Posts

Showing posts with the label women Safety rules
सत्यमेव जयते!

तलाक़ के लिए कौन कौन से क़ानूनी रास्ते होते हैं?

Image
कई पति पत्नी यह जानना चाहते हैं कि- तलाक लेने में कितना खर्च आता है? तलाक कितने महीने में मिलता है? जल्दी से जल्दी तलाक कैसे ले? तलाक लेने का सबसे आसान सस्ता तरीका क्या है? शादी के कितने दिन बाद तलाक ले सकते हैं पति पत्नी? तलाक़ लेने के कितने आधार होते हैं  तलाक़ के लिए कौन कौन से क़ानूनी रास्ते होते हैं?      आज कल नई-नई शादी होते ही पति पत्नी में कुछ ऐसे विवाद जन्म ले लेते हैं की बात तलाक़ तक पहुच जाती है ऐसे में अब तलाक़ लेना है तो कैसे लें इसी प्रश्न पर चर्चा करेंगे  तलाक़ होता क्या है?      तलाक की प्रक्रिया विवाहित जोड़े के बीच शादी खत्म करने की एक न्यायिक प्रक्रिया है। यह नियमों, कानूनों और वैधानिक प्रक्रियाओं के अनुसार आयोजित की जाती है और विवाहित जोड़े को आपसी विचार-विमर्श के बाद दोनों को अलग रहने की अनुमति देती है। तलाक की प्रक्रिया भारतीय सामाजिक, नैतिक और कानूनी परंपराओं के अनुसार विभिन्न रूपों में प्रदर्शित हो सकती है। तलाक़ के कई प्रकार होते हैं। यहां विभिन्न तलाक की प्रक्रियाओं का उल्लेख किया गया है- संयुक्त तलाक:      संयुक्त तलाक, जिसे तीन तलाक के रूप में भी जाना जाता है, एक

प्रेमिका से बेवफाई, अपराध कैसे हुआ भाई? : दिल्ली हाई कोर्ट

Image
आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र 18 साल ही रहे:  कमीशन कमीशन ने माना- पॉक्सो कानून लड़की को मर्जी से शादी न करने देने में अभिभावकों का हथियार बच्चों को यौन हिंसा से संरक्षित करने वाले केंद्रीय कानून पॉक्सो एक्ट 2012 के विभिन्न पहलुओं की गहन पड़ताल के बाद लॉ कमीशन ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कानून मंत्रालय को सौंप दी है। इसमें आयोग ने कानून की बुनियादी सख्ती बरकरार रखने की हिमायत की है। और आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की न्यूनतम उम्र 18 साल बनाए रखने की बात कही गई है। हालांकि इसके दुरुपयोग से जुड़े मामलों को देखते हुए कुछ सेफगार्ड लगाए गए हैं। इस कानून के इस्तेमाल को लेकर कराए गए अध्ययनों से पता चला कि लड़कियों को मर्जी से विवाह करने के फैसले लेने के खिलाफ अभिभावक इसका इस्तेमाल हथियार की तरह कर रहे हैं। सहमति से संबंध रखने वाले कई युवकों को इस कानून का शिकार होना पड़ा है। ऐसे में मांग उठी थी कि सहमति से सेक्स संबंध रखने की उम्र घटाई जानी चाहिए। सहमति को 3 पैमानों पर परखने की सिफारिश, तभी अपवाद मानें यौन संबंधों को अपराध नहीं मानने के अपवादों के बारे में इन बातों पर गौर करने की

क्या कोई महिला घरेलू हिंसा करने की दोषी हो सकती है? क्या महिला के खिलाफ मुकदमा दायर किया जा सक्ता है? :हाईकोर्ट

Image
क्या कोई महिला घरेलू हिंसा करने की दोषी हो सकती है? क्या महिला के खिलाफ मुकदमा दायर किया जा सक्ता है? कानून कैसे काम करता है इस बात पर समय-समय पर विचार होते रहते हैं। ऐसा ही एक वाक्या दिल्ली में सामने आया जहाँ पति ने पत्नी के खिलाफ लगाया घरेलू हिंसा का आरोप लगाया और मुकदमा दायर किया। मामला जब कोर्ट में पहुंचा तब और भी दिलचस्प बात देखने मिली। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस जसमीत सिंह हंसने लगे और बड़ी हैरानी से पूछा "ये क्या है?" क्या ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश ने अपना दिमाग नहीं लगाया? घरेलू हिंसा रोकथाम अधिनियम 2005 के तहत किसी महिला को आरोपी बनाया जा सकता है क्या? मामला कुछ इस तरह है कि जस्टिस जसमीत सिंह दिल्ली की एक महिला की अपील पर सुनवाई कर रहे थे। महिला ने निचली अदालत कड़कड़डूमा कोर्ट के एक फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामलें में निचली अदालत ने उसे घरेलू हिंसा के आरोप में समन जारी किया गया था। जहाँ इस प्रश्न पर चर्चा हुई कि- क्या है घरेलू हिंसा कानून? इसमें कोई महिला आरोपी क्यों नहीं बनाई जा सकती? क्या घरेलू हिंसा कानून पुरुष विरोधी है?  पति ने पत्नी के खिलाफ

जानिए, कोर्ट मैरिज की फीस कितनी है? कोर्ट मैरिज में के लिए आवेदन कहाँ करना होता है? कोर्ट मैरिज में कितने दिन लगते हैं?

Image
विशेष विवाह अधिनियम के तहत कोर्ट मैरिज करने के इच्छुक लड़के लड़कियों के लिए आज की यह क़ानूनी जानकारी काम आ सकती है।  कोर्ट मैरिज करने के लिए क्या-क्या ज़रुरी कागज़ात लगते हैं और कितने दिन में कोर्ट मैरिज की जा सकती है?   कोर्ट मैरिज करने जा रहे कपल के मन में ढेरों ऐसे सवाल होते है कि- कोर्ट मैरिज के लिए क्या प्रक्रिया होती है? वर्ष 2023 में कोर्ट मैरिज कैसे होगी? कोर्ट मैरिज में कितने दिन लगते हैं? कोर्ट मैरिज के लिए कितने गवाह होने चाहिए? कोर्ट मैरिज में के लिए आवेदन कहाँ करना होता है? कोर्ट मैरिज के लिए किस वकील से बात करें? कपल के मन में उठ रहे ऐसे ढेरों सवालों के जवाब जानने के लिए आज अधिवक्ता आशुतोष कुमार के इस लेख को विस्तार से पढ़िए और जानिए अपने सभी सवालों के जवाब- कोर्ट मैरिज करने जा रहे कपल को कोर्ट मैरिज करने से पहले कुछ ज़रूरी जानकारी इक्कठा कर लेनी चाहिए। कोर्ट मैरिज आवेदन कैसे करना है? किसके दफ्तर में करना है? कौन मदद करेगा आदि? कोर्ट मैरिज करने जा रहे कपल को कोर्ट के समक्ष जाने से पहले कुछ दस्तावेज़ तैयार रखने चाहिए। यदि कोई लड़का और लड़की आपस में रजामंदी के साथ कोर्ट में जाकर व

हमारे देश में लड़कियों को बचपन से यही सिखाया और समझाया जाता है?

Image
हमारे देश में सभी पेरेंट्स का मकसद अपनी बेटी की परवरिश एक अच्छी लड़की के रूप में करने की होती है। लेकिन वह करते क्या है? बे अपनी बेटियों को दबी कुचली लड़कियों के रूप में बड़ा करते हैं। इस तरह की परवरिश आगे जाकर उन्हें शोषण का शिकार बनाती है। दरअसल लड़कियों को बचपन से ही एडजेस्ट करना सिखाया जाता है और एडजेस्ट के नाम पर उन्हें बेबस और लाचार बनाया जाता है। इसके उलट लड़कों को प्रबल और ताकतवर बनाकर पाला जाता है। अपने चारों और अच्छे और सुंदर कपड़े पहने लोगों, खासकर मिडिल क्लास को देखकर लगता है कि दुनिया बदल गई है लेकिन यह बदलाव बाहरी है अंदर से हम नहीं बदले हैं। लड़कियों को दबाने वाली सात ऐसी आदतें जो हमारे जीवन का हिस्सा बन चुकी हैं। यौन हिंसा की जड़े कहां है? जब यह पूछा गया कि अच्छी लड़की क्या होती है तो युवाओं के जवाब हैरान करने वाले थे। उससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह थी कि  यह सब पढ़े लिखे मिडिल क्लास लोग थे। इसके बाद यह प्रोजेक्ट मेरी जिंदगी का सबसे अहम प्रोजेक्ट बन गया। तुम्हारा कोई शरीर नहीं है लड़कियों के अंदरूनी मामलें की कोई बात नहीं करता है। किसी लड़की को इंसान से भूत बनाने यानी उ

मुस्लिम महिला किन-किन आधारों पर तलाक़ मांग सकती है?

Image
मुस्लिम महिला विवाह-विच्छेद (तलाक़) अधिनियम 1939 के अन्तर्गत विवाह विच्छेद के लिए कौन वाद प्रस्तुत कर सकता है? इस अधिनियम के अन्तर्गत किन-किन आधारों पर विवाह-विच्छेद (तलाक़) हो सकता है? Who can sue for dissolution of marriage under the provisions of Muslim Marriage Act, 1939? On what grounds can a marriage be dissolved under this Act? मुस्लिम-विवाह विच्छेद अधिनियम, 1939 के अन्तर्गत तलाक (Divorce in accordance with Dissolution of Muslim Marriage Act, 1939) भारत में मुस्लिम विवाह-विच्छेद अधिनियम, 1939 लागू होने से पहले निम्नलिखित आधारों पर ही कोई भी महिला अपने पति से तलाक ले सकती थी (a) पति के नपुंसक होने पर (On impotency of husband)। (b) लियन (Lian) (पर पुरुष गमन का झूठा आरोप) इस अधिनियम के लागू होने के बाद मुस्लिम महिला को इस सम्बन्ध में और अधिक अधिकार मिले जिनके अन्तर्गत निम्नलिखित आधारों पर तलाक के लिए आवेदन कर सकती है- (1) पति का लापता होना (Absence of husband) (2) निर्वाह करने में असमर्थता (Failure to maintain) (3) पति को कारावास (Imprisonment of husb and) (4) वैवाहिक दायित्वों का पा

क्या 'तीन तलाक' मामले में पति के परिवार को आरोपी बनाया जा सकता है?: कोर्ट

Image
पति के परिजन को नहीं बनाया जा सकता है आरोपी  सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तीन तलाक मामले में पति के रिश्तेदार या परिजन को आरोपी नहीं ठहराया जा सकता। शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत दे दी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसे मामलों में अपराध करने वालों को अग्रिम जमानत देने पर कोई रोक नहीं है। लेकिन अग्रिम जमानत देने से पहले सक्षम अदालत द्वारा विवाहित मुस्लिम महिला का पक्ष सुना जाना चाहिए । तीन तलाक के मामले में शिकायतकर्ता की सास को भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए एवं 34 के अलावा मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण अधिनियम) के तहत आरोपी बनाया गया था। पीड़िता ने पति के साथ सास पर भी आरोप लगाए। पति ने अपराध किया है, न कि उसकी मां ने सुप्रीम कोर्ट ने  याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता महिला शिकायतकर्ता की सास है और उसे इस अधिनियम के तहत आरोपी नहीं बनाया जा सकता। पत्नी को तलाक देकर पति ने अपराध किया है न कि उसकी मां ने। लिहाज़ा पति की माँ को आरोपी नहीं बनाया जा सकता वहीँ दूस

एससी एसटी एक्ट (SC-ST Act) मामले में पीड़ित को आरोपित की बेल के वक्त सुनना जरूरी : सुप्रीम कोर्ट

Image
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एससी-एसटी एक्ट (SC-ST Act) के तहत जब आरोपी की जमानत पर सुनवाई हो रही हो, डिस्चार्ज पर बहस हो रही हो, आरोपी को परोल पर रिहा करने के लिए सुनवाई हो रही हो या सजा सुनाए पर बहस हो रही हो तो पीड़ित या उसके आश्रित को सुना जाना अनिवार्य है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि SC-ST समुदाय के लोगों का उत्पीड़न बीते जमाने की बात नहीं है। बल्कि यह समाज में आज भी बदस्तूर जारी है। इसी वजह से संसद में एससी एसटी एक्ट (SC-ST Act) बनाया था कि ऐसे लोगों के मौलिक अधिकार की रक्षा की जा सके। लेकिन वर्तमान में देश में हो रही घटनाएँ इस बात का साफ संकेत देती है एससी एसटी (SC-ST) वर्ग के साथ बदसलूकी अभी भी जारी है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी की जमानत दोष सिद्धि परोल आदि पर सुनवाई के दौरान पीड़ित की बात सुनने के लिए एक्ट की धारा 15ए में प्रावधान है। इस प्रावधान का कड़ाई से पालन करना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसमें हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी और धारा 15ए का पालन नहीं किया। घटिया छानबीन से बचते हैं अपराधी कोर्ट ने कहा ऐसे मामले में छानब

बहू के गहने रखना क्रूरता नहीं, यह घरेलु हिंसा या उत्पीड़न का हिस्सा नहीं हो सकता

Image
एक सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सुरक्षा के लिए बहू के गहनों को अपने पास रखना भारतीय दंड संहिता की धारा 498A (दहेज प्रताड़ना) के तहत क्रूरता नहीं माना जा सकता।  सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अगुवाई वाली बेंच ने यह भी कहा है कि अपने बालिग़ भाई को नियंत्रित न कर पाना, अलग रहना और टकराव से बचने के लिए भाभी से तालमेल बनाए रखने की सलाह देना भी दहेज प्रताड़ना की श्रेणी में नहीं आता है। यह टिप्पणियां सुप्रीम कोर्ट ने वैवाहिक विवाद के एक मामले में पति की ओर से दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान की। शीर्ष अदालत में यह याचिका पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई है। वैवाहिक विवाद के इस मामले में महिला के पति ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि वह यूनाइटेड स्टेट में नौकरी करता है और वापस जाना चाहता है ताकि अपना जीवन यापन कर सके। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को बिना पूर्व अनुमति के देश छोड़कर जाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। क्योंकि वह दहेज प्रताड़ना और आईपीसी (IPC) की अन्य धाराओं के तहत आरोपित है। पति पर लगाए गए आरोपों में महिला ने कहा

घरों में बंद लोगों ने लडकियों को तंग करना नहीं छोड़ा? शिकायत हुई तो पता चला!

Image
मोबाइल व साइबर स्पेस में महिला अपराध बढ़े देश भर में लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ सार्वजनिक जगहों पर होने वाले अपराध तो घटे हैं पर मोबाइल फोन व साइबर स्पेस में अश्लीलता और छेड़खानी की वारदात बढ़ गई है। विमिन पावर लाइन पर दर्ज़ आंकडे इसका सबूत है की लगभग 2,59,800 महिलाओं ने शिकायत दर्ज़ करवाई। शिकायतों की यह संख्या लॉकडाउन के पहले इसी अवधि के दौरान हुई शिकायतों से 41000 अधिक है। लॉकडाउन से पहले वीमिन पावर लाइन पर शिकायतों की संख्या 2.18 लाख थी। जो की गत वर्ष लॉकडाउन के दौरान शिकायतों की संख्या 41800 बढ़ गई है। एडीजी (कानून) ने बताया कि इनमें से कुछ केस पुराने हैं, जिनमें शिकायतकर्ताओं ने बताया कि उनके साथ फिर से मोबाइल पर अश्लीलता की गई। 1200 कॉल लॉकडाउन की वजह से हुए दिक्कत से संबंधित एडीजी विमिन पावर लाइन ने बताया कि वीमिन पावर लाइन पर कुल 2.61 लाख कॉले आई थी, जिनमें 1200 लॉकडाउन की दिक्कतों से संबंधित थी। कुछ कॉले यूपी के बाहर फंसे लोगों ने की थी और मदद मांगी थी। इन्हें संबंधित राज्यों की हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी गई। कई कॉलें राशन और दवा की उपलब्धता से संबंधित थी। इन्हें संब

तुम सेक्सी लग रही हो कहना अपराध है क्या? फ्लर्ट और छेड़खानी में क्या अंतर है?

Image
छेड़खानी और यौन उत्पीड़न के बीच अंतर क्या है? छेड़खानी और यौन उत्पीड़न के बीच का अंतर सरल है। यदि यह अवांछित (असहनीय या बिना स्वीकृति) है, तो यह यौन उत्पीड़न है। यौन उत्पीड़न यौन प्रकृति का कोई वांछित या अवांछित व्यवहार है, और छेड़खानी एक यौन प्रकृति का व्यवहार है! क्या फ्लर्ट करना उत्पीड़न है? अगर कोई फ़्लर्ट करता है और यह अवांछित है, तो उस व्यक्ति को रुकने के लिए कहें। यदि वे नहीं रुकते हैं, तो इसे उत्पीड़न माना जाता है। किसी को परेशान करना गैर कानूनी है। छेड़खानी और यौन उत्पीड़न के बीच मुख्य अंतर यह है कि यौन उत्पीड़न अवांछित है। मुझे कैसे पता चलेगा कि यह उत्पीड़न है? छेड़खानी और उत्पीड़न के बीच अंतर के लिए छवि परिणाम 5 तरीके आप बता सकते हैं कि क्या कोई आपका यौन उत्पीड़न कर रहा है आप सेक्सिस्ट व्यवहार का पता ऐसे लगायें। वे लगातार आपके साथ फ्लर्ट करते हैं। वे आपको वरिष्ठता या पद का उपयोग करके धमकाते हैं और गलत काम करने के लिए उक्सातें हैं। वे ऑनलाइन आपके साथ अनुपयुक्त व्यवहार करते हैं। वे व्यक्तिगत जानकारी साझा करते हैं जो आप नहीं चाहते हैं की वो सबको पता चले। इश्कबाजी और छेड़खानी मे

अब दिक्कत होने पर छ: महीने के गर्भ का भी हो सकेगा गर्भपात, सरकार ने गाइडलाइन जारी की!

Image
केंद्र सरकार ने बढ़ाई Abortion की समय-सीमा, अब प्रेग्नेंसी के इतने हफ्ते तक हो सकेगा गर्भपात। क्या है नियम- अगर कोई महिला गर्भ गिराने का फैसला करती है तो मेडिकल बोर्ड को महिला और उसकी रिपोर्ट की जांच कर तीन दिन के भीतर गर्भावस्था की समाप्ति के निवेदन को स्वीकार या अस्वीकार करने के संबंध में राय देनी होती है। सरकार ने क्या बदलाव किया है? केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2021 को गर्भपात (Abortion) संबंधी नये नियम जारी किये हैं. सरकार ने गर्भपात संबंधी नये नियम जारी (अधिसूचित) किये हैं। अब से कुछ विशेष वर्ग की महिलाओं के मेडिकल गर्भपात के लिए गर्भ की समय सीमा को 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह (पांच महीने से बढ़ाकर छह महीने) कर दिया गया है। नए नियम मार्च में संसद में पारित गर्भ का चिकित्सकीय समापन (संशोधन) विधेयक, 2021 के नाम से अधिसूचित किए गए हैं। पहले से क्या प्रावधान मौजूद था? अब तक पुराने नियमों के अंतर्गत, 12 सप्ताह (तीन महीने) तक के भ्रूण का गर्भपात कराने के लिए एक डॉक्टर की सलाह लेनी होती थी और 12 से 20 सप्ताह (तीन से पांच महीने) के गर्भ के मेडिकल समापन के लिए दो डॉक्टरों की सलाह जरूरी होती थ

शादी के पहले केवल मनोरंजन के लिए शारीरिक सम्बन्ध बनाने को आतुर ना रहें लड़कियां!

Image
जब तक कि उन्हें शादी का आश्वासन न दिया जाए, तब तक सिर्फ मनोरंजन के लिए भारत में अविवाहित लड़कियां कामुक गतिविधियों में लिप्त नहीं होतीं : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (इंदौर खंडपीठ) ने हाल ही में कहा, "भारत एक रूढ़िवादी समाज है, यह अभी तक सभ्यता के उस स्तर (उन्नत या निम्न) तक नहीं पहुंचा है, जहां अविवाहित लड़कियां... लड़कों के साथ केवल मनोरंजन के लिए कामुक गतिविधियों (इंटरकोर्स) में शामिल हों, जब तक कि यह भविष्य में विवाह के किसी वादे/आश्वासन के साथ समर्थित न हो।" जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की खंडपीठ ने कहा कि एक लड़का, जो एक लड़की के साथ शारीरिक संबंध में प्रवेश करता है, उसे यह समझ होनी चाहिए कि उसके कार्यों के परिणाम हैं और वह इसका सामना करने के लिए तैयार रहे। क्या है पूरा मामला? आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 376(2) (एन), 366 और बच्चों के यौन शोषण से रोकथाम अधिनियम की धारा 3, 4,5-1, 6 के तहत मामला दर्ज किया गया था। उस पर आरोप था कि उसने शादी के बहाने एक लड़की के साथ बलात्कार किया। कोर्ट के सामने, उसके वकील ने दलील दी गई कि लड़की कथित अपराध के समय बालिग

महिला सम्मान की पैरवी करने वाले देश में मैरिटल रेप अपराध नहीं!

Image
एक लड़की (उम्र लगभग 23 वर्ष) की 2017 में शादी हुई। शादी के बाद कुछ दिन तक सब ठीक चलता रहा, लेकिन इसके बाद पति-पत्नी के बीच अनबन शुरू हो गई। पत्नी का आरोप है कि पति दहेज की मांग करते हुए उसके साथ मारपीट और गाली-गलौज करने लगा जो देखते-देखते आम होता गया। यहां तक की पति ने कई बार पत्नी की मर्जी के विरुद्ध जबरन शारीरिक संबंध (सेक्स) भी बनाता था। यही नहीं पति ने उस लड़की के साथ अप्राकृतिक सम्बन्ध भी बनाये। इन सब प्रताड़ना से तंग आकर एक ऱोज पत्नी ससुराल छोड़ अपने मायके चली गई। इसके बाद पत्नी ने अपने पति के खिलाफ रेप, अप्राकृतिक संबंध और दहेज प्रताड़ना का केस कर दिया। मामला कोर्ट पहुंचा तो निचली अदालत ने पति को तीनों मामलों में दोषी पाया, लेकिन जब मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो हाईकोर्ट ने पति को रेप के आरोप से बरी कर दिया। यह कोई पहला वाक्या नहीं है और ना ही ऐसा पहली बार हुआ है कि जब पति को पत्नी के साथ रेप के आरोप से बरी किया गया हो। बता दें कि भारतीय कानून में पति-पत्नी के बीच इस तरह के मैरिटल रेप (बिना मर्ज़ी सम्बन्ध या जबरन सेक्स) की धारा 375 से अलग रखा गया है आखिर ये मैरिटल रेप होता क्या है? मै

क्यों लोग लड़की को बदनाम करने लगते है जब वो "न" कहती है? क्या करे एक लड़की अगर उसके साथ कुछ ऐसा हो की!

Image
आज के दौर में एक पुरुष का कई महिला से सम्बन्ध होगा या किसी महिला का कई पुरुष से सम्बन्ध होना आम होता जा रहा है। पति-पत्नी, दोस्त, गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड या डेट कर रहे कपल्स आजकल फोन पर बात करते समय एक दूसरे से कब अतरंग बातें करने लगते हैं इसका पता उन्हें भी नहीं चलता। बातचीत के दौरान वीडियो, फोटो शेयर करना एक सामान्य बात है। इसमें कोई नई बात नहीं है और न ही कुछ गलत। लेकिन कई बार लड़की या लड़का अपने अंतरंग संबंधों (सेक्स) के दौरान अपने शारीरिक संबंध बनाने के दौरान खींचे गए फोटोस या वीडियोस या एक दूसरे को शेयर करते हैं। जिसमें न्यूड फोटो, सेक्स वीडियो टेप, कॉल रिकॉर्डिंग जैसे तमाम चीज़े शेयर होती हैं। यह फोटो रिवेंज पोर्न के रूप में आजकल एक दूसरे से प्रतिशोध (बदला) लेने का कारण भी बनते जा रहे हैं। अक्सर करके प्रेमी युगल एक दूसरे को अपनी प्राइवेट फोटो शेयर करते हैं लेकिन जब रिश्ता टूटता है तो यही फोटो जो पक्ष रिवेंज (बदला) लेना चाहता है उसके द्वारा दुरपयोग किआ जाता है। वह पक्ष इन फोटो का उपयोग करके दूसरे पार्टनर को बदनाम करने का प्रयास करता है। क्या है रिवेंज पोर्न ? जब कोई प्रेमी (लड़क

पहली माहवारी से पहले लड़कियों की शादी कितना उचित है?

Image
जब एक लड़का और एक लड़की बिना विवाह के बंधन में बंधे साथ रहते हैं और पति-पत्नी की तरह अपना जीवन व्यतीत करते हैं। जिसमें लड़की और लड़का दोनों अपनी मर्जी से बिना शादी किये साथ में रहना तय करते हैं तो लिव इन रिलेशनशिप कहा जाता है। भारत में यह अभी चलन में नहीं है शायद यही वजह है की एक दो मामलों में देखने में आता है कि जिसमें समाज स्वीकार कर लेता है लेकिन अधिकतर मामलों में समाज इन्हें स्वीकार नहीं कर पाता है और ऐसे मामले कोर्ट तक पहुंच रहे हैं। हाल ही में कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह एक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है जो उसे संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के रूप में प्राप्त है। यह अपराध नहीं है और उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। मगर सवाल यह है की जब समाज में इन सब चीजों को स्वीकार्यता नहीं है तो ऐसे में ऐसे कपल को क्या अधिकार प्राप्त होंगे।  भारत में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कोई विशेष कानून नहीं है लेकिन यदि लड़का और लड़की बालिग हों और वो आपसी सहमति से साथ रहना चाहते हैं तो उन्हें कोई रोक नहीं सकता है। अगर लड़का और लड़की के बीच सेक्स संबंध ब

अब पुलिस वालों की शिकायत इस 945440**** नंबर पर कर सकेंगे

Image
जब रक्षक ही भक्षक बन जये तो आम जनता क्या करे। यूं तो पुलिस जनता की सेवा व सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लिए है लेकिन कई बार मित्र पुलिस का मुखौटा लगाए कुछ पुलिसकर्मी पूरे डिपार्टमेंट को बदनाम कर देते हैं। कई मामलों में देखा गया है कि पुलिस आपेक्षित व्यवहार नहीं करती दिखती। पुलिस पर रिश्वत लेने, वसूली करने, बेगुनाहों पर अत्याचार करने तक के आरोप लगते रहें है। लेकिन अभी तक आम जनता के पास पुलिस की शिकायत दर्ज करवाने का कोई ठोस अधिकार नहीं था। अपने कारनामों के लिए बदनाम पुलिस कई मामलों में ऐसी क्रूरता कर जाती है जिसका कोई न तो विरोध कर सकता है और न ही इसका कोई इलाज मिलता है। लेकिन अब से यदि कोई पुलिस वाला आप से रिश्वत मांगता है या परेशान करता है तो अब आप उसकी शिकायत कर सकते हैं। पुलिस वालों को विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए 1 अक्टूबर 2020 से सेवा की शुरुआत की जाएगी। कैसे कर सकेंगे शिकायत? पुलिस प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने व पुलिस द्वारा किये जा रहे। उत्पीड़न को रोकने के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट द्वारा एक हेल्प लाइन नंबर जारी किया गया है। यदि कोई पुलिसकर्मी आपसे र

लीगल खबरें आपके लिए!