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Advocate's Day: अधिवक्ता आन्तरिक क़ानून व्यवस्था एवं न्यायपालिका की गरिमा को जीवित रखने के लिए शौर्य का परिचय देतें है: चीफ जस्टिस एनवी रमना
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प्रत्येक वर्ष 3 दिसम्बर का दिन अधिवक्ता दिवस (Advocate's Day) के रूप में मनाया जाता है
अधिवक्ताओं के त्याग एवं कर्मठ कर्म की सराहना के लिए जाना जाने वाला यह दिवस प्रत्येक वर्ष भारत के प्रथम राष्ट्रपति एवं अधिवक्ता डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद के जयंती 3 दिसम्बर के दिन मनाया जाता है
कितना खास है अधिवक्ताओं का योगदान?
अधिवक्ता आशुतोष कुमार 'आशू' नें कहा, क़ानून व्यवस्था को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी अधिवक्ताओं के कन्धों पर है। जिस प्रकार सेना देश की सीमा सुरक्षा तथा पुलिस आन्तरिक क़ानून व्यवस्था को मजबूत बनाये रकने के लिए शौर्य का परिचय देतें है। ठीक उसी प्रकार एक अधिवक्ता आन्तरिक क़ानून व्यवस्था एवं न्यायपालिका की गरिमा को जीवित रखने के लिए शौर्य का परिचय देतें है।
अधिवक्ता दिवस (Advocate's Day) पर शुरू हुई अधिकारों को सरंक्षण देनें के लिए जुडिशल गुरु (Judicial Guru) संस्था की शुरुआत
क़ानून व्यवस्था एवं अधिकारों की संरक्षा हेतु जुडिशल गुरु (Judicial Guru) संस्था की शुरुआत लखनऊ में 3 दिसम्बर सन् 2014 में अधिवक्ता दिवस (Advocate's Day) के मौके पर अधिवक्ता आशुतोष कुमार 'आशू' द्वारा की गई। शुरुआत में कुछ ही साथियों के साथ शुरू की गई। यह संस्था आज उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में लोगों को निःशुल्क एवं सुलभ क़ानूनी सहायता प्रदान कर रही है। प्रदेश के सैकड़ों अधिवक्ताओं के सहयोग से आज संस्था मजबूत हुई है और निरंतर एक नए आयाम गढ़ रही है।
सतत न्याय व्यवस्था के उदेश्य के साथ शुरू हुआ सफ़र
भारत में सतत न्याय व्यवस्था की शुरुआत भारत रत्न डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर नें की थी। सभी को सामान अधिकार मिले इसके लिए सविंधान में प्रावधान को जोड़ा गया। भारत रत्न डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर नें अपने अधिवक्ता स्वरुप का उपयोग सदैव गरीबों व दलितों सामाजिक व क़ानूनी अधिकार दिलाने के लिए किया। Judicial Guru आज इसी कड़ी में एक हिस्सा बनकर उभरा है। The Voice of Justice मोटो के साथ हुई इस सफ़र की शुरुआत का उदेश्य सभी को सतत एवं स्वतंत्र अधिकार दिलाना है। संस्था की और से गरीब, असहाय एवं दलितों को निःशुल्क क़ानूनी सहायता प्रदान की जाती है।
जुडिशरी को हमले से बचाएं वकील
अधिवक्ता दिवस (Advocate's Day) मौके पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना (NV Ramnna) ने कहा है कि न्यायपालिका को प्रेरित और टारगेट कर किए जाने वाले हमलों से बचाया जाए। चीफ जस्टिस ने वकीलों से कहा है कि वह गलत के खिलाफ खड़े हो और इसमें कोई कोताही नहीं करनी चाहिए। उन्होंने वकीलों से कहा कि हम सब एक ही परिवार के हैं और आपको जजों और संस्थानों को बचाने के लिए काम करना चाहिए। उनकी सहायता करनी चाहिए। संविधान निर्माताओं ने जो नींव रखी है उसे बनाने में वकीलों के अहम भूमिका है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि संविधान बहस और तर्क वितर्क की रूपरेखा देखता है। संविधान के तहत बहस एक फीचर है और इससे आखिर में देश की तरक्की और लोगों का कल्याण होता है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा अधिवक्ता दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही।
आप भी बन सकतें हैं जुडिशल गुरु (Judicial Guru) टीम का हिस्सा
Advocate's Day पर आप भी बने Judicial Guru का हिस्सा। यदि आप भी जुडिशल गुरु (Judicial Guru) के साथ जुड़ना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपना नाम और शहर लिखकर Facebook, Twitter, Instagram, Telegram, YouTube, Koo, LinkedIn में से जिस किसी भी माध्यम से जुड़ना चाहते हैं पर मेसेज करना होगा। इसके लिए आप Google पर 'Judicial Guru' search करें और हमें Follow करें या www.judicialguru.in पर विज़िट करें।
Advocate Day is celebrated in the country of India every 3rd of December each year.
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