेज बुकिंग कराने की दशा में 24 घंटे के अंदर डिलीवरी ली जा सकती है।
वाहन खो जाने की दशा में बुकिंग के 6 माह के भीतर उसका क्लेम की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। रेलवे रसीद की छाया प्रति, प्रार्थना पत्र के साथ सीसीएम क्लेम कार्यालय स्टेशन भवन वाराणसी रजिस्टर्ड डाक से भेजना होगा।
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