शराब की बिक्री को लेकर सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिया और साथ कीमतों में भी बदलाव किया है। शराब बिक्री को लेकर सरकार का बड़ा फैसला। जाने पूरी रिपोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को शराब की बिक्री पर स्पष्टता की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में लॉकडाउन में शराब की बिक्री के दौरान अदालत से सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करने की मांग की गई थी।
हालांकि अदालत ने राज्य सरकारों को शराब की होम डिलीवरी पर विचार करने को कहा है। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हम ऐसा कोई आदेश पारित नहीं करेंगे, लेकिन राज्यों को सामाजिक दूरियों के मापदंडों और तय मानकों को बनाए रखने के लिए शराब की अप्रत्यक्ष बिक्री या होम डिलीवरी पर विचार करना चाहिए।
बता दें कि सरकार ने लॉकडाउन के तीसरे चरण में सरकार को 4 मई से शराब की दुकानें खोलने की इजाजत दे दी थी। हालांकि सरकार ने साफ कहा था कि शराब की दुकानों के बाहर सामाजिक दूरी का उचित पालन किया जाए। इसके बाद कई जगह लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिलीं तो कई जगह अव्यवस्था दिखाई दी।
राजधानी दिल्ली में शराब की दुकानें खुलने से पहले ही दिन सामाजिक दूरी न होने की वजह से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब के मूल्य (MRP) पर अतिरिक्त टैक्स लगाने का ऐलान किया था। इसमें शराब की एमआरपी पर 70% बढ़ोतरी की गई थी इस उम्मींद से की भीड़ कम की जा सके। कई राज्यों में भी शराब पर अतिरिक्त टैक्स लगाने का फैसला लिया था। पंजाब, छत्तीसगढ़ में शराब की होम डिलीवरी शुरू कर दी गई है। शराब की दुकानों पर लगने वाली कतारों को देखते हुए पंजाब, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने शराब की होम डिलीवरी का विकल्प दिया। 7 अप्रैल से पंजाब में शराब की होम डिलीवरी शुरू कर दी गई थी। वहीं छत्तीसगढ़ में ग्रीन जोन में रहने वाले लोग ₹120 ज्यादा दाम पर शराब की होम डिलीवरी ले सकते हैं।
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