अंतर धार्मिक विवाह करने के लिए किसकी अनुमति ज़रूरी है? क्या कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रार विवाह पंजीकरण करने से इनकार कर सकता है? जानिए प्राविधान

विवाह करने के बाद इसे क़ानूनी रूप देने के लिए विवाह का पंजीकरण करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता विभिन्न प्रकार के सरकारी सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए उपयोग की जाती है। आज इस लेख में विवाह पंजीकरण से जुड़े तमाम प्रश्नों के जवाब अधिवक्ता आशुतोष कुमार के माध्यम से दी प्रस्तुत की जा रही है-
विवाह पंजीकरण दस्तावेज लोक दस्तावेज है या निजी दस्तावेज? विवाह पंजीकरण दस्तावेज विवाह का एक प्रमाण पत्र जो एक निजी दस्तावेज है। यह एक प्रमाण पत्र के तौर पर होता हैं। यह पूर्णतया निजी है। इस पत्र के माध्यम से यह पता चलता है की किसी पुरुष या महिला का क़ानूनी रूप से कौन पति अथवा पत्नी है।
विवाह पंजीकरण पत्र का उपयोग किसी व्यक्ति के विवाहित होने का प्रमाण पत्र हैं। इस प्रमाण की आवश्यकता सरकारी नौकरियों में अनुकंपा के आधार पर नौकरी का दावा करने के दौरान होती है। पति या पत्नी की संपत्ति अथवा अधिकार के दावे के तौर पर प्रयोग करने के लिए आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त बैंक में संयुक्त खाता खोलने के लिए भी इस प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। सरकारी पेंशन, मुवावजा, आदि प्राप्त करने के लिए भी विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।
यदि आप उत्तर प्रदेश से हैं तो विवाह पंजीकरण की स्थिति ऑनलाइन देखने के लिए आप उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं। इस वेबसाइट पर आपको विवाह प्रमाण पत्र के लिए लिंक मिलेगा। इस पर क्लिक करने पर विवाह पंजीकरण की स्थिति आपको सीधे दिखाई देगी। इसके अतिरिक्त अधिक जानकारी के लिए आप ज्यूडिशल गुरु (Judicial Guru) के टेलीग्राम चैनल पर जाकर एक अनुभवी वकील से बात कर सकते हैं।
विवाह पंजीकरण के दौरान पंजीकरण अधिकारी के समक्ष वर-वधु के माता-पिता के उपस्थित होने की अनिवार्यता नहीं है। पंजीकरण के दौरान वर-वधु के अतिरिक्त कोई दो गवाहों का होना अनिवार्य होता है। वर-वधु के विवाह पंजीकरण के दौरान कोर्ट के समक्ष गवाह होना अनिवार्य है। गवाह का तात्पर्य ऐसे व्यक्तियों से है जो इस बात के साक्षी हो की लड़का लड़की का विवाह उनके समक्ष हुआ है।
विवाह पंजीकरण से पूर्व विवाह करने के लिए लड़का व लड़की की विधि द्वारा तय उम्र लड़की के लिए 18 वर्ष व लड़के के लिए 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। इससे कम उम्र के विवाह करना गैरकानूनी है। तो ऐसे में विवाह का पंजीकरण कराने पर यह गैरकानूनी होगा। जिसके लिए पति व पत्नी के अतिरिक्त माता-पिता भी दोषी करार किए जा सकते हैं। ऐसा होने पर दोषियों के खिलाफ़ कानूनी कार्यवाही भी हो सकती है
यदि आप नियमों का उल्लंघन करके विवाह पंजीकरण करवाने का प्रयास करते हैं तो न केवल आपका विवाह पंजीकरण रद्द किया जा सकती है बल्कि आपके विरुद्ध अपराधिक मुकदमा भी चलाया जा सकता है इसलिए आपको विवाह पंजीकरण के लिए नियमों के तहत ही आवेदन करना चाहिए।
वर्तमान समय में आधार आधारित प्रक्रिया द्वारा उत्तर प्रदेश में विवाह पंजीकरण कार्य स्थगित किया गया है। विवाह पंजीकरण के लिए आपको भौतिक रूप से उप निबंधक कार्यालय में वर-वधु को दो साक्षी के साथ उपस्थित होना अनिवार्य है।
विवाह पंजीकरण में विवाह की तारीख गलत होने पर अमूमन बदलाव अथवा सुधार का प्रावधान नहीं है। विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र में यदि तारीख गलत हो गई है और आप इसमें संशोधन करवाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको उपनिबंधक कार्यालय में शपथ पत्र के साथ एक आवेदन पत्र देना होगा। जिसके बाद यदि उपनिबंधक कार्यालय की तरफ से जांच करने के उपरांत आपका तर्क सही पाया गया तभी विवाह पंजीकरण अधिकारी के आदेशानुसार सुधार हो सकेगा। अन्यथा की स्थिति में नहीं अधिक जानकारी के लिए नजदीकी आप अपने क्षेत्र के उप निबंधक कार्यालय में संपर्क करें अथवा ज्यूडिशल गुरु (Judicial Guru) के टेलीग्राम चैनल पर जाकर एक अनुभवी वकील से बात कर सकते हैं
विवाह पंजीकरण कराने के लिए विवाह की प्रक्रिया अनिवार्य नहीं है। विवाह वैध रूप से किया गया होना अनिवार्य है। लव मैरिज को जिस भी विधि से किया गया हो उसका प्रमाण व दो गवाह होना अनिवार्य है। यदि आपका विवाह कोर्ट मैरिज, मंदिर, आर्य समाज अरेंज मैरिज अथवा अन्य किसी माध्यम से हुआ है तो आपको उसका प्रमाण प्रस्तुत करना होता है। इसके अतिरिक्त आपके पास दो ऐसे गवाह होने चाहिए जो विवाह के साक्षी हो तभी आप विवाह का प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं
अमूमन विवाह के एक साल के भीतर विवाह का पंजीकरण कराना होता है। यदि इसके बाद आप विवाह पंजीकरण के लिए आवेदन करते है तो आपको विलम्ब शुल्क देना होगा। विलम्ब शुल्क (लेट पेमेंट) जमा करने के बाद ही आपका विवाह पंजीकरण के आवेदन की प्रक्रिया आगे बढाई जाएगी।
विवाह पंजीकरण कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज निम्न हैं-
वर पक्ष (लड़के की तरफ से) -
वधु पक्ष (लड़की की तरफ से)
नोट:- शादी के कार्ड की फ़ोटोकॉपी वर या वधु किसी एक के पक्ष की तरफ से लगाई जा सकती है
विवाह पंजीकरण करवाने के लिए दो गवाहों में से प्रत्येक की तरफ से-
विवाह प्रमाण पत्र बनवाने के लिए वर या वधु के माता पिता की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। ऐसे में यदि वर या वधु के माता-पिता की मृत्यु हो गई हो उस दशा में भी विवाह प्रमाण पत्र बनवाया जा सकता है। चूँकि विवाह प्रमाण पत्र बनवाने के लिए वर या वधु के अतिरिक्त दो गवाहों की आवश्यकता होती है।
विवाह पंजीकरण कराने के बाद में पति या पत्नी में से कोई भी विवाह पंजीकरण कार्यालय से पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकता है। विवाह पंजीकरण कार्यालय से पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आपको हस्ताक्षर कर संतुस्ती करनी होती है कि अपने स्वयं प्रमाण पत्र प्राप्त किया है।
यदि विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र खो गया है या नष्ट हो गया है तो आप डुप्लीकेट कॉपी के अर्थात दूसरी प्रति के लिए विवाह पंजीकरण अधिकारी के समक्ष आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन करना होगा जिसके बाद आपको डुप्लीकेट कॉपी के अर्थात दूसरी प्रति उपलब्ध करवा दी जाएगी।
विवाह पंजीकरण के लिए लड़का और लड़की का किसी एक राज्य से होने की कोई अनिवार्यता नहीं है। ऐसी परिस्थिति में विवाह के लिए आप उस जगह आवेदन कर सकते हैं जहाँ विवाह किया था अर्थात विवाह स्थल का ज़िला या मुख्यालय। विवाह पंजीकरण अधिनियम के अनुसार विवाह का पंजीकरण करवाने के लिए लड़का या लड़की के मूल निवास वाले ज़िले अथवा विवाह स्थल के जिले के उप निबंधक कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है।
उदाहरण के तौर पर-
यदि लड़के का निवास स्थान राजस्थान है और लड़की का निवास स्थान उड़ीसा और दोनों का विवाह का स्थल लखनऊ तो ऐसे में विवाह पंजीकरण का आवेदन राजस्थान या उड़ीसा या लखनऊ में से किसी एक जगह पर किया जा सकता है।
भारतीय क़ानून के अनुसार एक ही विवाह जायज़ माना गया है ऐसे में निबंधन कार्यालय द्वारा एक व्यक्ति के विवाह का केवल एक ही प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है। किन्तु यदि व्यक्ति का तलाक़ हो गया है अथवा पति या पत्नी की मृत्यु हो गई हो तो पहले विवाह प्रमाण पत्र का निस्तारण करने के उपरांत ही दूसरे विवाह का पंजीकरण करवाया जा सकता है।
विवाह पंजीकरण के लिए लड़का और लड़की की जाति का कोई सम्बन्ध नहीं है अलग अलग जाति के विवाहित लड़का लड़की विवाह पंजीकरण के लिए ऊपर बताये गये तरीके से ही आवेदन कर सकते हैं।
समलैंगिक विवाह के विषय में अभी भारतीय क़ानून स्पष्ट नहीं है। समलैंगिक विवाह को अभी तक कोई विधिक मान्यता नहीं दी गई ऐसे में विवाह पंजीकरण के लिए निर्देश आना अभी बाकी है।
यदि आप लखनऊ अथवा उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले में रहते है और विवाह पंजीकरण करवाना चाहतें है तो आप ज्यूडिशल गुरु (Judicial Guru) कार्यालय, कैसरबाग, जिला लखनऊ से सम्पर्क कर सकतें है।
यदि आप किसी मामले में निःशुल्क क़ानूनी सहायता चाहते हैं या किसी वरिष्ठ अनुभवी वकील से किसी प्रकार की क़ानूनी सलाह लेना चाहतें हैं तो Judicial Guru से Facebook, WhatsApp, Telegram, Instagram, YouTube, Koo, E-mail या Phone आदि में से किसी भी प्रकार से संपर्क कर सकतें हैं। सभी सोशल मीडिया का लिंक ऊपर दिया गया है। साथ ही Judicial Guru चैनल को YouTube पर Subscribe करें। @judicialguru
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