अंतर धार्मिक विवाह करने के लिए किसकी अनुमति ज़रूरी है? क्या कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रार विवाह पंजीकरण करने से इनकार कर सकता है? जानिए प्राविधान

केंद्र सरकार ने पर्याप्त सुविधाओं वाले अस्पतालों को सूर्यास्त के बाद भी पोस्टमार्टम करने की इजाजत दे दी है। वह सिर्फ उन मामलों में ही ऐसा नहीं हो सकेगा जहां पर हत्या, आत्महत्या, रेप, क्षत-विक्षत शव या संदिग्ध मौत का मामला हो। बल्कि सभी प्रकार के पोस्टमार्टम पर लागु होगा
इस बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया ने हिंदी में ट्वीट करके लिखा अंग्रेजों के जमाने का एक नियम आज खत्म कर दिया गया। पोस्टमार्टम अब 24 घंटे किया जा सकेगा। जिन भी अस्पतालों में रात्रि के समय पोस्टमार्टम करने की सुविधा हो वह ऐसा कर सकेंगे।
केंद्र सरकार कोई कई स्रोतों से ऐसा फीडबैक मिल रहा था कि अगर पोस्टमार्टम से जुड़ी यह बंदिश हटा दी जाए तो काम का बोझ कम होगा और पोस्टमार्टम जैसी जांच के काम में तेजी आएगी। इस नियम से जहां मृतक के दोस्तों व रिश्तेदारों का शव के लिए इंतजार कम होगा, वही इसका एक मकसद ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांट के काम को आसान बनाना भी है। क्योंकि इससे दोनों ही काम में कम समय में अंग को मृतक के शरीर से निकालना जरूरी होता है। ऐसे में तेजी जरूरी होती है।
हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले स्वास्थ्य सेवा निदेशालय में एक तकनीकी समिति ने सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम संबंधी मुद्दे की पड़ताल की और पता लगा कि कुछ संस्थान पहले से ही रात के समय पोस्टमार्टम कर रहे हैं। चर्चा उचित बुनियादी ढांचे वाले अस्पतालों में पोस्टमार्टम करने की इजाजत देने के पक्ष में रही। सूत्र ने कहा कि किसी भी संदेह को दूर करने के लिए पूरी रात सभी पोस्टमार्टम के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी और इसे भविष्य के लिए संरक्षित रखा जाएगा।
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