डीआरआई (DRI) ने जो खेप पकड़ी, उसे अर्ध प्रसंस्कृत टैल्कम पत्थर बताया गया था, जो सिरेमिक पेंट, कागज, प्लास्टिक बनाने में काम आता है। वह निकली 2,988 किलो हेरोइन यह तो होना ही था। हैरानी बस यह है कि इतनी जल्दी हो गया। अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी और उसके बाद तालिबान का शासन में आना भविष्य के घटनाक्रम का एक इशारा था। अफगानिस्तान की 54% आबादी की कमाई गरीबी के अंतरराष्ट्रीय स्तर $ 1.90 प्रतिदिन से कम है और पर- कैपिटा जीडीपी महज $500। जाहिर है, अफगानिस्तान दुनिया के सबसे गरीब मुल्कों में से आता है। मगर तथ्य यह भी है कि अफगानिस्तान के 54 में से 22 राज्य अफीम की खेती करते हैं। वे दुनियाभर में मौजूद तीन करोड़ 10,00000 से अधिक अफीमचियों के लिए 6,300 टन से ज्यादा अफीम उगाते हैं। तालिबान ने कभी ऐसी चीजों से धन लेने में संकोच नहीं किया, और अब तो उनके पास एक ताकतवर नेटवर्क भी है। 13 सितंबर को राजस्व खुफिया निदेशालय ने गुजरात के मुंद्रा पोर्ट में 2 कंटेनर पकड़े। दोनों कंधार से वाया इरानी बंदरगाह - बंदर अब्बास आए थे। ड्रग्स एंड क्राइम पर यूएन के अफगानिस्ता...