सत्यमेव जयते!

Today's News

बदल गया काला कोट! | मुकदमों की सुनवाई के दौरान अब गाउन नहीं पहनेंगे वकील।

बदल गया काला कोट! मुकदमों की सुनवाई के दौरान अब गाउन नहीं पहनेंगे वकील।

काला कोट, काली पैंट, गले में व्हाइट बैंड और लम्बा सा काला गाउन मतलब वकील साहब आ रहे है! ये ड्रेस कोड से लोग पहचान जाते थे की वकील साहब आ रहे हैं, लेकिन अब शायद ये परिधान आपको देखने को नहीं मिलेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने अंग्रेज़ो के जवानें से चले आ रहे इस ड्रेस कोड को समाप्त कर दिया है।

कोरोना महामारी से आज पूरा विश्व जूझ रहा है, तो कहीं इस महामारी ने आज सम्पूर्ण विश्व को परम्परायें बदलने को मजबूर कर दिया।
लोग हाइजेनिक हो चले, बार बार हाथ धुलने और सफाई पर विशेष ध्यान देना सीखा दिया। की पूजा पाठ की परम्परायें बदली तो कहीं अंतिम संस्कार की परम्परायें बदल गई।
ऐसे में भारत के सर्वोच्च अदालत पर भी कोरोना अपना कमाल दिखा गया। कोरोना के चलते सुप्रीम कोर्ट में दशकों से चले आ रहे ड्रेस कोड को बदलने पर मजबूर कर दिया।

न्यायपालिका के इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है।

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जज काली पैंट, सफ़ेद शर्ट और न्यायिक नेक बैंड पहन कर सुनवाई की। अभी तक न्यायिक मामलों की सुनवाई के दौरान जज काली पैंट, सफ़ेद शर्ट और न्यायिक नेक बैंड के साथ काला गाउन पहन कर आते थे। यही पारंपरिक परिधान राज्यों के हाईकोर्ट में भी मान्य है।
उम्मीद है कि कोरोनाकाल के चलते जल्द ही राज्यों के हाईकोर्ट और अधीनस्थ न्यायालयों में भी परिधान बदल जायेगा।

पहले भी इस कोड को बदलने का हो चुका है प्रयास

पूर्व महाधिवक्ता विनय चंद्र मिश्र ने बताया की "बार कॉउंसिल ऑफ़ इन्डिया का चेयरमैन रहने के दौरान तीन-तीन महीने के अंतराल पर होने वाली बैठक में मैंने काई बार ड्रेस कोड का मुद्दा उठाया। अंग्रेज़ो के समय से लागू इस परिधान को समय व देश के अनुसार अनुचित समझते हुए बदलने की मांग की।  किन्तु अफ़सोस की मैं सभी को एकमत नहीं कर पाया। किसी ने कभी रंग को लेकर तो कभी स्टाइल को लेकर सवाल किए। "

सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हुआ

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सफेद शर्ट व काली पैंट के साथ न्यायिक नेक बैंड पहन कर सुनवाई के दौरान बैठे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी सफेद शर्ट व काली पैंट के साथ न्यायिक नेक बैंड पहन कर की और बेंच के पक्ष को रखा।
इस ड्रेस कोड के मामले पर देश के प्रधान न्यायाधीश का कहना है कि जजों और वकीलों के लिए ड्रेस कोड का आदेश जल्द ही जारी किया जाएगा।
उनका कहना है कि विशेषज्ञों की राय और सलाह के मुताबिक भारी और फैलाव वाले कपड़ों से कोरोना वायरस को फैलने में आसानी होती है। इसे देखते हुए जल्द निर्णय लिया जाएगा।

Comments

ख़बरें सिर्फ़ आपके लिए!

तलाक लेने में कितना खर्च आयेगा और यह खर्च कौन देगा? तलाक लेने से पहले यह कानून जान लें!

पति तलाक लेना चाहता और पत्नी नहीं तो क्या किया जाना चाहिए?

अब चेक बाउंस के मामले में जेल जाना तय है! लेकिन बच भी सकते हैं अगर यह क़ानूनी तरीका अपनाया तो!

तलाक़ के बाद बच्चे पर ज्यादा अधिकार किसका होगा माँ का या पिता का?

जानिए, पॉक्सो एक्ट (POCSO) कब लगता है? लड़कियों को परेशान करने पर कौन सी धारा लगती है?

बालिग लड़की का नाबालिग लड़के से शादी करने पर अपराध क्यों नहीं है? और क्या नाबालिग लड़की अपनी मर्ज़ी से शादी कर सकती है?

जमानत क्या है और किसी व्यक्ति की जमानत कैसे ले सकते हैं?

जानिए दाखिल खारिज़ क्यों ज़रूरी है और नहीं होने पर क्या नुकसान हो सकतें हैं?

लीगल खबरें आपके लिए!